Author Topic: How To Promote Tourism - उत्तराखंड मे पर्यटन को कैसे बढाया जा सकता है?  (Read 68390 times)

राजेश जोशी/rajesh.joshee

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #20 on: November 01, 2007, 11:43:39 AM »
महर जी धन्यवाद,
आपने बहुत ही सही कह रहे सहकारी समिति बनाकर ग्रामीणों द्वारा भी रेसोर्ट्स खोले जा सकते है जो पर्यटकों की आवश्यकता को पुरा कर सकें. मैं यह भी कहना चाहता हूँ की, ऐसा भी नही है की सभी पर्यटक संपन्न वर्ग से ही हों लो बजट पर्यटक भी होतें हैं जिनके लिए छोटे गेस्ट हौस या सस्ते कमरों का इंतजाम स्थानीय ग्रामीणों द्वारा किया जा सकता है में समझता हूँ ये वर्ग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो हमारे देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा है.  खासकर ग्रामीणों के लिए यह आय का श्रोत हो सकता है तहत इस तरफ अभी तक किसी ने ध्यान नही दिया है.  अगर आप यात्रा सीज़न को देखें तो सबसे ज्यादा येही वर्ग आपको नज़र आयेगा, इस वर्ग को धार्मिक के साथ अन्य पर्यटन की तरफ़ आकर्षित किया जाना चाहिए.

पंकज सिंह महर

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #21 on: November 01, 2007, 11:51:21 AM »
महर जी धन्यवाद,
आपने बहुत ही सही कह रहे सहकारी समिति बनाकर ग्रामीणों द्वारा भी रेसोर्ट्स खोले जा सकते है जो पर्यटकों की आवश्यकता को पुरा कर सकें. मैं यह भी कहना चाहता हूँ की, ऐसा भी नही है की सभी पर्यटक संपन्न वर्ग से ही हों लो बजट पर्यटक भी होतें हैं जिनके लिए छोटे गेस्ट हौस या सस्ते कमरों का इंतजाम स्थानीय ग्रामीणों द्वारा किया जा सकता है में समझता हूँ ये वर्ग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो हमारे देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा है.  खासकर ग्रामीणों के लिए यह आय का श्रोत हो सकता है तहत इस तरफ अभी तक किसी ने ध्यान नही दिया है.  अगर आप यात्रा सीज़न को देखें तो सबसे ज्यादा येही वर्ग आपको नज़र आयेगा, इस वर्ग को धार्मिक के साथ अन्य पर्यटन की तरफ़ आकर्षित किया जाना चाहिए.

धन्यवाद जोशी जी,
इसके अलावा इसमें स्वरोजगार भी जोड़ा जा सकता है, जैसे बांस, रिंगाल की टोकरियां, स्थानीय उत्पाद भी बेचे जा सकते हैं.

Uttaranchali Nauni

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #22 on: November 01, 2007, 06:12:36 PM »
Wahi toh ......
& Thnks

Vedika JI,

We need a big deal from Govt side on this issue.

employment to hoga ...lkn sab low level positions coz agar Foreigners se deal karna hain to high positions mn sab effeient rather english fluency chahiye aur fr ..govt. outsiders ko bhi recruit kar sakti n ultimately ... fr dosro ki gulaami karni padegi " yeh to -ve side hain "

but +ve bhi bohot hain ....
jaise ki har sikke k do pehlu hote hain usi tarah "


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #23 on: November 04, 2007, 08:29:14 PM »
प्रदेश में 36 मेलों को मिलेगी सहायताNov 04, 02:09 am

देहरादून। प्रदेश में पर्यटन व लोक संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए सभी जिलों में 36 मेलों को वित्तीय सहायता देने पर सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। ऐसे करीब तीन दर्जन प्रस्ताव विचाराधीन हैं। यही नहीं, प्रत्येक जिले में दो मेलों को अनुमति देने के अपने फैसले पर भी सरकार ने ढील दी है।

सांस्कृतिक विरासत सहेजने और उसके माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेशभर में मेलों को सरकार वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है। जिलों में लगने वाले इन मेलों को न्यूनतम 25 हजार से लेकर अधिकतम 15 लाख तक सहायता दी जा रही है। इस वर्ष लंबी प्रतीक्षा के बाद सरकार 36 मेलों को वित्तीय मदद देने पर सहमत हुई है। इनमें चंपावत के पूर्णागिरी व देवीधुरा मेले, पिथौरागढ़ का जौलजीवी मेला व शरदोत्सव, अल्मोड़ा का नंदा देवी, बागेश्वर का उत्तरायणी, नैनीताल के नंदा देवी व कैंची मेले, नानकमत्ता का दीपावली मेला, ऊधमसिंहनगर का चैती मेला, श्रीनगर का बैकुंठ चतुर्दशी, कोटद्वार का सिद्धबली, पैडलस्यू-पौड़ी का मकरायणी मेला, अगस्त्यमुनि का बैशाखी मेला, रुद्रप्रयाग का हरियाली देवी मेला, ऊखीमठ का मदमहेश्वर मेला, देवरियाताल पर्यटक मेला, कविल्ठा का कालीदास मेला, जाखधार का जाख मेला, गौचर मेला, अनुसूया देवी मेला, चमोली का गढ़वाल महोत्सव, किसान औद्योगिक पर्यटन मेला पोखरी, श्रीलक्ष्मी नारायण पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेला किमोली-कपीरी, वन्य विकास मेला पीपलकोटी, वसंत बुरांस मेला लोहजन, लखवाड़ मेला, लाखामंडल मेला, महासू देवता मेला हनोल, उत्तरकाशी का माघ मेला व गंगा महोत्सव, टिहरी का मां कुंजापुरी मेला व सुरकंडा मेला, हरिद्वार का पीरान कलियर उर्स व गंगा दशहरा मेला शामिल हैं। उक्त मेलों को वित्तीय सहायता के रूप में 70 से 75 लाख तक दिए जाएंगे। सरकार ने प्रदेश में भारी तादाद में मेलों के आयोजन और उनके लिए सरकारी मदद पाने की होड़ को नियंत्रित करने का फैसला भी लिया था। इसके अंतर्गत हर जिले में दो मेलों को ही वित्तीय सहायता देने पर सहमति जताई गई थी। इस फैसले पर सरकार ने ढील देते हुए कुछ जिलों में दो से अधिक मेलों को भी आर्थिक सहायता देने पर सहमति व्यक्त की गई। सरकार की सहमति के बाद पर्यटन विभाग ने मेलों को सहायता राशि का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। मेलों के आयोजन को लेकर सरकार पर दबाव अब भी कम नहीं हुआ है। तकरीबन 35 प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन हैं। उक्त प्रस्तावों को मंजूरी दी गई तो सरकार पर और डेढ़ करोड़ वित्तीय भार पड़ेगा। संपर्क करने पर निदेशक पर्यटन एके द्विवेदी ने 36 मेलों को सरकारी मदद देने पर सहमति की पुष्टि की है।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #24 on: November 06, 2007, 10:09:22 AM »

This is indeed a good step towards promoting tourism.

अब कोसी नदी में खैरना झील बनाने की पहलNov 06, 02:35 am

नैनीताल। पर्यटन प्रदेश की परिकल्पना को गति देने के उद्देश्य से कुमाऊं मंडल विकास निगम प्रबंधन ने अब कोसी नदी में खैरना के पास पांच सौ मीटर चौड़ी व लंबी झील के निर्माण की कवायद प्रारंभिक रुप में शुरु कर दी है। कुमंवि के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने प्रारंभिक प्रांकलन रिपोर्ट तैयार कर दी है। इसमें पार्क समेत सौंदयीकरण में 2.72 का प्रारंभिक खर्चा आंका गया है। भविष्य में प्रस्ताव स्वीकृत होने पर नैनीताल जिले में एक और झील का पर्यटक लुत्फ उठा पाएंगे। इससे क्षेत्र का भी विकास होने की संभावना है।

यूं तो जिले में विश्व प्रसिद्ध नैनी झील के अलावा भीमताल, नौकुचियाताल, सात ताल, खुर्पा ताल, सूखाताल, सड़ियाताल के प्रति पर्यटकों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। अब झील विकास प्राधिकरण का झीलों के सौंदर्यीकरण का कार्य जहां जारी है। वहीं, अब कुमाऊं मंडल विकास निगम ने भी पर्यटन प्रदेश की परिकल्पना को लेकर पहल करनी शुरु कर दी है। जिले का पर्वतीय क्षेत्र हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इधर, कुमाऊं मंडल विकास निगम महाप्रबंधक धीराज गब्र्याल ने अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग को पत्र भेजकर कहा है कि कुमंविनि का कोसी नदी के किनारे खैरना में एक आवास गृह है। निगम आवास गृह के समीप कोसी नदी पर पर्यटन विकास को एक झील जिसकी चौड़ाई व लंबाई पांच सौ व एक हजार मीटर का निर्माण करना चाहना है। इसके लिए व्यय व आगणन भेजने का निर्देश दिया था। कहा कि निगम धनराशि स्वीकृति को शासन से पत्र भेजेगा।

इधर, अधिशाषी अभियंता तराई सिंचाई के निर्देश पर सहायक अभियंता टीडी कांडपाल ने प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट तैयार कर दी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट में खैरना झील का करीब सवा सौ मीटर लंबाई व सौ मीटर चौड़ाई का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें पार्क, गेट, सिविल वर्क, चारों तरफ लैंड स्कैपिंग, सौंदयीकरण, गेट, घाट, सीढि़यां आदि का करीब 2.72 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर दिया है। उन्होंने बताया कि अभी आईआईटी रुड़की की विशेषज्ञ टैकन्ीकल टीम द्वारा सर्वे करना आवश्यक है। इसके लिए पत्र व्यवहार किया जा रहा है। बताया कि झील की प्रारंभिक गहराई अभी कम रखने का प्रारंभिक प्रस्ताव है। इसमें टैकन्ीकल टीम के सर्वे के बाद ही ठोस प्रांकलन रिपोर्ट सामने आ सकेगी।

खैरना में कोसी नदी में प्रस्तावित झील में अधिक डूब क्षेत्र न होने से भी जहां स्थानीय लोगों के कम प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की गयी है। वहीं, इसके सौंदर्य से पर्यटकों के आकर्षित होने से क्षेत्र के विकास को गति मिलने की संभावना भी जताई गयी है। बहरहाल, जिले के कोसी नदी पर खैरना में एक और झील के प्रारंभिक प्रस्ताव के भविष्य में स्वीकृत होने से पर्यटन प्रदेश की पहल को बल मिलने की संभावना बढ़ गयी है।

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #25 on: November 06, 2007, 10:12:21 AM »

Tourism point of view this is also a good news. A lot of people could not go to Pindari due to non-avialability of road link.

पिंडारी पर्यटन सड़क योजना का निर्माण शीघ्र कराया जाएगा: डीएमNov 06, 02:35 am

बागेश्वर। जिलाधिकारी शैलेश बगौली ने स्पेशल कम्पोनेंट प्लान के तहत पिंडारी पर्यटन के नाम से सड़क का निर्माण कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि लोहारखेत में भूमि मिलते ही अस्पताल की स्वीकृति दिलाने के तेजी से प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय लोहारखेत में आयोजित स्वास्थ्य शिविर का भी निरीक्षण किया।

जिलाधिकारी शैलेश बगौली ने कपकोट विकास खंड के लोहारखेत क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान चौड़ा में हिमालयी आजीविका सुधार परियोजना की सहयोगी संस्था होप के परिसर में आयोजित एक समारोह में भाग लिया। जहां ग्राम प्रधान बसंती देवी ने जिलाधिकारी से मांग की कि सौंग-बदियाकोट मोटर मार्ग का निर्माण शीघ्र पूरा करने व लोहारखेत में फार्मेसिस्ट की नियुक्ति किए जाने की मांग की। जिस पर जिलाधिकारी ने लोहारखेत व चौड़ा के ग्रामीणों से चिकित्सालय हेतु भूमि देने का अनुरोध किया ताकि चिकित्सालय निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सके। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने लोहारखेत में नायब सूबेदार खड़क सिंह के घर के पास हुए भूस्खलन का निरीक्षण किया व एसडीएम व जलागम के अधिकारियों को चैक डेम बनाए जाने को कहा।

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #26 on: November 06, 2007, 10:15:01 AM »
बंगाली पर्यटकों की आवाजाही बढ़ीNov 06, 02:35 am

बागेश्वर। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों बंगाली पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है। नवरात्र के दिनों से निरंतर बढ़ रही पर्यटकों की आवाजाही से नगर समेत कौसानी, बैजनाथ, कपकोट आदि क्षेत्रों की रौनक बढ़ गई है। इन पर्यटकों द्वारा बागनाथ मंदिर, नीलेश्वर व चंडिका मंदिर समेत बैजनाथ के प्रसिद्ध शिव-पार्वती मंदिर के दर्शन किए जा रहे है जबकि कौसानी स्थित अनाशक्ति आश्रम व चाय बागान भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने है।


.....................................................

Since i from  the same distt, i have also seen a lot Bangali visting every there in almost all the season. Govt should provide better facilites so that tourim can boom further.


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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #27 on: November 08, 2007, 09:28:02 AM »
अब पर्यटक दीपावली के बाद लाइफ जैकेट से नैनी सरोवर का लुत्फ उठा पाएंगेNov 08, 02:31 am

नैनीताल। विश्व प्रसिद्ध नैनी सरोवर में अब नाव में दीपावली के बाद लाइफ जैकेट पहनकर सैर का लुत्फ उठाएंगे। साथ ही झील विकास प्राधिकरण की पोस्टकार्ड साइज के कार्ड में सरोवर नगरी के इतिहास व प्रमुख रमणीक स्थलों की जानकारी हासिल कर सकेंगे। जीवन बीमा निगम ने लाइफ जैकेट के लिए पांच लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिन्हे पंजीकृत 213 नावों को उपलब्ध कराया जाएगा।

विदित हो कि झील विकास प्राधिकरण ने करीब दो माह पहले विश्व प्रसिद्ध नैनी झील में नौकायन का लुत्फ उठाने वाले पर्यटकों के लिए लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने की पहल की थी। प्राधिकरण सचिव व एडीएम धीराज गब्र्याल ने बताया कि प्राधिकरण के पास धन की कमी के चलते पिछले दो माह से लाइफ जैकेट के लिए प्रयास किया जा रहा था। जीवन बीमा निगम, मुंबई ने पांच लाख रुपए स्वीकृत कर दिया है। इससे लाइफ जैकेट का करीब पंद्रह-बीस दिन में क्रय कर दिया जाएगा। इसके उपरांत पंजीकृत 213 नावों में लाइफ जैकेट की व्यवस्था की जाएगी। इस पर नावों में सवार पर्यटक इसे पहन कर सरोवर का लुत्फ उठा पाएंगे। इससे सुरक्षात्मक कार्य में भी सफलता मिलेगी।

एडीएम श्री गब्र्याल ने बताया कि लाइफ जैकेट के साथ ही नावों में पर्यटकों के लिए पोस्टकार्ड साइज के कार्ड की भी व्यवस्था की जा रही है। जिसमें नैनीताल की खोज से लेकर सरोवर नगरी के रमणीक स्थलों का वर्णन अंकित होगा। इससे पर्यटकों को सरोवर नगरी के इतिहास व प्रमुख स्थलों की जानकारी मिल सकेगी। साथ ही वह उक्त स्थलों का भी लुत्फ उठा पाएंगे। बताया कि कार्ड में पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक सूचनाएं भी दर्ज होंगी। कार्ड के लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा। प्रारंभ में एलडीए की तरफ से कार्ड की व्यवस्था की जा रही है। बाद में पालिका या अन्य व्यवस्था करेगी।

बहरहाल, सरोवर नगरी में अब जहां दीपावली के बाद पर्यटक लाइफ जैकेट के साथ नाव की सैर का लुत्फ उठाने की तैयारी अंतिम चरण में है। वहीं, अब कार्ड से पर्यटक सरोवर नगरी के इतिहास से ही परिचित हो सकेंगे।

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #28 on: November 10, 2007, 09:21:37 AM »
मुम्बई से आये दस सदस्यीय दल ने सरयू नदी में उठाया रिवर राफ्टिंग का मजाNov 09, 02:32 am

पिथौरागढ़। मुम्बई से आये दस सदस्यीय दल ने गुरुवार को सरयू नदी में रिवर राफ्टिंग की। कुमाऊं मंडल विकास निगम के गाइडों ने दल को सरयू नदी में घाट से पंचेश्चर तक 25 किमी.की रिवर राफ्टिंग करायी। निगम अगले दो माह के भीतर 150 युवाओं को राफ्टिंग का प्रशिक्षण देगा।

उल्लेखनीय है कुमाऊं मण्डल विकास निगम पिथौरागढ़ और चम्पावत जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष नवम्बर माह में रिवर राफ्टिंग आयोजित करती है। रिवर राफ्टिंग के दौरान जहां बाहर से आने वाले पर्यटक दलों को कुमाऊं मण्डल विकास निगम के गाइड सरयू नदी में घाट से पंचेश्वर तक राफ्टिंग कराते है वहीं स्थानीय युवकों को रिवर राफ्टिंग का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

गुरुवार को मुम्बई से आये निमीष बोरा, सचिन बोरा, वैभवी बोरा, सृष्टि बोरा, प्रीति बोरा, तेजा बोरा, हरिकेश बोरा, पवनेश बोरा, रोहन बोरा ने घाट से पंचेश्वर तक राफ्टिंग की। करीब 25 किमी.लम्बी राफ्टिंग को कुमाऊं मण्डल विकास निगम के साहसिक पर्यटन अधिकारी दिनेश गुरूरानी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दल को गाइड देवेन्द्र पोखरिया, हरीश पवार गाइड कर रहे हैं। दल को रवाना करने के बाद एक बातचीत में दिनेश गुरुरानी ने कहा कि इस इस वर्ष पर्यटकों को पांच दिसम्बर तक राफ्टिंग करायी जायेगी, साथ ही साथ चम्पावत जिले के 150 युवाओं को राफ्टिंग का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। प्रशिक्षण के लिए चम्पावत के जिलाधिकारी कुणाल शर्मा ने सम विकास परियोजना के तहत धनराशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ जिले के युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अभी तक धनराशि स्वीकृत नहीं हुई है।


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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #29 on: November 10, 2007, 09:24:32 AM »
विकास में यातायात की भूमिका अहम : शैलेंद्रNov 08, 02:31 am

कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल)। सूबे में भाजपानीत सरकार ने कोटद्वार विधानसभा क्षेत्रवासियों को दीपावली पर करोड़ों की विकास योजनाओं का तोहफा दिया। मालन व सुखरो नदियों पर करीब साढे़ छब्बीस करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले पुलों के शिलान्यास के बाद क्षेत्रीय विधायक ने कल व आज विभिन्न स्थानों पर पुलों के निर्माण को शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के सर्वागीण विकास को यातायात सुविधा का होना नितांत जरूरी है।

क्षेत्रीय विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने पनियाली स्रोत पर जौनपुर-शिवपुर मार्ग पर 31 लाख की लागत से मलिन बस्ती में निर्मित होने वाले बीस मीटर आरसीसी पुल, कोटद्वार-हरिद्वार मार्ग के पनियाली स्रोत पर 51.3 लाख की लागत से आरसीसी सेतु निर्माण सुरक्षात्मक पहुंच मार्ग और खोह नदी पर गाड़ीघाट में 162 लाख की लागत से निर्मित होने वाले 100 मीटर स्पान आरसीसी सेतु निर्माण कार्य का विधिवत पूजा अर्चना के साथ शिलान्यास किया। क्षेत्र पंचायत प्रमुख सुमन कोटनाला की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रमों में विधायक रावत ने कहा कि जब तक गांव-गांव तक सड़कें नहीं पहुंचेंगी, गांव के विकास की बात करना निरर्थक है। श्री रावत ने कहा कि यातायात की सुविधा मिलने के साथ ही ग्रामीणों को अन्य मूलभूत समस्याओं से भी निजात मिल पाएगी। शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी आदि समस्याएं भी दूर होने लगेंगी।

 

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