नान्तिनो,
भौत भल करौ, यो सवाल तब तक ज्यून राखन छ, जब तक राजधानी गैरसैंण नै पुजी जानी। जस्से ले हौ......राजधानी गैरसैण पुजुनी छ, किले कि यो सिर्फ एक जागा को नाम नैहतिन....यो हमार आन्दोलनकारी और शहीदों को सपना छ, उत्तराखण्ड का लोगन की भावना छ।
यो उत्तराखण्ड बनुना लिजि ४ मैना को आन्दोलन भौ, उ आन्दोलन में हमार ४२ आदिम शहीद भईं और आजादी की लड़ै में पुरा उत्तराखण्ड भटी १६ लोग शहीद भ्यान।
गैरसैण राजधानी लि झा बेरे हम इन आन्दोलनकारी और शहीदन्क सच्ची श्रद्धांजलि दि पाल।