उत्तराखंड में लग जाएगी पहली पवन ऊर्जा परियोजनाशिशिर प्रशांत / देहरादून
September 22, 2011उत्तराखंड के टिहरी जिले की ऊंची पहाड़ी पर बछेलीखाल में राज्य सरकार पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने जा रही है। यह हिमालय क्षेत्र में इस तरह की पहली परियोजना है, जिसे राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि इस सिलसिले में पहले ही एक अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस संयंत्र से 2.4 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। प्रस्तावित परियोजना की स्थापना में कुल 12.5 करोड़ रुपये का निवेश होगा। पिछले साल मुंबई स्थित एक सलाहकार संस्था दाराशॉ ने इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की थी। ।
एक दशक पहले चेन्नई स्थित सेंटर फार विंड एनर्जी टेक्नोलॉजी (सीडब्ल्यूईटी) ने विभिन्न सर्वे के माध्यम से इस इलाके का अध्ययन किया था। अधिकारी ने कहा, 'हम बछेलीखाल में 800 किलोवॉट क्षमता के 3 विंड टरबाइन स्थापित कर रहे हैं, जिससे 2.4 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा।' राज्य सरकार की उत्तराखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (यूआरईडीए) ने परियोजना की अंतिम स्वीकृति के लिए विस्तृत परियोनजा रिपोर्ट केंद्र सरकार के नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय को भेजा है, जिससे इस परियोजना के लिए सब्सिडी मिल सके। एजेंसी को उम्मीद है कि इस परियोजना के लिए 5.25 करोड़ रुपये की भारी सब्सिडी मिल सकेगी। इसके साथ ही यूआरईडीए विंड मैपिंग संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है, जिससे राज्य में पवन ऊर्जा की क्षमता के बारे में वस्तुस्थिति की जानकारी मिल सके।
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