I think.. now tough to stop migration.
पलायन का मन बना रहे ग्रामीण
Nov 09, 10:35 pm
बताएं
जाका, डीडीहाट : डीडीहाट क्षेत्र के अधिकांश गांवों में इन दिनों जंगली सुअरों और बंदरों का आतंक छाया हुआ है। ग्रामीणों का दिन बंदरों को भगाने तथा रात सुअरों को खदड़ने में बीत रही है। खेतों में फसलों और पेड़ों में फलों से हाथ धो रहे परेशान ग्रामीण गांव छोड़ने का मन बना रहे हैं।
डीडीहाट तहसील के हाट, थर्प, चौबाटी, भालूउडियार, गर्खा, सिंगाली, अस्कोट, तल्लाबगड़, कूटा जमतड़ी मुनस्यारी के तल्ला जोहार के भैंस्कोट, बांसबगड़ क दर्जनों गांवों में बंदरों और सुअरों का आतंक बना हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार दिन भर बंदरों की फौज गांवों में डेरा डाले हुए रहती है। बंदर घरों के अंदर घुस कर सामान ले जा रहे हैं। इस मौसम में इस क्षेत्र में संतरा, माल्टा, नींबू आदि तैयार फल बंदरों द्वारा उजाड़ दिये गये हैं।
बाराकोट गांव निवासी उन्नत काश्तकार दिनेश जोशी ने बताया कि बंदरों के आतंक के चलते कच्चे संतरे और माल्टा पेड़ों से तोड़ने पड़े हैं। इसके अलावा बीते दिनों खेतों में तैयार सोयाबीन बंदरों ने नष्ट कर दी थी। ऐसी हालत में क्षेत्र में कृषि और बागवानी को अलाभकारी बताते हुए इससे तौबा करने का निर्णय लिया है।
वहीं रात को सुअरों का आतंक रहता है। सुअरों द्वारा खेतों में तैयार अरबी साफ कर दी गई है। झुंडों में आने वाले सुअर रात को ही खेतों का हुलिया बिगाड़ रहे हैं। काश्तकारों द्वारा इसकी शिकायत प्रशासन और वन विभाग से किये जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाये जाने से ग्रामीण गांव छोड़ने का मन बना चुके हैं।
---------
विभागीय नियमावली में उलझे ग्रामीण
जंगली सूअर से निजात दिलाने की संबंध में वन विभाग का कहना है कि सुअरों से निजात पाने के लिये नाप खेतों में नुकसान करने वाले सुअरों को मारने के आदेश हैं, जिसके लिये ग्राम प्रधान द्वारा प्रमाणित आवेदन वन विभाग को सौंपा जायेगा। ग्रामीणों द्वारा तय शिकारी को विभाग अनुमति देगा। साथ ही शर्त भी रखी गई है कि सुअर नाप खेत में ही मारा जाना चाहिए। व्यावहारिक रुप से यह संभव नहीं है। जिस कारण उक्त आदेश जारी होने के बाद आज तक एक भी सुअर नहीं मारा जा सका है।
Dainik Jagran.