Author Topic: Bageshwar: Undeveloped District - बागेश्वर विकास की दृष्टि से सबसे पिछड़ा जिला  (Read 8067 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

दोस्तों,

जैसा की आप जानते है, पूरे उत्तराखंड ने अभी तक उम्मीद के मुताबिक विकास नही किया है! उत्तराखंड के हर कौने के लोगो के विकास न होने के कई खबरे दिन-प्रतिदिन अखबारों में आती है!

मै व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंड के विभिन्न जिलो में घूम चुका हूँ लेकिन अन्य जिलो को तुलना में बागेश्वर उत्तराखंड के सबसे पिछड़ा जिला के रूप गिना जा सकता है !  हलाकि में इसी जिले का रहने वाला हूँ उत्तराखंड बनने से पहले और उत्तराखंड बनने के बाद के विकास यदि मुझे को तुलना करने के लिए बोले और १०० में विकास अंक देने के लिए कहे तो मै ...... सिर्फ़ ...... और सिर्फ़     ...... ५ % ही अंक विकास को दूंगा !

अब समस्याए
==========

    a )

बागेश्वर उत्तराखंड के धार्मिक जगहों में से एक है यहाँ पर सूरयो और गोमती नदियों का संगम है और भगवां शिव का पौराणिक मन्दिर भी ! लेकिन शहर में ट्रैफिक का बड़ा बुरा हाल है गत ६ बरसो से एक बाय पास का रुका ही रुका है !

२)    अस्पताल --  शहर मे एक सरकारी अस्पताल है इसमे भी मुस्किल से १० bed की सुविधा नही है ! इमर्जेंसी केसेस में लोगो को अल्मोडा एव रानीखेत जाना पड़ता है !

३)   रोड  :    अगर मे अपने गाव के रोड के सपने के बार में बताओ तो आप चकित रह जायंगे !   गत ६ सालो के हम अपने गाव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए लड़ाई लड़ रहे है !  The situation is that we have run pillar to post but no gain !

अगर शहर की आम सडको की बात करे तो - ताकुला से हल्द्वानी वाली सड़क मार्ग का बेहाल है जगह  - २ गद्दे ! कौन आएगा यहाँ पर सैर सपाटे ले लिए ! --   मंत्री एव मुख्य मंत्री लोग आते है मेले और चुनावी मेले पर और वो भी हेलीकॉप्टर से ... हां ... हा.. हां. तो रोड ख़राब होने का पता कैसे लगेगा !

४)   शिक्षा --  भाई इसका हाल तो और भी बुरा है ! चुप रहने बहेतर

५)  पर्यटन -     बागेश्वर शहर के आलावा पर्यटन के लिए यहाँ पर कई जगह है जहाँ पर अब तक के सरकारों ने अनदेखी की है ! प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर जो की बागेश्वर से ९० की दूर पर होगा लेकिन वहां तक अभी तक सरकार ने रोड नही पंहुचा सकी है !   इसके आलवा रीमा क्षेत्र में भगवान् मूल नारायण जी का मन्दिर है जो की शिखर जैसे रमणीक स्थल पर और यहाँ पर भी यातायात के कोई साधन नही है !

६.) बेरोजगारी -  अगर नही होते कुमोँन एव गडवाल रेजिमेंट उत्तराखंड का हाल और भी बुरा होता !  इस जिले में रीमा, कांडा, असो आदि जगहों पर काफ़ी खडिया निकलती है लेकिन वह खडिया जाती है हल्द्वानी अगर इसका मिक्सिसिंग का काम बागेश्वर मे कही होता तो लोगो के रोजगार मिलता !


If you have visited this place, kindly give us your feedback on development progress of the area.

Jaari hai...  Vikas ki Gaatha .....


Regards,

M S Mehta


 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0


जन पर्तिनिधि
=========

बागेश्वर जिले का पिछडे होने का एक कारण यह भी रहा है कि यहाँ से कभी भी बड़े प्रतिनिधि नही आए ! हलाकि पूर्व मुख्य मंत्री भगत सिह कोशियारी जी ने कपकोट क्षेत्र से दो बार लगाकार चुनाव जीता इससे पहले वे पिथोरागढ़ से चुनाव लड़ते थे ! भगत दा ने कुछ प्रयास किए लेकिन तब तक उनका कार्य काल ख़त्म हो गया उसके बाद इस क्षेत्र से कोई दमदार जन प्रतिनिधि नही आया !

राज नेता देखते है बागेश्वर पर

या तो उत्तरायनी पर और या तो वोट मागंने के लिए !!  महानभाव विनीति --- कभी चुनावी वादे भी पूरा करे !!!

भारतवर्ष की रक्षा में यहाँ के जवानो के बहुत शहादते है लेकिन शहीदों ने जिले को ignore
किया है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0


I am not denying that the development in other parts of Uttarakhand is very high. Even in remote areas of Chamoli District, Uttarkashi, Pithoragarh, Pauri, champawat etc have the similiar situation but the main city of Bageshar has not changed at all. 

As i have quoted earlier, that if Govt would not have made Kumoan and Garwal Regiments, the siutation of un-employment would be even more worsed.

The migration rate from Bageshwar District is also too high.

If i quote an example from my village, last year 7-8 families have migrated and similiar is the scenario from other villages.

100 out of 100 is never possible, if 50 or slightly less than 50 % development is done, even people would leave their birth places.

But who is going to listen.


पंकज सिंह महर

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 7,401
  • Karma: +83/-0
70 लाख की लागत से होगा शिखर का विकासFeb 25, 02:00 am

बागेश्वर। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कपकोट तहसील के शिखर क्षेत्र का जल्द ही कायाकल्प होने वाला है। जिलाधिकारी डीएस गब्र्याल, जिला जज जयदेव सिंह, जिपं अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा सहित विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने शिखर का भ्रमण करने के बाद 70 लाख की लागत का आगणन शासन को भेज दिया है। शिखर का भ्रमण करने के बाद जिलाधिकारी ने बताया कि धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिहाज से 70 लाख रुपयों की राशि का आगणन शासन को भेजा गया है। जिससे वहां पर पानी की व्यवस्था, रात्रि विश्राम हेतु रेस्ट हाउस, बिजली, रास्ते आदि का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिखर को ईको टूरिज्म के रूप में भी विकसित करने की प्रशासन की मंशा है। जिलाधिकारी ने जिला जज जयदेव सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा के साथ शिखर के मूल नारायण मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए जनपद वासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने शिखर में पानी की व्यवस्था के लिए ईई एसके तिवारी, सौर ऊर्जा के लिए एके शर्मा तथा ईई एसके सहगल को निर्देशित किया।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Mahar da,

This is once again an announcement. During the Congress Led Govt there have several such false promises of ruling parties specially during the election time for sake of vote..

Nobody is there truly to develop the district..   

70 लाख की लागत से होगा शिखर का विकासFeb 25, 02:00 am

बागेश्वर। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कपकोट तहसील के शिखर क्षेत्र का जल्द ही कायाकल्प होने वाला है। जिलाधिकारी डीएस गब्र्याल, जिला जज जयदेव सिंह, जिपं अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा सहित विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने शिखर का भ्रमण करने के बाद 70 लाख की लागत का आगणन शासन को भेज दिया है। शिखर का भ्रमण करने के बाद जिलाधिकारी ने बताया कि धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिहाज से 70 लाख रुपयों की राशि का आगणन शासन को भेजा गया है। जिससे वहां पर पानी की व्यवस्था, रात्रि विश्राम हेतु रेस्ट हाउस, बिजली, रास्ते आदि का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिखर को ईको टूरिज्म के रूप में भी विकसित करने की प्रशासन की मंशा है। जिलाधिकारी ने जिला जज जयदेव सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा के साथ शिखर के मूल नारायण मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए जनपद वासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने शिखर में पानी की व्यवस्था के लिए ईई एसके तिवारी, सौर ऊर्जा के लिए एके शर्मा तथा ईई एसके सहगल को निर्देशित किया।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

There are 1000 of such annoucements but a very few have been executed. Now Political leaders are thronging there for votes. I don't why people are enteraining them there.

If 30-40% of development would have been done. then it would be slightly ok. when the development is not even 5%, with what face they are going there for vote.

70 लाख की लागत से होगा शिखर का विकासFeb 25, 02:00 am

बागेश्वर। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कपकोट तहसील के शिखर क्षेत्र का जल्द ही कायाकल्प होने वाला है। जिलाधिकारी डीएस गब्र्याल, जिला जज जयदेव सिंह, जिपं अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा सहित विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने शिखर का भ्रमण करने के बाद 70 लाख की लागत का आगणन शासन को भेज दिया है। शिखर का भ्रमण करने के बाद जिलाधिकारी ने बताया कि धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिहाज से 70 लाख रुपयों की राशि का आगणन शासन को भेजा गया है। जिससे वहां पर पानी की व्यवस्था, रात्रि विश्राम हेतु रेस्ट हाउस, बिजली, रास्ते आदि का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिखर को ईको टूरिज्म के रूप में भी विकसित करने की प्रशासन की मंशा है। जिलाधिकारी ने जिला जज जयदेव सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा के साथ शिखर के मूल नारायण मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए जनपद वासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने शिखर में पानी की व्यवस्था के लिए ईई एसके तिवारी, सौर ऊर्जा के लिए एके शर्मा तथा ईई एसके सहगल को निर्देशित किया।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Now see this news of water crisis.

==============================


बागेश्वर के अधिकांश गांवों में भीषण पेयजल संकटApr 19, 02:01 am

बागेश्वर। गर्मी का सीजन आते ही जनपद में पेयजल संकट भी गहराने लगा है। जिसकी मार नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक पड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अधिकांश पेयजल स्त्रोत सूख गये हैं वहीं गांव के लिए बनी पेयजल योजना भी रखरखाव के अभाव में दम तोड़ रही हैं। जिससे आने वाले समय में पेयजल संकट के और गहराने के आसार है। जनपद के गरुड़, गागरीगोल, बैजनाथ, कौसानी, कपकोट, कांडा, काफलीगैर, खरेही, रीमा सहित बागेश्वर नगर के मंडलसेरा, माजियाखेत, धूराफाट, कठायतबाड़ा, चौरासी आदि क्षेत्रों में पेयजल संकट दिनोंदिन गहराता जा रहा है। जिस कारण ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के मीलों पैदल भटकना पड़ रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारी गहराते पेयजल संकट को पेयजल स्त्रोतों का सूखना मान रहे है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एससी तिवारी ने बताया कि विभाग के पास वर्तमान में 281 पेयजल योजनाएं है। जिसमें से 264 चालू हालत में है जबकि 15 योजनाएं आंशिक बंद व 2 पेयजल योजनाएं लोनिवि द्वारा क्षतिग्रस्त किये जाने के कारण पूर्ण रूप से बंद पड़ी हुई है। इसके अलावा विभाग के जिम्मे 388 हैण्ड पम्प है जिसमें से 384 चालू हालत में है जबकि 4 हैण्ड पम्प बंद पड़े हुए है जिन्हे शीघ्र ठीक करा लिया जायेगा। विभागीय दावे के विपरीत ग्रामीण इलाकों की हालत खराब है। पेयजल निगम के पास विभिन्न क्षेत्रों की 43 पेयजल योजनाएं है जिसमें अधिकांश पेयजल योजनाओं का हाल बुरा है। नगर मुख्यालय का पेयजल उपलब्ध कराने वाली जखेड़ा-कठायतबाड़ा पेयजल योजना की हालत दयनीय है प्रतिवर्ष इस योजना के रखरखाव पर विभाग लाखों रुपया खर्च करती है लेकिन गर्मी में मौसम में इस योजना का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। इधर संस्थान के अधिशासी अभियंता श्री तिवारी ने बताया कि गर्मी के मौसम के पेयजल स्त्रोतों में पानी का लेबल कम हो जाता है जबकि पानी की मांग अधिक होने के कारण संकट पैदा होता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश गांवों में स्वैप मोड के तहत पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसके बन जाने से कुछ हद तक पेयजल संकट से निपटा जा सकेगा।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5402798.html

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
पीने के पानी से हो रही है खेतों में सिंचाई
बागेश्वर। जनपद के अधिकांश गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। अधिकांश ग्रामीण पानी के लिए परेशान है तो गांव के असामाजिक तत्व मुख्य पेयजल लाइन तोड़कर अपने खेतों में सिंचाई कर रहे है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से गांव में पेयजल लाइन से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। जनपद के असौं, धूराफाट क्षेत्र व गागरीगोल, धेना, मनकोट, कांडा समेत विकास खंड के जौलकांडे गांव में लम्बे समय से पेयजल की किल्लत बनी हुई है जिस कारण ग्रामीण कई किमी दूर से पानी ढो-ढोकर ला रहे है जबकि कई क्षेत्रों में ग्रामीण दूषित जल पीने को मजबूर हो रहे है। पेयजल महकमा भी सब कुछ जानते हुए पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर पा रहा है। जौलकांडे के ग्रामीणों ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व जल निगम ने गांव में पानी की लाइन बिछाई थी जिससे पहले पानी पर्याप्त मात्रा में चला था परंतु गत कुछ वर्षो से गांव के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पेयजल लाइन से छेड़छाड़ कर अपने खेतों में पानी चलाया जाता है इन्होंने मुख्य लाइन से छेड़छाड़ कर अपने खेतों में संयोजन लिया है तथा ये अधिकांश समय धुंआधारा तोक के लिए जाने वाले पाइपों को बंद रखते है।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
प्रदेश सरकार के पास विकास योजनाओं का अभाव

बागेश्वर। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री व कपकोट के पर्यवेक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के पास विकास की योजनाओं का अभाव है। जिस कारण केंद्र द्वारा प्रदान किया गया पैसा भी लैप्स हो रहा है। श्री लमगड़िया नरेद्रा पैलेस में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में आम जनता चाहती है कि कांग्रेस की सरकार बने। केंद्र की शानदार उपलब्धियों की बदौलत प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस परचम लहरायेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बिना मुद्दों के चुनाव मैदान में उतरी है। प्रदेश सरकार दो सालों में विफल हो गयी है। आपसी कलह के चलते सरकार पर संकट मंडरा रहा है। भाजपा के डूबते जहाज को छोड़कर उसके सहयोगी दल दूर जा रहे है। प्रदेश में पूरी तरह अव्यवस्था हावी है। सरकार के नियंत्रण में न तो विधायक है और न ही प्रशासन ही उसकी बात सुन रहा है। चारों तरफ भ्रष्टाचार व अव्यवस्था का आलम है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में भितरघात की कोई स्थिति नहीं है। अल्मोड़ा लोक सभा, कपकोट विधान सभा सहित सभी सीटों पर कांग्रेस परचम लहरायेगी।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

All these reports are self explanatory how Govt has ignored public basic amenities.


प्रदेश सरकार के पास विकास योजनाओं का अभाव

बागेश्वर। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री व कपकोट के पर्यवेक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के पास विकास की योजनाओं का अभाव है। जिस कारण केंद्र द्वारा प्रदान किया गया पैसा भी लैप्स हो रहा है। श्री लमगड़िया नरेद्रा पैलेस में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में आम जनता चाहती है कि कांग्रेस की सरकार बने। केंद्र की शानदार उपलब्धियों की बदौलत प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस परचम लहरायेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा बिना मुद्दों के चुनाव मैदान में उतरी है। प्रदेश सरकार दो सालों में विफल हो गयी है। आपसी कलह के चलते सरकार पर संकट मंडरा रहा है। भाजपा के डूबते जहाज को छोड़कर उसके सहयोगी दल दूर जा रहे है। प्रदेश में पूरी तरह अव्यवस्था हावी है। सरकार के नियंत्रण में न तो विधायक है और न ही प्रशासन ही उसकी बात सुन रहा है। चारों तरफ भ्रष्टाचार व अव्यवस्था का आलम है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में भितरघात की कोई स्थिति नहीं है। अल्मोड़ा लोक सभा, कपकोट विधान सभा सहित सभी सीटों पर कांग्रेस परचम लहरायेगी।

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22