अन्न से मन, पानी से वाणी व दूध से बनते हैं विचार
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विकासखंड थौलधार के अंतर्गत कंडीसौड़ छाम में पांच दिवसीय गो कथा के शुभारंभ अवसर पर कथावाचक गोपालमणी महाराज ने कहा कि अन्न से मन पानी से वाणी व दूध से विचार बनते हैं। और साक्षात भगवत स्वरूप गाय का दूध सेवन करने से आने वाले विचार भगवतरूपी ही होते हैं।
कथा वाचक ने कहा कि ऋषि मुनि गाय की सेवा व उसका दूध सेवन करते थे और उसके परिणामस्वरूप उत्पन्न विचारों से वेदों व उपनिषदों का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि भगवत स्वरूप गाय का आशीर्वाद है कि उन्हें धेनु मानष लिखने से प्रेरणा मिली और ढेड वर्ष में उन्हें 66 गौ कथा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कथा से प्रेरित होकर एक लाख ऐसे परिवारों ने गाय का पालन किया जिनके घर में गाय नहीं थी।
इससे पूर्व बुधवार को कथा से पहले श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा भी निकाली। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य जोत सिंह बिष्ट, मायाराम लसियाल, बुद्धि सिंह गुसांई, व्यापार मंडल अध्यक्ष सुमन सिंह गुसांई, भागचंद रमोला, लाखीराम उनियाल, मुसदी लाल सेमवाल, भाग सिंह राणा, सुमन बिष्ट, रमेश पुरषोड़ा, अनिल बधानी, देवचंद्र रमोला, अर्जुन सिंह राणा, राजपाल गुसांई, रामदेई राणा, उमा बधानी, गीता बिष्ट, जसी पंवार, कमला सेमवाल, शैला गुसांई, पुलम सिंह गुसांई, सुमन राणा, भरत सिंह पुरषोड़ा, सुरेश बिष्ट, हेमंचद रमोला सहित कई लोग मौजूद थे।
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