Dosto,
There are many villages in uttarakhand which have not yet been electrified. Though many hydro projects are under construction still people are facing huge light cut & power shortage problem.
Uttarakhand Govt can also plan for setting some project of Solar so that electricity problem can be sorted out.
उत्तराखंड में सोलर एनर्जी की अपार संभावनाएं From Amar Ujala -
देहरादून। केंद्र के संयुक्त सचिव तरुण कपूर ने कहा कि सोलर एनर्जी को लेकर उत्तराखंड में अपार संभावनाएं हैं। पहले सोलर एनर्जी से केवल दो मेगावाट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता था, जबकि अब 1700 मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। सोलर एनर्जी को प्रदेश में प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र पूरी तरह तैयार है। नगर निगम के टाउन हाल में सोलर वाटर हीटर पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में कपूर ने प्रजेंटेशन के दौरान उक्त विचार रखे।
उन्होंने बताया कि सरकारी भवनों पर सोलर प्लांट लगाने की स्थिति में केंद्र 90 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है। इसके अलावा निजी भवनों के लिए 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने अन्य उपकरणों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिनेश अग्रवाल ने ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को दैनिक जीवन में वैकल्पिक ऊर्जा विकल्पों को अपनाने के साथ ही ऊर्जा बचत करनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि नगर निगम और नगर पालिकाओं में स्ट्रीट लाइटें एलईडी लगानी चाहिए। नए भवनों पर सोलर एनर्जी लगानी चाहिए। इसके लिए बिल्डिंग बायलॉज में भी परिवर्तन करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मेयर विनोद चमोली ने कहा कि देहरादून का चयन सोलर सिटी के रूप में किया गया है। ऐसे में यहां अधिक से अधिक सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होना चाहिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वैकल्पिक ऊर्जा वीपी पांडे, निदेशक उरेडा आशीष जोशी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, उद्योगों के प्रतिनिधि तथा होटल एवं स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ-2 बड़ी संख्या में नगर निगम के पार्षद कार्यशाला में मौजूद रहे।
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सरकार ने किया अनिवार्य
शासन की ओर से 21 मई को जारी शासनादेश के अनुसार राज्य के सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी, अस्पताल, नर्सिंग होम, होटल, गेस्ट हाउस तथा 500 वर्ग गज से अधिक साइज के निजी भवनों को गर्म पानी के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही सीएफ एल, एलईडी बल्ब और लाइटों का उपयोग भी अनिवार्य किया गया है। इसके लिए 31 मार्च, 2014 तक की समय सीमा तय की गई है, जिन संस्थाओं द्वारा निर्धारित अवधि तक अधिसूचना के अनुसार उक्त संयंत्र नहीं लगाए जाएंगे, ऊर्जा निगम उन संस्थाओं का बिजली कनेक्शन काट सकता है।
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सोलर बिजली की नई दरें भी तय
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने सोलर बिजली की नई दरें तय की है। आयोग ने अधिकतम दर 8.75 रुपये प्रति यूनिट तय की है। ऊर्जा निगम टेंडर के जरिये सोलर बिजली खरीद सकता है। न्यूनतम रेट डालने वाले से ऊर्जा निगम बिजली खरीदेगा। खास बात यह है कि अब कोई भी व्यक्ति अपने छत पर सोलर प्लांट लगाकर उक्त दर पर बिजली ऊर्जा निगम को बेच सकता है।
उत्तराखंड में सोलर एनर्जी की अपार संभावनाएं Dehradun | अंतिम अपडेट 1 जून 2013 5:30 AM IST पर
देहरादून। केंद्र के संयुक्त सचिव तरुण कपूर ने कहा कि सोलर एनर्जी को लेकर उत्तराखंड में अपार संभावनाएं हैं। पहले सोलर एनर्जी से केवल दो मेगावाट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता था, जबकि अब 1700 मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। सोलर एनर्जी को प्रदेश में प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र पूरी तरह तैयार है। नगर निगम के टाउन हाल में सोलर वाटर हीटर पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में कपूर ने प्रजेंटेशन के दौरान उक्त विचार रखे।
उन्होंने बताया कि सरकारी भवनों पर सोलर प्लांट लगाने की स्थिति में केंद्र 90 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है। इसके अलावा निजी भवनों के लिए 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने अन्य उपकरणों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिनेश अग्रवाल ने ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को दैनिक जीवन में वैकल्पिक ऊर्जा विकल्पों को अपनाने के साथ ही ऊर्जा बचत करनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि नगर निगम और नगर पालिकाओं में स्ट्रीट लाइटें एलईडी लगानी चाहिए। नए भवनों पर सोलर एनर्जी लगानी चाहिए। इसके लिए बिल्डिंग बायलॉज में भी परिवर्तन करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मेयर विनोद चमोली ने कहा कि देहरादून का चयन सोलर सिटी के रूप में किया गया है। ऐसे में यहां अधिक से अधिक सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होना चाहिए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वैकल्पिक ऊर्जा वीपी पांडे, निदेशक उरेडा आशीष जोशी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, उद्योगों के प्रतिनिधि तथा होटल एवं स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ-2 बड़ी संख्या में नगर निगम के पार्षद कार्यशाला में मौजूद रहे।
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सरकार ने किया अनिवार्य
शासन की ओर से 21 मई को जारी शासनादेश के अनुसार राज्य के सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी, अस्पताल, नर्सिंग होम, होटल, गेस्ट हाउस तथा 500 वर्ग गज से अधिक साइज के निजी भवनों को गर्म पानी के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही सीएफ एल, एलईडी बल्ब और लाइटों का उपयोग भी अनिवार्य किया गया है। इसके लिए 31 मार्च, 2014 तक की समय सीमा तय की गई है, जिन संस्थाओं द्वारा निर्धारित अवधि तक अधिसूचना के अनुसार उक्त संयंत्र नहीं लगाए जाएंगे, ऊर्जा निगम उन संस्थाओं का बिजली कनेक्शन काट सकता है।
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सोलर बिजली की नई दरें भी तय
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने सोलर बिजली की नई दरें तय की है। आयोग ने अधिकतम दर 8.75 रुपये प्रति यूनिट तय की है। ऊर्जा निगम टेंडर के जरिये सोलर बिजली खरीद सकता है। न्यूनतम रेट डालने वाले से ऊर्जा निगम बिजली खरीदेगा। खास बात यह है कि अब कोई भी व्यक्ति अपने छत पर सोलर प्लांट लगाकर उक्त दर पर बिजली ऊर्जा निगम को बेच सकता है।
M S Mehta