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मौत के साए में आखर ज्ञान
जागरण प्रतिनिधि, गोपेश्वर: राज्य को शिक्षा हब के रूप में स्थापित करने के तमाम सरकारों के दावों की हकीकत धरातल पर शिक्षा की स्थिति देख कर साफ हो जाती है। राज्य के स्कूलों में कहीं शिक्षक नहीं तो कहीं छात्र नहीं। और जहां छात्र और शिक्षक हैं, भवन ही नहीं। आलम यह है कि मौत के साये में हजारों छात्र आखर ज्ञान ले रहे हैं। अकेले चमोली जनपद में ही 260 स्कूलों को खुद शिक्षा विभाग खतरनाक मान रहा है, हकीकत में यह आंकड़ा इससे कुछ ज्यादा ही होगा। 13 वर्ष से मरम्मत का इंतजार कर रहे इन स्कूलों में आठ हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
चमोली में 1999 में आए विनाशकारी भूकंप और उसके बाद हर वर्ष दैवीय आपदा के चलते 260 विद्यालय भवन जर्जर हैं। इनमें कुछ भवन ऐसे भी हैं जो तीन दशक पुराने हैं इन में कक्षा संचालित करने से शिक्षक भी कतराते हैं। यहां गर्मियों में बरामदे या खुले मैदान में पढ़ाई होती है और बरसात व सर्दियों में अधिकांश समय इन पर ताले लटके रहते हैं। अभिभावक लगातार शिक्षा विभाग से विद्यालयों की स्थिति सुधारने की मांग कर रहे हैं,लेकिन विभाग शासन से पत्राचार करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है। स्थिति यह है कि जर्जर भवनों के कारण कई स्कूल पंचायत घरों और विद्यालय के बरामदों में छात्रों को शिक्षा दे रहे हैं। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2012-13 में 52 विद्यालयों के पुर्ननिर्माण के लिए 3,25,84,000 रुपये समेत तीन प्राथमिक विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 11.07 लाख व दो जूनियर हाईस्कूल भवनों के नवनिर्माण के लिए 35.02 लाख रुपये स्वीकृत कर चुका है। लेकिन, जीर्ण शीर्ण हालत में शेष 208 स्कूलों की सुध सरकार कब लेगी कहा नहीं जा सरता।
धनराशि हुई मंजूर
-16 प्राथमिक विद्यालयों के पुर्ननिर्माण के लिए 1,52,32,000 रुपये
-तीन जूनियर हाईस्कूल भवनों के पुर्ननिर्माण के लिए 43.20 लाख रुपये
-31 प्राथमिक विद्यालयों के वृहद निर्माण के लिए 1,19,30,000 रुपये
-दो जूनियर हाईस्कूलों के वृहद निर्माण के लिए 11.02 लाख रुपये
विद्यालयों की स्थिति
कुल विद्यालय जर्जर
प्राथमिक विद्यालय 982 146
जूनियर हाईस्कूल 222 14
हाईस्कूल 83 62
इंटर कॉलेज 98 38
बरामदे में पढ़ाई
-प्रावि बांजबगड़ कठूड़ा, प्रावि चरबंग, प्रावि बगोली, प्रावि कोल्सों में।
पंचायत घरों में पढ़ाई
-प्रावि डिम्मर, प्रावि लुहां, प्रावि स्यूंण, जूहा कालूसैंण, प्रावि बसंतपुर आदि।
लोनिवि करेगा निष्प्रयोज्य घोषित
अभी तक आरईएस ही शिक्षा विभाग के भवनों को निष्प्रयोज्य घोषित करने के लिए अधिकृत था। लेकिन, इस वर्ष शिक्षा विभाग ने लोक निर्माण विभाग को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। आरईएस में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभाग ने यह कदम उठाया है।
जिले में सैकड़ों स्कूलों के भवन जर्जर हैं। सरकार नए विद्यालयों की स्वीकृति तो दे रही है, लेकिन जर्जर भवनों को सुधारने को प्रयास नहीं किए जा रहे।
पूर्ण सिंह, विधिक सलाहकार पीटीए महासंघ चमोली।
शिक्षा विभाग ने 260 स्कूलों को चिह्नित किया है, जहां भवन मरम्मत की जरूरत है। वित्तीय वर्ष 2012-13 में 52 स्कूलों की मरम्मत के लिए लगभग सवा तीन करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई है। इसके अलावा दो नए भवनों का निर्माण व तीन कक्षा कक्षों का निर्माण भी इस वित्तीय वर्ष में होगा। अन्य स्कूलों के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में प्रस्ताव भेजे जाएंगे।
एमएस रावत, परियोजना अधिकारी सर्वशिक्षा अभियान चमोली
(source dainik Jagran)