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Author Topic: Increasing Road Accidents In Uttarakhand - उत्तराखंड मे बढ़ती सड़क दुर्घटनायें  (Read 46784 times)

पंकज सिंह महर

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देहरादून, जागरण संवाददाता: पर्वतीय मार्गो पर बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शासन स्तर पर बड़ी-बड़ी योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन शायद ही ढंग से ये धरातल पर उतर पाती हों। उत्तरकाशी व कालाढूंगी में हुई बस दुर्घटनाओं ने परिवहन विभाग और पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। उत्तरकाशी हादसे में कार्रवाई के नाम पर दोनों विभागों ने एक-एक अधिकारी को दोषी करार देते हुए निलंबित कर अपनी खाल बचा ली है। अहम बात यह है कि परिवहन विभाग ने डीएम उत्तरकाशी की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर कार्रवाई की। उत्तरकाशी में हाल ही में हुई बस दुर्घटना के जो कारण बताए जा रहे हैं, उनमें ड्राइवर का कैसेट बदलने के दौरान स्टेयरिंग से नियंत्रण बिगड़ना और बस के पहाड़ से टकराने के बाद टायर फटना प्रमुख हंै। जो टायर फटा, वह घिसा हुआ था। उस पर रबड़ चढ़ाई गई थी। यात्रा मार्ग पर बसों में टेप रिकार्डर आदि पर प्रतिबंध हैं। ऐसे में यात्रा शुरू करने से लेकर रास्ते में पड़ने वाले विभिन्न चेकपोस्टों पर तैनात परिवहन कर्मियों और पुलिस कर्मियों ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया? दुर्घटना से पहले यह बस करीब आधे घंटे तक स्टैंड में खड़ी रही। इस दौरान भी किसी भी पुलिस कर्मचारी ने इसकी चेकिंग नहीं की। डीएम उत्तरकाशी ने इस हादसे के लिए पुलिस और परिवहन विभाग के एक-एक अधिकारी को सीधे तौर पर दोषी ठहराया था, मगर रिपोर्ट में दिए गए नामों में केवल कोतवाल उत्तरकाशी को ही निलंबित किया गया। दूसरे अधिकारी (एआरटीओ) पर विभाग ने अपने हिसाब से कार्रवाई कर डाली, जबकि डीएम ने रिपोर्ट में जिस अधिकारी के नाम का जिक्र था, उस पर कार्रवाई नहीं की गई। उधर, कालाढूंगी में हुई बस हादसे के मामले में पता चला कि जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई, उसे मिनी ट्रक से बनाया गया था। वह ऊधमसिंह नगर एआरटीओ कार्यालय में मिनी ट्रक के रूप में दर्ज थी। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से इसे बस का रूप दिया गया। पहाड़ पर हो रहे हादसों के लिए परिवहन विभाग को कम जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। विभाग द्वारा वाहन को ढंग से चेक किए बगैर फिटनेस जारी करना आम है। पुलिस भी अपने दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं है। पुलिस का काम स्टैंड और इधर-उधर खड़े वाहनों से सुविधा शुल्क लेना भर रह गया है। परिवहन विभाग हर दुर्घटना के बाद ही चेतकर कार्रवाई शुरू करता है, जो कुछ समय बाद ही ठंडे बस्ते में चली जाती है। हर सवाल पर विभागीय अधिकारियों का यही जवाब होता है अभी जांच चल रही है। इसके बाद दोषी पाए गए कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Regional
10 killed, 38 hurt in truck- bus smash
Dehradun (PTI): At least 10 people were killed and 38 injured when a truck carrying them collided with a bus at Nazarpura area of Haridwar on Sunday. While eight people died on the spot, two succumbed to injuries on their way to hospital, police said.

The truck was carrying 30 people. The injured having minor wounds have been admitted to a nearby hospital while four critically injured people have been referred to Doon Hospital here. The passengers of the Uttarakhand Roadways bus, which was going to Haridwar from New Delhi, however, escaped with minor injuries, police said.

Chief Minister B C Khanduri expressed grief over the accident and asked the district administration to provide good medical aid to the injured.


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पंकज सिंह महर

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निज प्रतिनिधि, कालाढूंगी: गड़प्पू बस हादसे को अभी पखवाड़ा भी नहीं बीता था, कि मंगलवार को नैनीताल रोड पर पर्यटकों की बस पलट गयी। इससे बस में सवार चालक-परिचालक सहित सभी 14 लोग घायल हो गये। इनमें नौ की हालत गंभीर है। सभी पर्यटक डांस ग्रुप के सदस्य हैं, जो आज ही दिल्ली से घूमने आये थे। पर्यटकों से भरी मिनी बस डीएल 1 जीए 5055 मंगलवार रात नैनीताल से दिल्ली के लिए लौट रही थी, कि प्रिया बैंड के पास संतुलन बिगड़ने से वह 25 फिट गहरी खाई में पलट गयी। इससे बस मंें सवार नेमका (22), स्वेता (19), राधिका मेहता (19),मेहताब (19), जेडिल (20),हर्ष (18),रंजन (29), चालक शील कुमार(53) व कुनाल चौपड़ा(25) गंभीर रूप से घायल हो गये। इसके अलावा परिचालक सहित छह अन्य यात्री भी घायल हुए हैं। सभी घायल दिल्ली की टीचर्स कालोनी के रहने वाले हैं।साथ ही सभी घायल दिल्ली के डांस ग्रुप के सदस्य हैं, जो आज सुबह ही नैनीताल घूमने आये थे और रात को वापस लौट रहे थे। बस पलटने की सूचना पुलिस को अन्य वाहनों से मिली। इससे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस 10 किलोमीटर दूर दुर्घटनास्थल पर पहुंच गयी। वहां से गंभीर घायलों को यहां देर रात स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। स्वास्थ्य केन्द्र में चालक शीलकुमार ने बताया कि नैनीताल से लौटते समय अचानक बैंड आने से उसने बस को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन ब्रेक नहीं लगे और बस पलट गयी। देर रात घायलों को हल्द्वानी रेफर करने की तैयारी की जा रही है।
 

पंकज सिंह महर

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टनकपुर, जागरण कार्यालय : यहां से करीब 20 किमी दूर सूखीढांग के पास परिवहन निगम की एक बस पर चट्टान गिर जाने से करीब डेढ़ दर्जन यात्रियों के मरने की आशंका है। हादसे में दर्जन भर यात्री घायल हो गये हंै। देर रात तक चार शवों को निकाल लिया गया था। बस में 34 यात्री सवार था। पिथौरागढ़ डिपो की बस संख्या यूए 07एल-9734 गुरुवार को थल से दिल्ली के लिए रवाना हुई। सायं करीब पांच बजे जब यह बस चंपावत जिले में सूखीढांग के पास अमरू बैंड पहुंची तो अचानक पहाड़ से मलवा व पत्थर बस के ऊपर आ गिरा, जिससे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। इस घटना में करीब डेढ़ दर्जन यात्रियों के मरने की आशंका है। ज्यादातर परिचालक सीट के पीछे बैठे यात्री इस हादसे के शिकार बने। हादसे में मरने वालों की तत्काल सही संख्या और उनके नाम ज्ञात नहीं हो सके। परिचालक किशन सिंह जमवाल निवासी चम्पावत का भी कोई पता नहीं चल पाया है। घटना स्थल दूर और रास्ता खराब होने की वजह से बचाव कार्य में दिक्कतें पेश आ रही हैं। घटना की सूचना मिलने पर डीएम हरिताश गुलशन, एसपी वीके कृष्ण कु मार समेत पुलिस व प्रशासन के तमाम अफसर घटना स्थल पर पहुंच गए। बस के अन्दर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए कटर मशीन से देर रात तक कार्य चल रहा था। इस दौरान बार-बार मलवा आने और रात्रि के कारण कार्य में बाधा आ रही थी।
 

पंकज सिंह महर

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सुखीढांग बस दुर्घटना
« Reply #74 on: July 18, 2008, 11:08:23 AM »

जागरण कार्यालय, टनकपुर (चंपावत): यहां से करीब 20 किमी दूर सूखीढांग के पास परिवहन निगम की बस पर चट्टान गिर जाने से करीब डेढ़ दर्जन यात्रियों के मरने की आशंका है। हादसे में दर्जन भर से अधिक यात्री घायल हो गये हंै। घायलों को टनकपुर संयुक्त अस्पताल लाया गया, जहां से दो यात्रियों को बाहर रेफर कर दिया गया। बस में चालक-परिचालक सहित कुल 36 लोग सवार थे। पिथौरागढ़ डिपो की बस संख्या यूए 07एल-9734 गुरुवार को थल से दिल्ली के लिए रवाना हुई। सायं करीब पांच बजे जब यह बस चंपावत जिले में सूखीढांग के पास अमरू बैंड पहुंची तो अचानक पहाड़ से मलवा व पत्थर बस के ऊपर आ गिरा, जिससे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। इस घटना में करीब डेढ़ दर्जन यात्रियों के मरने की आशंका है। परिचालक सीट के पीछे बैठे ज्यादातर यात्री इस हादसे के शिकार हुए। देर रात तक चार यात्रियों के शव निकाले जा चुके थे। हादसे में घायल दिनेश पाण्डेय पुत्र डीडी पाण्डेय (35) निवासी खनकोट पिथौरागढ़, अनूप पुत्र दिनेश पाण्डेय (4 वर्ष) निवासी पिथौरागढ़, आनंदी देवी पत्‍‌नी धन सिंह निवासी सिरकोट पिथौरागढ़, चालक नारायण सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह (31) निवासी नई बस्ती टनकपुर, आनंद सिंह बिष्ट पुत्र राम सिंह बिष्ट (23) निवासी सिरकोट पिथौरागढ़, खुशाल सिंह पुत्र केसर सिंह (49) निवासी भटेड़ी पिथौरागढ़, रविन्द्र सिंह पुत्र नारायण सिंह (25) निवासी पइयापौड़ी धारचूला पिथौरागढ़, होशियार सिंह पुत्र मोहन सिंह (21) निवासी खर्कलोहानी पिथौरागढ़, शांती पत्‍‌नी खुशाल सिंह (39) निवासी भटेड़ी पिथौरागढ़, बीकानेर में तैनात बीएसएफ जवान प्रयाग दत्त भट्ट पुत्र बीर दत्त (31) निवासी जौलजीवी पिथौरागढ़ व उनकी पत्‍‌नी वैजयंती (26) को संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि मेलखेत पिथौरागढ़ निवासी 6 वर्षीय हिमांशु जोशी को चंपावत जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल खुशाल सिंह व दिनेश पाण्डेय को रेफर कर दिया गया है। हादसे में मरने वालों की तत्काल सही संख्या और उनके नाम ज्ञात नहीं हो सके थे। बस से चार शव निकाले जा चुके हैं, लेकिन इनके भी नाम-पते ज्ञात नहीं चल सके हैं। परिचालक किशन सिंह जमवाल निवासी चम्पावत का भी कोई पता नहीं चल पाया है। घटना स्थल दूर और बार-बार मलवा आने से बचाव कार्य में दिक्कतें पेश आ रही हैं। रात्रि करीब 11 बजे वर्षा भी शुरू हो गई, जिससे काम और मुश्किल हो गया। दुर्घटना की सूचना मिलने पर डीएम हरिताश गुलशन, एसपी वीके कृष्ण कु मार, एसडीएम जेएस नगन्याल, सीओ एचसी सती, थानाध्यक्ष नरेश चन्द, परिवहन निगम के आरएम कुशी राम घटना स्थल पर पहुंच गए। बस के अन्दर मलवे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए कटर मशीन से देर रात तक कार्य चल रहा था। मार्ग पर यातायात बंद है।


 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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every year almost 1000 lose their life in acccidents.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Road, railway accidents alarmingly high in Uttarakhand
Sat, Jul 19 01:20 AM

Here's a warning for reckless drivers in Uttarakhand. Statistics show the chances of getting killed in road accidents in the hill state are much higher than in most other parts of the country.

The latest report on accidental deaths in 2006 prepared by the National Crime Records Bureau say road accident deaths comprised 54.6 per cent of all unnatural deaths in Uttarakhand - much higher that the national figure of 36.1 per cent. Of the total 1058 traffic-accident related deaths in the state in 2006, 975 were due to road accidents while railway accidents claimed 78 lives.

Expectedly, accidents involving buses and trucks were responsible for most of these deaths. Significantly, while the rate of deaths per hundred accidents was just 26.8 per cent in the country, in Uttarakhand the figure stood at 66.7 per cent, the sixth highest after Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Punjab and Sikkim.

The report shows 248 persons were killed in truck accidents, 181 in accidents involving buses, 44 in tempos, 95 each while traveling in jeeps and cars and 94 while riding two wheelers. Bicycle accidents claimed nine lives and 26 pedestrians also died during the year.

The total number of accident deaths in Uttarakhand from both natural and unnatural causes stood at 1,855 in 2006, which is a 7.8 per cent increase from 1,720 in 2005. Of the unnatural causes, 105 died due to food poisoning or accidental intake of chemicals.

Drowning accounted for 99 deaths followed by fall from height with 77 casualties. Twelve persons died in house or building collapse, 53 were electrocuted, 11 died in gas cylinder explosions and 14 lost their lives after falling in pits and manholes.

It was worth noting that of the 25 deaths reported due to fire from gas cylinders and stoves, 16 were women and only 9 men. Three persons died due to fire from short circuits and 47 others from different fire accidents.


हेम पन्त

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एक और दुर्घटना

देहरादून। उत्तराखंड के चंपावत जिले में बृहस्पतिावार शाम एक सरकारी बस पर पहाड़ से पत्थर गिरने से 17 यात्रियों की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए।

चंपावत जिला कलेक्टर हरितास गुलशन ने बताया कि ये सभी यात्री पिथोरागढ़ जिले के हैं। आज सुबह पांच बजे तक सभी 17 शव बरामद कर लिए गए। घायलों में से दो की हालत गंभीर है और सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि कल शाम पिथौरागढ़ डिपो की बस थल कस्बे से दिल्ली जा रही थी, तब ही टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अमरु बैड के पास पहाड़ पर से बडे़-बडे़ पत्थर गिरने लगे जिससे बस का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। बस में ड्राइवर और कंडक्टर सहित 36 लोग थे। इनमें से बीस लोगों को घायल अवस्था में निकाला गया था, लेकिन इनमें से एक ने बाद में अस्पताल ले जाते समय दमतोड़ दिया। शेष सभी 16 लोगों के शव आज सुबह पांच बजे तक बाहर निकाल लिए गए थे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Somewhere is nature but most of time, acccident have taken place due to human errors.


एक और दुर्घटना

देहरादून। उत्तराखंड के चंपावत जिले में बृहस्पतिावार शाम एक सरकारी बस पर पहाड़ से पत्थर गिरने से 17 यात्रियों की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए।

चंपावत जिला कलेक्टर हरितास गुलशन ने बताया कि ये सभी यात्री पिथोरागढ़ जिले के हैं। आज सुबह पांच बजे तक सभी 17 शव बरामद कर लिए गए। घायलों में से दो की हालत गंभीर है और सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि कल शाम पिथौरागढ़ डिपो की बस थल कस्बे से दिल्ली जा रही थी, तब ही टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अमरु बैड के पास पहाड़ पर से बडे़-बडे़ पत्थर गिरने लगे जिससे बस का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। बस में ड्राइवर और कंडक्टर सहित 36 लोग थे। इनमें से बीस लोगों को घायल अवस्था में निकाला गया था, लेकिन इनमें से एक ने बाद में अस्पताल ले जाते समय दमतोड़ दिया। शेष सभी 16 लोगों के शव आज सुबह पांच बजे तक बाहर निकाल लिए गए थे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मिनी बस खाई में गिरी, 14 की मौत

उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम से हरिद्वार जा रही सीमांत सहकारी संघ चमोली की मिनी बस सुक्की मोड़ के पास अनियंत्रित होकर आठ सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना में मौके पर ही 13 यात्रियों की मौत हो गई जबकि एक की मृत्यु चिकित्सालय में हुई। गंभीर रूप से घायल पांच यात्री जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। बस में सवार अधिकांश यात्री गुजरात के थे।

मुख्यालय से करीब 66 किमी दूर सुक्की मोड़ के पास सहकारी संघ चमोली की मिनी बस अनियंत्रित होकर करीब आठ सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। वाहन में सवार 19 यात्रियों में से 13 की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि छह यात्रियों को गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय लाया गया। घायलों में पंचायती चौक राजकोट निवासी एक ही परिवार के तीन सदस्य जगदीश जदली (41), उसकी पत्‍‌नी गीता जदली (35) व सास रजया बेन (59) गंभीर हालत में हैं। इसके अलावा नया बाजार कानपुर (उप्र) निवासी सुरजीत सिंह (28) पुत्र संतोष कुमार, परिचालक कोप्ती, चमोली (उत्तराखंड) निवासी मान सिंह व एक अन्य गंभीर घायल को जिला चिकित्सालय लाया गया। इनमें से एक घायल यात्री सुरजीत सिंह की बाद में चिकित्सालय में मृत्यु हो गई। पुलिस अधीक्षक नीलेश आनंद भरणे गंगोत्री की ओर जा रहे थे कि अचानक उन्हें वाहन पलटता नजर आया। पुलिस कर्मियों ने तत्काल बचाव कार्य शुरू कर दिए। हर्षिल आर्मी विंग, आईटीबीपी, एनटीपीसी व स्थानीय लोग भी दुर्घटना के कुछ देर बाद मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि करीब आठ सौ फीट ऊंचाई से गिरे इस वाहन के परखच्चे उड़ गए हैं। दुर्घटना में मृत यात्रियों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूड़ी ने मृतक परिजनों को 50-50 हजार व गंभीर घायलों को 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की

 

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