सबसे बड़ा कारण है तो ये है लापरवाही
गर्मी में भारी पड़ सकती है लापरवाही
----------------------------------------- गोपेश्वर, जागरण कार्यालय: एडीबी की सुस्त कार्य प्रणाली और जल संस्थान की लापरवाही गर्मी के दिनों में गोपेश्वरवासियों पर भारी पड़ सकती है। सड़क पर बिछी पेयजल लाइनें मोटर मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान क्षतिग्रस्त हो सकती है, इसलिए एडीबी ने जल संस्थान को पेयजल लाइन शिफ्ट करने के लिए बाकायदा लाखों की धनराशि दे दी है, वहीं जल संस्थान गर्मी आने के बावजूद अभी तक एक मात्र पेयजल लाइन को भी शिफ्ट करने में अपनी लाचारी जता रहा है।
ऐसे में यदि नगर को पेयजल आपूर्ति कर रही एक मात्र पेयजल लाइन मोटर मार्ग के चौड़ीकरण व विस्तारीकरण के दौरान क्षतिग्रस्त हुई तो इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ सकता है।
सीमान्त जिला चमोली मुख्यालय गोपेश्वर को सगर, गंगोलगांव व वीर गंगा स्रोतों से एक मात्र लाइन पेयजल आपूर्ति कर रही है। मंडल-चोपता-गुप्तकाशी मोटर मार्ग चौड़ीकरण का काम शुरू होने से अब पेयजल लाइन पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। मोटर मार्ग के चौड़ीकरण व विस्तारीकरण के काम से पेयजल लाइन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना लोनिवि की एडीबी शाखा जोशीमठ ने जताई है। एडीबी ने न सिर्फ संभावना ही जताई है, बल्कि जल संस्थान को पेयजल लाइन हटाने अथवा चार फीट जमीन में दबाने के लिए 36 लाख की धनराशि भी दे दी है।
इसके बावजूद जल संस्थान पेयजल लाइन को जल्दी शिफ्ट करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। ऐसे में मोटर मार्ग के चौड़ीकरण व विस्तारीकरण के दौरान पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने के आसार नजर आ रहे हैं। पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से नगरवासियों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। लगभग साढ़े 23 हजार की आबादी वाले गोपेश्वर नगर को रोजाना तीन एमएलडी पानी की जरूरत है।
इसके सापेक्ष नगर को एक मात्र पेयजल लाइन इन दिनों डेढ़ एमएलडी जलापूर्ति ही कर पा रही है, जो गर्मी आते-आते एक एमएलडी रह जाती है। जल संस्थान के पास वर्तमान में कुल पांच लाख लीटर पानी के भंडारण की क्षमता है। पहले ही गर्मी के दौरान नगर में पानी के लिए हा-हाकार मचता है, यदि मोटर मार्ग निर्माण के दौरान वास्तव में पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हुई तो लोगों को भीषण गर्मी के दौरान पेयजल किल्लत से जूझना पड़ सकता है।
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