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Vat Savitri - वट सावित्री व्रत
Risky Pathak:
वट सावित्री व्रत जेठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है| जितना महत्व प्लैन्स मे करवा चौथ का है, वही महत्त्व पहाडो मे वट सावित्री का है| वट सावित्री व्रत पति की लम्बी आयु हेतु किया जाता है|
इस व्रत का सम्बन्ध पतिव्रता स्त्री सावित्री से है, जिसने अपने पति(सत्यवान) के प्राण उड़ जाने पर भी, यमराज से प्राण मांग कर ले आई थी|
आज के इस दौर मे पहाडी महिलाए इस व्रत को भूल सी गई है| पति की लम्बी आयु के लिए किया जाना वाला ये व्रत अब विलुप्ता के कागार पे है|
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मेरा सभी सदस्यों से अनुरोध है की आप इस व्रत के बारे मे जितनी भी इन्फोर्मेशन आपके पास है| वो यहा प्रस्तुत करे|
Risky Pathak:
अभी गत तीन जून को वट सावित्री अमावस्या थी|
Anubhav / अनुभव उपाध्याय:
Himanshu jahan tak mujhe jaankari hai hai yeh mainly Almora ke aas paas ke ilaako main manaya jaata tha.
Risky Pathak:
इस दिन विवाहित स्त्रिया सुबह उठकर स्नान करने के पश्चात नए वस्त्र व आभूषण पहनती है| फ़िर वट वृक्ष के पास जाकर उसकी पूजा करती है| वट वृक्ष को तिलक आदि लगाया जाता है| उसके बाद विभिन्न देवी मंदिरों मे जाकर चुनरी, चुडिया व अन्य आभूषण चडाये जाते है| देवी के समक्ष प्राथना की जाती है कि उनके पति को हर कार्य मे सफलता मिले, उनकी उमर लम्बी हो| माँ सावित्री को भी याद किया जाता है| और उन्ही कि तरह पतिव्रता बनने का आशीर्वाद भी लिया जाता है|
Risky Pathak:
Anubhav daa.... Waise ye Pure Kumaun or Garhwaal kshetra me manaaya jaata hai. Par ab log ise bhoolte jaa rahe hai...
--- Quote from: Anubhav / अनुभव उपाध्याय on June 07, 2008, 02:48:28 PM ---Himanshu jahan tak mujhe jaankari hai hai yeh mainly Almora ke aas paas ke ilaako main manaya jaata tha.
--- End quote ---
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