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How Much Migration From Uttarakhand- कितना पलायन हुआ उत्तराखण्ड से

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पंकज सिंह महर:
साथियो,
पलायन उत्तराखण्ड की नियति बन चुका है। इस बारे में सरकारी आंकड़े कुछ और कहते हैं, वास्तविक आंकड़े कुछ और। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप सब अपने-अपने गांवों के पलायन का डाटा इस टापिक में प्रस्तुत करें। कि आपके गांव से कितने परिवार वास्तविक और स्थाई रुप से पलायन कर गये हैं, अर्थात कितने परिवार मैदानी क्षेत्रों की ओर स्थाई तौर पर जाकर बस चुके हैं।
 
सादर,
मेरा पहाड़ टीम

पंकज सिंह महर:
मेरा गांव जनपद पिथौरागढ़ की बाराबीसी पट्टी के देवलथल में अवस्थित है, ग्राम सभा का नाम उड़ई है, जिसमें एक छोटा सा गांव है, खोला। जंगल के नजदीक बसा यह गांव कभी भरा-पूरा रहता था, लगभग ३५-३६ परिवार यहां पर रहते थे। लेकिन जंगल और पानी के नजदीक होना इस गांव के लिये अभिशाप हो गया, क्योंकि यहां तक आज तक सड़क नहीं पहुंची। बिजली भी यहां ७ साल पहले ही पहूंची, जब कि उप तहसील देवलथल से यह मात्र ३ कि०मी० है, जिसमें १ कि०मी० की सीधी चढ़ाई है।

१९८० से ही इस गांव में पलायन शुरु हो गया, बच्चों की पढ़ाई और दुर्गम खेती और कम उपज के चलते २-३ परिवारों ने यहां से बनबसा-चकरपुर-खटीमा-झनकट आदि सस्ती और उपजाऊ क्षेत्रों की ओर पलायन किया। जहां पर इससे भी कम मेहनत में ज्यादा अनाज उत्पादित होता था। धीरे-धीरे यह एक चलन बन गया और सक्षम लोग धीरे-धीरे पलायन के मजबूर होते रहे, आज यह स्थिति है कि इस छोटे से गांव से १६ परिवार स्थाई रुप से उक्त क्षेत्र में पलायन कर चुके हैं। एक परिवार बरेली, एक परिवार लखनऊ, एक परिवार कुछ दूर खनाली नामक गांव में पलायित हो चुके हैं। कुल मिलाकर १९ परिवार इस गांव से स्थाई रुप से पलायित हो चुके हैं। एक परिवार फिलहाल देवलथल कस्बे में रह रहा है और २-३ परिवार पलायन के लिये तैयार हैं। इस गांव में अब वह ही बच गये हैं, जिनके रोजगार का कोई सहारा नहीं है, जो कहीं और भूमि लेने में अक्षम हैं।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:


My village name is  jarti.. Comes under District Bageshwar, Tahseel Kapkot.  I have been closing observing the migration rate in the village. In last one decade, the migration rate has very rapidly increased. Since the village is mostly inhabited by Ex-army personnel or 90% serving in army, people have started migrated because good education to their children. Most of the people have settled in Haldwani. 

The main reason behind this poor infrastructure and education. Light has just come 5 yrs ago in the village. 

पंकज सिंह महर:
मेहता जी हमें वास्तविक आंकड़े चाहिये कि कुल कितने परिवार अभी तक आपके गांव से स्थाई पलायन कर चुके हैं। प्रतिशत के आंकडे तो बाजीगरी के काम आते हैं, सबके।

सत्यदेव सिंह नेगी:

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