सामुदायिक रेडियो बनेगा आम आदमी की आवाजJul 19, 10:29 pm
चम्बा (टिहरी गढ़वाल)।
आम आदमी के लिए संचार माध्यमों में रेडियो आज भी सबसे सस्ता व सुलभ साधन है। अभी तक लोग आल इंडिया और एफएम रेडियो चैनलों को सुनते आए हैं, लेकिन अब इन सबसे अलग सामुदायिक रेडियो आम आदमी की आवाज बनता जा रहा है।
देश के दूसरे राज्यों में इस प्रकार के कई सामुदायिक रेडियो केंद्र कार्य कर रहे हैं। उत्तराखंड के चम्बा नगर में स्थित सामुदायिक रेडियो हेंवलवाणी प्रदेश का पहला रेडियो स्टेशन है जो विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों में लोकप्रिय हो रहा है। इस रेडियो को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कार्यक्रमों के विधिवत प्रसारण का लाइसेंस भी मिल गया है। तीन माह बाद सामुदायिक रेडियो विधिवत कार्य करना शुरू कर देगा। हेंवलवाणी के स्टेशन मैनेजर दर्मियान राणा ने बताया कि हेंवलवाणी रेडियो अब तक दर्जनों विषयों पर सैकड़ों रेडियो कार्यक्रम बनाकर केवल कास्टिंग व नेरोकास्टिंग के माध्यम से उनका प्रसारण कर रहा है। ये कार्यक्रम स्थानीय बोली, भाषा, गीत-संगीत, रीति-रिवाज, खेती-बाड़ी, पशुपालन और विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर बनाए जाते है जो जनता के सुझाव व उनकी आवाज में तैयार किए जाते हैं। इस तरह रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से मौसम के हालचाल, बाजार की स्थिति व सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी रेडियो द्वारा दी जाती है। यूं तो सामुदायिक रेडियो की स्थापना 16 नवम्बर 2007 में हुई थी। जब हेंवलघाटी के कुछ रचनाधर्मी युवकों ने दूसरे देशों में चल रहे इस तरह के रेडियो केंद्रों से प्रेरणा लेकर कार्य करना शुरू किया। भारत सरकार ने ऐसे सामुदायिक रेडियो को लाइसेंस देने के लिए नवम्बर 2005 में अपनी मंजूरी दी है। बीते ढाई दशक पूर्व यूनेस्कों ने आम संचार के साधनों में अनुसंधान किया और पाया कि जो प्रचलित संचार माध्यम है। उसमें समुदाय क्या चाहता है उसको महत्व नहीं दिया जाता। उस क्षेत्र, समुदाय, वर्ग के लोग जो जानकारी चाहते हैं वह इन माध्यमों से नहीं मिल पाती, इसलिए यूनेस्को ने सर्व प्रथम 1982 में अफ्रीका में सामुदायिक रेडियो की स्थापना की। सामुदायिक रेडियो एक क्षेत्र विशेष का रेडियो है, जिसका दायरा 10 से 150 किमी हवाई दूरी तक है, इसके अंतर्गत जितने गांव कस्बे व नगर आएंगे, वही इसके स्रोत होंगे। सामुदायिक रेडियो हेंवलवाणी से जुड़े लोग अपने लिए उपयोगी जानकारी व ज्ञान जुटा रहे हैं। सामुदायिक रेडियो हेंवलवाणी से जुड़े राजेन्द्र नेगी, रवि गुसांई, आरती बिष्ट, नीलम पुंडीर, कल्पना रावत, प्रदीप कोठारी, आशीष डबराल जैसे दर्जनों युवा अपने सपने रेडियो के माध्यम से साकार करना चाहते