What is UK's Govt stand on this . See some related information first.
नैनी-सैनी हवाई पट्टी, पिथौरागढ़
लोकेशन पिथौरागढ़-धारचूला मोटर मार्ग पर
पिथौरागढ़ मुख्य शहर से
4 कि0मी0 पूरब की ओर
लैटीट्यूड 29‘40‘‘N
लौंगीट्यूड 80‘13‘‘ E
रनवे ओरिएन्टेशन 14/32
रनवे डाइमैन्शन 1330 मीटर लम्बाई , 20 मीटर चौड़ाई
बेसिंक स्ट्रिप डाइमैन्शन 1430 मीटर लम्बाई, 43 मीटर चौड़ाई
टर्निंग पैड साइज 45 मीटर x 11.5 मीटर (दोनों छोर पर)
एप्रन डाइमैन्शन 50 मीटर लम्बाई 30 मीटर चौड़ाई
टैक्सीवे डाइमैन्शन 50 मीटर लम्बाई 15 मीटर चौड़ाई
एलसीएन/पीसीएन (रनवे/टैक्सीवे/एप्रन) 18
समुद्र तल से ऊँचाई 1463 मीटर (4800 फीट)
एयरपोर्ट केटेगरी 2 A एफआर
Some more details.
इस हवाई पट्टी का निर्माण वर्ष 1996 में किया गया है
वापस..
प्रस्तावित कार्य
इस हवाई पट्टी को अभी क्रियाशील नहीं किया जा सका है। राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड की हवाई पट्टियों को क्रियाशील करने के ध्येय से तथा नियमित वायु सेवाऐं प्रारम्भ करने के लिये एयर आपरेटर्स के साथ बैठकें की गई अभी कम यातायात को दृष्टिगत् करते हुए हवाई कम्पनियॉ अपनी सेवाऐं प्रारम्भ करने हेतु उत्सुक प्रतीत नहीं होती हैं। उन्हें इस क्षेत्र के लिये प्रेरित करने हेतु पूर्वोत्तर राज्यों की ही भॉति सब्सिडी का प्रस्ताव भारत सरकार को किया गया था, परन्तु कतिपय कारणों से ऐसा नहीं हो सका
चूँकि हवाई पट्टियों का निर्माण राज्य के पर्यटन स्थलों के भ्रमण हेतु पर्यटकों की सुगमता को देखते हुए किया गया है अतः समन्वित प्रयास यह किया जा रहा है कि राज्य के स्वामित्व वाली हवाई पट्टियों में समस्त आधारभूत सुविधाओं का विकास कर उन्हें पर्यटन व्यवसाय के लिये पर्यटन विभाग को हस्तान्तरित किया जायेगा। इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं
दिनॉक 29-9-2004 को हवाई पट्टी का स्थल निरीक्षण भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों से करवाया गया। निरीक्षण आख्या प्राप्त हो चुकी है
एटीआर-72 टाइप एयरक्राफ़्ट के संचालन को देखते हुए हवाई पट्टी की वर्तमान लम्बाई चौड़ाई को कम पाया गया है। प्रस्ताव किया गया है कि यदि 50 सीटर एटीआर-72 टाइप विमानों का परिचालन वी0एफ0आर कण्डीशन में यहॉ से किया जाना है तो कुल 56 हैक्टेयर (140 एकड) अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी ,जिससे एयरस्ट्रिप का डाइमैन्शन 2000 मीटर लम्बाई में और 200 मीटर चौड़ाई में किया जाना होगा
वर्तमान तारबाड़ को चारों ओर से शिफट किया जाना है
प्रवेश द्वार सुरक्षा के प्रबन्ध किये जाने हैं
सुरक्षा हेतु बाउण्ड्रीवाल का निर्माण किया जाना है
शहर से टर्मिनल काम्पलैक्स तक के लिये लिंक रोड बनाया जाना है
रनवे की पूरब की ओर समानान्तर जा रही बिजली की तारों को शिफट किया जाना है
वर्तमान टर्मिनल बिल्डिंग एवं कार पार्क एरिया का सुधार किया जाना है अथवा नये कन्ट्रोल टावर के साथ नये टर्मिनल
बिल्डिंग का निर्माण किया जाना है
ग्नि सुरक्षा एव सुरक्षा प्रबन्ध हेतु नये फायर स्टेशन का निर्माण किया जाना है
नई संचार सुविधाऐं एवं तकनीकी सुविधाऐं विकसित की जानी हैं
मौसम की जानकारी हेतु मौसम केन्द्र की स्थापना की जानी है
रनवे/टैक्सीवे और एप्रन की किसी विशेषज्ञ की राय से सही सतह लेपन करते हुए सफ़ेद रंग से मार्किंग की जानी है
हवाई पट्टी के लिये विद्युत आपूर्ति हेतु 11 के0वी0ए0 विद्युत लाइन की व्यवस्था की जानी है
हवाई पट्टी के विस्तारीकरण हेतु जिलाधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा ग्राम सैनी,ओड़माथा एवं सुजई की कुल 227 नाली भूमि प्रभावित होनी बताई गई है। इस भूमि को अध्याप्त करने पर अनुमानित 252.77 लाख का व्यय प्रतिकर के रुप में ऑकलित किया गया है। इस अतिरिक्त भूमि के अर्जन से उक्त हवाई पट्टी पूर्व दिशा में 190 मीटर तथा पश्चिम दिशा में 110 मीटर लम्बी हो जायेगी तथा 10-10 मीटर दोनों दिशाओं में चौड़ी भी हो जायेगी। इस पर निर्णय लिया जाना है कि अभी चूँकि वर्तमान पट्टी के लिये ही व्यवसायिक अथवा नियमित विमान सेवाऐं प्रारम्भ नहीं हो पाई है,ऎसे में विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित किया जाये अथवा नहीं
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http://www.uttara.in/hindi/civil_aviation/runways/naini_saini.html#b1