Poll

आपके अनुसार विकास की दृष्टि से उत्तराखंड ने १०० % मैं से कितना विकास किया है ?

below 25 %
46 (69.7%)
50 %
11 (16.7%)
75 %
5 (7.6%)
100 %
2 (3%)
Can't say
2 (3%)

Total Members Voted: 62

Voting closes: February 07, 2106, 11:58:15 AM

Author Topic: 9 November - उत्तराखंड स्थापना दिवस: आएये उत्तराखंड के विकास का भी आकलन करे  (Read 108874 times)

दिनेश मन्द्रवाल

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पगली गिछा कि,
      कतुक दिन भटी देखन रयूं, एक्के रट लगा राखी तुम लोगन ने कि विकास नी भै-विकास नी भै।
उत्तराखण्ड राज्य को निर्माण क्वे तुमार विकास लिजी थोड़ी ह्वै रोछ, जैका विकासा क लिजी ह्वै रो, उनोर विकास हुने रो...चुप रो तुम लोग-



चुप रो छोरो, हल्ला नी करो,
मंत्री दिदा सिणो च,
उत्तराखण्ड को विकास घोषणा में हुनो च.......!
चुप रो छोरो!

एकदम सही बात बोला छा तुम बूड्या जी,
        हम चुपा छियां।...............कि कन तब?

Mohan Bisht -Thet Pahadi/मोहन बिष्ट-ठेठ पहाडी

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bubu sachi mai kamal kar diya thaira ho ... sachi kai diya thaira tumne..


पगली गिछा कि,
      कतुक दिन भटी देखन रयूं, एक्के रट लगा राखी तुम लोगन ने कि विकास नी भै-विकास नी भै।
उत्तराखण्ड राज्य को निर्माण क्वे तुमार विकास लिजी थोड़ी ह्वै रोछ, जैका विकासा क लिजी ह्वै रो, उनोर विकास हुने रो...चुप रो तुम लोग-



चुप रो छोरो, हल्ला नी करो,
मंत्री दिदा सिणो च,
उत्तराखण्ड को विकास घोषणा में हुनो च.......!
चुप रो छोरो!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बेरोजगारी से तंग युवक ने की आत्महत्याJan 17, 01:17 am

नैनीताल: समीपवर्ती भूमियाधार निवासी 26 वर्षीय युवक ने बेरोजगारी से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। परिजनों के मुताबिक उसने शुक्रवार सुबह नुवान खा लिया। जिससे उसकी हालत बिगड़ गयी। उपचार के लिए उसे भवाली स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे बीडी पाण्डे चिकित्सालय नैनीताल रेफर किया गया। जहां पहुंचने से पूर्व ही उसकी मौत हो गयी।

भूमियाधार निवासी जगदीश प्रसाद सीडीओ कार्यालय भीमताल में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। उनके 26 वर्षीय पुत्र सुधीर कुमार की शादी एक वर्ष पूर्व ही हुई थी। बेरोजगारी के चलते वह कई दिनों से परेशान था। बताते है कि एक पखवाड़ा पूर्व दैनिक कर्मी के बतौर उसे सिडकुल की किसी फैक्ट्री में काम करता था। मकर संक्रांति पर वह भूमियाधार स्थित अपने घर आया था। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार सुबह उसने नुवान गटक लिया। जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में उसे 108 आपातकालीन सेवा से भवाली चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर नैनीताल बीडी पाण्डे चिकित्सालय लाया गया। यहां पहुंचने से पूर्व ही उसकी मौत हो गयी। कोतवाली प्रभारी किशन सिंह ह्यांकी ने बताया कि पीएम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।


umeshbani

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विकास पूरे उत्तरांचल मे हर श्रेत्रा मे बराबर होना चाहिय  भेदभाव या बोट बैंक की राजनीती   के तहत नही   होनी किया जाना चाहिय .
.आज़ादी के ६२ वर्षा के बाद भी देवभूमि उत्तरांचल के दुर्लभ पहाडी गाँवो मे आजतक बिजली पानी जेसी मूलभूत आवश्यकता  की पूर्ति नही  हुई है
उत्तरपदेश के  साथ रहते हुई तो शायद  उम्मीद  करनी भी बेमानी थी परन्तु  जब आज हमरा एक नया अलग राज्य बन गया है तब भी हम अगर इन मुलभुत आवश्कता से वंचित रह जाना तो ये गाँवो के साथ  ही उत्तरांचल का भी दुर्भाग्य होगा .
वोट  बैंक की राजनिति करने वालों का सही आयना होगा उत्तराखंड के कुमाओं  मे कई ऐसे गांव है जिन्होना अभी तक बिजली का बलब भी नही देखा होगा जहा मानव चाँद मे चला गया है   वह्नी  पानी के लिये  कई किमी पैदल चलाना पड़ता है
मै यह जानता हों की ये सब एकदम नही हो सकता परन्तु जब आज उत्तराखंड को असित्व मै आये ९ वरसा हो गए है विकास के नाम मै बस वोट मागते आरहे है
मै यह नही कहता की विकास नही हुआ मगर जो विकास की गति होनी चाहिय उतनी  नही है ,मै उन लोगों की बात कर रहा हूँ जिन्होना आज़ादी के ६२ वर्षों बाद भी बिजली और टीवी का मुह नही देखा है वहां कब होगा विकास ....?????
सरकारी विद्याला तो खोल दिया है सरकार नए मगर कब पुरा स्टाफ होगा वाहों ...???
कभी सरकार ने देखा की अच्छे शहर मे  या जहाँ  रोड बिजली तेल्फोने सब कुछ है वहां सरकारी  स्कुल इतने कम छात्र क्यों  है ....?
उत्तर है सिक्षा का स्तर .........
 परायमरी   खोल दिए रासन खीलाने का लोभ दे दिया फ़िर भी छात्र गायब है क्यों ..............
क्यों एक गरीब ब्यक्ति भी अपने बचे  का दाखिला सरकारी स्कुल मै नही कराना चाहता  क्यों.........?
जबाब है राशन  है अध्यापक नही ........... जहाँ अध्यापक नही होंगे वहां  शिक्षा का क्या  स्तर होगा ????..............
उत्तराखंड की जवानी बाद मै रोके पहले वहां  दुरलभ स्थानों तक अच्छी शिक्षा पहुंचानी होगी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Yet another one year has added since when Uttarakhand state came in existence. Oh God .. How should i assess the development. What i tell, what i write. (speechless).

Anway from my village side -

         -   Nothing has changed. The proposal of connecting the with road village is running on desk to desk and only paper

        -   The opporunities of employment are very poor there.

        -   The medical facilities are the same as it was before independce..
 
        -   there is a big issue in main Disst (Bageshwar) where the bypass of road is pending. The move on this.

        -    Families are migrating from village with double rate.

        -    Only small pathway (khadancha) are being made. Ha ha. ha. the same khancha have been made many times on the same place.. quality of work ????

oh i am speech less.. The list is long..

After winning the election, on body has paid a visit to the village.. At the last, i can not count any major development.


Devbhoomi,Uttarakhand

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09 NOVEMBER KO NAU SAAL HONE JAA RAHE HAIN LEKIN IN SAALON MAIN SAYD HI KUCHH PAYA HOGA ,KHOYA HI HAI.

IN LOGON KO KHOKAR BHI INKE PARIJANON KO KYA MILA KYA DIYA IS UTTAKHAND NE IN ANDOLAN KARIYON KE BIVI BACCHON KO YE HUM SAB DEKH RAHE HAI


"उत्ताराखण्ड राज्य आंदोलन में अपनी शहादत देने वाले जिले के एकमात्र आंदोलनकारी की विधवा मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर रही है। नेताओं के लाख घोषणाओं के बावजूद शहीद की जन्मस्थली मिरोली गांव आज भी रोड, पानी, बिजली के लिए मोहताज है।

उत्ताराखण्ड राज्य आंदोलन के दौरान अल्मोड़ा जनपद के मल्ला सालम के मिरोली निवासी प्रताप बिष्ट की 3 अक्टूबर 1994 को पुलिस की गोली से नैनीताल में मौत हो गयी थी। प्रताप के घर की माली हालत ठीक न होने से नैनीताल के किसी होटल में नौकरी करता था। घर पर पत्नी पुष्पा के अलावा 4 नाबालिग बच्चों के भरण-पोषण का जिम्मा था। इस बीच उत्ताराखण्ड आंदोलन में जुलूस में शामिल होने की सजा उसे बर्बर पुलिस ने सीने में गोली दाग कर दी।

इधर राज्य प्राप्ति के पश्चात पुष्पा को उम्मीद थी कि उसे भी आर्थिक सहायता मिलेगी। लेकिन कोरी घोषणाओं के साथ ही न तो उसे आर्थिक सहायता मिली न ही उसके गांव को पिछले 5 वर्षो से रोड से जोड़ा जा सका। द्योनाथल-चेलछीना के नाम से स्वीकृत यह मोटर मार्ग मात्र 3 किमी ही बन पाया। उसमें भी विगत बरसात में मलबा आने से यह मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। साथ ही बिजली के तिरछे पोल एवं जमीन को छू रहे तार एवं लो-वोल्टेज से ग्रामीण काफी त्रस्त हैं। इसी तरह यहां खुला एकमात्र प्राइमरी स्कूल में भी एकमात्र शिक्षक के जिम्मे सारे विद्यार्थियों के पठन-पाठन का जिम्मा है।

यहां के प्रधान कुंदन सिंह रौतेला के अनुसार स्व.प्रताप के तीन बच्चों में से सबसे बड़े लड़के को चतुर्थ श्रेणी में नौकरी अवश्य मिली। लेकिन वह अपने बाल बच्चों को साथ लेकर बाकी को गांव में बेसहारा छोड़ गया। कुल मिलाकर अपनी शहादत देने के बावजूद भी प्रताप की बेवा पुष्पा आज सड़क में पत्थर तोड़कर गुजारा कर रही है"।

Devbhoomi,Uttarakhand

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स्थापना दिवस पर विभाग बतायें उपलब्धियां

राज्य स्थापना दिवस की वर्षगांठ को धूम-धाम से मनाये जाने के लिए मुख्यालय सभागार में जिलाधिकारी अरुण कुमार ढौंढियाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई।

सोमवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय विभागीय अधिकारियों को शासन के निर्देशानुसार 8 नवंबर से 10 नवंबर तक धूम-धाम से मनाये जाने को कहा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्थापना दिवस के दौरान सभी विभाग अपने-अपने कार्यालयों पर विभागीय योजना, प्रावधान, लक्ष्य व उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करने के लिए बैनर व अन्य सामग्री उपयोग करें, ताकि आम जनता तक सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाया जा सके।

 स्थापना दिवस के मौके पर शहीदों को यथोचित सम्मान दिये जाने के लिए मुख्यालय सहित तहसील व खंड मुख्यालय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। रात्रि में प्रकाश व्यवस्था सात से 11 बजे तक विभागीय कार्यालयों सहित ऐतिहासिक स्थलों पर करने के लिए आदेशित करते हुए नौ नवंबर को ऋण वितरण कार्यक्रम व जिला चिकित्सालय में रोगियों को फल वितरण किए जाएंगे। स्थापना दिवस पर जनसहभागिता के लिए नगर पंचायत व निकायों को आदेशित किया गया है।

जिलाधिकारी ने कलक्ट्रेट, टाउन हाल, तहसील व खंड कार्यालय भवनों को सजाने को भी कहा। बैठक में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेन्द्र सिंह लिंगवाल ने कहा कि विभाग अपनी उपलब्धियों को विज्ञापन के रूप में नहीं, बल्कि हेंड बिल के रूप में जन-जन तक पहुंचाएं।

उन्होंने स्थापना दिवस के मौके पर चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को परिचय पत्र ससम्मान दिये जाने की बात कही। जिस पर तत्काल जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को तहसील मुख्यालयों पर आंदोलनकारियों के परिचय पत्र दिये जाने को आदेशित किया। बैठक में उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग आशीष भटगाई, गैरसैंण आनंद शर्मा सहित जिला स्तरीय विभागीय अधिकारी जनप्रतिनिधि, यूकेडी केन्द्रीय प्रवक्ता सतीश सेमवाल, मनीष नेगी आदि उपस्थित थे।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5891128.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Vibhag kya uplabhdi batayenge..

Govt must ask to public. Here people telling the development.

स्थापना दिवस पर विभाग बतायें उपलब्धियां

राज्य स्थापना दिवस की वर्षगांठ को धूम-धाम से मनाये जाने के लिए मुख्यालय सभागार में जिलाधिकारी अरुण कुमार ढौंढियाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई।

सोमवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय विभागीय अधिकारियों को शासन के निर्देशानुसार 8 नवंबर से 10 नवंबर तक धूम-धाम से मनाये जाने को कहा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्थापना दिवस के दौरान सभी विभाग अपने-अपने कार्यालयों पर विभागीय योजना, प्रावधान, लक्ष्य व उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करने के लिए बैनर व अन्य सामग्री उपयोग करें, ताकि आम जनता तक सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाया जा सके।

 स्थापना दिवस के मौके पर शहीदों को यथोचित सम्मान दिये जाने के लिए मुख्यालय सहित तहसील व खंड मुख्यालय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। रात्रि में प्रकाश व्यवस्था सात से 11 बजे तक विभागीय कार्यालयों सहित ऐतिहासिक स्थलों पर करने के लिए आदेशित करते हुए नौ नवंबर को ऋण वितरण कार्यक्रम व जिला चिकित्सालय में रोगियों को फल वितरण किए जाएंगे। स्थापना दिवस पर जनसहभागिता के लिए नगर पंचायत व निकायों को आदेशित किया गया है।

जिलाधिकारी ने कलक्ट्रेट, टाउन हाल, तहसील व खंड कार्यालय भवनों को सजाने को भी कहा। बैठक में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुरेन्द्र सिंह लिंगवाल ने कहा कि विभाग अपनी उपलब्धियों को विज्ञापन के रूप में नहीं, बल्कि हेंड बिल के रूप में जन-जन तक पहुंचाएं।

उन्होंने स्थापना दिवस के मौके पर चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को परिचय पत्र ससम्मान दिये जाने की बात कही। जिस पर तत्काल जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को तहसील मुख्यालयों पर आंदोलनकारियों के परिचय पत्र दिये जाने को आदेशित किया। बैठक में उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग आशीष भटगाई, गैरसैंण आनंद शर्मा सहित जिला स्तरीय विभागीय अधिकारी जनप्रतिनिधि, यूकेडी केन्द्रीय प्रवक्ता सतीश सेमवाल, मनीष नेगी आदि उपस्थित थे।



http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5891128.html

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See this news. This is the development of Uttarakhand.
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अस्कोट के तीन गांव सप्ताह भर से अंधेरे में

अस्कोट(पिथौरागढ़)। ट्रांसफार्मर फुंक जाने से अस्कोट क्षेत्र के तीन गांव पिछले एक सप्ताह से अंधेरे में डूबे हुये है।

अस्कोट के मौचोरा, गडाली और बड़ीगांव की आपूर्ति के लिये लगाया गया ट्रांसफार्मर एक सप्ताह पूर्व फुंक गया था। इसके चलते तीनों ग्राम सभायें अंधकार में डूबी है। विद्युत आपूर्ति ठप होने से उपभोक्ताओं को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रसगाड़ी के ग्राम प्रधान तारासिंह बिष्ट ने विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को सूचना भेजकर शीघ्र नया ट्रांसफार्मर लगाये जाने की मांग की

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5892169.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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कुच्छ किया हो तो बताएँगे,बताने के लिए है ही क्या है इनके पास, सब कुच्छ तो खा पीकर डकार गयेना हैं !



 

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