Uttarakhand > Culture of Uttarakhand - उत्तराखण्ड की संस्कृति

Uttarayani घुघुतिया उत्तरायणी (मकर संक्रान्ति) उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा पर्व

<< < (2/35) > >>

पंकज सिंह महर:
उत्तरायणी के अवसर पर बागेश्वर के अलावा उत्तरकाशी में भी मेला लगता है, जिसे माघ मेला कहा जाता है।

माघ मेला, उत्तरकाशी 
 
माघ मेला उत्तरकाशी इस जनपद का काफी पुराना धार्मिक/सांस्कृति तथा व्यावसायिक मेले के रूप में प्रसिद्ध है। इस मेले का प्रतिवर्ष मकर संक्राति के दिन पाटा-संग्राली गांवों से कंडार  देवता के साथ -साथ अन्य देवी देवताओं की डोलियों का उत्तरकाशी पहुंचने पर शुभारम्भ होता है। यह मेला 14 जनवरी मकर संक्राति से प्रारम्भ हो 21 जनवरी तक चलता है। इस मेले में जनपद के  दूर दराज से धार्मिक प्रवृत्ति के लोग जहाँ गंगा स्नान के लिये आते है। वहीं सुदूर गांव के ग्रामवासी अपने-अपने क्षेत्र के ऊन एवं अन्य हस्तनिर्मत उत्पादों को बेचन के लिये भी इस मेले में आते है।  इसके अतिरिक्त प्राचीन समय में यहाँ के लोग स्थानीय जडी-बूटियों को भी उपचार के लिये लाते थे किन्तु वर्तमान समय में इस पर प्रतिबन्ध लगने के कार. अब मात्र ऊन आदि के उत्पादों को ही  यहाँ पर विक्रय होता है।

उत्तरकाशी माघ मेले का महत्व मात्र जनपद उत्तरकाशी तक ही सीमित नहीं है बल्कि इस मेले का धार्मिकता के आधार पर भी अन्य जनपदों/प्रदेश स्तर पर पहचान एवं आस्था है,  इसका मुख्य कारण इस मेले का विश्वनाथ जी की नगरी में हिन्दू धर्म के आधार पर महात्म्य माह माघ मे होना है।

वर्तमान समय मे यह मेला धार्मिक/ सांस्कृतिक एवं विकास मेले के अतिरिक्त पर्यटक मेले के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। इसका मुख्य कारण वर्तमान विभाग द्वारा यहाँ के  पर्यटक स्थलों के विकास एवं प्रचार/प्रसार की मुख्य भूमिका रही है। चूंकि यह मेला माह जनवरी में आयोजित होता है जिसके कारण उस समय पहाडों में अत्यधिक बर्फ रहती है पर्यटन विभाग द्वारा  दयारा बुग्याल को स्कीइंग सेंटर के रूप में विकसित/प्रचारित करने के कारण इस क्षेत्र में काफी पर्यटकों का आवागमन होता है।
 
 

पंकज सिंह महर:
बागेश्वर का मेला राजनैतिक रूप में भी कुछ अलग स्वरुप लिये है, मेले के अवसर पर सभी प्रमुख राजनैतिक दल यहां पर अपना-अपना पंडाल लगाते है और अपनी पार्टी का प्रचार-प्रसार भी करते हैं।


उत्तरायणी कौतिक की कुछ तस्वीरें

पंकज सिंह महर:
बागेश्वर का मेला जनकवि "गिर्दा" की नजर से

हमले देखो जै बै यारो, भारी म्याला बागेश्वर,
और जो देखि कौतिक माजा, कसि-कसि काला बागेश्वर,
सौर-जवांई, सासू-ब्वारी, भिन्ज्यू-साला, बागेश्वर,
शौक-भोटिया, लामा दरमी, गोरा-काला, बागेश्वर,
चोर-जुवारी, पुलिस पटवारी, छन मतवाला, बागेश्वर,
डूना-कांणा, बुडिया-खुडिया, लाटा-काला बागेश्वर,
डोका, फरूवा, हुडको, काठिया, ठेकी-पाला बागेश्वर,
मेवा मिश्री, किशमिश, छुहारा, बदाम, ग्वाला बागेश्वर

हेम पन्त:
Pankaj Da is bahumauly jaankaari ke liye Dhanyawaad.... +1 karma aapko samarpit hai

Anubhav / अनुभव उपाध्याय:
Bahut hi achhi jaankari di hai aapne Pankaj Da. +1 karma aapko is info ke liye.

Navigation

[0] Message Index

[#] Next page

[*] Previous page

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 
Go to full version