Author Topic: Major Development News Of Uttarakhand - उत्तराखंड के विकास की प्रमुख खबरे  (Read 150017 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Uttarakhand prepares new industrial policy
« Reply #460 on: October 15, 2011, 12:06:57 AM »
Uttarakhand prepares new industrial policy[/t][/t]
Shishir Prashant / New Delhi/ Dehradun October  15, 2011, 0:38 IST[/t]
[/t]The Uttarakhand government is preparing a new industrial policy in order to give fresh impetus to the industrialisation process.
The industrialisation process had developed sluggishness due to various factors like bleak power scenario and the expiry of hill-based tax incentives in March last year.
 
 
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       Briefing chief minister B C Khanduri about the industrial activities, principal secretary industrial development Rakesh Sharma said the consultations on the new industrial policy are being held with chambers like Confederation of Indian Industry, Industries Association of Uttarakhand and others. Sharma said the government has received proposals from these organisations regarding the future policy. The current policy which was framed in 2003 had been given extensions repeatedly in the past. Khanduri said the government must put efforts to give thrust to the industrialisation process and increase investments in the hilly region. Khanduri said rapid industrialisation process would create new jobs for the unemployed youths. There are over 550,000 unemployed youths in the hill state, according to state planning minister Prakash Pant.
Khanduri also wanted to know as to why the desired investments did not reach the hilly areas for which his government had launched a hill development policy in 2008. He invited suggestions from industrialists for increasing investments in the hilly region. He asked the industry to make investments in areas like hospitals, horticulture and food processing sectors.
After the expiry of the hill-based tax incentives on March 31, 2010, the industry had approached the government to make a new industrial policy in the changed scenario. However, the government did not show much enthusiasm in preparing a new industrial policy as the power scenario too turned bleak.
“We have submitted our proposal for the new industrial policy. We are hopeful that the government would soon come with a good policy,” said Pankaj Gupta, president, IAU.




http://www.business-standard.com/india/news/uttarakhand-prepares-new-industrial-policy/452591/
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Devbhoomi,Uttarakhand

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा विकास का धन: खंडूड़ी

दूसरी बार प्रदेश की कमान संभालने के बाद पहली दफा अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने धूमाकोट में 539.94 लाख रुपये की चार योजनाओं का शिलान्यास किया, जबकि रिखणीखाल में 297.45 लाख रुपये की चार योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि विकास का धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। जब तक भ्रष्टाचार का समूल नाश न हुआ शहीद आंदोलनकारियों के सपने साकार नहीं होंगे। धूमाकोट में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने राज्य में भ्रष्टाचार के उन्मूलन की मुहिम में जनता से भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद उत्तराखंड सशक्त लोकपाल बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। साथ ही, जनता को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य में जनसेवा अधिकार कानून बनाया गया है।


 जनसभा में भाजपा जिलाध्यक्ष हरेंद्रपाल सिंह नेगी, पूर्व विधायक भारत सिंह रावत, जलागम अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष मोहनलाल बौंठियाल, जिला महामंत्री वीरेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8430890.html

हलिया

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Re: रेल परियोजना के
« Reply #462 on: November 04, 2011, 01:55:17 AM »
देहरादून।। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी नौ नवंबर को एक रेल परियोजना के शिलान्यास के लिए उत्तराखंड के दौरे पर जाएंगी और इस दौरान उनके स्वागत में पारंपरिक संगीत बजाया जाएगा।

कांग्रेस सांसद सतपाल महाराज ने कहा, 'सोनिया गांधी जब रेल परियोजना के शिलान्यास के लिए गौचर पहुंचेंगी तो उनके स्वागत के लिए आयोजित विशाल कार्यक्रम में परंपरागत संगीत वाद्ययंत्रों और ढोल की थाप सुनाई देगी।'

सोनिया पांच साल बाद उत्तराखंड के दौरे पर आएंगी। वह बीजेपी शासित इस राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत भी करेंगी।

Devbhoomi,Uttarakhand

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स्थापना दिवस पर घोषणाओं की झड़ी
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उत्तराखंड राज्य स्थापना की ग्यारहवीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने समाज के हर तबके को सौगातों से नवाजते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। राज्य के स्थायी निवासियों के बच्चों के लिए पांच प्रतिशत ब्याज पर दस लाख का शिक्षा ऋण, स्वरोजगार के लिए भी इसी ब्याज दर पर पांच वर्ष का ऋण, छात्राओं के लिए परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा, आईआईटी, आइएमए, मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि के लिए चयनित स्थायी निवासी छात्र-छात्राओं को पचास हजार का पुरस्कार का ऐलान कर जहां युवा वर्ग को लुभाने की मुख्यमंत्री ने कोशिश की, वहीं पूर्व सैनिकों, सैनिकों के साथ ही भोजन माताओं, आशा कार्यकत्रियों, ग्राम प्रहरियों को भी इसमें खासी तवज्जो दी गई।

राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री खंडूड़ी ने घोषणा की कि राज्य के स्थायी निवासी उन अभिभावकों को, जिनकी सालाना आय तीन लाख से अधिक नहीं है, के बच्चों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, विधि, व्यावसायिक एवं अन्य उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए बैंक से दस लाख तक का ऋण पांच प्रतिशत ब्याज पर पांच साल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। स्वरोजगार के लिए भी तीन लाख से कम आय वालों को दस लाख तक का ऋण पांच प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। सभी छात्राओं को विद्यालय तथा महाविद्यालय का परिचय पत्र के आधार पर परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि आइआइटी, आइआइएम, निट, एनडीए, आइएमए, मेडिकल तथा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित व्यावसायिक एवं तकनीकी संस्थानों के लिए चयनित स्थायी निवासी छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार पचास हजार रुपये का पुरस्कार देगी। पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा की छात्रवृत्ति दोगुनी कर दी गई है। इंजीनियरिंग तथा मेडिकल के लिए 12 हजार के स्थान पर 24 हजार तथा पीएचडी के लिए दस हजार के स्थान पर बीस हजार छात्रवृत्ति दी जाएगी। भोजन माताओं का मानदेय एक हजार से बढ़ाकर डेढ़ हजार कर दिया गया है। आशा कार्यकत्रियों को पांच हजार रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। फल एवं सब्जी की आवक पर देय होने वाला दो प्रतिशत मंडी शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। अवैध खनन पर रोक लगाने, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नई खनन नीति स्थापित की गई है। पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 2008 की औद्योगिक नीति को संशोधित किया गया है, ये इसी महीने लागू होंगी। सेवा के अधिकार के तहत एकल खिड़की के माध्यम से ब्लाक तथा तहसील मुख्यालयों में देवभूमि जन सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। काशीपुर तथा हरिद्वार में गन्ना बीज के लिए दो टिश्यू कल्चर केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। फेरी एवं पटरी व्यवसायियों के नियमितीकरण का निर्णय किया गया है। नगरीय क्षेत्रों में अनधिकृत बस्तियों के नियमितीकरण के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

Dainik jagran

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Uttarakhand to set up 11 new industrial hubs
« Reply #464 on: November 13, 2011, 11:57:02 PM »
Uttarakhand to set up 11 new industrial hubs[/t][/t]
Shishir Prashant / New Delhi/ Dehradun November  14, 2011, 0:18 IST[/t]
[/t]In its endeavour to push the industry to hilly regions, the Uttarakhand government has made amendments in its 2008 hill industrial policy, extending benefits till 2025 and has decided to set up 11 new industrial hubs, complete with modern infrastructure.
A decision to this effect was taken in a meeting of the state Cabinet presided over by chief minister B C Khanduri.
 
 
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       "We are giving another reason to the industries to set up their units in the hilly regions and promote entrepreneurial skills," principal secretary industries, Rakesh Sharma said, adding, a big budgetary provision has been kept for promoting the hill industrial policy. Though the hill policy had attracted over Rs 220 crore in terms of investments during the past three years, it failed to entice manufacturing units.
The policy. which was brought in 2008, by Khanduri for a period of ten years would now be available till 2025. Industries setting up new units would get all the incentives like transport subsidy and price purchase preferences for ten years in case they come into production by 2015. In the subsequent period, if the industries are set up in 2016, the incentives will be available for only nine years, in 2017 for eight years and for seven years if set up in 2018. The policy would end in 2018 only.
The policy envisages a capital subsidy on fixed capital investment in building, plant and machinery at the rate of 25 per cent. This was a maximum of Rs 30 lakh which has now been doubled to a limit of Rs 60 lakh.
Industries going for sizeable expansion either by investing 25 per cent of the total investment or increasing the production output by more than 25 per cent would also be entitled for all the benefits.
The government has also decided to set up 11 new industrial hubs in the hilly region and create high-level infrastructure there. The State Industrial and Infrastructure Development Corporation fo Uttarakhand Limited (Sidcul), which is credited for heavy industrialisation in the plains, has been roped in to develop these 11 new industrial hubs in the hills. All these hubs will be set up at the district headqaurters of the respective districts and provided with all modern infrastructure facilities.
According to the new amendments, Sahaspur and Raipur areas of Dehradun district and Haldwani and Ramnagar areas of Nainital district have been included in the hill area category where all the promotional benefits will be available.
In yet another significant move, the district industrial centres have now been entrusted with the job of providing pollution certificates to industries.


http://www.business-standard.com/india/news/uttarakhand-to-set11-new-industrial-hubs/455387/
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Devbhoomi,Uttarakhand

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अब सोलर कुकर से भी बन रहा मध्याह्न भोजन
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   चंबा: सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए अधिकांश जगहों पर अभी तक लकड़ियों का प्रयोग ही किया जा रहा है। एलपीजी गैस का प्रयोग बहुत कम जगहों पर हो रहा है, लेकिन अब सोलर पैनल से भी भोजन बनाया जा सकेगा।


नरेंद्रनगर प्रखंड के कुछ विद्यालयों में सोलर पैनल लगाया गया है। यदि यह प्रयोग सफल हुआ तो अन्य विद्यालयों में भी इसकी सुविधा प्रदान की जा सकेगी। यदि इस सोलर पैनल के माध्यम से ठीक से भोजन बन पायेगा तो इसके कई तरह के लाभ होंगे।



प्रखंड के आमपाटा और आरस प्राथमिक विद्यालय में उरेडा की ओर से यहसोलन पैनल लगाये गये हैं। इस पैनल के मध्य में बर्तनों को रखने की जगह बनाई गयी है, जिस पर प्रेशर कुकर या पतीला आदि रखे जा सकते हैं। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी रामकृष्ण उनियाल का कहना है कि यह विभाग की कोई योजना नही है, बल्कि यह उरेडा की ओर से लगाये गये है।
   
Source Dainik Jgaran

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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देहरादून: भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई (बार्क) उत्तराखंड में विज्ञान संबंधी कार्यक्रमों में सहयोग करेगा। मुंबई में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) और बार्क के बीच सहयोग संबंधी बिंदुओं पर चर्चा हुई।
यूकॉस्ट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डीपी उनियाल ने बताया कि मुंबई में हुई बैठक में बार्क के प्रमुख वरिष्ठ सलाहकार डॉ. एन रामामूर्ति, डॉ. यू श्रवण कुमार, आरके सिंह समेत यूकॉस्ट के प्रतिनिधि के रूप में डॉ. बीपी पुरोहित शामिल थे। इसमें परिषद के वार्षिक कार्यक्रम कलेंडर के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बार्क की सक्रिय भागीदार पर सहमति बनी। इसके तहत परमाणु अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर विज्ञान प्रदर्शनी लगाएगा। साथ ही, राज्य विज्ञान कांग्रेस में प्रतिभाग, विज्ञान विषय पर लोकप्रिय व्याख्यान और राज्य के छात्रों को विभिन्न विषयों पर बार्क मुंबई का भ्रमण आदि कार्यक्रम भी कराए जाएंगे।   
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Alstom bags Rs 1.15 billion Uttarakhand project with PES Engine
« Reply #467 on: April 18, 2012, 04:02:55 AM »
Alstom bags Rs 1.15 billion Uttarakhand project with PES Engineers  Alstom Projects India in consortium with PES Engineers has bagged a contract worth Rs 115 crore from the Uttarakhand Jal Vidyut Nigam Ltd (UJVNL). The UJVNL is setting up the 41.4-MW Khatima hydroelectric power project in the State. Alstom’s share of the contract is Rs 70.40 crore.
  • Alstom Projects India in consortium with PES Engineers has bagged a contract worth Rs 115 crore from the Uttarakhand Jal Vidyut Nigam Ltd (UJVNL). The UJVNL is setting up the 41.4-MW Khatima hydroelectric power project in the State. Alstom’s share of the contract is Rs 70.40 crore.
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उत्तराखंड में यात्री वाहन संयंत्र लगाएगी महिंद्रा
बीएस संवाददाता / देहरादून April 27, 2012

ऑटोमोबाइल क्षेत्र के प्रमुख कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने उत्तराखंड में 3,000 करोड़ रुपये के निवेश का एक प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपा है। कंपनी राज्य के सितारगंज इलाके में यात्री वाहन विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने को इच्छुक है।
महिंद्रा समूह के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव ऐंड फार्म इक्विपमेंट) पवन गोयनका ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भेंट के दौरान यह प्रस्ताव पेश किया। राज्य के प्रमुख सचिव, उद्योग राकेश शर्मा ने बताया कि कंपनी ऑटो पैसेंजर वाहन संयंत्र स्थापित करने के लिए 500 एकड़ और इसके लिए कल पुर्जों की आपूर्ति आदि की सुविधाओं के लिए 200 एकड़ जमीन की जरूरत बताई है।  गोयनका ने कहा कि कंपनी यहां पर यात्री वाहनों के विनिर्माण के सिए संयंत्र स्थापित करना चाहती है। नए संयंत्र की सालाना क्षमता 2.55 लाख वाहनों की होगी। मुख्यमंत्री ने समूह के निवेश प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि महिंद्रा समूह की परियोजना के लिए कुमायूं क्षेत्र के सितारगंज में भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
बहुगुणा ने कहा कि राज्य सरकार सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए प्रयासरत है और यहां उद्यमियों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। शर्मा ने कहा कि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का सितारगंज में ऑटो संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद राज्य में आया सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव है। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार महिंद्रा समूह को इसके लिए कुछ छूट भी देगी।

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कनाडा ने उत्तराखंड में निवेश की इच्छा जताई

देहरादून।।
भारत में कनाडा के उच्चायुक्त स्टीवर्ट बेक के नेतृत्व में गुरुवार को एक कनाडाई प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मुलाकात की और राज्य के शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा जताई।
 
 एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक के दौरान बहुगुणा ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों का एक कार्यदल बनाया जाएगा ताकि उन क्षेत्रों का पता लगाया जा सके जहां कनाडा निवेश कर सकता है। स्टीवर्ट ने बहुगुणा से कहा कि आईस हॉकी कनाडा में बेहद लोकप्रिय है और वह उत्तराखंड में एक आईस हॉकी प्रतियोगिता आयोजित करवाना चाहते हैं

http://navbharattimes.indiatimes.com/

 

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