नाम : पंकज सिंह महर
पहले गाव का नाम : खोला (उड़ई), देवलथल
विकास खंड का नाम : कनालीछीना
तहसील : डीडीहाट
जिले का नाम : पिथौरागढ़
प्रश्न-उत्तराखंड बनने के बाद आपके क्षेत्र मे क्या मुख्य विकास हुआ?
उत्तर .. मुख्य कार्य कुछ भी नहीं हुआ, रूटीन कार्य हुये, तहसील की माग क्षेत्रवासियों द्वारा की गई और सरकार ने उप-तहसील का झुनझुना पकड़ा दिया।
प्रश्न- उत्तराखंड बनने के बाद आपके गाव से और क्षेत्र के कितने लोगो को रोजगार मिला ?
उत्तर .. उत्तराखण्ड राज्य क्षेत्रान्तर्गत तो किसी को भी नहीं, जिसे भी रोजगार मिला, स्वयं के प्रयासों से मिली या फौज में।
प्रश्न- उत्तराखंड बनने के बाद क्या आप के क्षेत्र मे सड़क की सुविधा आयी?
उत्तर .. सड़क पुरानी ही है, उसी की देख-रेख हो जाय तो वही बहुत है, उ०प्र० के जमाने में ही तो हर साल मार्च में बजट निपटाने के लिये डामर हो जाता था,उत्तराखण्ड बनने के बाद वह भी नहीं होता।
प्रश्न- उत्तराखंड बनने के बाद क्या आप के गांव मे स्वास्थ्य सुविधा सुधरी ?
उत्तर .. और खराब हुई है, उ०प्र० के समय में हमारे अस्पताल में ३ डाक्टर (१ एलौपैथिक, एक आयुर्वेदिक और एक होम्योपैथी) होते थे, अब बड़ी मुश्किल से एक आयुर्वेदिक वाला मिला है, वह भी व्यक्तिगत प्रयासों से, पिथौरागढ़ से यहां की दूरी २२ कि०मी० होने के कारण सभी कर्मचारी up-down कर रहें हैं। जिस कारण First aid के लिये भी पिथौरागढ़ जाना पड़ता है।
प्रश्न- क्या आपके क्षेत्र में बिजली-पानी की सुविधा पहले से बेहतर हुई?
उत्तर : बिजली जब चाहिये, तब नहीं आती, दिन में पहाड़ों में बिजली की क्या जरुरत है? रात में चाहिये, उस समय नहीं आती।
पानी के मामले में हमारा क्षेत्र धनी है, जल स्रोतों की कमी नहीं है। लेकिन सरकारी सुविधायें कुछ भी नहीं, लोग आपस में चंदा करके पाइप लाते हैं और स्वयं ही रख-रखाव भी करते हैं
तो आप उत्तराखंड के विकास तो १०० मे से कितने अंक देंगे : मेरे क्षेत्र के विकास के हिसाब से (दो)2/100
अन्य- सरकारी योजनायें बहुत हैं और बहुत लाभकारी भी है, लेकिन धरातल में उनका क्रियान्वयन नहीं होता है, आम आदमी को कोई लाभ नहीं मिल पाता। सरकार हर मद में बजट दे रही है, योजनायें बना रही है, लेकिन .........फिर वही, ढाक के तीन पात......।
गरीब और गरीब हो रहा है, अमीर और अमीर हो रहा है, जितने एन०जी०ओ० उत्तराखण्ड में कार्य कर रहें हैं, यदि वह बजट का ३० % काम करें तो उत्तराखण्ड का सर्वागींण विकास हो जाये। इनमें भी वही है, जिसके पास पैसा नहीं है, वह पैसा कमा रहा है और जिसके पास पैसा है, वह अपना नाम चमकाने और black money को white कर रहा है।