Author Topic: How To Promote Tourism - उत्तराखंड मे पर्यटन को कैसे बढाया जा सकता है?  (Read 70897 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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There is ample scope of promoting tourism in UK but Govt has been failed so far to do any in on promoting the tourism.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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We have received this mail from Mr Manoj Kumar Ji who is also from Uttarakhand and have given some valuable suggestion for promoting tourism in Uttarakhand.

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On Thu, Aug 12, 2010 at 3:08 AM, manoj kumar <manoj21jan@yahoo.co.in> wrote:
Dear Mehta,


My self manoj Bhardwaj belong to Manila there are few ideas which can increase tourism in U.K. are below.

1-   We have to change our government policies like we have a huge area of   forest which is attracting to tourism it should disafforest or govt   should  release this forest area on lease bases for local people who are   in trusted invest in tourism.

2- Trained the people for  tourism employment like artifacts and handicraft which we can made in U.K.like we can   make wooden Hanger, Wooden antique piece stone art fact pine fruit artifact oak fruit artifact root art fact etc

3- Govt should organise seminar in various region to increase the tourism.

4-   Our tourist accommodation facility should be  up to the mark which is   not being up keeping by uttrakhand tourism development corporation.

5- As all are well known Rishikesh is yoga capital of India we should increase  yoga centre in yoga.

6- As like  Manila we can make rope way for Himalayan view and horse riding.

Beside   above ideas if govt will help me to increase the tourism I can provide   employment about  thousand people in only  Manila region.


Thanks & Regards
Manoj Kumar
Indore

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मनोज जी ने बहुत ही अछे सुझाव दिए है uttarakhand में पर्यटन के विकास के लिए! 

लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण उत्तराखंड में इन १० सालो में अभी तक कोई खास विकास देखने को नहीं मिला है ! जब इस राज्य में धार्मिक और प्राकर्तिक पर्यटन की अपार सम्भावनाये है!

जैसे की मनोज जी ने लिखा है और अगर सरकार की मदद रहे तो वो मनीला क्षेत्र में विकास के लिए अपने तरफ से कुछ करना चाहिंगे!  इसी प्रकार से बहुत से लोग है जो राज्य के विकास के लिए अपना योगदान देना चाहते है!

फिर से वही सरकार सरकार, जो सोयी है !





We have received this mail from Mr Manoj Kumar Ji who is also from Uttarakhand and have given some valuable suggestion for promoting tourism in Uttarakhand.

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On Thu, Aug 12, 2010 at 3:08 AM, manoj kumar <manoj21jan@yahoo.co.in> wrote:
Dear Mehta,


My self manoj Bhardwaj belong to Manila there are few ideas which can increase tourism in U.K. are below.

1-   We have to change our government policies like we have a huge area of   forest which is attracting to tourism it should disafforest or govt   should  release this forest area on lease bases for local people who are   in trusted invest in tourism.

2- Trained the people for  tourism employment like artifacts and handicraft which we can made in U.K.like we can   make wooden Hanger, Wooden antique piece stone art fact pine fruit artifact oak fruit artifact root art fact etc

3- Govt should organise seminar in various region to increase the tourism.

4-   Our tourist accommodation facility should be  up to the mark which is   not being up keeping by uttrakhand tourism development corporation.

5- As all are well known Rishikesh is yoga capital of India we should increase  yoga centre in yoga.

6- As like  Manila we can make rope way for Himalayan view and horse riding.

Beside   above ideas if govt will help me to increase the tourism I can provide   employment about  thousand people in only  Manila region.


Thanks & Regards
Manoj Kumar
Indore

सत्यदेव सिंह नेगी

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In my openion govenrnment must develop hill area of uttrakhand as education and IT hub. For this our leader must have will power.Good connectivity with other reasons of country is required to make. There is no doubt that Uttrakhand and uttrakhandies now a days have a respect and good repute . If we go to history we will find that State Like Andhra Pradesh and Karnataka were not so developed like today. Education is the need of today's living and IT is the main need of this time, Tourist will automatically come it
 
Jai Uttrakhand
 
Jai Bharat

सत्यदेव सिंह नेगी

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उत्तराखंड में बस सेवाएं स्थगित
गढ़वाल मोटर आनर्स यूनियन ने अपनी बस सेवा बरसात खत्म होने तक स्थगित कर दी है।
उत्तराखंड में पिछले पांच दशकों में सर्वाधिक वर्षा से हो रहे भूस्खलनों से अधिकांश मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए है।
मार्ग ट्रटने के कारण गढ़वाल मण्डल में हजारों बसों का संचालन करने वाली गढ़वाल मोटर आनर्स यूनियन (जीएमओयू) ने अपनी बस सेवा बरसात खत्म होने तक स्थगित कर दी है। जिससे पहाड़ों में जीवन की गति थम सी गयी है। जीएमओयू ने यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा तथा सुविधा के तहत लिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जीएमओयू ने आपदा से बचने के लिए बस सेवाएं बंद कर दी है। यूनियन के अधिकारियों के अनुसार सड़कें क्षतिग्रस्त होने से यात्रियों को जगह जगह पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बसों का संचालन बन्द हो जाने से गढ़वाल के पौडी, चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों में यातायात व्यवस्था पूरी तरह और टिहरी, उत्तरकाशी और देहरादून में आंशिक रूप से ठप्प हो गयी है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Now go through this report.
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हवा में लटकीं उत्तराखंड की रोपवे परियोजनाएं
शिशिर प्रशांत / देहरादून October 15, 2010
पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से उत्तराखंड सरकार ने एक के बाद एक कई रोपवे परियोजनाएं तैयार करने की घोषणाएं तो कर डाली हैं, मगर इनमें से कई सारी परियोजनाओं की राह में रोड़े अटके हुए हैं। नौकरशाही अड़चनों और पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए लंबा इंतजार और जमीन अधिग्रहण की लंबी प्रक्रियाओं की वजह से कई परियोजनाओं का काम फिलहाल अटका पड़ा है।
राज्य सरकार ने जिन रोपवे परियोजनाओं की घोषणा की है उनमें मसूरी-देहरादून रोपवे परियोजना खासी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बनने से इन दोनों जगहों की दूरी सिमटकर महज 40 मिनट की रह जाएगी। मतलब कि महज 40 मिनटों में मसूरी से देहरादून या फिर देहरादून से मसूरी पहुंचा जा सकेगा। वहीं राज्य के धार्मिक केंद्रों जैसे केदारनाथ, यमुनोत्री और पूर्णागिरि में भी रोपवे परियोजनाएं तैयार की जानी हैं। पर्यावरण और वन संबंधी मंजूरियां हासिल करने के बाद पिछले साल राज्य के पर्यटन विभाग ने मसूरी रोपवे परियोजना के लिए निजी कंपनियों से बोलियां मंगाई थीं। इस परियोजना को 700 से 800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाना था। इस परियोजना के लिए जो 2 बोलियां मिली थीं उसे तो सरकार ने ठुकरा दिया मगर आगे की कार्यवाही पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है।
इस परियोजना के लिए उत्तराखंड इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना कंपनी (यूआईपीसी) प्राइवेट लिमिटेड ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक यह परियोजना एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण बन कर उभर सकती है। फिलहाल मसूरी और देहरादून की बीच की दूरी 35 किमी है और इसे सड़क मार्ग के जरिए एक घंटे में पूरा किया जा सकता है।
इस रोपवे परियोजना की क्षमता इतनी होगी कि इसके जिरए एक घंटे में 1100 यात्रियों को इस पार से उस पार ले जाया जा सकेगा। इस पूरे रास्ते में केबलकार 4 जगहों पर दो से तीन मिनट के लिए रुका करेगी जहां मनोरंजन पार्क और बजट होटल बनाए जाने का प्रस्ताव है।
वहीं दूसरी ओर अगर यमुनोत्री, केदारनाथ और पूर्णागिरि रोपवे परियोजनाओं की बात करें तो यूआईपीसी अब तक इस पर कोई काम नहीं कर पाई है।


http://hindi.business-standard.com/hin/storypage.php?autono=39919

सत्यदेव सिंह नेगी

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धनोल्टी इको पार्क के ताज़ा दृश्य
 

Anil Arya / अनिल आर्य

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पर्यटन परियोजनाओं को लगे पंख
केंद्र ने नए पर्यटक सर्किटों को मंजूरी दी, छह मेलों को हर साल देगा पैसा
देहरादून। केंद्र सरकार ने प्रदेश में नए पर्यटक सर्किटों को मंजूरी देने के साथ ही हरिद्वार थीम पार्क को हरी झंडी दे दी। केंद्र राज्य के छह प्रमुख मेलों को हर साल पैसा देगा।
मेगा निर्मल गंगा प्रोजेक्ट को भी सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई। केंद्रीय पर्यटन सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव के साथ प्रमुख सचिव (पर्यटन) राकेश शर्मा की अलग-अलग बैठक के बाद राज्य की 2011-12 की पर्यटन परियोजनाओं को पंख लग गए। शर्मा ने बताया कि सरकार ने नॉटी-कास्वा-चंदनपुर गढ़ी-सेम हेरिटेज और इको टूरिज्म सर्किट (चमोली), कुरुर-नंद केसरी-वान-वेदनी झील हेरिटेज और इको टूरिज्म सर्किट (चमोली), पाथर नौचरिया-बागुआ बासा-रुप कुंड-जोहर गली-शीला समुंद्र-हेमकुंड साहिब (पौड़ी-चमोली), थीम पार्क हिमालयन हाट (हरिद्वार) को पारित कर दिया। कुमाऊं की परियोजनाओं एबॉट माउंट (चंपावत), सात ताल (नैनीताल), पिथौरागढ़-चंपावत सर्किट काठकोदाम-वेसाइड एमिनिटिज सर्किट (नैनीताल) को भी केंद्र ने बजट देने के लिए मंजूर कर लिया। इनकी अनुमानित लागत करोड़ों में है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि उत्तरायणी मेला (बागेश्वर), शरदोत्सव (नैनीताल), अंतर्राष्ट्रीय योग सप्ताह (ऋषिकेश), आईस स्केटिंग और स्की कार्निवाल (देहरादून और औली), साहसिक खेल मेला (जौलजीबी-पिथौरागढ़) और शरदोत्सव (पौड़ी) के लिए भी केंद्र सरकार हर साल बजट देने को राजी हो गई है।
http://epaper.amarujala.com//svww_index.php

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मेरी हिसाब से उत्तराखंड का निर्माण इसलिए भी हुवा है यहाँ का पर्यटन का विकास हो ताकि रोजगार के साधन जुट सके! पर इन १० सालो में पर्यटन उद्योग ने इतनी कोई खास प्रगति नही की !

सिर्फ भ्रष्टाचार के कारण.... .पहाड़ के नेताओं ने पहाड़ की पीड़ा नहीं जानी !


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Good news.

Let us see how this amount is utilized to promote the tourism in the hill. At least something should be visible there.

देहरादून, जागरण ब्यूरो

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत उत्तराखंड को क्रमश: 70.21 करोड़ व 75.57 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है।

केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री हरीश रावत ने एक बयान में जानकारी दी कि राज्य में पर्यटन विकास के उद्देश्य से केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने यह धनराशि प्रदान की है। उन्होंने बताया कि इन दोनों योजनाओं के अलावा हरिद्वार-ऋषिकेश-मुनिकी रेती-स्वर्गाश्रम को मेगा सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए वर्ष 2008-09 में 44.52 करोड़ रुपये आवंटित कराए गए हैं। एक अन्य मेगा परियोजना निर्मल गंगोत्री के विकास के लिए इस वित्तीय वर्ष को चिन्हित किया गया है। श्री रावत ने कहा कि इसके तहत राज्य सरकार को केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में पचास करोड़ रुपये और उपलब्ध कराए जाने के लिए वह प्रयास कर रहे हैं।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7323518.html

 

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