21 स्कूलों में बच्चों का राज, एक भी शिक्षक नहींStory Update : Thursday, July 14, 2011 12:01 AMकपकोट। सभी साक्षर बनें। सर्व शिक्षा अभियान। मिड-डे-मील। आंगनबाड़ी केंद्र। बालिकाओं को नि:शुल्क शिक्षा और न जाने क्या-क्या योजनाएं सरकार ने चला रखी हैं साक्षरता दर को शत प्रतिशत हासिल करने के लिए। लेकिन फिर भी पहाड़ों पर शिक्षा की हालत दयनीय है। स्थिति इतनी बदतर है कि क्षेत्र की 21 पाठशालाओं में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। यही नहीं पेठी की पाठशाला भोजनमाता के भरोसे है जबकि 171 स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षा व्यवस्था एकल शिक्षक के भरोसे है। ऐसे में शत प्रतिशत साक्षरता हासिल कैसे होगी और कब होगी यह कह पाना मुश्किल है। सत्र शुरू होने के बाद से इन स्कूलों में एक धेला भी पढ़ाई नहीं हुई। इधर, अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।
शासन और शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते कपकोट ब्लाक की प्राथमिक शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है। जिन 21 पाठशालाओं में एक भी शिक्षक नहीं है, वहां बच्चों की पढ़ाई जूनियर हाईस्कूल से शिक्षकों के आने पर ही होती है। अमूमन देखा गया है कि बच्चे तो रोजाना समय पर 7.30 बजे स्कूूल पहुंच जाते हैं लेकिन छह में से तीन दिन या कभी-कभी दो दिन तो शिक्षक आते ही नहीं। ऐसे में बच्चे खेलकूद कर छुट्टी के बाद 12 बजे घर लौट जा रहे हैं। वहीं जिन 171 स्कूलों दूणी, राकसी, कन्यूटी, लीली, गैनाड़, चरक्युड़ा, तिमिलाबगड, दूणीपोथिंग, शोभाकुंड, खोलीखेत, तोली, सुमटी, जिमखोला, फरसाली पल्ली, भैरूं, पांकड़, परगड़, नरगड़ा, गडेरा फुलई, गैरखैत, पुड़कुनी, कन्यालीकोट, स्यालढुंगा, लामाबगड़, उडियारी, ठांगधार, चौड़ास्थल, पेठी, सौंग, पुलीउसिंग, सलिंग, कफलानी, रीठाबगड़, खलझूनी नवीन, मुनार, बरमती, तरसाल, समडर, भराकाने, तीख, बदियाकोट, जातोली आदि में शिक्षा व्यवस्था एकल अध्यापक के भरोसे है वहां भी बच्चों की पढ़ाई कैसे चल रही होगी, इसका अंदाजा लगाया ही जा सकता है। इन स्कूलों में पांच से 39 तक बच्चे पंजीकृत है। यह विद्यालय भी वक्त बेवक्त ही खुलते हैं। इन स्कूलों के शिक्षक विभागीय बैठकों, प्रशिक्षण और एमडीएम की व्यवस्था में लगे होने के कारण पढ़ाई को ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं। वहीं यदि बात करें पेठी की पाठशाला की तो वहां की शिक्षा व्यवस्था भोजनमाता के भरोसे है। वही स्कूल संचालित कर रही हैं। बच्चों का भविष्य अंधकारमय देखते हुए चिंतित अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि शिक्षकों की तैनाती शीघ्र नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। बीआरसी समन्वयक बीएस कर्म्याल ने बताया कि विद्यालयों की स्थिति के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
उच्चाधिकारियों को बताई है स्थिति :
एडीईओबागेश्वर। अपर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक मदन सिंह रावत ने कहा कि बीटीसी और शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण चल रहा है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही तैनाती होगी। समस्या से उच्चाधिकारियों को पहले ही अवगत कराया है।
सीएम और शिक्षा मंत्री को बताई है समस्या : गड़ियाकपकोट। विधायक शेर सिंह गड़िया ने बताया कि उन्हाेंने शिक्षकों की तैनाती के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से बात की है। इस समय बीटीसी और शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण चल रहा है। प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद ही स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। कहा कि स्थिति गंभीर है लेकिन थोड़े इंतजार के बाद काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि उपचारात्मक कार्यक्रम के तहत कुछ राहत मिलेगी।
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