मेहता जी,
बहुत ही अच्छा विषय आपने हमारे समक्ष रखा है, आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिये हमारे सत्त्ता तंत्र को दृढ़ विश्वास के साथ पूरी ईमानदारी से कार्य करना होगा. जो संसाधन हमारे पास उपलब्ध हैं, उनका सही दोहन और विपणन भी करना होगा. ऊर्जा के लिये पानी का हमारे पास असीमित भंडार है, पर्यटन और तीर्थाटन भी अपनी अग्रणी भूमिका दे ही रहा है, जड़ी बूटी के संवर्धन और उचित दोहन व विपणन के लिये भी सरकार को सही इच्छा शक्ति के साथ कार्य करना होगा.
सबसे बड़ी बात यह है कि जो संसाधन हमारे पास हैं, उनका उचित दोहन हो, तो आत्मनिर्भर तो छोटी बात है, उत्तराखण्ड देश का अग्रणी राज्य बन सकता है..!