Uttarakhand > Development Issues - उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित मुद्दे !

2017 Assembly Election vs Development issues- २०१७ चुनाव और विकास के मुद्दे

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Chandra Shekhar Kargeti with Trilochan Bhatt.
February 6 at 8:45pm ·
बल #हरीश_रावत जी,
19-अप्रेल-1994 को फरीदाबाद में आप ठीक ही कह रहे थे कि अलग राज्य बनने से उत्तराखंड का विकास गड़बड़ा जायेगा !
सच में हम कायल हैं आपकी दूरदृष्टि के !
आज जो उत्तराखण्ड के हालात हैं उसे आपकी ही तो नजर नहीं लगी ?
बाकी तो पत्रकार #त्रिलोचन_भट्ट या आप ही बेहतर जाने तब असलियत क्या थी ?
उस समय की हकीकत के इतर आज नए नए बने आपके समर्थक हल्ला गुल्ला जरुर मचा सकते है,इस पोस्ट पर लगाई पिक पर कि अखबार की कटिंग फर्जी है !
बाकी पुराने लोग जो मुंह सिले बैठे है वे जानते हैं पूरा इतिहास ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Chandra Shekhar Kargeti
February 6 at 8:47am ·
बल #भैजी,
सोचो क्यों बनाया था #उत्तराखण्ड ?
आखिर पहाड़ के युवाओं के रोजगार का हक़ किसने मारा ? ये मुद्दा इतवारी नहीं आपके हमारे भविष्य का है ! नेताओं के वादों की असलियत का है !
क्या #कांग्रेस और #भाजपा #स्मार्टफोन या #लेपटॉप देकर उनके लिए रोजगार ला सकते है ?
जिन लोगों ने इस राज्य को अपने खून पसीने से बनाया वो अपनी आने वाली पीढी के प्रति इतने गैर जिम्मेदार कैसे ?
क्या सीखा पाओगे इन मक्कार राजनेताओं को सबक या फिर उनके छद्म नारों के बहकावे में अपनी किस्मत को फिर गिरवी रख दोगे ?
वक्त है सोचने का, सोचिये, आपका भविष्य किनके हाथो में ?
सोचो क्यों बनाया था #उत्तराखण्ड ?

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Chandra Shekhar Kargeti
February 4 at 8:10pm ·
#बल,
तोहफा कबुल है हमें सरकार आपका !
बल #अटल जी बनाया और उनके चेलों ने उजाड़ा, जो बचा खुचा था वो #नोछ्मी और #बाहुबली के हिस्से आ गया ! हाँ इन सबके बीच उनके गीत गाते रहिये,जो हत्यारे हैं उत्तराखण्ड की आत्मा के !
जिन बुजुर्गो ने अपने गाँवों को पाला सैंता था, उनके गाँव तो उजड़ ही गए बाकी उजड़े गाँवों के नौजवान #कांग्रेस, #भाजपा के #स्मार्ट_फोन और #लेपटॉप पर उन गाँवों की बेजार तस्वीरें अपने दिल्ली मुम्बई के दोस्तों को दिखा ही सकते है, क्या पता उन तस्वीरों को देखकर किसी होलीवुड या बोलीवुड वाले को कोई मसाला मिल जाय !
खैर इन सबके बीच बाहुबलियों और कटप्पाओं की ज़ुबानी फर्जी जंग जारी है ही ! बस इस बात का ध्यान रहें कुछ ग्याडुओं से सवाल आने पर उन्हें चुप कराने के इंतजाम भी पुख्ता रखें

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
From Chandra Shekhar Kargeti (facebook wall)
February 3 at 6:53pm ·
बल #भेजी,
ये तो राजनेताओं की विश्वसनीयता का सवाल है ।
आज से करीब 20 साल पहले तक जब कोई बड़े नाम वाला राजनेता किसी शहर गाँव में अपनी सभा करता था तो जनता अपने आप घरों से चलकर उन्हें सुनने आती थी, कि वे क्या कहेंगे,क्या करेंगे, लोग उनकी कही बातों पर विस्वास भी करते थे ।
तबसे लेकर 20 साल के भीतर राष्ट्रीय दलों के राजनेताओं का इतना नैतिक पतन हो चुका है कि अब जनता उनकी बात पर भरोषा नही करती । अब भी उनकी सभाओं में लोग जमा होते हैं लेकिन अब वे आते नही बल्कि दिन की ध्याड़ी पर किराए की बसों और गाड़ियों ठेल कर लाये जाते हैं ।
उस भीड़ को यह पता नही होता कि कौन नेता क्यों आया , क्या बोला ।
यही आज का लोकतंत्र है जिसकी दुहाई नेता लोग देते है ।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
Chandra Shekhar Kargeti
February 2 at 1:56pm ·
बल #भैजी,
अच्छी सरकार नहीं चुन सकते तो अच्छा विपक्ष ही चुन लो !
जब सरकारें लगातार हताश और निराश करती रहें तो विपक्ष चुनना भी एक विकल्प है ।
सरकारें तभी स्वेच्छाचारी होती हैं जब विपक्ष के पास कोई अंकुश नहीं होता । वो सरकारों के रहमो करम पर ही पलता है । जनता अगर ख़राब सरकार चुन भी ले तो मज़बूत विपक्ष इसकी भरपाई कर सकता है ।
लेकिन उत्तराखंड इतना भी खुशनसीब नहीं निकला । इसकी विधानसभा में विपक्ष ने आज तक किया क्या इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता ।
पिछली विधानसभा में विपक्ष सरकार के ख़िलाफ़ बाहर निकला तो वो भी चुनाव से छह महीने पहले और आते ही घोड़े की टांग तोड़ दी ।
वो टांग दरअसल उत्तराखंड की थी । घोड़ा तो चल बसा, उत्तराखंड की वो गति ना हो इसलिए इस बार विपक्ष ही बेहतर चुन लो ।
कम से कम वो वाजिब सवाल तो उठाए, ऐसा विपक्ष तो चुना जा सकता है , सरकार तो चुन नहीं सकते ।
साभार : Sushil Bahuguna

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