Author Topic: Uttarakhand Kranti Dal-उत्तराखंड क्रांति दल के पतन का मूल्याकन  (Read 35585 times)

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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Dajyu aap kin sharab virodhiyon ki baat kar rahe hain??? Shayad unn sharab Virodhiyo ke baare me aap mujh se jyada achi tarah se jante hain jo janta ke samane sharab kaa virodh karne kaa dhong karte hain aur khud sharab ke bina nahi rah sakte hain.......

Emotion ke base par ab Rajneeti possible nahi hai......Wo peela to sakte nahi hai ishliye Sharab kaa sirf aur sirf virodh karke janta ko murkh ab nahi banaya jaa sakta hai......

Aur ye baat Uttarakhand ki janta bhi bhali bhaanti janti hai....

कैलाश जी पता नहीं जनता समजदार है या लाचार है क्युकी पिछले चुनाव मैं सत्ता हथियाने के लिए जिस तरह से शराब और नोटों का इस्तेमाल हुवा उससे तो मुझे जनता की लाचारी ही नजर आती है UKD  संगठन है जो इसके मेम्बर है वो चाहे कोई भी हो संगठन मैं रह कर ही उन्होंने काम किया इसलिए UKD का नाम ही आना चाहिए जहाँ तक मेरी जानकारी है UKD ने कभी भी जनहित के खिलाफ कोई काम नहीं किया उसने शराब के विरोध मैं काम किया न की लोगो को Vote के बदले शराब नहीं दिया , उन्होंने जंगल बछाने के लिए काम किया और भी बहुत से काम किये जो जनता के हित मैं हैं उत्तराखंड का दुर्भाग्य है की पड़े लिखे समजदार जिनको अच्छे बुरे की समझ है वो तो पलायन कर रहे हैं जो बचा मॉस वहां पर है उसको अपना वर्तमान के लिए संघर्ष करना है future की वो सोचता ही नहीं इसलिए शराब के एक addhe मैं ही बिक जाता है यही शायद राष्ट्रिय पार्टी चाहती भी हुंगी नहीं तो ये काम नहीं कराती
 
Ishi liye mene pahle bhi kaha tha ki UTTRAKHAND Ki janta samajhdaar hai...

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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१.  क्या कोई सुझाव दे सकता है, उत्तराखंड क्रांति दल के लिए संजीवनी का काम कौन कर सकता है ?

२.   क्या उत्तराखंड क्रांति दल में भारी फेर बदल की जरुरत है ?

३.   क्या युवा नेता जैसे पुष्पेश त्रिपाठी जैसे नेता को उत्तराखंड क्रांति दल का पूरा नेत्रत्व दे देना चाहिए?


Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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ye baat to sach hai ki uttarakhand banane ke baad hum apne hi logo se lute ja rahe hai.
ek hafte pahale gaon gaya tha subah-subah 9 baje koyee gaadi nahi thi mujhe abhi 13 KM door jana tha ek tata sumo wala mila wo bhi apna hi school time ka dost acha laga ki usne apni gadi dekh ke.

magar usne bhi na dosti dekhi na ghar tak ki doori, agar dekhi to sirf meri majboori.
or 13 KM tak safar karne ke le liye Rs.200/ wo bhi dost hone ke naate warana koyee or hota to rate tha Rs. 300/ khair choro......../
 
or baat rahi UKD ki to ye bhi ab apni rajniti ki roti sekane me lag gaye hai.
 
inko bhi uttarakhand sarkar ne samjha bujha kar ek dhapli de di hai.
 
or UKD ne apna janhit ka rag chor
UKD hit naya rag alapna suru kar diya hai.
 

dayal pandey/ दयाल पाण्डे

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श्रीमान जी एक आदमी की बात नहीं कर रहा हु संगठन की बात कर रहा हु  इसका मतलब आपको शराब बंदी वाले आन्दोलन याद नहीं है चिपको आन्दोलन याद नहीं है उत्तराखंड आन्दोलन याद नहीं है थोड़ी जानकारी इसके लिए लाओ फिर विचार विमर्श करते हैं मैं UKD का हिमायती नहीं हुईं लेकिन अच्छे काम किसी का भी हो सराहनीय होता है   


Dajyu aap kin sharab virodhiyon ki baat kar rahe hain??? Shayad unn sharab Virodhiyo ke baare me aap mujh se jyada achi tarah se jante hain jo janta ke samane sharab kaa virodh karne kaa dhong karte hain aur khud sharab ke bina nahi rah sakte hain.......

Emotion ke base par ab Rajneeti possible nahi hai......Wo peela to sakte nahi hai ishliye Sharab kaa sirf aur sirf virodh karke janta ko murkh ab nahi banaya jaa sakta hai......

Aur ye baat Uttarakhand ki janta bhi bhali bhaanti janti hai....

कैलाश जी पता नहीं जनता समजदार है या लाचार है क्युकी पिछले चुनाव मैं सत्ता हथियाने के लिए जिस तरह से शराब और नोटों का इस्तेमाल हुवा उससे तो मुझे जनता की लाचारी ही नजर आती है UKD  संगठन है जो इसके मेम्बर है वो चाहे कोई भी हो संगठन मैं रह कर ही उन्होंने काम किया इसलिए UKD का नाम ही आना चाहिए जहाँ तक मेरी जानकारी है UKD ने कभी भी जनहित के खिलाफ कोई काम नहीं किया उसने शराब के विरोध मैं काम किया न की लोगो को Vote के बदले शराब नहीं दिया , उन्होंने जंगल बछाने के लिए काम किया और भी बहुत से काम किये जो जनता के हित मैं हैं उत्तराखंड का दुर्भाग्य है की पड़े लिखे समजदार जिनको अच्छे बुरे की समझ है वो तो पलायन कर रहे हैं जो बचा मॉस वहां पर है उसको अपना वर्तमान के लिए संघर्ष करना है future की वो सोचता ही नहीं इसलिए शराब के एक addhe मैं ही बिक जाता है यही शायद राष्ट्रिय पार्टी चाहती भी हुंगी नहीं तो ये काम नहीं कराती
 
Ishi liye mene pahle bhi kaha tha ki UTTRAKHAND Ki janta samajhdaar hai...

KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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Dajyu,

Jin logo ko aap Dal/Party kaa pratinidhi banane ki baat kar rahe hain yaha par usse pahle hame ek baat ko dhyaan me rakhana hoga ki kya unn pratinidhiyon se wo log khush hain jinhe un logo ne pahle hee chuna hua hai agar nahi to fir wo kishi dal (Party) kaa pratinidhitwa karenge.....

Ish vishay par charcha chalti rahegi aur aishe pratinidiyo ke baare me bhi kuch sachaaiyon se awagat karwaunga kal apko....

Feelhaal ke liye subhratri......


१.  क्या कोई सुझाव दे सकता है, उत्तराखंड क्रांति दल के लिए संजीवनी का काम कौन कर सकता है ?

२.   क्या उत्तराखंड क्रांति दल में भारी फेर बदल की जरुरत है ?

३.   क्या युवा नेता जैसे पुष्पेश त्रिपाठी जैसे नेता को उत्तराखंड क्रांति दल का पूरा नेत्रत्व दे देना चाहिए?



Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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agar UKD ko uttarakhand me majboot banke rahana hai to usko apna uttarakhand janhit aandolan jari rakhana hoga.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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जहाँ तक मेरे विस्तृत विचार है वो इस प्रकार है :

उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य को बनाने के लिए एक बहुत ही बड़ी लडाई लड़ी जिसके बारे जितनी तारीफ की जाय कम है! इस दल ने नेत्रत्व में लोग ने राज्य निर्माण के लिए बाद चढ़ कर हिस्सा लिया और एक बहुत ही लम्बी लडाई और बलिदान के बाद राज्य प्राप्त किया! 

राज्य के निर्माण में लोगो ने नहीं देखा अपना भविष्य, आपना परिवार देखकर लोग कूद पड़े आन्दोलन में! सिर्फ एक सपना था उत्तराखंड सुनहरा विकास.. पलायन रुकेगा... पहाडो में हर जगह विकास ही विकास होगा ! लेकिन इस राह पर बहुत से लोगो बर्बाद हुए और कुछ लोगो ने आंखिर दम तक हार नहीं मानी. और राज्य का निर्माण करवाया!   

लेकिन यह क्या हुवा , राज्य का निर्माण करने वाली पार्टी को हार का मुह
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जब उत्तराखंड में पहले चुनाव हुए लोगो को उम्मीद थी, उत्तराखंड क्रांति दल बहुमत के साथ सरकार बनायेगी,लेकिन यह नहीं हुवा.! पार्टी को बहुत ही कम सीटे मिली!

अब उत्तराखंड क्रांति दल के हालात बहुत ही ख़राब है
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यह पार्टी अब सरकार बनाना तो दूर, अपना अस्तितव को बचने के जुटी है! पार्टी इस दशा के लिए खुद पार्टी के नीतिया और संघठन जिम्मेवार है!  उत्तराखंड क्रांति दल में से कुछ शीर्ष नेताओ ने अब उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी बनाई है!

उत्तराखंड क्रांति दल को चाहिए वह अपनी इस दशा का आत्म मंथन करे!

मेरे हिसाब से :

१)   पार्टी की कमान अभी युवा नेता पुष्पेश त्रिपाठी को देनी चाहिए जिसके नेत्रत्व में हुवा उत्तराखंड क्रांति दल से जुड़ सकते है !

२)   यदि उत्तराखंड क्रांति दल अपना अस्तितव एव सुनहरा भविष्य बनाना चाहती है तो उसे अपने चुनावी घोषनाओ पर अमल करना चाहिए!

३)    अगर उत्तराखंड क्रांति दल किसी भी तरह राजधानी को गैरसैंन ले जाने में सफल रही.. तो सत्ता उसके हाथ से दूर!

४)    ध्यान रहे .... अगर यह पार्टी भी भ्रष्टाचार में लिप्त हुयी तो..पतन दूर नहीं.. फिर होगा इसका पोस्ट मार्टम ! डेड पार्टी का !

५)   पार्टी नेता आपसी इगो से बचे.. .. एक जुट होकर पार्टी को मजबूत करने में जुड़े... वह केवल जनता के विकास के लिए ना की आपने.. निजी स्वार्थ के लिये !

अभी भी उत्तराखंड राज्य को कोई मुख्य मंत्री विकास पुरुष की छवि वाला नहीं मिला!

क्या उत्तराखंड क्रांति दल से ये हो सकता है ? लेकिन पार्टी अपनी पगड़ी तो संभाले ?....

 

Lalit Mohan Pandey

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UKD ko fir se janta se judna hoga.. usko janta se jude hue saawalu ko fir se utana hoga... wo sabhi log jo uttarakhand andolan ke samay party mai the, us samay party ke face hua karte the.. aaj UKD mai unhe koe janta hi nahi... jaise ki hukka bubu ne kaha .. national parties ka remote control kahi or hota hai.. UKD ka remote control ho sakta hai pahad ke hi kisi admi ke pass ho lekin unhe pahad ki chinta nahi hai.. na hi unhe party ki chinta hai.. Party kaise kaise decision leti hai ye aap sabhi jante hai kuch example deta hu.. Pithoragarh vidhan sabha se (acchhi tarah yad nahi last election mai ya fir last to last election mai) chandrasekhar kapari ji ka ticket kat kar...ek aese admi ko candidate banaya gaya ji kuch din pahle hi party mai aya tha or election harne ke kuch samay bad hi party chod kar congress mai chala gaya.. sirf isliye kyuki uske pass paise the (batata chalu ki uttarakhand andolan ke samay Kapri ji apna ghar bar bhool kar rat din party or andolan ke liye kam karte rahe), MP election mai party jis mahila ko apna condidate bana chuki thi.. wo kuch din bad hi kisi doosri party se election ladi... aap soch sakte hai yah kaisi rajniti hai... party ko apne karykartau se jyada pyare paise ho gaye hai.. jo condidate paise de sakta use hi hi party ka ticket mil jata hai...Jin Kasi singh aeri ji ki lokpriyta ek samay itni jyada thi ki wo MP ka election mahaj 2000 votes se har gaye the.. kanalichhina area unka गड mana jata tha..aaj wo apni vidhan sabha seat bhi nahi bachha pa rahe hai....
Sanjeevani ke roop mai ek hi cheej kam kar sakti hai.. Imandar or andolan ke samay party se jude hue logu ko fir se aage lao, party mai unki chalni chahiye ji party or uttarakhand ke hit mai sochte hai.. unki nahi jinko sirf kurshi ka or paise ka lalach ho..

Mai kailash bhai ki ek bat se sahmat hu ki.. kisi party se kuch nahi hoga.. aapka neta imandar or kary karne wala hona chahiye..ek visionary hona chahiye... aap Narendra modi ka example le sakte hai..wo bhi BJP se hai... fir kaise Gujrat vikas kar raha hai or Uttarakhand nahi...


१.  क्या कोई सुझाव दे सकता है, उत्तराखंड क्रांति दल के लिए संजीवनी का काम कौन कर सकता है ?

२.   क्या उत्तराखंड क्रांति दल में भारी फेर बदल की जरुरत है ?

३.   क्या युवा नेता जैसे पुष्पेश त्रिपाठी जैसे नेता को उत्तराखंड क्रांति दल का पूरा नेत्रत्व दे देना चाहिए?



एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड क्रांति दल राजधानी मुद्दे पर कायम नहीं रह सकी, भारतीय जनता पार्टी के साथ सत्ता में भागीदारी उसके पतन का क्या एक कारण है ?


KAILASH PANDEY/THET PAHADI

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Dajyu, aandolano ke baare me to me pahale se hee sahmat ho chuka hu ki UKD ish mamale me perfact hai lekin sirf aur sirf aandolano se Vikash possible nahi....

Rahi baat jaankaari lene ki to dajyu ushi liye to aap buddijiwiyo ke beech me aaya hu apni jankariyo ko badane ke liye to jarur kuch naa kuch asar to hoge hee....DER ME HEE SAHI
 LEKIN KABHI NAA KABHI TO AAYEGI

LEKIN MERI ABHI TAK KI JANKAARIYON KE HISAB SE TO UKD KE PRESENT KARYKARTAON KE BAS KAA AB KUCH RAH NAHI GAYA HAI...

श्रीमान जी एक आदमी की बात नहीं कर रहा हु संगठन की बात कर रहा हु  इसका मतलब आपको शराब बंदी वाले आन्दोलन याद नहीं है चिपको आन्दोलन याद नहीं है उत्तराखंड आन्दोलन याद नहीं है थोड़ी जानकारी इसके लिए लाओ फिर विचार विमर्श करते हैं मैं UKD का हिमायती नहीं हुईं लेकिन अच्छे काम किसी का भी हो सराहनीय होता है   


Dajyu aap kin sharab virodhiyon ki baat kar rahe hain??? Shayad unn sharab Virodhiyo ke baare me aap mujh se jyada achi tarah se jante hain jo janta ke samane sharab kaa virodh karne kaa dhong karte hain aur khud sharab ke bina nahi rah sakte hain.......

Emotion ke base par ab Rajneeti possible nahi hai......Wo peela to sakte nahi hai ishliye Sharab kaa sirf aur sirf virodh karke janta ko murkh ab nahi banaya jaa sakta hai......

Aur ye baat Uttarakhand ki janta bhi bhali bhaanti janti hai....

कैलाश जी पता नहीं जनता समजदार है या लाचार है क्युकी पिछले चुनाव मैं सत्ता हथियाने के लिए जिस तरह से शराब और नोटों का इस्तेमाल हुवा उससे तो मुझे जनता की लाचारी ही नजर आती है UKD  संगठन है जो इसके मेम्बर है वो चाहे कोई भी हो संगठन मैं रह कर ही उन्होंने काम किया इसलिए UKD का नाम ही आना चाहिए जहाँ तक मेरी जानकारी है UKD ने कभी भी जनहित के खिलाफ कोई काम नहीं किया उसने शराब के विरोध मैं काम किया न की लोगो को Vote के बदले शराब नहीं दिया , उन्होंने जंगल बछाने के लिए काम किया और भी बहुत से काम किये जो जनता के हित मैं हैं उत्तराखंड का दुर्भाग्य है की पड़े लिखे समजदार जिनको अच्छे बुरे की समझ है वो तो पलायन कर रहे हैं जो बचा मॉस वहां पर है उसको अपना वर्तमान के लिए संघर्ष करना है future की वो सोचता ही नहीं इसलिए शराब के एक addhe मैं ही बिक जाता है यही शायद राष्ट्रिय पार्टी चाहती भी हुंगी नहीं तो ये काम नहीं कराती
 
Ishi liye mene pahle bhi kaha tha ki UTTRAKHAND Ki janta samajhdaar hai...

 

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