Author Topic: Proposal For Train Till Bageshwar - टनकपुर से बागेश्वर तक रेल लाईन का प्रस्ताव  (Read 83797 times)

Uttarakhandi

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I am simply against the very concept of taking trains to brittle and fragile mountains of Uttarakhand.  The arguments against such projects as posted by Joshi ji are so complete in itself that there remains no room for further clarification. Read post no. 33

Good analysis Joshi ji…. Hope people will learn from those words of wisdom




दोस्तो
मेरा विचार इस विषय पर आप लोगों से बिल्कुल भिन्न है, क्योंकि मुझे हिमालय के पहाडी क्षेत्रो में रेलमार्ग का प्रस्ताव ही मात्र एक राजनैतिक स्टंट, अव्यवहारिक, खर्चीला, पर्यावरण के विरुद्ध और एकदम बचकाना लगता है| शायद आप मित्र लोग मेरे इस तरह के बयान से निराश, व्यथित और आक्रोशित भी हो जाएं| लेकिन मैं जो बात सर्वहिताय है वाही कह सकता हूँ|  इस विषय मैं मेरे अपने तर्क या आप अपने हिसाब से कुतर्क भी कह सकते हैं, पर अगर आप सचमुच इस पहाडी प्रदेश का भला चाहते हैं तो मेरी बातों पर कृपया गंभीरता पूर्वक विचार करें|   मेरे विचार से निम्न कारणों से प्रदेश के पहाडों में रेल का विचार अव्यवहारिक है|
१. हिमालय पर्वत सबसे नई पर्वत श्रंखला है और भोगोलिक रूप बहुत अस्थायी है, इस पर भारी निर्माण गतिविधियाँ इसकी संरचना को नुकसान पहुँचा सकती हैं|
२. जब मोटर मार्ग के निर्माण के लिए ही पहाडों पर जबरदस्त तोड़ फोड़ होती है और जिसके कारण बरसात में भू स्खलन जैसी दुर्घटनाएं पूरे प्रदेश में होती रहती हैं तो क्या रेलमार्ग का निर्माण सम्बह्व हो पायेगा|-------------------

 
10- हम अन्य देशो जैसे चीन या दक्षिण अमेरिका की रेल से अपने पहाडों की तुलना नही कर सकते अमेरिका की एंडीज़ पर्वतमाला संसार के सबसे पुरानी पर्वतमाला है तथा चीन में तिब्बत के पठार में भी रेलमार्ग का निर्माण एवं संचालन आसान है|
इस्सके अलावा भी कई अन्य कारण हैं जिसके बारे में विभिन्न विशेषज्ञ अपने विचार दे चुके हैं तथा सभी का विचार है की पहाड़ पर रेल ले जाने के बजाय वर्तमान रेल ढांचे को हे अधिक उपयोगी बनाया जाना ज्यादा उपयुक्त होगा तथा इसमे भी विकास की बहुत संभावनाएं हैं|


savitanegi06

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१. हिमालय पर्वत सबसे नई पर्वत श्रंखला है और भोगोलिक रूप बहुत अस्थायी है, इस पर भारी निर्माण गतिविधियाँ इसकी संरचना को नुकसान पहुँचा सकती हैं|


I am not agree with this statement, if this is true than we have to stop all the hydro projects.

Rajen

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टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग की मांग पर प्रदर्शन   Feb 23, 02:09 am

बागेश्वर। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन निर्माण की मांग को लेकर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील मुख्यालय मेï प्रदर्शन किया तथा दिल्ली मेï आमरण अनशन के दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियोï की भूमिका की कड़ी निंदा की गयी। इस मौके पर अब तक हुए आंदोलन की समीक्षा भी की गयी। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओï ने कहा कि बागेश्वर की जनता ने विगत पांच साल से लगातार संघर्ष करते हुए टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग के निर्माण की मांग की थी। पूर्व मेï रेल मंत्री लालू यादव ने भी कौसानी प्रवास के दौरान इसे सैद्धांतिक स्वीकृति भी प्रदान की थी। लेकिन दो-दो बार बजट सत्र आने के बाद भी रेल मार्ग को मंजूरी नहीï दी गयी। संघर्ष समिति ने कहा कि 9 फरवरी से दिल्ली मेï आमरण अनशन के दौरान क्षेत्र क्षेत्रीय सांसद व उत्तराखंड के सभी सांसदोï की भूमिका नकारात्मक रही। वह इस मुद्दे को संसद के भीतर नहीï उठा सके। निर्णय लिया कि आने वाले चुनावोï में जनविरोधी नेताओï को सबक सिखाया जाएगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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There is agitation even Bageshwar for the railway track demand. No doubt Central Govt has taken this issue lightly. If we had strong hold in centre, definetly there would be some kind pressure on govt to act fast on this issue.,

टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग की मांग पर प्रदर्शन   Feb 23, 02:09 am

बागेश्वर। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन निर्माण की मांग को लेकर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील मुख्यालय मेï प्रदर्शन किया तथा दिल्ली मेï आमरण अनशन के दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियोï की भूमिका की कड़ी निंदा की गयी। इस मौके पर अब तक हुए आंदोलन की समीक्षा भी की गयी। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओï ने कहा कि बागेश्वर की जनता ने विगत पांच साल से लगातार संघर्ष करते हुए टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग के निर्माण की मांग की थी। पूर्व मेï रेल मंत्री लालू यादव ने भी कौसानी प्रवास के दौरान इसे सैद्धांतिक स्वीकृति भी प्रदान की थी। लेकिन दो-दो बार बजट सत्र आने के बाद भी रेल मार्ग को मंजूरी नहीï दी गयी। संघर्ष समिति ने कहा कि 9 फरवरी से दिल्ली मेï आमरण अनशन के दौरान क्षेत्र क्षेत्रीय सांसद व उत्तराखंड के सभी सांसदोï की भूमिका नकारात्मक रही। वह इस मुद्दे को संसद के भीतर नहीï उठा सके। निर्णय लिया कि आने वाले चुनावोï में जनविरोधी नेताओï को सबक सिखाया जाएगा।


पंकज सिंह महर

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इस बार के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप टम्टा का यह चुनावी वादा था, इसके साथ ही कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचाने का वादा पूर्व रेल राज्य मंत्री सतपाल महाराज ने भी किया है। संयोग से दोनों ही प्रत्याशी विजयी भी हुये हैं और केन्द्र में सरकार भी कांग्रेस की ही है, अब देखना है कि यह चुनावी वायदे मूर्त रुप ले पाते हैं या २०१४ के लोक सभा चुनाव में फिर से मुद्दे ही बनेंगे।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Pakaj Da,

Each time our political leaders make promises during the election time and after winning the election they hardly turn -up in their constituenies.

We have to see wehther our 05 MPs from Congress led Govt make this happen or not . ?





इस बार के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप टम्टा का यह चुनावी वादा था, इसके साथ ही कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचाने का वादा पूर्व रेल राज्य मंत्री सतपाल महाराज ने भी किया है। संयोग से दोनों ही प्रत्याशी विजयी भी हुये हैं और केन्द्र में सरकार भी कांग्रेस की ही है, अब देखना है कि यह चुनावी वायदे मूर्त रुप ले पाते हैं या २०१४ के लोक सभा चुनाव में फिर से मुद्दे ही बनेंगे।

Lalit Mohan Pandey

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In netao ke liye ek gana hai "Kam karne ki tum kosis karna, wada kabhi na karna... Wada to toot jata hai", but hope for best, pradeep tamta ji pahli bar sansad bane hai.. kya pata inhe apne wade yaad rah jaye...

हेम पन्त

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Source : Dainik Jagran, 1 June 2009
बागेश्वर। टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण के लिए अब उम्मीदें केंद्र की कांग्रेस सरकार पर टिक गयी हैं। संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री सहित श्रम राज्य मंत्री हरीश रावत को ज्ञापन भेजकर जनता की इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करने की मांग की है। ज्ञापन में रेल निर्माण संघर्ष समिति ने कहा है कि टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन सहित चार अन्य रेल मार्गो का निर्माण पहाड़ में विकास के नये द्वार खोल देगा। पर्यटन विकास व सामरिक दृष्टि से पहाड़ को रेल मार्ग से जोड़ना बेहद जरूरी है। इस मांग को लेकर रेल मार्ग निर्माण समिति गत वर्ष दो दिल्ली के जंतर मंतर में आंदोलन कर चुकी है। आंदोलन स्थल पर पहुंचकर तत्कालीन राज्य सभा सदस्य हरीश रावत, भगत सिंह कोश्यारी, केसी सिंह बाबा आदि ने अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा था कि पहाड़ को रेल मार्ग से जोड़ा जाना बेहद जरूरी है। वर्तमान में हरीश रावत केंद्र सरकार में श्रम राज्य मंत्री के तौर पर पदासीन हुए है। रेल निर्माण संघर्ष समिति को उनसे काफी उम्मीदें है। संघर्ष समिति ने बैठक करते हुए निर्णय लिया कि केंद्रीय राज्य मंत्री हरीश रावत व क्षेत्रीय सांसद प्रदीप टम्टा के नेतृत्व में जल्द ही एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री व रेल मंत्री से मिलेगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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I have just returned from Bageshwar and people are planning for a big agitation to pursue this project.

Source : Dainik Jagran, 1 June 2009
बागेश्वर। टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण के लिए अब उम्मीदें केंद्र की कांग्रेस सरकार पर टिक गयी हैं। संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री सहित श्रम राज्य मंत्री हरीश रावत को ज्ञापन भेजकर जनता की इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करने की मांग की है। ज्ञापन में रेल निर्माण संघर्ष समिति ने कहा है कि टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन सहित चार अन्य रेल मार्गो का निर्माण पहाड़ में विकास के नये द्वार खोल देगा। पर्यटन विकास व सामरिक दृष्टि से पहाड़ को रेल मार्ग से जोड़ना बेहद जरूरी है। इस मांग को लेकर रेल मार्ग निर्माण समिति गत वर्ष दो दिल्ली के जंतर मंतर में आंदोलन कर चुकी है। आंदोलन स्थल पर पहुंचकर तत्कालीन राज्य सभा सदस्य हरीश रावत, भगत सिंह कोश्यारी, केसी सिंह बाबा आदि ने अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा था कि पहाड़ को रेल मार्ग से जोड़ा जाना बेहद जरूरी है। वर्तमान में हरीश रावत केंद्र सरकार में श्रम राज्य मंत्री के तौर पर पदासीन हुए है। रेल निर्माण संघर्ष समिति को उनसे काफी उम्मीदें है। संघर्ष समिति ने बैठक करते हुए निर्णय लिया कि केंद्रीय राज्य मंत्री हरीश रावत व क्षेत्रीय सांसद प्रदीप टम्टा के नेतृत्व में जल्द ही एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री व रेल मंत्री से मिलेगा।


Anubhav / अनुभव उपाध्याय

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Is link se Uttarakhand ke sudur Kumaun main paryatan ko bahut laabh pahunchega. Sarkaar jitna jaldi ispai kaam kare utna thik.


I have just returned from Bageshwar and people are planning for a big agitation to pursue this project.

Source : Dainik Jagran, 1 June 2009
बागेश्वर। टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग निर्माण के लिए अब उम्मीदें केंद्र की कांग्रेस सरकार पर टिक गयी हैं। संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री सहित श्रम राज्य मंत्री हरीश रावत को ज्ञापन भेजकर जनता की इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करने की मांग की है। ज्ञापन में रेल निर्माण संघर्ष समिति ने कहा है कि टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन सहित चार अन्य रेल मार्गो का निर्माण पहाड़ में विकास के नये द्वार खोल देगा। पर्यटन विकास व सामरिक दृष्टि से पहाड़ को रेल मार्ग से जोड़ना बेहद जरूरी है। इस मांग को लेकर रेल मार्ग निर्माण समिति गत वर्ष दो दिल्ली के जंतर मंतर में आंदोलन कर चुकी है। आंदोलन स्थल पर पहुंचकर तत्कालीन राज्य सभा सदस्य हरीश रावत, भगत सिंह कोश्यारी, केसी सिंह बाबा आदि ने अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा था कि पहाड़ को रेल मार्ग से जोड़ा जाना बेहद जरूरी है। वर्तमान में हरीश रावत केंद्र सरकार में श्रम राज्य मंत्री के तौर पर पदासीन हुए है। रेल निर्माण संघर्ष समिति को उनसे काफी उम्मीदें है। संघर्ष समिति ने बैठक करते हुए निर्णय लिया कि केंद्रीय राज्य मंत्री हरीश रावत व क्षेत्रीय सांसद प्रदीप टम्टा के नेतृत्व में जल्द ही एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री व रेल मंत्री से मिलेगा।


 

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