Author Topic: Major Development News Of Uttarakhand - उत्तराखंड के विकास की प्रमुख खबरे  (Read 267834 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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सस्ती फीस में बीएड की पढ़ाई में होगी देरी
 Aug 25, 11:24 pm



देहरादून। सरकारी व सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों में बीएड की सस्ती सीटों पर नए सत्र में दाखिला प्रक्रिया गड़बड़ा गई है। प्रवेश परीक्षा नहीं होने से सत्र ही शुरू नहीं हो पाया। उधर, प्राइवेट कालेजों में बीएड का सत्र एक साल पीछे खिसक गया है।

सूबे में बीएड समेत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले से लेकर वार्षिक परीक्षा तक सत्र में देरी होना आम समस्या हो गई है। इसकी चपेट में पहली बार वे कालेज भी आएंगे, जिनमें अब तक सत्र समय पर खत्म हुआ है। केंद्रीय विवि बनने के बाद हेमवतीनंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि ने नए सत्र 2009-10 के लिए निजी बीएड कालेजों की संबद्धता जारी रखने का निर्णय तो लिया है पर प्रवेश परीक्षा के बारे में फैसला नहीं किया है। इससे गढ़वाल मंडल के विभिन्न कालेजों में साढ़े तीन हजार रुपये की सस्ती फीस पर बीएड की पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हुई। ऐसी तकरीबन 550 सीटों हैं। विवि अभी तक सत्र 2008-09 के दाखिलों में उलझा हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर विवि 44 प्राइवेट बीएड कालेजों में मैनेजमेंट कोटे की सीटों पर दाखिले को मेरिट सूची जारी करने में जुटा है। फिर दाखिला प्रक्रिया तकरीबन हफ्तेभर जारी रहेगी। बीते सत्र के लिए करीब दो माह पहले ही स्टेट कोटे की सीटों के लिए विवि को मेरिट सूची जारी करनी पड़ी थी।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5733732_1.html

purushotamsati

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Tehri Hydroelectric Development Corporation Ltd, the joint venture of the Central and Uttar Pradesh governments, has approached the ministry of power for allocation of all the hydropower projects located in the Dhauliganga river basin. The 82-km long Dhauliganga river, an important tributary of the Ganga, merges with Alakananda river at Vishnuprayag in Uttarakhand.
According to THDC, integrated development of the Dhauliganga river basin by just one developer would be beneficial as it would result in economies of scale i.e. recovery of costs incurred on infrastructure works. Besides, it would also help optimise operations of the cascade powerhouses in terms of water regulation, silt control, and catchment area treatment.
In order to develop the river basin in a cascade and integrated manner, some downstream projects, such as the 240-mw Chungar Chal, 230-mw Sela Urthing and 280-mw Urthing Sobla, it was necessary to allot the project to a single developer, THDC noted. The corporation asked the power ministry to recommend the allotment of the above projects to the utility as it had also been allotted the 330-mw Bokang Bailing HEP in the river basin. THDC has already placed this request before the Uttarakhand government. 
Meanwhile, the corporation has conducted a reconnaissance survey for spot assessment of the Bokang Bailing HEP site. A THDC team found that the project area lay in a tough location and would be executable under extreme weather, topographical and infrastructural conditions. Bokang Bailing project, being the uppermost project, would require necessary infrastructure like roads and bridges before project work commences. This infrastructure can then also be used by the other downstream projects if developed by THDC

purushotamsati

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Tehri Hydroelectric Development Corporation Ltd, the joint venture of the Central and Uttar Pradesh governments, has approached the ministry of power for allocation of all the hydropower projects located in the Dhauliganga river basin. The 82-km long Dhauliganga river, an important tributary of the Ganga, merges with Alakananda river at Vishnuprayag in Uttarakhand.
According to THDC, integrated development of the Dhauliganga river basin by just one developer would be beneficial as it would result in economies of scale i.e. recovery of costs incurred on infrastructure works. Besides, it would also help optimise operations of the cascade powerhouses in terms of water regulation, silt control, and catchment area treatment.
In order to develop the river basin in a cascade and integrated manner, some downstream projects, such as the 240-mw Chungar Chal, 230-mw Sela Urthing and 280-mw Urthing Sobla, it was necessary to allot the project to a single developer, THDC noted. The corporation asked the power ministry to recommend the allotment of the above projects to the utility as it had also been allotted the 330-mw Bokang Bailing HEP in the river basin. THDC has already placed this request before the Uttarakhand government. 
Meanwhile, the corporation has conducted a reconnaissance survey for spot assessment of the Bokang Bailing HEP site. A THDC team found that the project area lay in a tough location and would be executable under extreme weather, topographical and infrastructural conditions. Bokang Bailing project, being the uppermost project, would require necessary infrastructure like roads and bridges before project work commences. This infrastructure can then also be used by the other downstream projects if developed by THDC

Devbhoomi,Uttarakhand

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तीर्थनगरी में बनेगी बर्ड फ्लू जांच प्रयोगशाला


बर्ड फ्लू की जांच के लिए अब उत्तराखंड को बाहरी राज्यों की प्रयोगशालाओं का मुंह ताकना नहीं पड़ेगा। ऋषिकेश के पशुलोक में बर्ड फ्लू जांच के लिए बीएसएल लेवल-2 प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष से यह प्रयोगशाला काम करना भी शुरू कर देगी।

अभी तक उत्तराखंड को बर्ड फ्लू की जांच के लिए नमूने देश के चुनिंदा राज्यों में स्थापित जांच प्रयोगशालाओं के लिए भेजने पड़ते थे। इसके लिए पशुपालन विभाग प्रत्येक माह राज्यभर से नमूने एकत्र कर डब्ल्यूआरडीडीएल पुणे भेजता था। इस प्रक्रिया में जहां अधिक व्यय होता था, वहीं समय पर नमूनों का परिणाम भी नहीं मिल पाता था। उत्तराखंड के आसपास के राज्यों में भी अभी तक बर्ड फ्लू जांच प्रयोगशाला नहीं है। उत्तराखंड में बर्ड फ्लू जांच प्रयोगशाला बनने के बाद पड़ोसी राज्यों को भी इससे मदद मिलेगी। फिलहाल अभी तक उत्तराखंड में बर्ड फ्लू का कोई पॉजिटिव मामला प्रकाश में नहीं आया है। ऋषिकेश में बीएसएल लेवल-2 प्रयोगशाला की स्थापना पशुलोक में की जाएगी। पशुलोक की रोग निदान प्रयोगशाला विभाग ही इसमें काम करेगा। उपनिदेशक पशुपालन विभाग डा. कमल महरोत्रा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 22 लाख की लागत से बन रही यह प्रयोगशाला चार से पांच माह के भीतर बनकर तैयार हो जाएगी। इसके बाद इसमें काम भी शुरू कर लिया जाएगा।

Devbhoomi,Uttarakhand

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उत्तराखंड पर्यटन क्षेत्र में संभावनाओं से भरा: सीएम

प्रसिद्ध गीतकार एवं साहित्यकार प्रसून जोशी आज मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक से उनके आवास पर मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से कई प्रतिभाशाली लोग निकले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड की अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रही है। फिल्म जगत से जुड़े लोगों को भी राज्य सरकार यहां की आकर्षक लोकेशन का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रसून जोशी द्वारा तारे जमीं पर, फना, हम तुम और रंग दे बसंती आदि फिल्मों में दिए गए गीतों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की प्रकृति में नैसर्गिक एवं आध्यात्मिक विशेषताओं का समावेश है। सरकार कला, साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं संव‌र्द्धन के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री की प्रसून जोशी के साथ राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मीडिया संस्थान की स्थापना पर भी चर्चा की।
 मुख्यमंत्री ने इस मामले में हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। श्री जोशी ने मुख्यमंत्री से कहा कि उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति के विकास के लिए कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र फिल्म और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5749414.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Uttarakhand annual plan size fixed at Rs 5,574 crore
« Reply #345 on: September 01, 2009, 07:35:46 AM »
The Planning Commission approved the annual plan outlay for Uttarakhand for the year 2009-10 at Rs 5,574.7 crore.

The plan was approved at a meeting between Deputy Chairman Planning Commission Montek Singh Ahluwalia and Chief Minister R P Nishank at New Delhi. Last year, the plan size was Rs 4,775 crore.

This includes additional central assistance of Rs 400 crore for the Maha Kumbh Mela at Haridwar that will be held next year.

Commenting on the performance of the state, Ahluwalia said the growth rate was good and even plan expenditure was encouraging.

“Ahluwalia was very positive about Uttarakhand,” a top official here said.

Nishank said emphasis would continue on social sector and this was clearly reflected in both the Eleventh Plan and the Annual Plan proposals.

Nishank said that the Centre should supplement efforts to bring Uttarakhand at par with other developed states.

He said the tax holiday period should be extended up to 2020 to keep up the present pace of industrialisation in the state.

http://www.business-standard.com/india/news/uttarakhand-annual-plan-size-fixed-at-rs-5574-crore/368666/

Devbhoomi,Uttarakhand

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टिहरी और उत्तरकाशी में 3जी मोबाइल सेवा शुरू


नई टिहरी गढ़वाल। टिहरी और उत्तरकाशी के मोबाइल उपभोक्ताओं को अब अत्याधुनिक संचार सुविधा मिलेगी। भारत संचार निगम ने दोनों जनपद मुख्यालय में थ्री जी मोबाइल सेवा शुरू कर दी है।

जिला दूर संचार महाप्रबंधक राजीव श्रीवास्तव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नई टिहरी, उत्तरकाशी व बीपुरम में आधुनिक मोबाइल सेवा के दस टावर लगाए गए हैं। इस सेवा के उपभोक्ता देश और दुनियां के किसी भी कोने में हाई स्पीड डाटा सुविधा के साथ इंटरनेट, वीडियो कॉल, विभिन्न समाचार व मनोरंजन चैनलों व आपीएल का लाइव प्रसारण का लाभ उठा सकते हैं। दूरसंचार महाप्रबंधक ने बताया कि इस सुविधा के उपभोक्ता के पास थ्री जीबी का मोबाइल सेट होना चाहिए। थ्री जीबी मोबाइल सिम दस सितम्बर तक नि:शुल्क उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि टिहरी-उत्तरकाशी जिलों के दूरस्थ क्षेत्र जहां बिजली नहीं है, वहां पर 50 डिजिटल सेटेलाइट फोन टर्मिनल लगाए गए हैं जो सौर ऊर्जा से संचालित होंगे।
 इससे दूरस्थ के ग्रामीण क्षेत्रों बड़ा लाभ मिलेगा। इसमें टिहरी के गंगी, उद्खंडा, धारा, चौडली, रिखवानी उत्तरकाशी के पिंलग, सुखी, नेलांग, कुफांग आदि शामिल हैं। इसके अलावा ब्लेक बेरी सुविधा भी शुरू की गई है, जिसमें सीधे मैसेज खोले जा सकेंगे। हालांकि इसके उपभोक्ताओं को अपनी जेब थोड़ी ढीली करनी पड़ेगी। इस सेवा के लिए दूरसंचार विभाग मोबाइल सेट उपलब्ध करवाएगा। इस अवसर पर मंडलीय अभियंता आरएस नेगी, रविन्द्र सिंह नेगी, विपुल सिंह रावत आदि मौजूद थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5754001.html

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बागेश्वर में जल्द होगा सीवर लाइन का निर्माण


बागेश्वर। एशियन डेवलपमेंट बैंक व प्रदेश सरकार के सहयोग से जल्द ही बागेश्वर नगर में सीवर लाइन का निर्माण होगा। बैंक के अधिकारियों ने सोमवार को नगर पालिका अध्यक्ष के साथ बैठक कर योजना का खाका तैयार किया। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो बागेश्वर नगर में जल्द ही सीवर लाइन के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। विगत कई वर्षो से बागेश्वर में सीवर लाइन के निर्माण की मांग की जा रही है। बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष सुबोध साह के अनुरोध पर प्रदेश सरकार ने बागेश्वर में सीवर लाइन निर्माण का आदेश दिया है। इसकी कई बार सर्वे भी की जा चुकी है। सोमवार को एशियन डेवलेपमेंट बैंक के वाटर सप्लाई एंड सीवरेज इंजीनियर एस दत्ता व कंस्ट्रक्सन इंजीनियर एनसी भट्ट ने प्रदेश सरकार के उत्तराखंड डेवलेपमेंट सैक्टर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के तहत सीवर लाइन निर्माण के लिए नगर का सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि सीवरेज टैक सहित लाइन के निर्माण के लिए वार्डो का सर्वेक्षण किया जा रहा है। पालिका सभागार में उन्होंने सीवर लाइन निर्माण से संबंधित जानकारी हासिल की।

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उत्ताराखंड का मिशन-2020 तैयार

Sep 09, 01:49 am

देहरादून। मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने मिशन 2020 की परिकल्पना रखी। इस परिकल्पना को आकार देने के लिए उन्होंने अपने फोकस के बिंदु भी तय किए हैं। डा.निशंक के अनुसार राज्य में मौजूद संसाधनों और संभावनाओं के अनुसार पर्यटन, तीर्थाटन, आयुष तथा ऊर्जा पर फोकस कर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने बीजापुर गेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता में परिकल्पना के बिंदुओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि उत्ताराखंड को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। यहां पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं। फूलों की घाटी, हर्षिल, चोपता, दयारा, पाताल भुवनेश्वर, गोमुख जैसे स्थलों का विकास किया जाएगा। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए वहां ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन स्थलों में प्रवेश के लिए विदेशी पर्यटकों से अच्छा-खास शुल्क लिया जाएगा। प्रदेश के निवासियों के लिए छह माह में एक बार मुफ्त प्रवेश की छूट दी जाएगी। पूरे राज्य में पर्यटन का ढांचागत विकास करने के लिए पांचों हवाई पट्टियों को विकसित किया जा रहा है। रिमोट क्षेत्रों में पहुंच के लिए हैलीपैड बनाए जा रहे हैं। परिकल्पना का दूसरा क्षेत्र तीर्थाटन रखा गया है। उत्ताराखंड देवभूमि के नाम से जानी जाती है। यहां तीर्थाटन सदियों से चला आ रहा है। राज्य में इसे विकसित करने के लिए चार धामों के अलावा हेमकुंड, जागेश्वर, पाताल भुवनेश्वर समेत अन्य तीर्थ स्थलों का समुचित विकास किया जाएगा। परंपरागत तीर्थयात्रा को सुविधा संपन्न बनाने के प्रयास किए जाएंगे। आयुष मुख्यमंत्री के फोकस का तीसरा बिंदु है। आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग इसके मुख्य बिंदु होंगे। उत्ताराखंड में विविध प्रकार की जड़ी-बूटी प्राकृतिक रूप से उगती है। इसके कृषिकरण की पहल की जा रही है। किसी पंचतारा होटल में पंचकर्म तथा हिमालय की कंदराओं में पंचकर्म के बीच धरती आसमान का अंतर है। यदि हिमालय में ढांचागत सुविधाएं मौजूद हों तो कोई भी पर्यटक हिमालय के प्रदूषण रहित वातावरण में पंचकर्म करना चाहेगा। जड़ी-बूटी खरीद के लिए किसानों से अनुबंध कर समर्थित मूल्य तय किया जाएगा। प्रति वर्ष डेढ़ हजार करोड़ की जड़ी-बूटी किसानों से खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। जल संसाधन के मामले में उत्ताराखंड सबसे समृद्ध है। घराट से लेकर बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से इनका समुचित दोहन किया जाएगा। गंगा जल को पूरे विश्व में अमृत माना जाता है। गंगोत्री में गंगा जल को शोधित कर इसकी पैकेजिंग की जाएगी और पूरे विश्व में इसकी मार्केटिंग की जाएगी।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5774095.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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गढ़वाल में कई कार्यो को सीएम की स्वीकृति


Sep 15, 02:14 am


देहरादून। मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने आवास पर गढ़वाल के दूरस्थ इलाकों से आए लोगों की समस्याएं सुनी और अधिकारियों को इनके तत्काल निस्तारण करने के आदेश दिए। उन्होंने कई विकास कार्यो के लिए सहायता राशि स्वीकृत किये जाने के साथ ही पाबौ दमदेवल मोटर मार्ग के समरेखण में छूटे हुए ऋख और झरबंगों गांवों को शामिल करने के निर्देश भी दिए।

श्री निशंक ने कहा यहां की भूमि सड़क निर्माण को ली गई है। ऐसे में सड़क मार्ग के लाभ भी इन इलाकों को मिलना चाहिए। उन्होंने तरपालीसैण शिशु मंदिर और राजकीय इंटर कालेज चैलुकोट के लिए एक-एक लाख रुपये की सहायता देने के अलावा फलद्वाड़ी में स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित करने की भी मंजूरी दी। श्री निशंक ने फलद्वाड़ी के दर्शन सिंह रावत को पांच हजार और मासो की रामेश्वरी देवी को शासन की ओर से दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता और हरिकुचौला में खड़ंजा के लिए एक लाख की मंजूरी दी। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को अवगत कराया कि वर्ष 2005 में कोटद्वार विधानसभा उपचुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने से चयनित एलटी शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने में विलंब हुआ,जिससे उन्हें वरिष्ठता का लाभ नहीं मिल पा रहा। श्री निशंक ने संबधित अफसरों को इस मामले में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_5789843.html

 

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