Poll

Do you feel that the Capital of Uttarakhand should be shifted Gairsain ?

Yes
97 (70.8%)
No
26 (19%)
Yes But at later stage
9 (6.6%)
Can't say
5 (3.6%)

Total Members Voted: 136

Voting closed: March 21, 2024, 12:04:57 PM

Author Topic: Should Gairsain Be Capital? - क्या उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण होनी चाहिए?  (Read 349295 times)

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा

  • Sr. Member
  • ****
  • Posts: 353
  • Karma: +2/-0

No doubt..

For the public Gairsain is the biggest issue for Uttarakhand which is connected to the development as well as sentiment of the people.

42 martyrs of the state struggle had dreamt that capital of the Uttarakhand as Gairsain.

But the issue seems to be victim of politcal conspiracy. None of the party wants to speak clearly on this issue except for UKD because they fear to lose their votes of Haridwar, Rurkee etc.


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
 
More than 90% people permanent Capital of Uttarakhand at Gairsain.
 
Go through the news.
 
----------
 
  स्थायी राजधानी बने गैरसैंण, भ्रष्टाचार का खात्मा     Jul 19, 09:20 pm   बताएं              जागरण कार्यालय, अल्मोड़ा: उत्तराखण्ड क्रांतिदल ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार स्थायी राजधानी, भ्रष्टाचार सहित अन्य विषयों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन में प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों की सम्पत्तियों की सीबीआई की जांच की मांग की गई है। राजधानी गैरसैंण को बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि यह जनभावनाओं के अनुकूल है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित कौशिक समिति की रिपोर्ट में यह बात पहले ही आ चुकी है। इसके लिए बाबा मोहन उत्तराखण्डी ने आमरण अनशन कर अपने जीवन का बलिदान भी दिया था। ज्ञापन में 11 वर्षो के बाद भी उत्तर प्रदेश के विकल्पधारी कर्मचारी, शासन-प्रशासन की ढिलाई के चलते उत्तर प्रदेश को अवमुक्त नहीं किए गए हैं। जिससे कर्मचारियों के प्रोन्नत के अवसर तो प्रभावित हो ही रहे हैं। यहां के बेरोजगारों को रोजगार का टोटा हो रहा है। लगातार बढ़ रही महंगाई पर राज्य केंद्र पर व केंद्र राज्य के मत्थे मढ़कर अपना-अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, जो ठीक नहीं है। राज्य सरकार अपनी ओर से सभी आवश्यक वस्तुओं को सरकारी सस्ता-गल्ला की दुकानों में उपलब्ध कराए, राशनकार्ड के आधार पर राशन वितरण के स्थान पर यूनिट को मानक बनाकर राशन वितरण कर महंगाई को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए। रसोई गैस में राज्य सरकार द्वारा प्रति सिलेंडर सब्सिडी दी जानी चाहिए। राज्य आंदोलनकारी चिह्नीकरण के मानकों में परिवर्तन सहित अनेक मांगें शामिल की गई हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री को भी एक ज्ञापन प्रेषित किया है। जिसमें समूह ग की भर्तियों में निर्धारित मानकों में संशोधन तथा स्थानीय बोलियों को प्राथमिकता दिए जाने के शासनादेश की बहाली की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में द्वाराहाट के विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, ब्रह्मानंद डालाकोटी, महेश परिहार, मदन कठायत, पुष्करपाल सिंह बिष्ट, मोहन चंद्र गुरूरानी, दिनेश जोशी, चंद्रशेखर भट्ट, हरीश कांडपाल, एलडी शर्मा, खीम सिंह रौतेला, हरीश चंद्र, जीवन सिंह, चतुर सिंह, अर्जुन सिंह, एमसी तिवारी, शिवराज बनौला, दीवान राम, करम सिंह, पूरन सिंह, नवीन डालाकोटी, गोपाल बनौला, हेमा जोशी, श्याम सिंह पूना, महेश पांडे आदि थे।
 
(Source - Dainik Jagran)
 
 

विनोद सिंह गढ़िया

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,676
  • Karma: +21/-0
प्रवासियों ने छेड़ी मुहिम, ‘हिटो गैरसैंण’



हल्द्वानी। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान जोरशोर से उछले गैरसैंण राजधानी के मुद्दे को लेकर आज भले ही राजनीतिक दलों ने खामोशी साध ली हो लेकिन इंटरनेट में स्थायी राजधानी पर गरमागरम बहस जारी है। भारत ही नहीं अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, आयरलैंड और न्यूजीलैंड में बसे प्रवासी उत्तराखंडी भी इस मुद्दे को लेकर विचलित हैं। फेसबुक और ऑरकुट जैसी सोशल साइटें ‘पहाड़ प्रेम’ और ‘गैरसैंण राजधानी’ दो के नारों से पटी पड़ी है। ‘हिटो गैरसैंण’ के नारे के साथ 13 अगस्त को दिल्ली से सैकड़ों प्रवासी गैरसैंण को कूच करने की तैयारी में है। गैरसैंण में 14 अगस्त को सुबह दस बजे से प्रवासियों की जनसभा होगी।‘छबिलो गढ़वाल मेरो, रंगीलो कुमाऊं और यो पहाड़ बसनी मेरो प्राण, यो छू मेरी जन्मभूमि महान ’ जैसे गीतों के जरिये प्रवासी उत्तराखंडी इंटरनेट पर गैरसैंण को राजधानी बनाने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं। कुछ लोग इसे अव्यवहारिक भी मानते हैं। पक्ष और विपक्ष में नेट पर घंटों चैटिंग का दौर जारी है। दिल्ली में कुछ प्रवासियों ने बाकायदा साइट और ब्लॉग बनाकर राजधानी के लिए अभियान चलाया है। ऐसी ही एक साइट म्यार उत्तराखंड 14 अगस्त को गैरसैंण में जनसभा करनेजा रही है। साइट चलाने वाले मोहन सिंह बिष्ट जो कि दिल्ली की एक निजी कंपनी में प्रबंधक हैं, बताते हैं कि अब तक करीब 800 प्रवासियों ने 14 को गैरसैंण पहुंचने का वायदा किया है। करीब 2500 प्रवासियों के जवाब का अभी इंतजार है। बिष्ट ने उम्मीद जताई है कि करीब 2000 प्रवासी 14 अगस्त को देश के कोने-कोने से गैरसैंण पहुंचेंगे। दिल्ली की एक मेडिकल कंपनी में प्रबंधक दयाल पांडे, आईटी कंपनी में काम कर रहे महिपाल मेहता और हेम पंत भी म्यार पहाड़ नाम की साइट बनाकर पहाड़ के मुद्दाें को उठा रहे हैं। इसमें गैरसैंण प्रमुख है। हजारों लोगों के सहयोग से चल रही इस साइट में दो सौ लोग देश से बाहर के हैं। इन्हीं में एक अमेरिका में रसायन विज्ञान पर शोध कर रहे प्रवासी डा. शैलेश उप्रेती कहते हैं कि राजधानी के साथ ही पहाड़ के अन्य मुद्दों को भी उठाए जाने की जरूरत है। घर से पलायन का जो दर्द प्रवासी झेल रहे हैं उसे कम करने की यह एक छोटी सी मुहिम है।


[/color]साभार : अमर उजाला

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

गैरसैंन उत्तराखंड की स्थाई राजधानी होगी .. हर हाल में होगी !

 

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा

  • Sr. Member
  • ****
  • Posts: 353
  • Karma: +2/-0



Why Garsain ?

Even after 10 yrs of formation of Uttarakhand State, people of Uttarakhand specially in hill areas feel cheated on capital issue.

Gairsain which is centre of Kumoan and Garhwal region of Uttarakhand which was the proposed capital of Uttarakhand state apart from the struggle for a separate state. But soon after formation of Uttarakhand, political conspiracy started and it was said that till the buildings are made for the capital in Gairsain, Dehradoon will be the temporary capital of Uttarakhand. But later, a commission was formed to check the appropriate place for capital just to entangle the issue.

Now people of Uttarakhand can not tolerate this. We want capital to be shifted to Gairsain.

MANOJPUNDIR

  • Newbie
  • *
  • Posts: 11
  • Karma: +1/-0
देहरादून सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस गैरसैंण के जिन्न को बोतल से बाहर निकालने की तैयारी में है। विकास के मोर्चे पर छले जाने के अहसास से पीडि़त पर्वतीय जिलों के मतदाताओं को लुभाने को पार्टी सरकार के खिलाफ अमोघ अस्त्र के रूप में इसका इस्तेमाल करेगी। गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र आयोजित करने का मुद्दा पार्टी के घोषणापत्र में जगह बनाने जा रहा है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव जंग में सब जायज की तर्ज पर माकूल माहौल बनाने को हर हथियार आजमाएगी। लिहाजा गैरसैंण के मुद्दे से बनाई गई दूरी अब कम की जा रही है। हालांकि स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन पार्टी जल्द ही गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र चलाने की पैरोकारी में उतरने वाली है। उम्मीद यह की जा रही है कि अंतरिम राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री आवास और राजभवन बनने के बाद इस मुद्दे पर सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा को घेरा जा सकेगा। सत्याग्रह यात्रा के दौरान गैरसैंण पहंुचने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य भी कुछ इसी तर्ज पर हुंकार भर चुके हैं। गढ़वाल सांसद सतपाल महाराज की मानें तो पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में इस मुद्दे को शामिल किया जाएगा। गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र चलाने की मांग को बीते दिनों वह पुरजोर ढंग से उठा चुके हैं। गढ़वाल सांसद का कहना है कि गैरसैण में विधानसभा का एक सत्र शुरू होने से पर्वतीय जिलों में विकास की नई मुहिम शुरू होगी। आपदा और अतिवृष्टि समेत विभिन्न नाजुक मौकों पर पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ठोस नीति का अभाव साफ महसूस किया जा रहा है। कांग्रेस जन भावनाओं को नजरअंदाज नहीं करेगी। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में इसको भी शामिल किया जाएगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Raising public voice on capital issue. Now Political parites seems to be active to include this issue in their politcal agenda.

We need capital to be shifted to gairsain..... only.



देहरादून सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस गैरसैंण के जिन्न को बोतल से बाहर निकालने की तैयारी में है। विकास के मोर्चे पर छले जाने के अहसास से पीडि़त पर्वतीय जिलों के मतदाताओं को लुभाने को पार्टी सरकार के खिलाफ अमोघ अस्त्र के रूप में इसका इस्तेमाल करेगी। गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र आयोजित करने का मुद्दा पार्टी के घोषणापत्र में जगह बनाने जा रहा है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव जंग में सब जायज की तर्ज पर माकूल माहौल बनाने को हर हथियार आजमाएगी। लिहाजा गैरसैंण के मुद्दे से बनाई गई दूरी अब कम की जा रही है। हालांकि स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन पार्टी जल्द ही गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र चलाने की पैरोकारी में उतरने वाली है। उम्मीद यह की जा रही है कि अंतरिम राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री आवास और राजभवन बनने के बाद इस मुद्दे पर सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा को घेरा जा सकेगा। सत्याग्रह यात्रा के दौरान गैरसैंण पहंुचने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य भी कुछ इसी तर्ज पर हुंकार भर चुके हैं। गढ़वाल सांसद सतपाल महाराज की मानें तो पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में इस मुद्दे को शामिल किया जाएगा। गैरसैंण में विधानसभा का एक सत्र चलाने की मांग को बीते दिनों वह पुरजोर ढंग से उठा चुके हैं। गढ़वाल सांसद का कहना है कि गैरसैण में विधानसभा का एक सत्र शुरू होने से पर्वतीय जिलों में विकास की नई मुहिम शुरू होगी। आपदा और अतिवृष्टि समेत विभिन्न नाजुक मौकों पर पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ठोस नीति का अभाव साफ महसूस किया जा रहा है। कांग्रेस जन भावनाओं को नजरअंदाज नहीं करेगी। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में इसको भी शामिल किया जाएगा।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
This is the intention of Govt.
=---------------
विधानसभा की नई इमारत के लिए उत्तराखंड ने मांगे 80 करोड़
 
उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा की नई इमारत के लिए ज़मीन की पहचान कर ली है और अब उसने इस मामले में केंद्र से 80 करोड़ रुपए की मांग की है.
 
(source http://www.newzstreet.tv/ns/node/33216)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

This poem narrate about the Gairsain.

निरंजन संुयाल
 
 देहरादून
 
 राज हेगी देहरादून
 काज हेगी देहरादून
 ब्याˇीतैं यो डेरा छौ
 आज देहरादून
 देख हेगी देहरादून
 लेख हेगी देहरादून
 बारा कि बरोबरी
 एक ५ेगी देहरादून
 हर हेगी देहरादून
 टूर ५ेगे देहरादून
 दिल्ली से भी जादासी
 दूर ५ेगे देहरादून
 हाम ५ेगे देहरादून
 लाम ५ेगे देहरादून
 डाम पड़े टीरी पर
 जाम हेगी देहरादून
 औˇ ५ेगे देहरादून
 बौˇ ५ेगे देहरादून
 देखि लंबो चौड़ो छौ
 गौˇ ५ेगे देहरादूण
 सौत हेगी देहरादूण
 मौत हेगी देहरादूण
 हौर क्वी नि मिली
 भौत हेगी देहरादूण


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
This poem of Mr Suyal describing almost everything why Gairsain should be the
permanent capital of Uttarakhand.


This poem narrate about the Gairsain.

निरंजन संुयाल
 
 देहरादून
 
 राज हेगी देहरादून
 काज हेगी देहरादून
 ब्याˇीतैं यो डेरा छौ
 आज देहरादून
 देख हेगी देहरादून
 लेख हेगी देहरादून
 बारा कि बरोबरी
 एक ५ेगी देहरादून
 हर हेगी देहरादून
 टूर ५ेगे देहरादून
 दिल्ली से भी जादासी
 दूर ५ेगे देहरादून
 हाम ५ेगे देहरादून
 लाम ५ेगे देहरादून
 डाम पड़े टीरी पर
 जाम हेगी देहरादून
 औˇ ५ेगे देहरादून
 बौˇ ५ेगे देहरादून
 देखि लंबो चौड़ो छौ
 गौˇ ५ेगे देहरादूण
 सौत हेगी देहरादूण
 मौत हेगी देहरादूण
 हौर क्वी नि मिली
 भौत हेगी देहरादूण

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22