स्थापना दिवस पर घोषणाओं की झड़ी
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उत्तराखंड राज्य स्थापना की ग्यारहवीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने समाज के हर तबके को सौगातों से नवाजते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। राज्य के स्थायी निवासियों के बच्चों के लिए पांच प्रतिशत ब्याज पर दस लाख का शिक्षा ऋण, स्वरोजगार के लिए भी इसी ब्याज दर पर पांच वर्ष का ऋण, छात्राओं के लिए परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा, आईआईटी, आइएमए, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि के लिए चयनित स्थायी निवासी छात्र-छात्राओं को पचास हजार का पुरस्कार का ऐलान कर जहां युवा वर्ग को लुभाने की मुख्यमंत्री ने कोशिश की, वहीं पूर्व सैनिकों, सैनिकों के साथ ही भोजन माताओं, आशा कार्यकत्रियों, ग्राम प्रहरियों को भी इसमें खासी तवज्जो दी गई।
राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री खंडूड़ी ने घोषणा की कि राज्य के स्थायी निवासी उन अभिभावकों को, जिनकी सालाना आय तीन लाख से अधिक नहीं है, के बच्चों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, विधि, व्यावसायिक एवं अन्य उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए बैंक से दस लाख तक का ऋण पांच प्रतिशत ब्याज पर पांच साल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। स्वरोजगार के लिए भी तीन लाख से कम आय वालों को दस लाख तक का ऋण पांच प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। सभी छात्राओं को विद्यालय तथा महाविद्यालय का परिचय पत्र के आधार पर परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि आइआइटी, आइआइएम, निट, एनडीए, आइएमए, मेडिकल तथा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित व्यावसायिक एवं तकनीकी संस्थानों के लिए चयनित स्थायी निवासी छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार पचास हजार रुपये का पुरस्कार देगी। पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा की छात्रवृत्ति दोगुनी कर दी गई है। इंजीनियरिंग तथा मेडिकल के लिए 12 हजार के स्थान पर 24 हजार तथा पीएचडी के लिए दस हजार के स्थान पर बीस हजार छात्रवृत्ति दी जाएगी। भोजन माताओं का मानदेय एक हजार से बढ़ाकर डेढ़ हजार कर दिया गया है। आशा कार्यकत्रियों को पांच हजार रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। फल एवं सब्जी की आवक पर देय होने वाला दो प्रतिशत मंडी शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। अवैध खनन पर रोक लगाने, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नई खनन नीति स्थापित की गई है। पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 2008 की औद्योगिक नीति को संशोधित किया गया है, ये इसी महीने लागू होंगी। सेवा के अधिकार के तहत एकल खिड़की के माध्यम से ब्लाक तथा तहसील मुख्यालयों में देवभूमि जन सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। काशीपुर तथा हरिद्वार में गन्ना बीज के लिए दो टिश्यू कल्चर केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। फेरी एवं पटरी व्यवसायियों के नियमितीकरण का निर्णय किया गया है। नगरीय क्षेत्रों में अनधिकृत बस्तियों के नियमितीकरण के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
Dainik jagran