भिलंगना प्रखंड में शिक्षा व्यवस्था बदहाल
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घनसाली(टिहरी)। भिलंगना प्रखंड में बदहाल स्थिति से गुजर रही प्राथमिक शिक्षा में सुधार के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इसके चलते कई बच्चे जहां स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, वहीं सैकड़ों बच्चों के सामने घर से दूर रहकर पढ़ाई जारी रखने की मजबूरी बनी हुई है। स्थिति का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रखंड में शिक्षकों के १९० पद वर्षों से रिक्त हैं। नतीजतन १८ स्कूलाें में ताले लटके हुए हैं।
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए भले ही सरकारी स्तर पर कई कार्यक्रम चलाए जा रह हों, लेकिन भिलंगना प्रखंड में यह सब बेमानी साबित हो रहा है। प्रखंड में प्राथमिक स्कूल डांग, बगर, जसपुर, खैणी, मरवाड़ी, अखोड़ी, गेमाधार, पुजारगांव, सुकताल, लैणी, बुढ़वा, मुंडेती, कोठी नैलचामी, वडियारगांव, किल्यागांव, गनवाड़ी और बौंसला प्राथमिक स्कूल में ताले लटके हुए हैं। इनमें से खैणी, पुजारगांव, लैणी, बुढ़वां, गनवाड़ी और बौसला के आस-पास अन्य कोई स्कूल न होने से बच्चे अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पा रहे हैं। अन्य स्कूलों के बच्चों को दो से तीन किमी दूर जाना पड़ रहा है। यही नहीं यहां ५५ स्कूल एक शिक्षामित्र और ६८ एकल शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। पुजारगांव के बच्चीराम पुर्वाल, मरवाड़ी के भागीरथ राणा, अखोड़ी के मेहरबान सिंह कहते हैं, उनके बच्चों का भविष्य गर्त में जा रहा है। बीईओ मोतीलाल वार्मा कहते हैं, कि उच्चाधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है।