One side see the photo of development and other side, see what our CM says:
मुख्यमंत्री ने गिनाई उपलब्धियां
देहरादून। राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेशवासियों को आभार जताया है। उन्होंने कहा कि आशाओं और आकांक्षा के साथ प्रदेश की जनता ने भाजपा को सेवा का अवसर दिया था। सरकार पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है।
एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सरकार ने विजन 2020 के अंतर्गत लक्ष्य निर्धारित किए हैं। जन समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार सीधा संवाद कायम किए हुए है। प्रदेश में औद्योगिक माहौल सुधर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर हुए सांख्यकीय सर्वेक्षण में उत्ताराखंड सकल घरेलू उत्पाद में देश में तीसरे स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि उत्ताराखंड देश का पहला राज्य है जहां सिर्फ पंद्रह हजार में एमबीबीएस डिग्री दी जा रही है। राज्य में शीघ्र ही आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय स्थापित होने जा रहा है। उत्ताराखंड को ऊर्जा एवं आयुष प्रदेश बनाने की ओर अग्रसर हैं। उत्ताराखंड देश का पहला राज्य है, जहां देववाणी संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया गया है। प्रदेश में 108 चिकित्सा सेवा वरदान साबित हो रही है। पौड़ी, टिहरी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और देहरादून में महिलाओं के लिए नर्सिग ट्रेनिंग कालेज स्थापित किए जा रहे हैं। उत्कृष्ट कार्य करने वाल शिक्षकों को शैलेश मटियानी पुरस्कार दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के लिए देवभूमि मुस्कान योजना तथा पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल में मनेरी भाली द्वितीय चरण में उत्पादन शुरू हो पाया। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला-2010 की चुनौतियों को सरकार ने स्वीकार किया है। उन्होंने सरकार द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं की जानकारी दी, जिसमें नंदा देवी कन्या योजना, गौरा देवी कन्या धन, स्पर्श गंगा योजना, अटल आदर्श ग्राम योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन वर्षो में प्रदेश के चहुंमुखी विकास का जो संकल्प लिया था, सरकार उसे मूर्त रूप देने की ओर अग्रसर है। भाजपा उत्ताराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की ओर अग्रसर है।
Source : Dainik Jagran
Sayad is UPlabdhi ko Bhool Gaye hain Prdhanmantri ji
पुरोला : एसजीआरआर स्कूल में सोमवार को छत की स्लीपर टूटने से आधा दर्जन छात्र चोटिल हो गए। इससे स्कूल में अफरा तफरी मच गई व अन्य कमरों से भी अध्यापक व छात्र बाहर आ गए।
जिले में सरकारी और प्राईवेट दोनों तरह के स्कूलों में नौनिहालों की जान महफूज नहीं है। जिले में साठ से अधिक स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं। इनमें पुरोला व मोरी ब्लॉक में सर्वाधिक 30 विद्यालय इनमें पढ़ने वाले बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं। ऐसे जर्जर स्कूल भवनों में बरसात के समय खतरा और अधिक बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे में क्या किया जाए जब इस मौसम में ही स्कूलों छत भरभराने लगे।
सोमवार की सुबह गुरुरामराय स्कूल में ऐसा ही हादसा हुआ। श्री गुरुराम राय ट्रस्ट ने वर्ष 1996-97 में पुरोला में करीब 75 साल पुराने भवन पर स्कूल खोला था। सोमवार को स्कूल के छत की लकड़ी का एक स्लीपर टूटकर गिर गया। इससे कक्षा 7 के छह बच्चों को चोटें आ गई। मामूली चोटें होने से स्कूल में ही उनकी मरहम पट्टी कर दी गई। घटना की खबर पर अन्य कक्षाओं से भी तमाम छात्र व अध्यापक अपने-अपने कमरों से बाहर आ गए।
काफी समय से जर्जर हो चुके भवन की हालत व घटना की सूचना देने को प्रधानाचार्य पीएस राणा घटना के तुरंत बाद विद्यालय प्रबंधन से मिलने देहरादून चले गए।
'छात्रों को मामूली चोटें आई हैं तथा बड़ा हादसा होने टल गया। जर्जर भवन की हालत व अन्यत्र व्यवस्था को विद्यालय प्रबंधन से बात की जा रही है तथा शीघ्र ही भवन व्यवस्था की जायेगी।
पीएस राणा, प्रधानाचार्य।
मनमानी पड़ सकती है भारी
उत्तरकाशी : प्राईवेट स्कूलों की मनमानी भी बच्चों के लिये खतरे का सबब बन रही है। अधिकांश स्कूल भवनों के पास पर्याप्त भवन, भूमि व सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। इसके बावजूद छात्र संख्या व कक्षाओं में लगातार बढ़ोत्तरी की होड़ इन्हें खतरनाक बना रही है। जिला मुख्यालय पर ही अनेक ऐसे स्कूल पुराने भवनों और तंग गलियों के बीच संचालित हो रहे हैं। इन जगहों पर हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है।
Source Jangarn