Author Topic: How To Change Tough Agriculture Methodology - पहाडो की कठिन खेती  (Read 71368 times)

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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बिन पानी सब सून
न गेहुं, न घुन।

Anil Arya / अनिल आर्य

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किसानों की होगी बल्ले-बल्ले
प्रदेश में खेती को मिलेगा बढ़ावा, सहकारी मंडियों को झटका
देहरादून। एपीएमसी (मंडी) एक्ट के मंजूर होने से प्रदेश के किसानों की मौज हो जाएगी। उनके बिखरे पड़े खेतों के कद्रदां और उपज के बेहतर दाम मिल जाएंगे। अभी तक निरंकुश रहे सहकारी मंडियों को इससे झटका लगेगा। निजी बड़ी कंपनियों के इस क्षेत्र में उतरने से उन्हें कड़ी टक्कर मिलेगी।
एक्ट न बनने के कारण प्रदेश को केंद्र सरकार से तीन कार्यक्रमों के लिए फूटी कौड़ी नहीं मिल रही थी। खाद्य भंडारण, मंडियों के विकास, स्पेशल एयर कंडीशंड मंडी के लिए अब केंद्र सरकार से करोड़ों रुपये मिल सकेंगे। कृषि सचिव ओमप्रकाश के मुताबिक यह पैसा मिलने से मंडियों की शक्ल-ओ- सूरत निखरेगी। साथ ही निजी क्षेत्र की कंपनियां भी मंडी के क्षेत्र में उतरेंगी। इससे सहकारी मंडियों के लिए खुद को बेहतर करना और किसानों को अच्छा मूल्य देना मजबूरी हो जाएगी। करार पर खेती (कांट्रेक्ट फार्मिंग) के कारण किसानों के बिखरे हुए खेतों पर कोई एक कंपनी या व्यक्ति खेती करेगा। इसके लिए अलग-अलग शर्तें तय होंगी। किसान को जो बेहतर लगेगा, वह शर्त रखेगा। इस तरह की खेती में मंडी टैक्स भी नहीं लगेगा। साथ ही किसान फसल के मूल्य में स्थायित्व को लेकर भी आश्वस्त रहेगा। ऐसा नहीं होगा कि कभी अच्छी कीमत मिले और कभी फसल नष्ट करनी पड़े। गांवों से किसानों का पलायन और खेतों के बंजर रहने की समस्या भी दूर होगी।
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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The agricultural pattern in hill is definitely required a change then only the people will also take interest. Maduwa, Gahat, bazra etc at stage of moribund.

Anil Arya / अनिल आर्य

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बारिश औैर ओलावृष्टि ने किया फसलों को चौपट
कर्णप्रयाग/पिथौरागढ़। शुक्रवार को गढ़वाल और कुमाऊं के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बारिश और ओले गिरे। बरसात होने से जहां मौसम खुशनुमा हो गया वहीं फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
कर्णप्रयाग व नारायणबगड़ प्रखंड के सीरी, पैतोली, रैंगाव, डुंग्री आदि गांवों में ओलावृष्टि व बारिश से गेहूं, आलू व प्याज की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। चमोली में बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। घाट क्षेत्र में गेहूं की फसल और सब्जी की नवजात पौध नष्ट हो गई। घाट-भेंटी मोटर मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बंद हो गया है। लोनिवि के गेस्ट हाउस के प्रांगण में पानी व मलबा भर गया। उत्तरकाशी में भारी वर्षा और ओलावृष्टि से स्याबा, सौरा-सारी, धनारी, निसमोर तथा केल्सू-भंकोली क्षेत्र में गेहूं, आलू आदि फसलें तबाह हो गईं। करीब 100 से 150 ग्राम तक ओले गिरे, जिन्हें गलने में दो घंटे लग गये। उधर, कुमाऊं के रामगंगा घाटी, कनलगड़ घाटी, नाचनी, मुआनी घाटी में बृहस्पतिवार रात और शुक्रवार को अंधड़, मूसलाधार बारिश व ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई। लकड़ी के दो पुल बह गए, अश्व मार्ग ध्वस्त हो गया और मलबे से बांसबगड़-नाचनी मार्ग बंद हो गया है। दो मकानों के छत की सभी स्लेटें उड़ गईं। फसलें, बागवानी तहस-नहस हो गए। कई गाड़ियों के शीशे टूट गए। बागेश्वर से करीब 72 किमी दूर रामगंगा और कनलगढ़ घाटी के लोगों ने बृहस्पतिवार की रात दहशत में काटी। बारिश और ओलावृष्टि ने घाटियों के करीब 1400 किसानों की मेहनत को चौपट कर दिया। आडू़, पलम, खुमानी और लीची के पेड़ लगभग खाली हो गए हैं।
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जिन इलाकों में धान या गेहू की फसल नही हो सकती! वहां पर फलदार वृक्ष लगाने चाहिए!

यह खेती में बदलाव लाने के लिए jaruri hai !


हेम पन्त

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज निश्चित रूप से पहाड़ी में खेती के प्रारूप को बदलने की जरुरत आ गयी! परम्परागत खेती के साधनों से लोगो को फायदा नहीं najar आ रहा hai !

C.S.Mehta

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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I think such potable Trackers can be useful for hill areas agriculture.


Few more....  ....



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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This is good news.
उच्च हिमालयी गांवों में टै्रक्टर से होगी खेती
धारचूला : उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित गुंजी और गब्र्याग में अब ट्रैक्टरों से खेती होगी। हांलाकि ये गांव अभी सड़क से नहीं जुड़ सके हैं।  शुक्रवार को आइटीबीपी की सातवीं वाहिनी के ट्रांजिट कैम्प गोठी में बीएडीपी के तहत सीमांत गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को सहायता प्रदान की गई। सेनानी केदार सिंह रावत ने गुंजी और गब्र्याग गांव को एक-एक ट्रैक्टर प्रदान किया। इसके अलावा बूंदी, रौंककांग, कूटी सहित सात गांवों को एक-एक पेयजल टैंक, कीटनाशक छिड़काव पंप, रबर पाइप, कृषि सामग्री आदि वितरित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा मई माह में ग्रामीणों को सोलर स्ट्रीट पैनल लाइट दी जाएगी। सहायता वितरण कार्यक्रम में जगत सिंह बुदियाल, अरुण सिंह गब्र्याल, मनराज सिंह रौंकली, चैत सिंह कुटियाल, गजेन्द्र सिंह गुंज्याल, कुंदन सिंह भंडारी आदि मौजूद थे।

 

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