उत्तराखंड कि सरकार को सबसे पहले अपने मन,और इमानदारी का विकास करके ,बेमानी को त्यागकर फिर तब जाकर कहीं उत्तराखंड का विकास संभव है अन्यथा ये सब नेता उपनेता जो भी भाषण बाजी करके प्रेस में ब्यान बाजी करते हैं ये सब वेकार हैं,मैं ये नहीं कहता हों कि दुसरे राज्यों कि सरकार में, चोर वैमानऔर रिस्पत्खौर नहीं लेकिन दुसरे राज्यों कि सरकार २५% अपने जेब में डालती होगी तो ७५% राज्य के विकास में भी खर्च करती है,लेकिन उत्तरखंड कि सरकार को सायद ये वाली बात मालुम नहीं कि जियो और जीने दो, ये सिर्फ ये जानती है -जियो ,लेकिन कैसे उनको तो मालुम है कैसे लेकिन जनता वेचारी को नहीं ! ये लोग तो इस गर्मी में अपनी एयर कंडीसन कार में चलते हैं लेकिन जनता वेचारी ४० डिग्री कि गर्मी में पैदल चलती है !