गैरसैंण, जागरण कार्यालय: गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को गैरसैंण में उपवास रखकर उसे राजधानी घोषित किए जाने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। दल के केंद्रीय अध्यक्ष नारायण सिंह जंतवाल ने भाजपा और कांग्रेस को उत्तराखंड विरोधी करार देते राजधानी मुद्दे पर सरकार की चुप्पी को जनता के साथ धोखा बताया। इस मौके पर उक्रांद ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन किया। संकल्प सभा में कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के राशन कोटे को कम किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य के 6 लाख 31 हजार बीपीएल परिवारों के साथ न्याय नहीं कर पाने के कारण उन्होंने मंत्रालय को छोड़ने का फैसला किया। श्री भट्ट ने सरकार में शामिल रहते हुए अपने प्रयासों के संबंध में कहा कि भू-विधेयक के माध्यम से जहां माफिया पर शिकंजा कसा गया है, वहीं बड़े बांधों का विरोध कर हमने सरकार को चेताया है। दल के शीर्ष नेता काशी सिंह ऐरी ने लड़ाई जारी रखने सरकार की सद्बुद्धि .. की बात कही। विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने आगामी चुनाव में भाजपा से दूरी बनाये रखने को आवश्यक बताया। सभा से पूर्व स्थानीय रामलीला मैदान में सरकार की सद्बुद्धि के लिए पार्टी नेताओं ने हवन का आयोजन किया गया। सभा में लोक वाहिनी के डा. शमशेर सिंह बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष बीडी रतूड़ी, डा. मदनमोहन नवानी, सतीश सेमवाल, सुभाष पाण्डे, भैरव लखचौरा, मोहन घुघतियाल, गोविन्द अधिकारी, अशोक शुक्ल, सत्येन्द्र विश्नोई, जसबीर जग्गी, विजया ध्यानी आदि ने सम्बोधित किया। पौड़ी, द्वाराहाट, चम्पावत, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पदयात्रा कर यहां पहुंचे। मंत्री की भूमिका पर सवाल गैरसैंण: गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के मुद्दे पर उक्रांद ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए जो हवन किया, उसमें कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट की मौजूदगी से कई सवाल उठ रहे हैं। जिस सरकार के लिए यह हवन हो रहा है, उसमें उत्तराखंड क्रांति दल भागीदार है। उक्रांद के दिवाकर भट्ट बतौर मंत्री सरकार में शामिल हैं। ऐसे में हवन में शामिल होकर श्री भट्ट क्या संदेश देना चाह रहे हैं, यह सवाल यहां अंदरखाने उठा।