Author Topic: COW Protection गौ संरक्षण  (Read 38523 times)

विनोद सिंह गढ़िया

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
गोमूत्र से संवर रही ग्रामीणों की आर्थिकी

पतंजलि योगपीठ की दूरस्थ अंचलों में ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने और उनकी आर्थिकी संवारने की दिशा में चलाई जा रही ग्रामोद्योग योजना नजीर बनकर उभरी है। उत्तरकाशी में देश का सबसे बड़ा गोमूत्र प्रशोधन सयंत्र लगने के बाद क्षेत्र के गांव इससे जुड़ने लगे हैं। ग्रामीणों का संयंत्र की ओर बढ़ रहा रुख इसलिए भी है, कि गत सितंबर माह में ही संयंत्र से जुड़े 13 गांवों ने दो लाख रुपये का गोमूत्र विक्रय किया है।

पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार व आजीविका के सीमित साधनों के चलते ही पलायन जैसी समस्या पैदा हुई, लेकिन पतंजलि योगपीठ की ग्रामोद्योग योजना इस समस्या का हल निकालने की दिशा में कारगर साबित हो सकती है। जनपद की गंगा घाटी के गांवों के लिये योगपीठ का गोमूत्र प्रशोधन सयंत्र वरदान साबित होने लगा है। पांच हजार लीटर क्षमता वाले इस प्रशोधन संयंत्र से फिलहाल तेरह गांव नियमित रूप से जुड़े हैं, जिनमें सिमोड़ी, चिंवा, रवाड़ा, मानपुर, थलन, मंगलपुर, गंगोरी, नैताला, कमद व बौन, सुक्की, जसपुर व चिन्याली शामिल हैं। गांवों में तैनात योगपीठ के संग्रहकर्ताओं के जरिये हर रोज गोमूत्र संयंत्र तक पहुंचाया जा रहा है। इन गांवों के ग्रामीणों ने सितंबर माह में दो लाख रुपये का गोमूत्र बेचा है, जिसमें सर्वाधिक 29 हजार रुपये का गोमूत्र मानपुर के ग्रामीणों ने बेचा। पांच रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा यह गोमूत्र अब ग्रामीणों के लिये आजीविका का नया साधन बनता जा रहा है। गोमूत्र का अर्क तैयार करने के लिये प्रशोधन सयंत्र को अभी इसकी कहीं ज्यादा जरूरत है।

इस संबंध में पतंजलि गोविज्ञान व कृषिकरण अनुसंधान समिति के प्रमुख स्वामी हरिदास के मुताबिक गोमूत्र का अर्क भारतीय चिकित्सा पद्धति में एक आवश्यक अवयव है। हमारे गांवों में इसकी अपार संभावनाएं बिखरी पड़ी हैं। इन संभावनाओं को कार्यरूप देकर गांवों की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकता है।

 
 
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6795403.html

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
Re: COW Protection गौ संरक्षण
« Reply #31 on: November 12, 2010, 06:12:32 AM »

गोपूजन से 33 करोड़ देवी-देवताओं की होती है पूजा
===================================

डाकपत्थर रोड स्थित दुर्गा मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म दिवस मनाया गया। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर आधारित झांकियां प्रस्तुत की गई।

टोकरी में रखकर श्रीकृष्ण को यमुना पार कराते बासुदेव और राधा-कृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। कथा वाचक सुरेश उनियाल महाराज ने कहा कि प्रभु नाम में परम सत्य है। कलियुग में भगवान का नाम जपने मात्र से ही कल्याण हो जाता है। जिस मंदिर में 33 करोड़ देवी-देवता निवास करते हैं उसे लोग भूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोपूजन से 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा हो जाती है। विश्व में तभी शांति आएगी जबकि गो और गंगा शांति से रहेंगी। इस मौके पर पंडित गोविंद राम थपलियाल, राजेंद्र प्रसाद नौटियाल, नवनीत गर्ग, राजीव आनंद, महेश गर्ग, शिवकुमार, अनिल बिजल्वाण व विजय उनियाल आदि उपस्थित थे।

विनोद सिंह गढ़िया

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
                                                 गाय ने दिया जुड़वां बछिया को जन्म
बागेश्वर। एक गाय से एक बछड़ा या बछिया होना आम बात है लेकिन जब एक गाय दो बछियाओं॒ को जन्म देने की बात सामने आती है तो यह लोगों में कौतुहल॒ का विषय बन जाता है। घिरौली॒गांव के पूर्व प्रधान बलवंत सिंह खेतवाल॒ का नाम कर्मठ पशुपालकों में शुमार है। उनके गांव में बंधी रेड सिंधी नस्ल की गाय ने जुड़वा बछियाओं॒ को जन्म दिया है। खेतवाल॒के घर पर बछियाओं॒ को देखने वालों का तांता लग है। खेतवाल॒ के अनुसार दोनों बछियाओं॒ को दूध पीने के बाद उन्हें दिन भर में १३ लीटर दूध मिल रहा है। उन्होंने बताया कि दोनों बछिया स्वस्थ हैं। इसके लिए॒ पशुपालन विभाग से उनका बराबर संपर्क बना हुआ है। फार्मेसिस्ट चंद्रशेखर पाठक से तकनीकी जानकारी मिल रही है।

http://www.amarujala.com/city/Bagrswar/Bagrswar-7429-114.html

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
Re: COW Protection गौ संरक्षण
« Reply #33 on: December 01, 2010, 02:53:14 PM »
अन्न से मन, पानी से वाणी व दूध से बनते हैं विचार
==========================


विकासखंड थौलधार के अंतर्गत कंडीसौड़ छाम में पांच दिवसीय गो कथा के शुभारंभ अवसर पर कथावाचक गोपालमणी महाराज ने कहा कि अन्न से मन पानी से वाणी व दूध से विचार बनते हैं। और साक्षात भगवत स्वरूप गाय का दूध सेवन करने से आने वाले विचार भगवतरूपी ही होते हैं।

कथा वाचक ने कहा कि ऋषि मुनि गाय की सेवा व उसका दूध सेवन करते थे और उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न विचारों से वेदों व उपनिषदों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि भगवत स्वरूप गाय का आशीर्वाद है कि उन्हें धेनु मानष लिखने से प्रेरणा मिली और ढेड वर्ष में उन्हें 66 गौ कथा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कथा से प्रेरित होकर एक लाख ऐसे परिवारों ने गाय का पालन किया जिनके घर में गाय नहीं थी।

 इससे पूर्व बुधवार को कथा से पहले श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा भी निकाली। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य जोत सिंह बिष्ट, मायाराम लसियाल, बुद्धि सिंह गुसांई, व्यापार मंडल अध्यक्ष सुमन सिंह गुसांई, भागचंद रमोला, लाखीराम उनियाल, मुसदी लाल सेमवाल, भाग सिंह राणा, सुमन बिष्ट, रमेश पुरषोड़ा, अनिल बधानी, देवचंद्र रमोला, अर्जुन सिंह राणा, राजपाल गुसांई, रामदेई राणा, उमा बधानी, गीता बिष्ट, जसी पंवार, कमला सेमवाल, शैला गुसांई, पुलम सिंह गुसांई, सुमन राणा, भरत सिंह पुरषोड़ा, सुरेश बिष्ट, हेमंचद रमोला सहित कई लोग मौजूद थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6965210.html

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
Re: COW Protection गौ संरक्षण
« Reply #34 on: December 03, 2010, 11:10:55 PM »
इतनी महान है गौ माता..

विनोद सिंह गढ़िया

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
Re: COW Protection गौ संरक्षण
« Reply #35 on: December 05, 2010, 01:54:10 PM »
गाय के दूध में वसा पर विज्ञान

   "गौ" साधारण सा लगने वाला यह शब्द हमारे आदिकाल की भारतीय संस्कृति से आधुनिक जीवन तक पूजनीय है। कामधेनु मात्र कल्पना नहीं है, यह सत्य है। आज से दौर में भी धेनु हमारे कामनाओं की पूर्ति और स्वास्थ्य रक्ष करती है । गाय के दूध को अमृत तुल्य कहा गया है, क्योंकि इसके दूध में इतने उपयोगी पदार्थ हैं जिनसे मानव शरीर की तमाम बीमारियों का इलाज संभव है। गाय के दूध में वह ओमेगा  3 प्रचुर मात्रा में होता है जिनसे आधुनिक चिकित्सा  पद्धति में कई रोगों की रामबाण औषधियाँ तैयार की जाती हैं। गाय जीवनपर्यन्त ही नहीं वरन अपनी मृत्यु के बाद भी लोक कल्याण करती है। 
 
गाय के दूध में फैट:
 
  विश्व में वैज्ञानिक आधार पर अब यह सिद्ध हो चुका है कि हरे  चारे पर गोचरों में स्वपोषित गाय का दूध सब रोगों के लिए औषधि का काम करता है। आयुर्वेद के अनुसार भी यही सत्य है। भारतीय परंपरा में वेदों में गौपालन में स्वच्छ वातावरण स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छ हरे चारे पर गाय का पोषण के बारे में विस्तृत विवरण मिलता है। पाश्चात्य  देशों में साधारण लौकिक ज्ञान के अनुसार दूध में पाए जाने वाले  सभी वसा तत्व वांछनीय माने जाते थे। इसी ज्ञान से प्रेरित होकर विश्व डेरी उद्योग की नीतियों का संपादन हुआ। डेरी विशेषज्ञों की सलाह पर भारत में भी दूध के दाम वसा के अनुपात के आधार पर व्यापारिक लाभ को ध्यान में रखकर निर्धारित किये गए हैं। 
 
दूध में वसा का विषय :
 
वैदिक काल में गाय को दो प्रजातियों में देखा जाता था। एक वे गाय जिन के दूध में कम वसा होती थी और दूसरी वे गाय जिन के दूध में वसा का अनुपात अधिक होता था। अधिक वसा वाले दूध को आहार में प्रयोग करने में सावधानी बरतने को कहा जाता था। वसा का मुख्य प्रयोजन तो यज्ञ में हवि बताया जाता था। आहार में अलग से वसा का सेवन अच्छा नहीं माना जाता था। यह दृष्टिकोण पूरी तरह से आधुनिक आयुर्विज्ञान से मेल खाता है। प्राचीन भारतवर्ष के पाणिनी कालीन विवरण से ज्ञात होता है कि उस समय में साधारण गाय के दुश में एक फीसदी से कम वसा होनी बताई जाती थी। इस पर ऋग्वेद के मंत्र : तयोरिद घ्रित्वत पयो विप्रा रिहन्ति धीतिमिः । गंध्वर्स्य धुर्वे पदे ।। ऋ १/२२/१४ से भी यही उपदेश मिलता है कि घी और गोदुग्ध के घृत को बुद्दिमान बहुत सोच समझकर सेवन में लेते थे। यह जानकारी गन्धर्वों में सबको थी। वास्तव में सारा सत्य तो गौमाता के अमृततुल्य दूध में ही दिया है। 

Rajen

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,345
  • Karma: +26/-0
Re: COW Protection गौ संरक्षण
« Reply #36 on: December 08, 2010, 06:30:32 AM »
एक बिचित्र बात जो मैंने देखी उसे बताते हुये भी शर्म आती है.  पहाडों में गायों की काफी दुर्दशा हो रही है.  बिना दूध देने वाली गाय को तो लेने वाला कोई नहीं हां कुछ रुपये देकर इन गयों को किसी के हाथों सोंप दिया जाता है और वह ब्यक्ति कुछ दूर लेजा कर इन गायों को जंगल में छोड देता है.  हैरानी तो तब होती है जब गौदान गाय के बदले सोने-चांदी की प्रतिमा से किया जाता है जबकि गायें काफी संख्या में उपलब्ध हैं. 
क्या स्थानीय प्रशासन या गैर सरकारी संस्थायें इस दिशा में कुछ प्रयास कर “गौशाला” खोल कर इन गायों को बचाने के लिये आगे आ सकती हैं??

Anil Arya / अनिल आर्य

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 1,547
  • Karma: +26/-0
Re: COW Protection गौ संरक्षण
« Reply #37 on: December 14, 2010, 12:57:30 AM »
"People for Animals" ko hamari Gau Mata ke liye bhi kuchh karna chahiye.

विनोद सिंह गढ़िया

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
पहाड़ों में बढती एक और समस्या
« Reply #38 on: December 14, 2010, 03:42:11 AM »
दिन प्रतिदिन लोग अपने पालतू पशुओं खासकर उन गायों को जिन्होंने दूध देना बंद कर दिया है को कहीं जंगल में या कोई दूसरे स्थानों में छोड़ दे रहे हैं।  बेचारे जानवर क्या करे पेट की भूख के कारण किसी  के खेत में घुसे तो फसल  चौपट करनी ही है। इसका दोषी कौन है.......? इसके दोषी खुद हम हैं। क्या हम इस समस्या का हल नहीं ढूंढ़ सकते....? क्या शासन/प्रशासन को इस समस्या का समाधान निकलना चाहिए.....?      थोड़ा सोचिये क्या हो रहा है हमारे पहाड़ में !       

 
आवारा पशुआें से ग्रामीण परेशान
कांडा।॒नगर क्षेत्र से गांवों को छोड़े गए॒आवारा पशुओं से किसान खासे परेशान हैं। पशुओं ने किसानों की फसल चौपट कर दी है। कई जानवरों को गुलदार अपना निवाला भी बना चुके हैं। ग्रामीणों को डर है कि मवेशीखोर॒गुलदार अब उनके जानवरों को भी निवाला न बना ले। विजयपुर॒क्षेत्र के ढपटी,॒झांकरा,॒हुड़म, बिगुल के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गत दिनों कुछ लोग बिगुल के समीप आवारा पशुओं को छोड़ गए।॒यह पशु उनके खेतों में खड़ी फसल चौपट करने में लगे हुए॒हैं। आवारा पशुओं ने रवि की फसल के साथ ही शाक बाजी को भी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे जानवरों को गुलदार आए दिन निवाला बना रहे हैं। अब ग्रामीण भयभीत हैं कि मवेशीखोर॒गुलदार उनके जानवरों को भी निवाला न बना दें। ग्रामीण ने अपने पशुओं को चुगान॒के लिए जंगल भेजना बंद कर दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से आवारा पशुओं से शीघ्र निजात दिलाने तथा आवारा पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। ग्राम प्रधान गिरीश जोशी ने कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों की सहायता से जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
 
 
दिनोंदिन बढ़ रहा आवारा पशुओं का आतंक
द्वाराहाट।॒क्षेत्र में आवारा पशुओं का आतंक बढ़ता जा रहा है, इन जानवरों की संख्या बढ़ने से शासन-प्रशासन द्वारा किए॒जा रहे दावे खोखले साबित हो रहे हैं, जिस कारण लोगों में आक्रोश है। उधर,॒कफड़ा॒में एक सप्ताह पूर्व दो सांड़ों॒ने घर के बाहर बंधे॒बैल को मौत के घाट उतार दिया था। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र आवारा पशुओं को निजात दिलाने तथा॒भविष्य में आवारा पशुओं के क्षेत्र में पहुंचाने पर रोक लगाने की मांग की है।
द्वाराहाट॒क्षेत्र में लंबे समय से आवारा गाय, सांड़, बंदरों और सूअरों ने खासा आतंक मचाया हुआ है। आवारा जानवरों से निजात दिलाने की मांग को लेकर मीना मंच सहित तमाम क्षेत्रीय जनसंगठनों के पदाधिकारियों॒और सदस्यों ने आंदोलन तक किए,॒इसके बाद प्रशासन ने आवारा गायों और बैलों को ट्रकों में लादकर रुद्रपुर स्थित गोशाला॒भेजा, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से आवारा पशुओं की संख्या बढ़ गई। आवारा जानवर बाजार में खुलेआम॒विचरण करते हैं, जिस कारण वाहन चालकों को भी खासी दिक्कतें होती हैं। दुर्घटना का भी भय बना रहता है। बाजार में गंदगी भी बढ़ रही है। वहीं, बंदरों का भी आतंक दिन-प्रतिदिन॒बढ़ता जा रहा है। बंदर दुकानों के बाहर रखी सामग्री, फल आदि उठा ले जाते हैं, घरों के अंदर घुसकर सामान ले जाते हैं। कई स्थानों पर कटखने॒बंदर लोगों पर हमला कर लोगों को घायल भी कर चुके हैं। उधर,॒कफड़ा॒में पिछले तीन माह से दो सांड़ विचरण कर रहे हैं। एक हफ्ता पूर्व पूर्व सांड़ ने उभ्याड़ी॒में चार पशुओं को घायल कर दिया। बीते दिनों सांड़ों॒ने महेश चंद्र के आंगन में बंधे॒बैल पर हमला बोल दिया, जिसमें बैल की जान चली गई। आवारा जानवरों के आतंक से क्षेत्रवासी भयभीत हैं। बच्चों का अकेले इधर-उधर॒जाना दूभर हो गया है। क्षेत्रवासियों ने शासन-प्रशासन॒को ज्ञापन भेजकर शीघ्र समस्या हल नहीं होने पर आंदोलन शुरू करने की धमकी॒दी है।

Rajen

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,345
  • Karma: +26/-0
Re: COW Protection गौ संरक्षण
« Reply #39 on: December 14, 2010, 09:46:48 AM »
 यह स्थिति पूरे उत्तराखण्ड में एक समान है!

दिन प्रतिदिन लोग अपने पालतू पशुओं खासकर उन गायों को जिन्होंने दूध देना बंद कर दिया है को कहीं जंगल में या कोई दूसरे स्थानों में छोड़ दे रहे हैं।  बेचारे जानवर क्या करे पेट की भूख के कारण किसी  के खेत में घुसे तो फसल  चौपट करनी ही है। इसका दोषी कौन है.......? 

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22