Author Topic: Proposal For Train Till Bageshwar - टनकपुर से बागेश्वर तक रेल लाईन का प्रस्ताव  (Read 83796 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Thanx Rajan da.

A delegation from Bageshwar has come in Delhi in this connection. Let hope for the better result. Railway has made remakrable progress this, if would be dream to come true if the proposal is accepted and work executed.



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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PM asked to allocate funds for new Uttarakhand rail tracks
« Reply #61 on: January 28, 2009, 09:53:43 AM »
PM asked to allocate funds for new Uttarakhand rail tracks 
   

 
Dehradun

An Uttarakhand organisation, which has been agitating for four new rail links in the state for the last five years, has asked Prime Minister Manmohan Singh to allocate funds for these links in the coming budget.

In a letter to the PM, the Tanakpur-Bageshwar Railmarg Nirman Samiti, which is agitating for the construction of four new railway lines in the hill state�Tanakpur-Bageshwar, Rishikesh-Karnprayag, Tanakpur-Jauljibi and Ramnagar-Chaukhutia�has said rail connectivity on these routes is very important keeping in view the strategic location and overall development of the state.

Stating that neighbouring countries like China and Nepal have either already extended their railway network or made plans for their extension upto the border of Uttarakhand, the Samiti said the construction of these railway tracks would not only make easy the movement of army personnel and transportation of defense material but also open new vistas in the fields of tourism, industrial development and employment generation for the people of Uttarakhand.

The Samiti has also alleged in its letter that Railway Minister Lalu Prasad Yadav did not keep his word regarding making budgetary allocation for these railway tracks despite making such a promise during his visit to Kumaon in 2006.

The Samiti has requested the Prime Minister to look into this matter and allocate funds for the railway tracks in the coming budget.
 
http://www.indopia.in/India-usa-uk-news/latest-news/487957/National/1/20/1

Rajen

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प्रधान मंत्री से बागेश्वर व कर्णप्रयाग रेल मार्ग की मांग करते हुए लिखा गया बागेश्वर - टनकपुर रेलमार्ग संघर्ष समिति का पत्र:

सेवा में
 


Rajen

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प्रधान मंत्री से बागेश्वर व कर्णप्रयाग रेल मार्ग की मांग करते हुए लिखा गया बागेश्वर - टनकपुर रेलमार्ग संघर्ष समिति का पत्र:

सेवा में
श्रीमान प्रधान मंत्री महोदय,

       उपरोक्त बिषयक सन्दर्भ में यह संघर्ष समिति नव वर्ष की पूर्व बेला में मान्यवर को हार्दिक बढ़ाई देते हुए सादर बिनम्र अनुरोध करती है की बीसवीं शताब्दी में अंग्रेजी शाशन काल से प्रस्ताविक टनकपुर-बागेश्वर रेलमार्ग का निर्माण सौ वर्ष बीत जाने पर भी अधर में लटका हुआ है जिसके फलस्वरूप मध्य हिमालय में (१) टनकपुर - बागेश्वर (२)  ऋषिकेश - कर्णप्रयाग (३) टनकपुर - जौलजीवी (४) रामनगर - चौखुटिया रेल मार्गों का निर्माण कार्य न होने से समूचे उर्त्ताराखंड की जनता में असंतोष व आक्रोश ब्याप्त है तथा यहाँ की जनता अपने को उपेक्षित महसूस कर रही है.
 
      मान्यवर, जैसा की संज्ञान में आया है, हमारे पड़ोसी देश चीन ने तिब्बत तक ल्हासा में १७००० की ऊंचाई तक रेल लाइन का बिस्तार कर दिया है इसके अतिरिक्त चाइना से तिब्बत ६००० किमी अन्य रेल मार्गों की स्वीकृति कर उत्तराखंड की सीमाओं तक रेल लाइनों का जाल बिछाये जाने की तैयारी की जा रही है.  दूसरी और नेपाल सरकार भी काठमांडू क बिराटनगर से दार्जुला तक पूरे पहाडी क्षेत्र में काले नदी क किनारे-किनारे चीन की सहायता से रेल लाइन बिछाने पर बिचार कर रही है.  इस प्रकार हमारे देश की सामरिक महत्व के दृष्टी से भी टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का महत्व और भी अधिक हो जाता है.  इस रेल लाइन क निर्माण से यहाँ सैन्य साजो सामान की धुलाई  एवं  सैनिकों के आवाजाही में सुबिधा होगी वहीं इस रेल लाइन के निर्माण से रोजगार सृजन, पर्यटन, उद्योगों के बिकाश एवं यातायात के साधनों के लिए नए आयाम बिकसित होंगे.  इसी उद्देश्य से यह संघर्ष समिति पिछले  लगभग पाँच वर्षों से टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण एवं उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित उपरोक्त सभी रेल मार्गों के निर्माण हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार से बार-बार निवेदन कर रही है.  उत्तराखंड सरकार ने भी पिछले बजट सत्र में संकल्प प्रस्ताव पास कर, अपनी संस्तुति केन्द्र सरकार को भेजी है. मान्यवर यह भी संज्ञान में आया है की वर्ष २००७ में माननीय रेल मंत्री जी ने भी माह जून में अपने कुमाऊँ मंडल भ्रमण के समय कौसानी (अल्मोडा) प्रवास के अवसर पर इस शिष्टमंडल को आश्वासन दिया था की वे शीघ्रातिशीघ्र टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग निर्माण हेतु आवश्यक बित्तीय प्राविधान बजट में करेंगे, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी कार्यवाही नहीं हो पायी है जिससे समूचे उत्तराखंड की जनता में घोर निराशा उत्पन्न हुयी है.  उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इन रेल मार्गों के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार से समय-समय पर अनेक पत्राचार किए गए.

       अतएव यह संघर्ष समिति लोकप्रिय सरकार से करबद्ध आग्रह करती है की उत्तराखंड के सर्वांगीण बिकाश एवं सामरिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए (१) टनकपुर - बागेश्वर (२)  ऋषिकेश - कर्णप्रयाग (३) टनकपुर - जौलजीवी (४) रामनगर - चौखुटिया रेल मार्गों का निर्माण कर उत्तराखंड के बिकास में नए आयाम जोड़ने की कृपा कीजियेगा.

नव वर्ष २००९ में सुखी एवं समृद्ध भारत की सद्भावनाओं से साथ.


भवदीय
(गुसाईं सिंह दफौटी)
अध्यक्ष
बागेश्वर - टनकपुर रेलमार्ग संघर्ष समिति
बागेश्वर (उत्तराखंड)
२२.१२.२००८
स्थान : जंतर मंतर, दिल्ली  [/size]

श्रोत: प्यारा उत्तराखंड, दिल्ली 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Great. .let hope for some positive result.

प्रधान मंत्री से बागेश्वर व कर्णप्रयाग रेल मार्ग की मांग करते हुए लिखा गया बागेश्वर - टनकपुर रेलमार्ग संघर्ष समिति का पत्र:

सेवा में
श्रीमान प्रधान मंत्री महोदय,

       उपरोक्त बिषयक सन्दर्भ में यह संघर्ष समिति नव वर्ष की पूर्व बेला में मान्यवर को हार्दिक बढ़ाई देते हुए सादर बिनम्र अनुरोध करती है की बीसवीं शताब्दी में अंग्रेजी शाशन काल से प्रस्ताविक टनकपुर-बागेश्वर रेलमार्ग का निर्माण सौ वर्ष बीत जाने पर भी अधर में लटका हुआ है जिसके फलस्वरूप मध्य हिमालय में (१) टनकपुर - बागेश्वर (२)  ऋषिकेश - कर्णप्रयाग (३) टनकपुर - जौलजीवी (४) रामनगर - चौखुटिया रेल मार्गों का निर्माण कार्य न होने से समूचे उर्त्ताराखंड की जनता में असंतोष व आक्रोश ब्याप्त है तथा यहाँ की जनता अपने को उपेक्षित महसूस कर रही है.
 
      मान्यवर, जैसा की संज्ञान में आया है, हमारे पड़ोसी देश चीन ने तिब्बत तक ल्हासा में १७००० की ऊंचाई तक रेल लाइन का बिस्तार कर दिया है इसके अतिरिक्त चाइना से तिब्बत ६००० किमी अन्य रेल मार्गों की स्वीकृति कर उत्तराखंड की सीमाओं तक रेल लाइनों का जाल बिछाये जाने की तैयारी की जा रही है.  दूसरी और नेपाल सरकार भी काठमांडू क बिराटनगर से दार्जुला तक पूरे पहाडी क्षेत्र में काले नदी क किनारे-किनारे चीन की सहायता से रेल लाइन बिछाने पर बिचार कर रही है.  इस प्रकार हमारे देश की सामरिक महत्व के दृष्टी से भी टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का महत्व और भी अधिक हो जाता है.  इस रेल लाइन क निर्माण से यहाँ सैन्य साजो सामान की धुलाई  एवं  सैनिकों के आवाजाही में सुबिधा होगी वहीं इस रेल लाइन के निर्माण से रोजगार सृजन, पर्यटन, उद्योगों के बिकाश एवं यातायात के साधनों के लिए नए आयाम बिकसित होंगे.  इसी उद्देश्य से यह संघर्ष समिति पिछले  लगभग पाँच वर्षों से टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण एवं उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित उपरोक्त सभी रेल मार्गों के निर्माण हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार से बार-बार निवेदन कर रही है.  उत्तराखंड सरकार ने भी पिछले बजट सत्र में संकल्प प्रस्ताव पास कर, अपनी संस्तुति केन्द्र सरकार को भेजी है. मान्यवर यह भी संज्ञान में आया है की वर्ष २००७ में माननीय रेल मंत्री जी ने भी माह जून में अपने कुमाऊँ मंडल भ्रमण के समय कौसानी (अल्मोडा) प्रवास के अवसर पर इस शिष्टमंडल को आश्वासन दिया था की वे शीघ्रातिशीघ्र टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग निर्माण हेतु आवश्यक बित्तीय प्राविधान बजट में करेंगे, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी कार्यवाही नहीं हो पायी है जिससे समूचे उत्तराखंड की जनता में घोर निराशा उत्पन्न हुयी है.  उत्तराखंड के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इन रेल मार्गों के निर्माण हेतु केन्द्र सरकार से समय-समय पर अनेक पत्राचार किए गए.

       अतएव यह संघर्ष समिति लोकप्रिय सरकार से करबद्ध आग्रह करती है की उत्तराखंड के सर्वांगीण बिकाश एवं सामरिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए (१) टनकपुर - बागेश्वर (२)  ऋषिकेश - कर्णप्रयाग (३) टनकपुर - जौलजीवी (४) रामनगर - चौखुटिया रेल मार्गों का निर्माण कर उत्तराखंड के बिकास में नए आयाम जोड़ने की कृपा कीजियेगा.

नव वर्ष २००९ में सुखी एवं समृद्ध भारत की सद्भावनाओं से साथ.


भवदीय
(गुसाईं सिंह दफौटी)
अध्यक्ष
बागेश्वर - टनकपुर रेलमार्ग संघर्ष समिति
बागेश्वर (उत्तराखंड)
२२.१२.२००८
स्थान : जंतर मंतर, दिल्ली  [/size]

श्रोत: प्यारा उत्तराखंड, दिल्ली 

पंकज सिंह महर

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देहरादून: रेल मार्ग संघर्ष समिति ने पहाड़ में रेलवे लाइन की मांग पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आज धरना दिया। यहां भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि संसद के सत्र में इस बारे में प्रस्ताव न आने पर आंदोलन और उग्र किया जाएगा। बागेश्वर-टनकपुर और ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेलवे लाइन मांग पर आज संघर्ष समिति ने जंतर मंतर पर धरना दिया। इस मौके पर वहां पहुंचे भाजपा सांसद भगतसिंह कोश्यारी ने कहा कि चीन ने भारत की सीमा पर 17 हजार फीट की ऊंचाई तक रेलवे ट्रेक बिछा दिया है। अब जानकारी मिल रही है कि नेपाल भी चीन की मदद से भारत की सीमा पर काली नदी के सहारे रेलवे लाइल की तैयारी में है। इसके बाद भी भारत की सरकार सामरिक नजरिए से महत्वपूर्ण होने के बाद भी इस बारे में कुछ नहीं सोच रही है। दोनों रेलवे लाइनों का सर्वे फाइलों में दबा दिया है। श्री कोश्यारी ने कहा कि संघर्ष समिति के इस आंदोलन का वे पूरा समर्थन करते हैं। अगर संसद के अगले सत्र में इन रेलवे लाइनों के बारे में प्रस्ताव नहीं लाया गया तो इस आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा। धरना देने वालों में संघर्ष समिति से जुड़े विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, विधायक चंदनराम दास, बागेश्वर जिला पंचायत के अध्यक्ष रामसिंह कोरंगा समेत तमाम अन्य लोग मौजूद रहे।
 

Rajen

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हेम पन्त

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एक खबर के अनुसार उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री खण्डूरी जी ने लालू यादव जी को उत्तराखण्ड में रेल योजनाओं को बढावा देने के अनुरोध के साथ पत्र भेजा है... देखते हैं आज क्या पता कुछ ऐसी योजनाओं की घोषणा हो जाये जिससे उत्तराखण्ड के लोगों के सपने साकार हों... ऊम्मीद कम ही है, क्योंकि लालू जी उसी क्षेत्र पर अपने बजट को लगायेंगे जहां से उन्हें वोटों के रूप में कुछ फायदा हो... फिर भी उम्मीद पर दुनिया कायम है....

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Hem Da,

This is the right time to pursue this proposal.  .

एक खबर के अनुसार उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री खण्डूरी जी ने लालू यादव जी को उत्तराखण्ड में रेल योजनाओं को बढावा देने के अनुरोध के साथ पत्र भेजा है... देखते हैं आज क्या पता कुछ ऐसी योजनाओं की घोषणा हो जाये जिससे उत्तराखण्ड के लोगों के सपने साकार हों... ऊम्मीद कम ही है, क्योंकि लालू जी उसी क्षेत्र पर अपने बजट को लगायेंगे जहां से उन्हें वोटों के रूप में कुछ फायदा हो... फिर भी उम्मीद पर दुनिया कायम है....

umeshbani

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लालू  जी से क्या उम्मीद करें जब खंडूरी जी  केन्द्र मे मंत्री थे तब उन्होंने रोड ही सही नही कराई कितना ख़राब रास्ते है उत्तरांचल को जोड़ने वाले जेसे डेल्ही से हल्द्वानी ......................??
लालू जी का कोई पता नही कुछ तोहफा उत्तरांचल को भी दे दे उम्मीद करते है ..............

 

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