फोटो==फाग लाइट न वाइपरNov 24, 09:21 pmबताएं (जागरण समाचार)
Twitter Delicious Facebook = जान जोखिम में डाल कर बस चला रहे हैं चालक
जासं,हल्द्वानी: मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे का कोहराम शुरू हो गया है। आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं फिर भी राज्य परिवहन निगम ने कोहरे में बसें को चलाने का कोई सुरक्षात्मक इंतजाम नहीं किया है। आलम यह है कि बसों में न तो फाग लाइट(पीली रोशनी) लगाई गई है और न ही बसों में लगा वाइपर काम कर रहा है। इससे चालक जान जोखिम में डाल कर बसें चला रहे हैं।
कुमाऊं के पर्वतीय डिपो भवाली, अल्मोड़ा, रानीखेत के अलावा हल्द्वानी, काठगोदाम, रुद्रपुर, रामनगर व काशीपुर की तीन दर्जन से अधिक बसें रात्रि में मैदानी रूटों पर चलती हैं। अधिकांश बसें दिल्ली, देहरादून व पंजाब के लिए संचालित होती है। कहने का मतलब यह कि ये बसें शाम सात से लेकर साढ़े नौ बजे रात्रि में अपने-अपने बस अड्डों से निकलती है तो पूरी रात सफर में रहती है। मैदानी क्षेत्रों में आधी रात के बाद घने कोहरे का कहर है। ऐसे में उक्त बसें रेंग-रेंग कर चल रही हैं।
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बेहाल रहे टनकपुर के यात्री
शाम को टनकपुर के लिए एक बस संचालित होती है। गुरुवार को सायं तीन बजे हल्द्वानी बस अड्डे पर टनकपुर जाने के लिए लगभग डेढ़ सौ यात्री थे लेकिन एक ही बस उपलब्ध थी। उक्त बस ठसाठस भरने के बाद गई फिर भी बड़ी संख्या में यात्री बच गए। इन यात्रियों ने दूसरी बस भेजने की मांग को लेकर डिपो अधिकारियों से काफी देर तक अनुनय विनय किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अंतोगत्वा उक्त यात्री निजी साधनों की तलाश में टैक्सी स्टैंड की ओर बढ़ गए।
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कौन सच्चा, कौन झूठा
0=0 हमने कुमाऊं संभाग की सभी बसों की हेडलाइट बदलवा दी है। पीली लाइट लगाई गई है जो कोहरे को काटने में मदद करती है। जिन चालकों ने अपनी पसंद की लाइट अलग से बसों में फिट कराई है, उन्हें इसका भुगतान कर दिया गया है।
मुकुल पंत,
महाप्रबंधक, नैनीताल संभाग
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रात में जान जोखिम में डाल कर बसें चलाई जा रही हैं। प्रबंधन से पीली लाइट लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
चालक-परिचालक
दिल्ली व देहरादून रूट