केदारनाथ जल प्रलय से लगभग खत्म हो चुके गौरीकुंड बाजार में लगभग 10 दुकान, लॉज और नेपालियों के डेरे (कच्चे घर) जलकर खाक हो गए।
दुकानों के अंदर रखे सिलेंडरों के कारण आग ज्यादा विकराल हो गई। आग बुझाने पहुंचे लोगों ने किसी तरह से अपनी जान बचाई। आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है।
रात एक बजे आग की सूचनापुलिस प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण लकड़ियों के ढेर पर आग पकड़ना बता रही है। शीतकाल में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद गौरीकुंड बाजार में लोग दुकान बंद कर अपने घरों को लौट जाते हैं। जानकारी के अनुसार, 18/19 नवंबर की रात लगभग एक बजे पुलिस कंट्रोल रुम को गौरीकुंड बाजार में आग लगने की सूचना मिली।
सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड के वाहन को आग बुझाने के लिए जिला मुख्यालय से रवाना किया गया। लेकिन गौरीकुंड से दो किलोमीटर पहले सड़क न खुलने के कारण वाहन बाजार तक नहीं पहुंच पाया।
यहां से फायर ब्रिगेड कर्मी पैदल ही घटनास्थल पहुंचे। तब तक गौरीकुंड पुलिस चौकी और गौरीगांव के निवासियों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया था।
जांच चल रही हैआग से गौरीकुंड अस्पताल के निकट घरों, लॉज और दुकानों में रखा सामान स्वाह हो गया। थानाध्यक्ष पीएस चौहान ने बताया कि आग से लगभग 25-26 कमरे जले हैं। सिलेंडरों में आग पकड़ने के कारण आग ने विकराल रुप लिया।
गौरीकुंड में लोगों ने चौकीदार रखा हुआ है। प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि खाना बनाने के बाद उसने चूल्हे की आग बुझाकर उसके ऊपर लकड़ियां रख दी। लकड़ियों ने शायद आग पकड़ी होगी। फिलहाल जांच चल रही है।
आग लगने के कारणों पर सवालगौरीकुंड में आग की घटनाओं पर उंगली उठ रही है। करीब पांच दिन पूर्व गौरीकुंड बाजार में दुकान आग से जलकर खाक हो गई। अब यह घटना हो गई। बताया जा रहा है कि शीतकाल में भालू भोजन की तलाश में दुकानों के दरवाजे तोड़ देते हैं।
इसलिए लोग भालुओं को भगाने के लिए आग या बिजली का करंट छोड़ देते हैं। जिससे भी आग फैल सकती है। वहीं एक पीड़ित देवी प्रसाद गोस्वामी ने आग के पीछे साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि साजिशन किसी ने आग लगाई है। उन्होंने प्रशासन से जांच की मांग की है।
ज्वलनशील पदार्थ हटाने की अपीलगौरीकुंड की दोनों घटनाओं में गैस सिलेंडरों ने आग की भीषणता बढ़ाने काम किया है। इसे देखते हुए पुलिस ने स्थानीय व्यापारियों और भवन स्वामियों से ज्वलशील पदार्थ न रखने की अपील की है।
एसपी बीजे सिंह ने बताया कि लोगों ने दुकानों के अंदर गैस सिलेंडर, मिट्टी तेल जैसे पदार्थ रखे हुए हैं। जो आग पकड़ रहे हैं। व्यापार संघ से कहा गया है कि ऐसे पदार्थ हटा ले।
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