प्रदेश में 36 मेलों को मिलेगी सहायताNov 04, 02:09 am
देहरादून। प्रदेश में पर्यटन व लोक संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए सभी जिलों में 36 मेलों को वित्तीय सहायता देने पर सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। ऐसे करीब तीन दर्जन प्रस्ताव विचाराधीन हैं। यही नहीं, प्रत्येक जिले में दो मेलों को अनुमति देने के अपने फैसले पर भी सरकार ने ढील दी है।
सांस्कृतिक विरासत सहेजने और उसके माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेशभर में मेलों को सरकार वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है। जिलों में लगने वाले इन मेलों को न्यूनतम 25 हजार से लेकर अधिकतम 15 लाख तक सहायता दी जा रही है। इस वर्ष लंबी प्रतीक्षा के बाद सरकार 36 मेलों को वित्तीय मदद देने पर सहमत हुई है। इनमें चंपावत के पूर्णागिरी व देवीधुरा मेले, पिथौरागढ़ का जौलजीवी मेला व शरदोत्सव, अल्मोड़ा का नंदा देवी, बागेश्वर का उत्तरायणी, नैनीताल के नंदा देवी व कैंची मेले, नानकमत्ता का दीपावली मेला, ऊधमसिंहनगर का चैती मेला, श्रीनगर का बैकुंठ चतुर्दशी, कोटद्वार का सिद्धबली, पैडलस्यू-पौड़ी का मकरायणी मेला, अगस्त्यमुनि का बैशाखी मेला, रुद्रप्रयाग का हरियाली देवी मेला, ऊखीमठ का मदमहेश्वर मेला, देवरियाताल पर्यटक मेला, कविल्ठा का कालीदास मेला, जाखधार का जाख मेला, गौचर मेला, अनुसूया देवी मेला, चमोली का गढ़वाल महोत्सव, किसान औद्योगिक पर्यटन मेला पोखरी, श्रीलक्ष्मी नारायण पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास मेला किमोली-कपीरी, वन्य विकास मेला पीपलकोटी, वसंत बुरांस मेला लोहजन, लखवाड़ मेला, लाखामंडल मेला, महासू देवता मेला हनोल, उत्तरकाशी का माघ मेला व गंगा महोत्सव, टिहरी का मां कुंजापुरी मेला व सुरकंडा मेला, हरिद्वार का पीरान कलियर उर्स व गंगा दशहरा मेला शामिल हैं। उक्त मेलों को वित्तीय सहायता के रूप में 70 से 75 लाख तक दिए जाएंगे। सरकार ने प्रदेश में भारी तादाद में मेलों के आयोजन और उनके लिए सरकारी मदद पाने की होड़ को नियंत्रित करने का फैसला भी लिया था। इसके अंतर्गत हर जिले में दो मेलों को ही वित्तीय सहायता देने पर सहमति जताई गई थी। इस फैसले पर सरकार ने ढील देते हुए कुछ जिलों में दो से अधिक मेलों को भी आर्थिक सहायता देने पर सहमति व्यक्त की गई। सरकार की सहमति के बाद पर्यटन विभाग ने मेलों को सहायता राशि का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। मेलों के आयोजन को लेकर सरकार पर दबाव अब भी कम नहीं हुआ है। तकरीबन 35 प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन हैं। उक्त प्रस्तावों को मंजूरी दी गई तो सरकार पर और डेढ़ करोड़ वित्तीय भार पड़ेगा। संपर्क करने पर निदेशक पर्यटन एके द्विवेदी ने 36 मेलों को सरकारी मदद देने पर सहमति की पुष्टि की है।