राजधानी स्थल चयन आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सुपुर्द कर दी गई है। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा राजधानी स्थल के पक्ष में लोगों की राय जानना है। इसके लिए आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से राजधानी स्थल के पक्ष में व्यक्तिगत, पार्टीगत, एनजीओ तथा गु्रप के रूप में सुझाव मांगे गए थे। इस पर आयोग को कुल 268 सुझाव मिले। इनमें 192 व्यक्तिगत, 49 संस्थागत/एनजीओ, 15 संगठनात्मक/पार्टीगत और 12 गु्रपों के सुझाव थे। इनमें से गैरसैंण के पक्ष में 126, देहरादून के पत्र में 42, रामनगर के पक्ष में चार, आईडीपीएल के पक्ष 10 में थे। कुछ सुझाव अंतिम तारीख के बाद मिले थे। आयोग ने इन्हें भी शामिल कर लिया था। इसके अलावा 11 सुझावों में किसी अन्य के साथ विकल्प के रूप में गैरसैंण का नाम भी शामिल है। पांच में कुमाऊं गढ़वाल के केंद्र स्थल के नाम से आए हैं, इन्हें भी यदि गैरसैंण के पक्ष में मान लें संख्या 142 तक जा रही है। रामनगर के पक्ष में सिर्फ 4 सुझाव हैं पर अन्य स्थलों के साथ एक विकल्प रामनगर को भी मानने वाले सुझावों की संख्या 21 है। इस तरह रामनगर के पक्ष में 25 सुझाव कहे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त कालागढ़ के पक्ष में 23 सुझाव आयोग को मिले हैं। साथ ही कालाढुंगी, हेमपुर, काशीपुर, भीमताल, श्रीनगर, श्यामपुर, कोटद्वार, रानीखेत, लैंसडौन, गोचर, नैनीडंाडा, नागचूलाखाल, सतपुली, जौलीग्रांट, जिम कार्बेट, सिमली आदि के पक्ष में कुछ सुझाव मिले हैं। राजनीतिक दलों की तरफ से आए कुल 15 में छह गैरसैंण के पक्ष में हैं। दो गढ़वाल कुमाऊं के केंद्रीय स्थल पर राजधानी बनाने को लेकर हैं। देहरादून के पक्ष में दो तथा कालागढ़ के पक्ष में तीन सुझाव हैं। दो सुझावों में किसी स्थल का नाम नहीं सुझाया गया है।