This is the condition of health services in Uttarkhand 108 Ambulance services is different issue.
यह कैसा 'बेस' अस्पताल
Updated on: Tue, 01 Jan 2013 11:32 PM (IST)
जाका, अल्मोड़ा : बेस चिकित्सालय यानी एक ऐसा चिकित्सा जहां इलाज की सभी आधुनिक आधारभूत सुविधाएं मौजूद हों, लेकिन यहां पं.गोवर्धन तिवारी बेस चिकित्सालय की मौजूदा हालात इस परिभाषा के ठीक उलट हैं। जीवन की रक्षा तो बड़ी बात है, सर्दी-जुकाम के रोगियों की दवादारू की भी उपलब्धता हो जाए तो गनीमत है। मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय की स्थापना के पीछे व्यापक दृष्टि थी। वह इसे कुमाऊं का एक ऐसा स्वास्थ्य केंद्र बनाना चाहते थे कि यहां पूरे मंडल के रोगियों को दिल्ली जैसे महानगरों की सुविधाएं उपलब्ध हों। यही कारण था कि करोड़ों की लागत के 'टेली मेडिसिन केंद्र' व 'ट्रामा सेंटर' स्थापित किए गए, लेकिन यह सभी मशीने जंक खा रही हैं। क्योंकि इन मशीनों को चलाने वाले विशेषज्ञ ही बेस चिकित्सालय में नियुक्त नहीं हैं। समस्या यहीं नहीं रुकती है हालात ऐसे हैं कि एक्स-रे मशीन, डायलिसिस, ईको हार्ट मशीनें धूल फांक रही हैं। तमाम सुविधाओं व डॉक्टरों से बेस चिकित्सालय ही नहीं बल्कि पूरा जिला लगभग खाली है। स्थिति यह है कि जिले में चिकित्सकों के 205 पद स्वीकृत हैं, जिसमें मात्र 75 पदों पर डॉक्टर हैं। इनमें भी अधिकांश अवकाश पर हैं। ऐसे में अल्मोड़ा मेडिकल कालेज स्थापना व भविष्य को लेकर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।
इंसेट....
कितने पद खाली
-प्रमुख अधीक्षक ---------01
-सीनियर सर्जन ---------01
-न्यूरो सर्जन ---------01
-कार्डियोलॉजिस्ट ---------01
-चैस्ट सर्जन ---------01
-फिजीशियन ---------01
-पैथोलॉजिस्ट ---------01
-रेडियोलॉजिस्ट --------- 01
-सीनियर जीडीएमओ--------01
इंसेट....
- उत्तराखंड राज्य में अंधेर नगरी चौपट राज सरीखी हालत है। अल्मोड़ा जिले का हाल और बुरा है। सरकार बात तो मेडिकल कालेज खोलने की करती है, लेकिन बेस चिकित्सालय में ऐसी हालात हैं कि वह मेडिकल कालेज की सामान्य मानकों में भी फिट नहीं बैठ रहा है।
-डॉ.जेसी दुर्गापाल, पूर्व स्वास्थ्य निदेशक, उत्तराखंड।
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बेस चिकित्सालय की समस्याओं को दूर करने के लिए शासन स्तर पर कार्रवाई हो रही है। पिछले दिनों मैंने स्वयं ही चिकित्सकों के स्थानातरण के लिए आंदोलन की थी। क्षेत्र के लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया हों इसके लिए भविष्य में गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे।
-मनोज तिवारी, संसदीय सचिव व विधायक अल्मोड़ा।
(dainik jagran)