Total Members Voted: 7
Voting closed: January 15, 2008, 11:42:20 AM
पहाड़ को महिलाओं के कष्ट से भरा जीवन के लिए यह गाना समर्पित है। पहाड़ की चेली लै पहाड़ की ब्वारी के कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले। पहाड़ की चेली लै पहाड़ की ब्वारी के कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले। .. राति उठी पोश गाडना ...२ पानी ले भरी लियोना ..२ बिना कलेवा रूवाट खाया तवील जान घास कटना ..२ १२ बाजी घर आयी सासू की गाली पायी। पहाड़ की चेली लै पहाड़ की ब्वारी के कभे नि खाया द्वि रूवाटा सुख ले। अषौज में धान काटना, चैत में गियु टिपणा ..२ मंगशीर में जाण ब्वारी तवील घासों क मागन बारो मास बित गयी तेरी बुति (काम) पुर नि भैई Pahad kee cheli le kabhe ni khaya dwi ruwat sukh le [url=http://www.merapahadforum.com]www.merapahadforum.com[/url]