Poll

Do you feel that the Capital of Uttarakhand should be shifted Gairsain ?

Yes
97 (70.8%)
No
26 (19%)
Yes But at later stage
9 (6.6%)
Can't say
5 (3.6%)

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Voting closed: March 21, 2024, 12:04:57 PM

Author Topic: Should Gairsain Be Capital? - क्या उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण होनी चाहिए?  (Read 349031 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मेरी भारतीय जनता पार्टी एव कांग्रेस पार्टी (उत्तराखंड) के दो सबसे नेताओ से उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैरसैंन बनाये जाने पर बात हुयी! मैंने इन दोनों नेताओ और इनके व्यक्तिगत एव पार्टी की राय पूछी आंखिर उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैरसैंन होनी चाहिए या नहीं ? लेकिन दोनों ने पार्टी के नेताओ का जवाब था नहीं! हलाकि एक नेता ने कहा मै व्यक्तिगत रूप से गैरसैंन के समर्थन में हूँ लेकिन उनकी पार्टी मैदानी इलाकों से सीट खोने की डर से इनकी पार्टी मुद्दे अपना रुख साफ़ नहीं कर रहे है!

अब यह स्पष्ट है भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस बिलकुल नहीं चाहती उत्तराखंड स्थाई राजधानी गैरसैंन हो! अभी सही अवसर है कि इन दोनों पार्टी ने इस मुद्दे अपना रुख साफ़ करना चाहिए!  जब राज्य 9०% जनता राजधानी गैरसैंन चाहती है और जो कि राज्य बनाने से पहले से प्रस्तावित था तो जनता के साथ धोखा क्यों?   मेरा पहाड़ फोरम इन इस मुद्दे न केवल चुनाव पर समय-२ पर उस फोरम में जीवित रखने की कोशिश की है और हमारी यह लडाई जारी रखेगी !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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<ins><ins></ins></ins>    Poll      Do you feel that the Capital of Uttarakhand should be shifted Gairsain ?  Yes        75 (74.3%)
No         18 (17.8%)
Yes But at later stage 5 (5%)
Can't say  3 (3%)
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हलिया

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हमाम में सब नंगे. अंदरखाने ये सब मिले हुये हैं. जनाआकांक्षाओं का गला घोंट कर  कुटिल मुश्कान बिखेरना इनकी पहचान है. अब असली टैम आगया है उत्तराखण्ड की जनता को अपने साथ हो रहे धोखे का मुंहतोड जबाब देने का.

जैसा कि आप सभी ने देखा कांग्रेस और बीजेपी ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया, अनेक लोकलुभावने वादे किये जा रहे हैं। लेकिन किसी ने भी गैरसैण राजधानी मुद्दे को अपने घोषणापत्र पर कोई जगह नहीं दी, आखिर क्यों ? क्या  उत्तराखंड राज्य  बनाने का उद्देश्य यही था कि दूर देहरादून को हमारी राजधानी बनाई जायेगी ?
आज हर उत्तराखंडी कहता है - उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण, सिर्फ गैरसैण .............तो फिर यह हमसे गैर क्यों ? क्या इनके पास कोई जवाब है ? क्या किसी राष्ट्रीय पार्टी में दम है जो उत्तराखंड की स्थाई राजधानी को गैरसैण बना सके ?

Mohan Bisht -Thet Pahadi/मोहन बिष्ट-ठेठ पहाडी

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गैरसैंण के समर्थन में प्रवासी उत्तराखंडी
Updated on: Wed, 25 Jan 2012 12:05 AM (IST)
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देहरादून, जागरण ब्यूरो

गैरसैंण स्थायी राजधानी को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के फोकस में लाने के लिए प्रवासी उत्तराखंडियों के चार दल विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त पहाड़ों में लघु उद्योग, छोटी जल विद्युत परियोजनाएं उनके मुख्य बिंदु हैं।

म्योर उत्तराखंड गु्रप की आगवानी में विधानसभा चुनाव से पहले 26 जनवरी से उत्तराखंड क्लब, अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा, उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा, उत्तराखंड जन मोर्चा, म्योर पहाड़, हमरो पहाड़ और गढ़देश भारत मंडल जैसे संगठन जनजागरण अभियान पर निकलेंगे। मोहन बिष्ट की अगुवाई में हल्द्वानी, अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर, सुदर्शन रावत की अगुवाई में देहरादून, श्रीनगर, पौड़ी, दिनेश नेगी की अगुवाई में गैरसैंण रुद्रप्रयाग और भूपाल सिंह की अगुवाई में रामनगर, चौखुटिया, भिकियासैंण और सल्ट में जनजागरण करेंगी। ये सभी प्रवासी उत्तराखंड दिल्ली, मुंबई समेत अन्य महानगरों में रोजगार में संलग्न हैं।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Where the capital issue... during this assembly election ?

  क्यों भूल गए गैरसैंण कहां गई बोली-भाषा       Jan 27, 01:00 am    बताएं           देहरादून, जागरण संवाददाता: सभी पार्टियों के अपने-अपने मुद्दे और तर्क हैं, लेकिन राज्य निर्माण से संबंधित सवाल सभी ने हाशिए पर डाल दिए। न किसी की गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मंशा है और न उत्तराखंड की बोली-भाषाओं से कोई सरोकार। इसलिए मतदाता उसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करें, जो राज्य निर्माण से संबंधित इन सवालों को प्राथमिकता दे।
यह बात प्रवासी उत्तराखंडियों की संस्था 'म्यर उत्तराखंड ग्रुप' के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने देहरादून में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि 11 साल बाद भी उत्तराखंड से जुड़े सवाल ज्यों के त्यों हैं। राज्य निर्माण के लिए जिन लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, क्या उनकी अपेक्षाएं पूरी हो सकीं, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि तीसरे विधानसभा चुनाव में भी सभी पार्टियों ने निर्माण और विकास के मुद्दों को दरकिनार कर दिया है। चुनाव मुद्दों पर नहीं, आपसी छींटाकसी पर लड़े जा रहे हैं। बिष्ट ने सवाल किया कि राजधानी गैरसैंण और लोकभाषाओं के सवाल से राजनीतिक दल आखिर क्यों बचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली और एनसीआर में सक्रिय उत्तराखंडियों के दर्जनभर सामाजिक एवं राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे संगठन इन्हीं सवालों को लेकर मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं। इस मौके पर भूपाल बिष्ट, सुदर्शन रावत, सुमित बनेशी, हरीश रावत, नीरज पंवार आदि मौजूद रहे।
    http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8818975.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जिन मुद्दों पर उत्तराखंड राज्य की लडाई लड़ी गयी थी आज वही मुद्दे वहां नेताओ के जुबान से गायब हो गए है! राजधानी उनमे से एक अहम् मुद्दा है!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आज भी मन उधास है
 कोई नहीं साथ अकेले चला जा रहा हूँ
 मंजील आपनी मै क्या  खो रहा हूँ
 गैर सैण के मुदे पर जन कीतना  गुम
 उनकी इस गुम मै गुमसुदा सा माहसुस कर रहा हूँ
 आगया ओ भी मंजर
 जब चलेंगे ये सै खंजर
 तू भी फीकर मात कर
 दूर खड़ा तमाशगीन सा
 खड़ रहा अपने खवाबों सै जुड़ रहा
 देश सै तू जुदा रहा
 एक दिन आएगा येसा
 उस दिन मै  जाउंगा
 उस दिल को छु कर
 तेरे भी मुख सै आयेगी ये आवज़
 इन्कलाब जिंदाबाद इन्कलाब जिंदाबाद
 वन्देमातरम वन्देमातरम
 आज भी मन उधास है
 कोई नहीं साथ अकेले चला जा रहा हूँ
 मंजील आपनी मै क्या  खो रहा हूँ
 गैर सैण के मुदे पर जन कीतना  गुम
 उनकी इस गुम मै गुमसुदा सा माहसुस कर रहा हूँ   
 
 
 बालकृष्ण डी ध्यानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जैसा कि अभी के चुनावों में देखा गया कोई भी पार्टी ने उत्तराखंड की स्थाई राजधानी गैरसैंन बनाये जाने पर अपनी राय कोई विशेष राय नहीं रखी इससे यह प्रतीत होता है कि ये राजनीतिक पार्टिया देहरादून से अपना मोह  नहीं छोड़ सकती है! स्पष्ट है इन्हें केवल भ्रष्टाचार और चोरी करने के लिए ५ साल का राज चाहिए!

जनता का अभी तक कोई भी भला नहीं हो सका है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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"गैरसैण में भी विधानसभा का एक सत्र चलना चाहिए "=100003054881115&p[]=187152334729928]Share
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    • [url=http://www.facebook.com/dabralbp][/url][url=http://www.facebook.com/dabralbp]Birendra Dabral[/url] idea bura nahi hai maharaj ka prabhu sarkar aapki hai jahan marji wahan se chalaie jahan marji satra rakhiyeYesterday at 5:35pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187154958062999] 2[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/mahipalbishtlwanidewal][/url][url=http://www.facebook.com/mahipalbishtlwanidewal]Mahipal Bisht[/url] Satpal ji maharaj aam aadmi & uttarakhandi logo ki pida ko jante h . Maharaj ji ne humesa yha ki janta se jude mudhu ko aage kiya
       
       satpal maharaj jindabad
       Yesterday at 6:15pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187170124728149] 2[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/smoke905][/url][url=http://www.facebook.com/smoke905]Vivek Rawat Vapr[/url] Its ur problem not our...Yesterday at 6:16pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187170368061458] 1[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/smoke905][/url][url=http://www.facebook.com/smoke905]Vivek Rawat Vapr[/url] Sahi baat unhone humesa hi pahaad me vikas chaha...chahe wo rail ho...yaa loksabha me gadwali aur kumaoni language's ko legal darza dilane ki...yaa gairsen ko rajdhani banane ki...lot of thanx 4 that satpal ji maharaj...i don't like congress party 2much but i like satpal ji maharaj...cuz they r the develpor of pahadi... Yesterday at 6:22pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187172728061222] 2[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/profile.php?id=100003256518023][/url][url=http://www.facebook.com/profile.php?id=100003256518023]नेहा उत्तराखंडी[/url] i think so esa nahi ha k progress nai hua,,,,,satpal maharaj ne rail la k di vo kya kam ha ?????? but hume sirf uttrakhand ki progress se matlab ha..na ki kisi party ya kisi particular leader ki........jo acha kare vo acha hi hota ha...jo na kare  chae vo kisi b party ka ho ,,huem kya .,,,galat to galat hi ha.....Yesterday at 6:55pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187184361393392] 1[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/mahipalbishtlwanidewal][/url][url=http://www.facebook.com/mahipalbishtlwanidewal]Mahipal Bisht[/url] Neha ji aap kya kahna chahte h me aapki bato ko samjh nhi pa rha huYesterday at 6:57pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187185224726639] 1[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/smoke905][/url][url=http://www.facebook.com/smoke905]Vivek Rawat Vapr[/url] I mean congress me sahi hai hi kaun...Yesterday at 6:58pm
    • [url=http://www.facebook.com/profile.php?id=100002069072443][/url][url=http://www.facebook.com/profile.php?id=100002069072443]Dipin Rawat[/url] lo satpal ji mp puri say hay aur rail teri me aha rahi hayYesterday at 7:00pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187186234726538] 1[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/smoke905][/url][url=http://www.facebook.com/smoke905]Vivek Rawat Vapr[/url] Don't worry tehri comes into pahad...Yesterday at 7:02pm
    • [url=http://www.facebook.com/profile.php?id=100003256518023][/url][url=http://www.facebook.com/profile.php?id=100003256518023]नेहा उत्तराखंडी[/url] han sahi hi to ha,,,,agar ye jammu kashmir,,,Himachal me ho sakta ha to uttrakhand me kyu nahi,or vese bhi esa karne ,, se hilly aresa ka bhi vikas hoga,,,100 bat ki 1 bat ,,,hume UK ka  full development chaiyeeeeee...fulllYesterday at 7:08pm · [url=http://www.facebook.com/browse/likes/?id=187189424726219] 2[/url]
    • [url=http://www.facebook.com/smoke905][/url][url=http://www.facebook.com/smoke905]Vivek Rawat Vapr[/url] O teri...neha uttarakhandi...Yesterday at 7:23pm
    • [url=http://www.facebook.com/profile.php?id=1038798396][/url][url=http://www.facebook.com/profile.php?id=1038798396]Suresh Sharma[/url] i support u13 hours ago
    • [url=http://www.facebook.com/tirath.rawat1][/url][url=http://www.facebook.com/tirath.rawat1]Tirath Rawat[/url] सत्र चलाने से बेहतर है की अस्थायी राजधानी पर फैसला हो और उत्तराखंड के हित में योजना बनाई जाई जीअससे परती बयक्ती इनकम बड़ाई जा सक्ये और पलायन रुक सके,सस्ती राजनीति से उत्तराखंड का भला नहीं हो सकता है----12 hours ago
source facebook.

गढ़वाल सांसद सतपाल महाराज सदैव गैरसैण पक्षधर रहे है|  उत्तराखंड का विकास तो जरूर हुआ परन्तु वह केवल मैदानी क्षत्रो तक ही सिमट कर रह गया है | गैरसैण के लिए मा० महाराज जी संसद में भी आवाज उठा चुके है | सतपाल महाराज शुरू से ही गैरसैण में एक ग्रीष्मकालीन सत्र चलाने के पैरोकार रहे है | सतपाल महाराज ने विजय बहुगुणा जी को समर्थन  इस शर्त पर दिया है कि वह गैरसैण में विधान सभा का एक ग्रीष्मकालीन सत्र आयोजित करवाएंगे | यह मुद्दा उत्तराखंड की जनभावना से जुड़ा है  इसके लिए बहुगुणा जी ने सतपाल महाराज से वायदा भी किया है कर्णप्रयाग तक रेल लाइन पहुचने के बाद गैरसैण से दिल्ली तक लगभग 7 घंटे तक का ही समय लगेगा| इससे गैरसैण विरोधी लोगो का यातायात से सम्बंधित तर्क भी ख़ारिज होगा |
 
जब उत्तराखंड  के पहाड़ी क्षेत्रो में  विकास की बात आती है तब सभी विकास विरोधी लोग  पर्यावरण विशेषज्ञ व भू वैज्ञानिक बन जाते है | मै ऐसे लोगो से एक बात पूछना चाहती  हूँ कि जापान  आज भूकंप के द्रष्टि अति  सवेदन शील देश है  फिर भी वहां पर आधुनिक विकास कार्यो को अंजाम दिया जा रहा है | दिल्ली तो ज़ोन चार मे आता है जो की भूकंप की द्रष्टि से अति सवेदनशील है, क्या वहां पर मेट्रो नहीं चल रही है  ? भूकंप की द्रष्टि से तो लगभग पूरा उत्तराखंड ही सवेदनशील है इसका अर्थ ये तो नहीं कि भूकंप के नाम पर विकास कार्यो को रोक दिया जाये |
 
हिमांचल मे भी विधान सभा का सत्र दो जगह पहला शिमला व दूसरा धर्मशाला में चलाया जाता है जबकि धर्मशाला शिवालिक रेंज में आता है और यह भूकंप की द्रष्टि से दुसरे सबसे खतरनाक ज़ोन में आता है| धर्मशाला  में विधान सभा का शीतकालीन सत्र जनभावना को ध्यान में रखकर चलाया गया था ताकि धर्मशाला के विकास को गति मिल सके| गैरसैण विरोधी लोगो को हिमांचल से सीखना चाहिए कि जनभावना का सम्मान किस प्रकार किया जाता है |   
 महाराष्ट्र में भी विधान सभा का सत्र दो जगह पहला मुंबई और दूसरा नागपुर चलाया जाता है| शीतकालीन विधान सभा  का एक  सत्र नागपुर में इसलिए चलाया गया ताकि इस क्षेत्र की उपेक्षा ना हो| आज नागपुर विकास में जितना आगे है वह सबके सामने है|
 
कश्मीर में भी विधान सभा के दो सत्र चलाये जाते है पहला श्रीनगर में जहाँ ग्रीष्मकालीन सत्र चलाया जाता है और दूसरा जम्मू में जहाँ पर शीतकालीन सत्र चलाया जाता है |   यह भी भूकंप की द्रष्टि से अति सवेद्शील है | देहरादून हो या दिल्ली दोनों ही दोनों ही भूकंप संभावित क्षेत्र है| पर्यावरण के ही नाम पर उत्तराखंड की बहुत परियोजनाओ को बंद करवा दिया गया जिससे राज्य कि वित्तीय हालत धीरे-धीरे कमजोर होगी|
कांग्रेस  हो या भाजपा गैरसैण के लिए केवल सतपाल महाराज ने ही संसद से सड़क तक आवाज उठाई है | महाराज जी भली प्रकार से जानते है कि पहाड़ की पीड़ा क्या होती है | विकास विरोधी लोग सदैव इस प्रयास में लगे रहते है की किस  प्रकार गढ़वाल सांसद  द्वारा किये जा रहे विकास कार्यो पर जनता को भ्रमित किया जाये | आज सरकारी मशीनरी व विधायक देहरादून की ओर भागते है कल जब एक सत्र गैरसैण में एक सत्र  आयोजित किया जायेगा तब सरकारी मशीनरी व विधायक  गैरसैण की ओर भागेंगे ओर पहाड़ का विकास स्वभाविक रूप से होगा | विधान सभा भवन के लिए स्वीकृत 88 करोड़ रूपये पर केवल गैरसैण की जनता का ही अधिकार है |
 
 
 
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