Author Topic: How To Promote Tourism - उत्तराखंड मे पर्यटन को कैसे बढाया जा सकता है?  (Read 68389 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Friends,

As you are aware, the backbone of Uttarakhand economy is its tourism. Nature has given huge sources of tourism in Uttarakhand. Inspite of this, we have been able to promote tourism at desired level. Compared to other states, we are still lacking in this front.

By promoting tourism at desired level, this will not only help to develop the state but also a lot employment opportunities will also arise.

So kindly share your views on that subject and suggest how can tourism be further promoted at UK.

M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #1 on: October 22, 2007, 11:10:28 AM »
साहसिक पर्यटन : संसाधनों के अभाव में जोखिम भरा है सफरOct 22, 02:19 am

गोपेश्वर (चमोली)। पौराणिक काल से ही राज्य में पथारोहण, पर्वतारोहण व शिलारोहण जैसे साहसिक खेलों की आदर्श भूमिका रही है। राज्य गठन के सात वर्ष बाद भी यहां साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद ठोस नीति तथा संसाधनों के अभाव में धरातल पर नहीं हो पाई है। ऐसे में रोमांच से भरे इन खेलों के प्रति आकर्षित होकर प्रतिवर्ष हजारों देशी-विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते है लेकिन संसाधनों के अभाव में या तो उन्हे अपनी जान गवांनी पड़ती या फिर वह शासन-प्रशासन के लिए गले की हड्डी बन जाते हैं।

हिमाच्छादित शिखर, उज्ज्वल हिमनद, रंगबिरंगे फूलों व बर्फवारी से लकदक सरपट बुग्याल, कांटेदार चट्टानें, सुंदर घाटियां, विसर्पी नदियां शांति के प्रतीक जंगलों का संयोग किसी को भी रोमांच से भर देते है। कठिन डगर, ऊंचे पहाड़, बर्फीली चोटियों तक पहुंचने की ललक को देखते हुए सरकार ने यहां तक पर्यटकों को सुव्यवस्थित व संसाधनों के माध्यम से सैर कराने की जिम्मेदारी साहसिक पर्यटन को सौंपी लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप पर्यटन नीति का निर्धारण न होना तथा संसाधनों के अभाव से राज्य में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं के बावजूद यह विकास से पीछे हटता नजर आ रहा है। विगत कुछ वर्षो में पर्वतारोहण व पथारोहण के दौरान संसाधनों के अभाव में पर्यटकों की मौत ने इस व्यवसाय के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। ऐसे में यदि सरकार ने आर्थिकी की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस व्यवसाय को बढ़ावा देने को सटीक योजनाएं व संसाधन न जुटाए तो राज्य कोपर्यटन के लिहाज से नुकसानदायक होगा। अर्जुन पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध पर्वतारोही डा. हर्षवंती बिष्ट का कहना है कि राज्य में साहसिक पर्यटन को औद्योगिक रूप में तो देखा जा रहा है। लेकिन ग्राउंड लेवल पर संसाधनों को जुटाने के कतई प्रयास नहीं हो रहे है। साहसिक खेलों का अनुभव रखने वाले पथारोही गजेंद्र नौटियाल ने सूचना तंत्र तथा टै्रकमार्गो पर पर्यटकों के लिए सुविधाएं जुटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे स्थानीय यात्रा व ट्रैक का भी प्रचार-प्रसार करना चाहिए।

mahender_sundriyal

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #2 on: October 22, 2007, 12:34:24 PM »
नमस्कार, ये विषय बहुत ही अच्छा चुना आपने.  यदि हम बात करें कि उत्तराखंड का विकास कैसे करें तों सबसे पहले हमें सोचना पड़ता है कि रोज़गार के अवसर कैसे बढें.  पहाड़ी भूमि पर बड़े उद्योग नहीं लग सकते इस लिए पहाड़ के प्राकृतिक वरदानों को सही तरह से प्रयोग करते हुए रोज़गार बढाने के बारे में सोचना पड़ेगा.  इस दृष्टि से पर्यटन उद्योग को बढाना ही श्रेयस्कर रहेगा. 

परन्तु प्रश्न यह है कि  कैसे बढेगा हमारा पर्यटन उद्योग.  अभी तक तों पर्यटन का मतलब, कम से कम दिल्ली वालों के लिए तों, देहरादून, मसूरी, नैनीताल जैसे बड़े शहर ही हैं.  इन बड़े शहरों का जितना विकास हो सकता था हो ही गया है, अच्छा या बुरा अलग बात है.  इनका जितना दोहन हो सकता था हो गया है और हो ही रहा है.  लेकिन सार्भोमिक विकास तों छोटी-छोटी जगहों का विकास करने से ही होगा.  इसलिए आज हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए पर्यटन को छोटी छोटी जगहों पर ले जाने की.  कैसे ले जायें पर्यटकों को छोटी छोटी जगहों पर?   इस प्रश्न का उत्तर  मिलेगा पर्यटकों की ही तरह सोच कर.

अमीर पर्यटक तों अपना पर्यटन-स्थल चुन ही लेते हैं पर उनकी संख्या छोटी होने के कारण स्थानीय लोगों को बहुत ज़्यादा फायदा नहीं होता.  इसलिए हमें सोचना पड़ेगा छोटे बजट के पर्यटकों के बारे में.  क्या चाहते हैं वो?  मेरी दृष्टि में छोटे बजट के लोग दो तरह के पर्यटन के बारे में सोचते हैं - धार्मिक और सस्ते.  धार्मिक पर्यटन चार धाम यात्रा भी बड़े पैमाने पर करवाती है और उस से उस खेत्र का विकास हो ही रहा है.  किंतु अभी बहुत से पर्यटक स्थल छोटी-छोटी जगहों पर हैं जिन्हें कोई पर्यटक नहीं मिलता.  बहुत सारे छोटे पर्यटक स्थल भी प्रकृति ने हमें प्रदान किए हुए हैं किंतु अभी तक वहाँ बड़े स्तर पर पर्यटन नहीं होता. 

सभी पर्यटक किसी भी प्राकृतिक स्थल पर प्रकृति की सुन्दरता के अतिरिक्त मूलभूत सुविधाएं भी चाहते हैं.  मैंने देखा है कि चाहे वो चकरोता (जौनसार-बावर), सेम-मुखेम तथा लम्ब गाँव (टेहरी गढ़वाल) हो या कि मानिला, जागेश्वर, धौलाछीना आदि हों, ये सभी स्थल प्राकृतिक सौंदर्य के होते हुए भी कोई सुविधा नहीं होने के कारण पर्यटकों के मानचित्र पर कहीं नहीं हैं.  मेरा मानना है कि इन जगहों पर सड़क, बिजली, ठहरने की जगहें, खाने-पीने की बेहतर सुविधाएं होना बहुत ही आवश्यक है. 

मेरा माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि इस दिशा में क्या करना है और कैसे करना है और हम कुछ कर भी सकते भी हैं या नहीं, सोचना पडेगा.  कृपया अपने विचार इस फॉरम पर रखें. 

नमस्कार

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #3 on: October 22, 2007, 12:42:15 PM »



नमस्कार, ये विषय बहुत ही अच्छा चुना आपने.  यदि हम बात करें कि उत्तराखंड का विकास कैसे करें तों सबसे पहले हमें सोचना पड़ता है कि रोज़गार के अवसर कैसे बढें.  पहाड़ी भूमि पर बड़े उद्योग नहीं लग सकते इस लिए पहाड़ के प्राकृतिक वरदानों को सही तरह से प्रयोग करते हुए रोज़गार बढाने के बारे में सोचना पड़ेगा.  इस दृष्टि से पर्यटन उद्योग को बढाना ही श्रेयस्कर रहेगा. 

परन्तु प्रश्न यह है कि  कैसे बढेगा हमारा पर्यटन उद्योग.  अभी तक तों पर्यटन का मतलब, कम से कम दिल्ली वालों के लिए तों, देहरादून, मसूरी, नैनीताल जैसे बड़े शहर ही हैं.  इन बड़े शहरों का जितना विकास हो सकता था हो ही गया है, अच्छा या बुरा अलग बात है.  इनका जितना दोहन हो सकता था हो गया है और हो ही रहा है.  लेकिन सार्भोमिक विकास तों छोटी-छोटी जगहों का विकास करने से ही होगा.  इसलिए आज हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए पर्यटन को छोटी छोटी जगहों पर ले जाने की.  कैसे ले जायें पर्यटकों को छोटी छोटी जगहों पर?   इस प्रश्न का उत्तर  मिलेगा पर्यटकों की ही तरह सोच कर.

अमीर पर्यटक तों अपना पर्यटन-स्थल चुन ही लेते हैं पर उनकी संख्या छोटी होने के कारण स्थानीय लोगों को बहुत ज़्यादा फायदा नहीं होता.  इसलिए हमें सोचना पड़ेगा छोटे बजट के पर्यटकों के बारे में.  क्या चाहते हैं वो?  मेरी दृष्टि में छोटे बजट के लोग दो तरह के पर्यटन के बारे में सोचते हैं - धार्मिक और सस्ते.  धार्मिक पर्यटन चार धाम यात्रा भी बड़े पैमाने पर करवाती है और उस से उस खेत्र का विकास हो ही रहा है.  किंतु अभी बहुत से पर्यटक स्थल छोटी-छोटी जगहों पर हैं जिन्हें कोई पर्यटक नहीं मिलता.  बहुत सारे छोटे पर्यटक स्थल भी प्रकृति ने हमें प्रदान किए हुए हैं किंतु अभी तक वहाँ बड़े स्तर पर पर्यटन नहीं होता. 

सभी पर्यटक किसी भी प्राकृतिक स्थल पर प्रकृति की सुन्दरता के अतिरिक्त मूलभूत सुविधाएं भी चाहते हैं.  मैंने देखा है कि चाहे वो चकरोता (जौनसार-बावर), सेम-मुखेम तथा लम्ब गाँव (टेहरी गढ़वाल) हो या कि मानिला, जागेश्वर, धौलाछीना आदि हों, ये सभी स्थल प्राकृतिक सौंदर्य के होते हुए भी कोई सुविधा नहीं होने के कारण पर्यटकों के मानचित्र पर कहीं नहीं हैं.  मेरा मानना है कि इन जगहों पर सड़क, बिजली, ठहरने की जगहें, खाने-पीने की बेहतर सुविधाएं होना बहुत ही आवश्यक है. 

मेरा माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि इस दिशा में क्या करना है और कैसे करना है और हम कुछ कर भी सकते भी हैं या नहीं, सोचना पडेगा.  कृपया अपने विचार इस फॉरम पर रखें. 

नमस्कार

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #4 on: October 22, 2007, 12:50:30 PM »

Sundriyal Ji,

Thanx for sharing your views on the subject. As I mentioned in the starting we have huge potentiality of tourism. Govt should provide better facilities to the tourist places. Like easy access of road and other basic amenities. Presently, there are several tourist spots of UK, where we have not the road access. Rafting is also one of the attraction of tourism in UK, attention is required to be paid on this side also. So that it can lure the tourist further from different corners of the worlds.

Due to paucity of time,  I am writing in brief on the subject. Thanx. Once again for giving nice views on the subject particular using hindi. I will also revert on the subject later.






नमस्कार, ये विषय बहुत ही अच्छा चुना आपने.  यदि हम बात करें कि उत्तराखंड का विकास कैसे करें तों सबसे पहले हमें सोचना पड़ता है कि रोज़गार के अवसर कैसे बढें.  पहाड़ी भूमि पर बड़े उद्योग नहीं लग सकते इस लिए पहाड़ के प्राकृतिक वरदानों को सही तरह से प्रयोग करते हुए रोज़गार बढाने के बारे में सोचना पड़ेगा.  इस दृष्टि से पर्यटन उद्योग को बढाना ही श्रेयस्कर रहेगा. 

परन्तु प्रश्न यह है कि  कैसे बढेगा हमारा पर्यटन उद्योग.  अभी तक तों पर्यटन का मतलब, कम से कम दिल्ली वालों के लिए तों, देहरादून, मसूरी, नैनीताल जैसे बड़े शहर ही हैं.  इन बड़े शहरों का जितना विकास हो सकता था हो ही गया है, अच्छा या बुरा अलग बात है.  इनका जितना दोहन हो सकता था हो गया है और हो ही रहा है.  लेकिन सार्भोमिक विकास तों छोटी-छोटी जगहों का विकास करने से ही होगा.  इसलिए आज हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए पर्यटन को छोटी छोटी जगहों पर ले जाने की.  कैसे ले जायें पर्यटकों को छोटी छोटी जगहों पर?   इस प्रश्न का उत्तर  मिलेगा पर्यटकों की ही तरह सोच कर.

अमीर पर्यटक तों अपना पर्यटन-स्थल चुन ही लेते हैं पर उनकी संख्या छोटी होने के कारण स्थानीय लोगों को बहुत ज़्यादा फायदा नहीं होता.  इसलिए हमें सोचना पड़ेगा छोटे बजट के पर्यटकों के बारे में.  क्या चाहते हैं वो?  मेरी दृष्टि में छोटे बजट के लोग दो तरह के पर्यटन के बारे में सोचते हैं - धार्मिक और सस्ते.  धार्मिक पर्यटन चार धाम यात्रा भी बड़े पैमाने पर करवाती है और उस से उस खेत्र का विकास हो ही रहा है.  किंतु अभी बहुत से पर्यटक स्थल छोटी-छोटी जगहों पर हैं जिन्हें कोई पर्यटक नहीं मिलता.  बहुत सारे छोटे पर्यटक स्थल भी प्रकृति ने हमें प्रदान किए हुए हैं किंतु अभी तक वहाँ बड़े स्तर पर पर्यटन नहीं होता. 

सभी पर्यटक किसी भी प्राकृतिक स्थल पर प्रकृति की सुन्दरता के अतिरिक्त मूलभूत सुविधाएं भी चाहते हैं.  मैंने देखा है कि चाहे वो चकरोता (जौनसार-बावर), सेम-मुखेम तथा लम्ब गाँव (टेहरी गढ़वाल) हो या कि मानिला, जागेश्वर, धौलाछीना आदि हों, ये सभी स्थल प्राकृतिक सौंदर्य के होते हुए भी कोई सुविधा नहीं होने के कारण पर्यटकों के मानचित्र पर कहीं नहीं हैं.  मेरा मानना है कि इन जगहों पर सड़क, बिजली, ठहरने की जगहें, खाने-पीने की बेहतर सुविधाएं होना बहुत ही आवश्यक है. 

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नमस्कार

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #5 on: October 22, 2007, 02:00:31 PM »
Dear Sundariyal ji,

Aapne bahut hi achha prashna kiya hai. Jaisa ki ab hum dekh rahe hain dheere dheere accessiblity ke maamle main to Pahad main bahut kaam chal raha hai. Kaafi roads jo single lane thi double lane ki jaa rahi hain. Is maamle main humein bhi har 1 choti tourist spot ko publicize karna chahiye.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #6 on: October 31, 2007, 10:24:20 AM »

See the views of A K Anthony, Defience Minister of India.

........................................................................
Promote adventure sports among youth; Antony

New Delhi, Oct 30: Defence Minister A K Antony today called for promoting adventure sports among the youth.
Addressing the general body meeting of Nehru Institute of Mountaineering (NIM) at Uttarkashi in Uttarakhand, he lauded the institute for having played a major role in disaster management and relief.

Commending NIM for conducting specialised courses in search and rescue operations for persons not only from Defence, Paramilitary and Police forces but also individuals from all walks of life, he said its role in promoting adventure activities is praiseworthy.

He called upon the staff and instructors of the institute to make it a world class mountaineering institute. The Minister also inaugurated the new office complex of the Institute.

NIM principal Colonel M M Masur said, ''the institute, since its inception 43 years ago, has trained 18,324 nationals and 448 international mountaineers.'' Earlier, on his arrival at Uttarkashi helipad, Chief Minister Major General (retd) BC Khanduri received the Defence Minister, an official release said

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #7 on: October 31, 2007, 02:35:40 PM »

I feel there is huge scope of rafting in all the reasons in UK. This needs to promoted from Govt side.

Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #8 on: October 31, 2007, 04:14:43 PM »
Sure adventure tourism is the next big thing in tourism. Foreigners just love adventure tourism and it can bring a lot of revenue to the state.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Re: HOW TO PROMOTE TOURISM IN UTTARAKHAND ?
« Reply #9 on: October 31, 2007, 04:21:38 PM »

Sure sir.

Govt should provide facilites for tourist to reach such places. I have seen very good places of Rafting in Uk. Like Rishikesh, Bageshwar and many others places.

If Govt promotes such adenturous sports, tourism will definitly boost there .



Sure adventure tourism is the next big thing in tourism. Foreigners just love adventure tourism and it can bring a lot of revenue to the state.

 

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