Author Topic: Suggest the Self Employment Sources in UK-तलाशे स्वरोजगार के सम्भावनाये यू के मे  (Read 22626 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Atleast.. This is good news. There is a lot scope on tourism sector in UK.
=====================================================

U'khand wildlife tourism grows

Shishir Prashant / New Delhi/ Dehra Dun February 16, 2010, 0:33 IST
 

 
But during the recession period also, wildlife had remained a major tourist attraction in the hill state, home to some of the world’s famous tiger reserves like Jim Corbett National Park.

During the year 2008-09, nearly 292,000 wildlife lovers visited important national parks and sanctuaries in the state as against 247,000 in 2007-08. And the Corbett National Park, which alone attracted 202,000 tourists during the period, continues to remain the first choice for visitors from home and abroad, says a latest book of the state forest department for 2008-09. While a total of 15,503 wildlife enthusiasts from foreign countries visited Uttarakhand, nearly half (8,757) of them had gone to Corbett Park alone last year.

Beating all other wildlife parks and sanctuaries in the state, the Corbett National Park also earned revenue of Rs 306.38 lakh for the department when the total revenue through wildlife tourism in the state stood at Rs 378.31 lakh as against Rs 341.95 lakh during the previous year. But only negative point was that the arrival of foreign tourists failed to grow during the period. The number actually came down to 15,503 from 16,463 in 2007-08.

Ever since Uttarakhand came into being, wildlife tourism is growing leaps and bound since 2000-01 when only 66,776 tourists had arrived in the state. The figure reached the 100,000 mark in 2002-03 and 200,000 in 2006-07.

http://www.business-standard.com/india/news/u%5Ckhand-wildlife-tourism-grows/385808/

सत्यदेव सिंह नेगी

  • Moderator
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 771
  • Karma: +5/-0
Rural tech in U'khand impresses Union Minister

Dehradun: Technologies in the rural areas of Uttarakhand seem to have impressed Union minister of state for rural development Agatha Sangma, who on Monday said she would like to take them to the North-East.

Sangma today visited some of villages in the state where simple technologies have made its inhabitants self-reliant.

After visiting the villages of Tokwala, Jatowala and Fatehgram on the outskirts of Dehradun, she expressed her desire to take the technologies to the North-East so that the rural population there can also earn their livelihood using them.

 
The NCP MP witnessed various applications of watermills in Tokwala village, where people are using its upgraded model for grinding floor to producing power.

Later, she visited the food processing unit of Kala Bist and her husband Trilok Bist from where the couple is supplying bakery items, pickles and other things to the people living not only in nearby areas but also in different towns of the state.

 The minister also went to Fatehgram village, which was adopted and transformed into a model village by the students of Doon School.

Praising the efforts of Himalayan Environment Science and Conservation, a Dehradun-based NGO, for bringing a change in the lives of people through technologies, Sangma expressed her desire to take them to the North East also

http://www.zeenews.com/news604314.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

This is a best idea.
-------------------------------

जड़ी-बूटी उत्पादन के प्रति बढ़ा किसानों का रुझान

रुद्रप्रयाग। जिले में अब किसानों का रूझान जड़ी-बूटी उत्पादन की ओर बढ़ रहा है। सरकारी प्रयासों से जिले के किसानों को उत्पादन के लिए कई तरह की जड़ी-बूटियों की पौध उपलब्ध कराकर लगातार प्रेरित किया जा रहा है, वहीं पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के सौजन्य से जनपद हर्बल गार्डन बनने की तैयारी भी जोरों पर है।

जिले के कई गांवों में किसान जड़ी-बूटी उत्पादन में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्र जड़ी-बूटियों की खान हैं। हालांकि अब तक लोग जानकारी के अभाव में जड़ी बूटियों का उत्पादन नहीं करते थे। जिले के केदारनाथ, तुंगनाथ, मद्महेश्वर सहित कई क्षेत्रों में काफी मात्रा में बहुमूल्य जड़ी-बूटियां होती हैं। सरकारी स्तर पर भी जड़ी बूटी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भेषज विकास संघ भी किसानों को चयनित कर उन्हें विभिन्न तरह की जड़ी-बूटियों की पौध उपलब्ध करा रहा है। ऐसे में कई संस्थानों ने गांव के वैद्यों व किसानों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से भी जड़ी-बूटियों की जानकारी दी जा रही है। इससे लगता है कि आने वाले समय में उत्पादन के प्रति किसानों की दिलचस्पी बढे़गी। इस वर्ष जिले में अब तक किसानों ने कूट के 88000 हजार पौधे, बड़ी ईलायची के पांच हजार तथा रीठा के तीन हजार पौधे रोपे हैं। भेषज संघ के सचिव वाचस्पति सेमवाल ने कहा कि किसानों को लगातार जड़ी-बूटी उत्पादन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसमें काफी हद तक सफलता भी हाथ लगी है। वहीं अब योगपीठ हरिद्वार के सौजन्य से जनपद के खांकरा के पास हर्बल गार्डन बनाने की तैयारी चल रही है। इसके बनने से क्षेत्र में जड़ी-बूटी उत्पादन को एक नई दिशा मिल सकेगी। पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने यहां स्थापित होने वाले हर्बल गार्डन में क्षेत्रीय लोगों का विशेष सहयोग लेने की बात कही है।

Source : http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6223817.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Such kinds of initiative can generate the self-employment initiative in Uttarahkand.
====================================

धौलछीना में मोमबत्ती निर्माण का प्रशिक्षणMar 23, 11:37 pmबताएं

 अल्मोड़ा: विकासखण्ड भैंसियाछाना के धौलछीना में महिलाओं के लिए 15 दिवसीय जूट बैग व मोमबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया है। उद्घाटन अवसर पर सहायक विकास अधिकारी हेम चन्द्र सती ने कहा कि स्वरोजगार से ही बेरोजगारी का निवारण संभव है।

उन्होंने कहा कि स्वरोजगार ही व्यक्ति को स्वावलंबन की ओर ले जाता है। श्री सती ने कहा कि स्वरोजगार से ही राज्य में बेरोजगारी एवं पलायन जैसी समस्याओं को हल किया जा सकता है। सुधा संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक अनिल राणा ने बताया कि 15 दिवसीय इस प्रशिक्षण में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जूट बैग व मोमबत्ती निर्माण की बारीकियां बताई जाएंगी।

श्री राणा ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही उद्यम कर लोग लाभ अर्जित कर सकते हैं। संस्था प्रतिनिधि बची सिंह बिष्ट ने उत्पादों के विपणन एवं बाजार प्रबंधन पर चर्चा की।
धौलछीना में मोमबत्ती निर्माण का प्रशिक्षणMar 23, 11:37 pmबताएं
Twitter Delicious Facebook अल्मोड़ा: विकासखण्ड भैंसियाछाना के धौलछीना में महिलाओं के लिए 15 दिवसीय जूट बैग व मोमबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया है। उद्घाटन अवसर पर सहायक विकास अधिकारी हेम चन्द्र सती ने कहा कि स्वरोजगार से ही बेरोजगारी का निवारण संभव है।

उन्होंने कहा कि स्वरोजगार ही व्यक्ति को स्वावलंबन की ओर ले जाता है। श्री सती ने कहा कि स्वरोजगार से ही राज्य में बेरोजगारी एवं पलायन जैसी समस्याओं को हल किया जा सकता है। सुधा संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक अनिल राणा ने बताया कि 15 दिवसीय इस प्रशिक्षण में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जूट बैग व मोमबत्ती निर्माण की बारीकियां बताई जाएंगी।

श्री राणा ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही उद्यम कर लोग लाभ अर्जित कर सकते हैं। संस्था प्रतिनिधि बची सिंह बिष्ट ने उत्पादों के विपणन एवं बाजार प्रबंधन पर चर्चा की।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6280753.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0


This is another area... where we have to take initiative.
=======================================

Strawberry cultivation gets boost in Uttarakhand 
 
2010-04-17 00:10:00 
 

Strawberry cultivation gets a boost in Uttarakhand's Chajji district as weather suits the cultivation of a variety of strawberries from Holland.

The test cultivation of Holland strawberries conducted in a poly house at Chajji Floriculture Park recently gave a good yield.

Horticulture experts believe that production of Holland strawberries would be beneficial for the state farmers.One, the size of the fruit is big; second, the height of the strawberry plant is unique and there is more fruiting on the plants of Holland strawberry," said Sanjay Sinha, technical advisor at Chajji Floriculture Park.

The production of Holland strawberries would reap rich dividends as compared to other varieties.

"If the proper way is followed for the cultivation, the plants of Holland strawberry give more fruit. The basic difference between Holland cultivation and other varieties is that farmers can reap three crops in a year compared to one crop a year in other varieties," said Vinod Kumar, an agriculture expert at Chajji Floriculture Park.

The state Horticulture Department is planning to make Uttarakhand a hub for strawberry production and has scheduled training sessions for farmers in the state. (ANI)

 
 
http://sify.com/news/strawberry-cultivation-gets-boost-in-uttarakhand-news-national-kerak3gfeei.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Good initiative.

----------

दुग्ध विकास को साढ़े पांच करोड़

अल्मोड़ा : दुग्ध विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में साढ़े 5 करोड़ की विशेष योजना शीघ्र अमल में लायी जाएगी। यह बात उत्तराखण्ड सहकारी डेरी फैडरेशन के अध्यक्ष डा.मोहन बिष्ट ने कही। डा.मोहन बिष्ट यहां अल्मोड़ा दुग्ध संघ की वार्षिक सामान्य निकाय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।

डा.बिष्ट ने कहा कि प्रदेशभर में नई दुग्ध समितियों का गठन किया जाएगा। ताकि गांव-गांव में रोजगार के बेहतर अवसर के साथ दुग्ध उत्पादन के मानक स्थापित हो सकें। बेहतर दुग्ध उत्पादन के लिए काश्तकारों को पशु आहार का प्रयोग करने की बात कही। विशेष रूप से काम्पेक्ट फीड के प्रयोग पर बल दिया। उनका कहना था कि यह चारा जहां पौष्टिक है, वहीं कम खर्च में अधिक लाभ देने वाला है।

इस मौके पर प्रधान प्रबंधक डा.एलएम जोशी ने 56वें वार्षिक सामान्य निकाय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए 17 करोड़ 80 लाख का बजट का प्रस्ताव सदन में रखा गया। संभावित लाभ 4.93 लाख का पेश किया। डा.जोशी ने पिछले वर्ष की आय-व्यय की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि काश्तकारों को निरंतर दूध के अधिक दाम देने के साथ पिछले वर्षो की तुलना में बेहतर बोनस प्रदान किया जा रहा है।

इस मौके पर दुग्ध संघ के अध्यक्ष गिरीश खोलिया ने अपने कार्यकाल में दुग्ध संघ व दुग्ध उत्पादकों की बेहतरी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संघ उत्तरोत्तर विकास के नित नए आयाम छू रहा है।


Source : Dainik jagran


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

Good news are coming now. Govt must focus on this..

पहाड़ के लिए बिग डेयरी योजना है लाभकारी

श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल)। पहाड़ में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और इसे एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में उन्नत करने को लेकर प्रदेश के दुग्ध डेयरी विभाग ने बिग डेयरी योजना शुरू की है।

पत्रकार वार्ता में गढ़वाल दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष मोहन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान को 10 दुधारु पशु खरीदने के लिए ब्याज में छूट के साथ तीन लाख रुपए तक का ऋण बैंक से मिलता है।

उन्होंने बताया कि दुग्ध मवेशियों के लिए चारे की उपलब्धता को लेकर भी गढ़वाल दुग्ध संघ ने आंचल डेयरी श्रीनगर में विशेष व्यवस्था की हुई है। 14 किग्रा पैक में भूसा डेयरी पशु चारा अनुदान कीमत पर उपलब्ध कराया जा रहा है। बिना लाभ हानि के आधार पर दुग्ध उत्पादकों को उपलब्ध कराया जाने वाला यह पशु आहार पूर्ण पौष्टिक भी है।

उन्होंने कहा कि 200 ग्राम के पैक में आंचल दही उपलब्ध कराने के बाद अब आंचल मट्ठा भी जनता को शीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा। आंचल डेयरी के के महाप्रबन्धक आरसी रतूड़ी ने बताया कि क्षेत्र से आंचल डेयरी को अभी मात्र 3200 लीटर दूध ही मिल रहा है, जबकि जरूरत 10 हजार लीटर प्रतिदिन की है। इसकी पूर्ति अभी बिजनौर, हरिद्वार और उधमसिंहनगर से मंगाया जा रहा है।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
There is need to adopt such kinds of self employment resources.

शादी का बोर्ड बना रोजगार का जरिया

बागेश्वर। शादी का बोर्ड बनाना रोजगार का जरिया बना हुआ है। इन दिनों क्षेत्र में बेरोजगार युवा यह बोर्ड बनाकर प्रतिदिन दो सौ से एक हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।शादी-विवाह में दूल्हे की कार में लगने वाले दूल्हा-दुल्हन के नाम के बोर्ड कई तरीके से डिजाइन कर बनाए जा रहे हैं। इन दिनों क्षेत्र में शादी का सीजन चल रहा है। ऐसे में युवा पहले ही आर्डर लेकर बोर्ड बनाने में जुट जाते हैं। युवतियां इस कार्य में अधिक हैं। एक बोर्ड से दो सौ से एक हजार रुपये तक की कमाई हो जाती है। दूल्हे के कार में विभिन्न प्रकार के बोर्ड लगे देखे जा सकते हैं। बोर्ड ने जहां लोगों की कला को निखारा है, वहीं यह रोजगार का भी जरिया बनता जा रहा है। गोमती पुल के समीप बोर्ड तैयार करने में मशगूल गीता जोशी ने बताया कि उन्होंने अब तक 50 से अधिक शादी के बोर्ड बना दिए हैं। एक बोर्ड बनाने में तीन घंटे का समय लगता है, इसके लिए बैलवेट, चमक, फाइवर, प्लास्टिक फ्लावर, चमकीली लेस आदि का प्रयोग किया जाता है। इस काम में उन्हें जीना मेहता तथा हेमा आर्या भी सहयोग कर रही हैं।शादी के बोर्ड बनाने में मशगूल युवतियां।

Source : Amar Ujala
 

Anil Arya / अनिल आर्य

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 1,547
  • Karma: +26/-0
Pauri ki ek SHG (Women) ne bhimul (a wellknown tree) ki chappalai banayee hai. Keemat 50 rupye prati jodee. Akarshan- inka prayog rasoi ghar aur pooja ghar mai bhi kiya ja sakta hai. Kyoki ye har parkar se shudha hai .:)

Rajen

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 1,345
  • Karma: +26/-0
पहाडों में आजकल भवन निर्माण, इमारती लकडी इत्यादि के काम में पूरी तरह से बाहरी लोग लगे हुये हैं स्थानीय बेरोजगार युवक इन कामों में बिल्कुल भी रुचि नहीं ले रहे.  यह एक चिंता का बिषय है.  भवन निर्माण और इमारती लकडी बनाने का काम पूरे वर्ष भर चलता रहता है और इसमें आमदनी भी अच्छी है.

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22