सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण पलायन को मजबूर
नौ सालों में नहीं बना मोटर मार्ग
कर्णप्रयाग ब्लाक के चूला, गबनी, बमियाला सहित आसपास के कई गांवों में सड़क सुविधा न होने से ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं। कोल्सों बेंड से इन गांवों को जोड़ने के लिए नौ साल पहले सड़क स्वीकृत हुई थी लेकिन आज तक इस मार्ग का कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
ब्लाक के ऐसे दर्जनों गांव हैं जो सड़क सुविधा न होने से खाली हो चुके हैं। इन गांवों की फेहरिस्त में अब चूला, गबनी, बमियाला सहित आसपास के तोक और गांव भी शामिल हो गए। सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं जिससे गांव के 50 प्रतिशत से अधिक परिवार शहरी इलाकों में बस गए हैं। सड़क निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजे सिंह रावत, प्रधान कमला देवी, उपप्रधान दिनेश लाल, पूर्व प्रधान धीरेंद्र भंडारी आदि का कहना है कि 2003 में कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग पर बगोली से कोटी-जेंटा मोटर मार्ग के कोल्सों बेंड से गांवों को जोड़ने के लिए मोटर मार्ग स्वीकृत हुआ। जिस पर कटिंग का कार्य शुरू कर दिया गया लेकिन कुछ दूरी तक कार्य करने के बाद इसे बंद कर दिया गया। तब से लेकर नौ साल बीतने पर भी यह मार्ग पूरा नहीं हो पाया जिससे ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने सीएम को ज्ञापन भेजकर मार्ग निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कर पलायन को रोकने की मांग की है।
पलायन का दर्द बहुत जादा है, आखिर ग्रामीणों की मांगो पर क्यों कार्यवाही नहीं होती, और क्या ये कार्यवाही तब होगी जब ये गाँव खली हो जायेंगे ........लेकिन हमारी सरकार बहरी है, उसे नहीं जानना पलायन के कारणों को, उसे नहीं बचाना ह इन गांवो को............जागो सरकार जागो , समय रहते अगर काम हो तो यु खाली नहीं होंगे पहाड़ के गाँव................!!!!!
दस्तक, अगस्त्यमुनिBy:
Deepak Benjwal