Author Topic: Major Development News Of Uttarakhand - उत्तराखंड के विकास की प्रमुख खबरे  (Read 267882 times)

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विकास कार्यो में तेजी लाएं अधिकारी: डीएम

नई टिहरी गढ़वाल। जिलाधिकारी सचिन कुर्वे ने अधिकारियों को विकास कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आंगनबाड़ी , स्कूल व राशन की दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट एसडीएम से तलब की है।

मासिक समीक्षा बैठक लेते हुए जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करने के साथ ही भूकंप राहत धनराशि के वितरण के लिए भी कलेंडर बनाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दैवीय आपदा का मुआवजा तत्काल वितरित करने को कहा गया है। उन्होंने कहा है कि पटवारी चौकी में नियमित तौर पर बैठें। चौकी में न बैठने वाले पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक में बताया गया कि सूखा राहत मद में 2 करोड़ 21 लाख की धनराशि वितरित की गई है। वहीं दूसरी ओर खाद्यान्न विभाग की समीक्षा बैठक लेते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को गांव-गांव तक राशन पहुंचाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आंतरिक गोदामों से कितना राशन उठाया गया और राशन की दुकान तक किना पहुंचा, इसका रजिस्टर तैयार किया जाए और इसका राजस्व विभाग के माध्यम से क्रास वेरीफिकेशन व भौतिक सत्यापन कर लिया जाए। राशन की उठान व राशन की दुकान तक का स्टाक विवरण के लिए पूर्ति अधिकारी नोडल अधिकारी बनाया गया जो प्रति माह स्टाफ बैठक में जिलाधिकारी से सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करेगें। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी टिहरी हरक सिंह रावत, धनोल्टी अनिल सिंह, नरेन्द्रनगर जीएस रावत, प्रतापनगर मायादत्त जोशी, सीओ हरीश कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी निधि रावत, जिला शिक्षाधिकारी गीता नौटियाल, अधिशासी अधिकारी जल संस्थान जीबी डिमरी आदि उपस्थित थे।

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राज्य को आयुष प्रदेश बनायेंगे: निशंक


हरिद्वार। केंद्रीय संचार एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री गुरुदास कामथ ने सोमवार को पतंजलि आयुर्वेद विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिवस पर महर्षि पतंजलि का चित्रयुक्त डाक टिकट जारी किया। टिकट का मूल्य पांच रुपये निर्धारित किया गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ के जरिये योग का पैगाम पूरे देश में जा रहा है। औषधीय पौधा दिवस के मौके पर महर्षि पतंजलि पर डाक टिकट जारी कर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है।

इस अवसर पर मौजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने की घोषणा की। उन्होंने आचार्य बालकृष्ण को तपस्वी, योगी, साधक बताते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार उनके इस अभियान को सफल बनाने के लिए चार अगस्त को हर साल जड़ी बूटी दिवस मनाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि चरक, कालीदास, राजा भरत, वेद व्यास, सुश्रुत और ऋषि मुनियों की जन्म व कर्मस्थली है। यहां पर ऋषि मुनियों ने तपस्या कर मानव जीवन को निरोगी बनाने के लिए औषधियों की खोज की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जड़ी बूटी की खेती को बढ़ावा देने का हरसंभव प्रयास करेगी। इस मौके पर उत्तराखंड सरकार व पतंजलि योगपीठ के बीच जड़ी बूटी कृषिकरण को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। इसके मुताबिक पतंजलि योगपीठ किसानों को जड़ी बूटी उत्पादन में सहयोग करेगी और बदले में सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर जड़ी बूटी की खरीद भी उनसे करेगी। इस समझौते पर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और योगपीठ की ओर से आचार्य बालकृष्ण ने हस्ताक्षर किये। मुख्यमंत्री निशंक ने कहा कि सरकार समर्थन मूल्य के विषय में शीघ्र ही विचार करेगी। इस मौके पर योगगुरु स्वामी रामदेव ने भी प्रदेश में जड़ी बूटी की खेती को प्रोत्साहन दिये जाने की हिमायत की। कार्यक्रम के दौरान स्वामी रामदेव द्वारा रचित पुस्तक 'संपूर्ण आजादी का शंखनाद' का विमोचन भी केंद्रीय राज्यमंत्री, मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री और कृषि मंत्री ने किया। मुख्यमंत्री ने पुस्तक के रचयिता स्वामी रामदेव के प्रयासों की प्रशंसा की। कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद मुनि भी मौजूद रहे।

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उत्तराखंड ने की विशेष औद्योगिक पैकेज की मांग

नयी दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्र से 2020 तक के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज 2020 उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा से मुलाकात में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए घोषित पैकेज की तर्ज पर उत्तराखंड को भी 2020 तक के लिए पैकेज दिया जाए।
राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के मुताबिक निशंक ने कहा कि मार्च 2003 में केंद्र सरकार ने पर्वतीय राज्य को वर्ष 2013 तक विशेष औद्योगिक पैकेज दिया था। लेकिन बाद में इसकी अवधि घटाकर 2010 कर दी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति पूर्वोत्तर राज्यों की तरह ही है। अत: पूर्वोत्तर राज्यों की तरह राज्य को विशेष औद्योगिक पैकेज 2020 तक उपलब्ध कराया जाए।’’ विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से वर्ष 2009-10 में राज्य पर 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ा है। उन्होंने केंद्र से इस वित्तीय भार का प्रतिपूर्ति किये जाने का भी अनुरोध किया।

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मुख्यमंत्री , रमेश पोखरियाल निशंक , देहरादून , औद्योगिक पैकेज



देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज राज्य को मिले विशेष औद्योगिक पैकेज की अवधि को 2020 तक बढाने की मांग की और कहा कि यह इस राज्य के विकास के लिए अति आवश्यक है
निशंक विधानसभा में वर्ष 2009-10 के लिए बजट पर हुई चर्चा के बाद आज सदन मे बोल रहे थे ।
उन्होंने कहा कि जेंडर बजट के तहत महिलाओं के कल्याण के लिये 1025 करोड़ रुपये, आपदा प्रबंधन के लिए एक करोड़ रुपये, स्वतंत्रता सेनानियों के पेंशन और अन्य मदों के लिये 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है ।
निशंक ने कहा कि राज्य के पंत नगर में स्थापित टाटा मोटर निर्माण से 200 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का टैक्स मिलेगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में डाक्टरों की कमी की पूर्ति के लिए ठेके पर डाक्टरों की नियुक्ति की है ।
उन्होंने कहा कि राज्य में और अधिक डाक्टरों की नियुक्ति के लिए राज्य लोक सेवा आयोग से आग्रह किया गया है । निशंक ने कहा कि उत्तराखंड में सैनिकों की संख्या अधिक है । राज्य सरकार ने पूर्व सैनिक कल्याण निगम के माध्यम से अब तक 6680 पूर्व सैनिकों को विभिन्न विभागों मे नौकरी दी है।

 

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आपदा: मसूरी-नैनीताल में नहीं लग सके रडार

देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा से हर साल जान-माल का भारी नुकसान होने के बावजूद राज्य सरकार नहीं चेती। लापरवाही का अंदाजा इससे लग सकता है कि बरसात में बादल फटने व अतिवृष्टि के अंदेशे का पहले ही पता लगाने को केंद्रीय मौसम विभाग की ओर से मसूरी व नैनीताल में मंजूर रडारों को लगाने के लिए राज्य ने जमीन तक मुहैया नहीं कराई है।

हर साल आपदा के बाद घड़ियाली आंसू बहाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। विशेषकर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाला नुकसान रोकने को राज्य और केंद्र की सरकारें अब तक ठोस कदम नहीं उठा पाई हैं। राज्य मौसम केंद्र की ओर से आपदा विशेष रूप से क्लाउड बस्रि्टग और अतिवृष्टि के बारे में जानकारी के लिए जरूरी बंदोबस्त के संबंध में राज्य सरकार को बाकायदा प्रस्ताव सौंपा है। केंद्र ने राज्य में तीन स्थानों मसूरी, पिथौरागढ़ व नैनीताल में रडारों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से पैरवी की। मसूरी के जरिए राज्य के वेस्टर्न, पिथौरागढ़ से ईस्टर्न व नैनीताल से सेंट्रल एरिया में उक्त रडारों की मदद से क्लाउड बस्रि्टग व हाई इंटेसिटी रेनफाल की करीब घंटा भर पहले जानकारी हासिल की जा सकती है। ऐसी स्थिति में प्रभावित इलाकों के लोगों को आपदा से बचाने के लिए सूचना मुहैया कराई जा सकती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बची सिंह रावत के केंद्र में एनडीए सरकार के समय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री रहते हुए भी उत्तराखंड को रडारों के लिए जमीन नहीं मिल पाई। राज्य की निर्वाचित सरकारें भी इस मुद्दे पर सोई रही। आपदा प्रबंधन में रडारों की मदद से अब तक जानमाल के नुकसान को कम करने में काफी हद तक कामयाबी मिलती। साथ ही आल वेदर कम्युनिकेशन सिस्टम विकसित करने की दिशा में राज्य के कदम कुछ आगे बढ़ते। राज्य मौसम केंद्र निदेशक डा. आनंद कुमार शर्मा के मुताबिक मसूरी और नैनीताल के लिए दो रडार मंजूर किए जा चुके हैं। इन्हें लगाने के लिए राज्य सरकार ने जमीन मुहैया नहीं कराई है। मौसम केंद्र तमाम पत्रजात सरकार को सौंप चुका है। इस उत्तराखंड में आल वेदर कम्युनिकेशन सिस्टम विकसित करने की जरूरत है।

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http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5690354.html


नंदा देवी महोत्सव की तैयारियां तेज
नैनीताल। धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध सरोवरनगरी के नंदा देवी महोत्सव की तैयारियां तेज हो गई है। महोत्सव को सफल बनाने के लिए आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा द्वारा 25 समितियों का गठन कर दिया गया है। इस साल कदली वृक्ष फगुनियांखेत से लाया जाएगा। महोत्सव का उद्घाटन 25 अगस्त को पंचमी के दिन होगा। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए राज्य की सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी।

शनिवार को श्रीराम सेवक सभा भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में महोत्सव की तैयारियों की जानकारी दी गई। आयोजक संस्था के सचिव व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी ने बताया कि महोत्सव को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई है। महोत्सव के दौरान शहर को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। रात्रि में सांस्कृतिक दलों द्वारा स्थानीय लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रमों से जनता को रूबरू कराया जाएगा। महोत्सव की व्यवस्थाओं के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा।

महोत्सव को सफल बनाने के लिए 25 समितियों का गठन किया गया है। शहर के सभी संगठनों व स्कूलों का भी सहयोग लिया जा रहा है। इस बार कदली वृक्ष फगुनियांखेत से लाया जाएगा। महोत्सव में लगने वाली दुकानों की नीलामी 27 अगस्त को होगी।

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जिले में विकास कार्यो की गति तेज की जाएगी: बगौली


Aug 10, 10:31 pm
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नैनीताल। नवनियुक्त जिलाधिकारी शैलेश बगौली ने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ करने के साथ ही विकास कार्यो की गति तेज की जाएगी। कार्यभार ग्रहण करने के बाद सोमवार को वह अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने ट्रेजरी का निरीक्षण किया।

वर्ष 2002 बैच के आईएएस अधिकारी शैलेश बगौली नैनीताल में जिलाधिकारी की कुर्सी संभालने से पूर्व पौड़ी, हरिद्वार, बागेश्वर में भी बतौर जिलाधिकारी कार्य कर चुके है। इसके अलावा वह चमोली में मुख्य विकास अधिकारी के बतौर भी तैनात रह चुके है। सोमवार को डीएम कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में श्री बगौली ने कहा कि नये राज्य में जनता की अपेक्षाएं काफी बढ़ गयी है। ऐसे में विकास कार्यो की गति को तेजी प्रदान करने की जरूरत है। बतौर जिलाधिकारी प्राथमिकताएं गिनाते हुए श्री बगौली ने कहा कि जनपद में कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाए रखना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही जिले में विकास कार्यो को तेजी प्रदान की जाएगी। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को पहुंचाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि नैनीताल जनपद पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में बंटा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक मशीनरी को चुस्त-दुरूस्त बनाया जाएगा। उन्होंने सभी विभागों से आपसी सामंजस्य बनाते हुए शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का आह्वान किया। इससे पूर्व श्री बगौली ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित ट्रेजरी का निरीक्षण किया। तत्पश्चात जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक के साथ उन्हे जरूरी टिप्स दिए।
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पांच करोड़ 97 लाख का प्रस्ताव पास

उत्तरकाशी। जिला पंचायत ने 5 करोड़ 97 लाख 37 हजार की धनराशि का प्रस्ताव पास कर दिया है। प्रस्तावित धनराशि में से 2 करोड़ 78 लाख 35 हजार रुपए कृषि पर खर्च किया जाएगा।

जिले की कृषि योजना जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में पारित कर दी गई है। इस योजना में प्रस्तावित धनराशि का एक बड़ा भाग कृषि योजनाओं पर खर्च होगा। इसके अलावा 8 पशुपालन 58 लाख 20 हजार, उद्यान के लिए 30 लाख 30 हजार, औषधीय पौधों के लिए 14 लाख 90 हजार, कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ 8 लाख 80 हजार, सेरीकल्चर 11 लाख 48 हजार, लघु सिंचाई हेतु 59 लाख 52 हजार, मत्स्य 5 लाख 35 हजार, सहकारिता के लिए 36 लाख 47 हजार, हार्क 41 लाख 50 हजार, एटीआई 42 लाख 32 हजार व उत्तराखंड कृषि उत्पाद मण्डी परिषद के लिए 50.00 लाख रुपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है।

बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के राज्य सलाहकार बीपी मैठाणी ने बताया कि भारत सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में कृषि की विकास दर वर्तमान 2.30 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के स्तर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए सरकार ने कृषि निवेश बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय कृषि विकास योजना प्रारंभ की है। इस योजना के अंतर्गत राय सरकारों को कृषि विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि दिए जाने का प्राविधान है।

बैठक में ब्लाक प्रमुख डुण्डा वरदेई रावत, ब्लाक प्रमुख चिन्यालीसौड़ बलवीर सिंह बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य रणवीर सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी देवेन्द्र सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.अविनाश आंनद, जिला उद्यान अधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5701518_1.html

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Himachal, Uttarakhand in togehter tap hydel ...

Shimla: Joint efforts would be made by the Himachal Pradesh and Uttarakhand governments to exploit available hydel potential in the two states, besides cooperating in all matters of mutual interest. This was disclosed by Chief Minister Prem Kumar Dhumalin a meeting held here last evening with his Uttarakhand counterpart Dr Ramesh Pokhriyal.

Satluj Jal Vidyut Nigam Ltd (SJVNL), a joint venture of the Union government and Himachal, has already undertaken execution of three hydro electric projects (HEP) in Uttarakhand. 252 MW Debsari, 60 MW Natwar Mori and 35 MW Utyashar projects have been allocated to SJVNL for execution in Uttarakhand and construction is likely to be started in near future.

Dhumal assured all possible help for exploitation of hydel potential to his counterpart so that Uttarakhand could also avail the expertise of the State. Pokhriyal said that his government was interested in entering into the joint venture for HEP and also in other sectors of public interest. He evinced keen interest in the presentation given by SJVNL about the hydel potential being exploited by them in Uttarakhand.


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पिथौरागढ़ में 4.70 करोड़ से बनेंगे पांच हेलीपैड


-धनराशि मंजूर, कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश पिथौरागढ़: जिले में पांच हेलीपैड निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। प्रदेश के उड्डयन विभाग ने इसके लिए 469.35 लाख रुपये की धनराशि भी स्वीकृति कर दी है। हेलीपेड जिले की पांच तहसीलों में बनाये जायेंगे। जिलाधिकारी ने संबंधित तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिये हैं। प्रस्तावित हेलीपैड धारचूला तहसील के राजकीय इण्टर कालेज, मुनस्यारी के राजकीय इण्टर कालेज, गंगोलीहाट के पूर्व माध्यमिक विद्यालय दशाईथल तथा डीडीहाट व बेरीनाग में बनाये जाने हैं। हेलीपैडों के निर्माण के लिए शुक्रवार को मुख्यालय पर हुई बैठक में डीएम एनएस नेगी ने बताया कि गंगोलीहाट, धारचूला और मुनस्यारी तहसीलों में हेलीपैडों का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ करा दिया जायेगा। बेरीनाग में प्रस्तावित भूमि के विवादित होने और डीडीहाट में चयनित भूमि के वन भूमि होने के कारण इन स्थानों पर हेलीपैड निर्माण में बिलम्ब हो सकती है। धारचूला, मुनस्यारी और गंगोलीहाट में प्रस्तावित हेलीपैड विद्यालयों के खेल मैदान में बनाये जाने हैं। उन्होंने जिला शिक्षाधिकारी को शीघ्र अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। बैठक में संबंधित तहसीलों के उपजिलाधिकारियों के साथ कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक भी मौजूद थे।

http://pahar1.blogspot.com/2009/08/470.html

 

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