Author Topic: Uttarakhand Suffering From Disaster - दैवीय आपदाओं से जूझता उत्तराखण्ड  (Read 103017 times)

विनोद सिंह गढ़िया

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कुमाऊं में बृहस्पतिवार को एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ गया। कपकोट तहसील के तीखडौला गांव में बादल फटने से दोमंजिला मकान ध्वस्त हो गया तथा तीन मकानों को खतरा पैदा हो गया है। गरुड़ में हरबगड़ को जोड़ने वाली पुलिया और संपर्क मार्ग के ध्वस्त हो जाने से क्षेत्र के पांच गांवों का एक दूसरे संपर्क भंग हो गया है। इधर, हल्द्वानी तथा सरोवर नगरी में बृहस्पतिवार को हुई झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

कपकोट तहसील मुख्यालय से 28 किमी दूर उच्च हिमालयी क्षेत्र से जुड़े तीखडौला गांव के लूमी तोक में बादल फटने से दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया। घर में रखे तीन तोले सोने के गहने, 25 हजार रुपये नकद और घर का सारा सामान बह गया। गांव में तीन अन्य मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है। सुंधारी नाले के उफान में चार मवेशियां बह गईं, पेयजल योजना और पैदल रास्ते ध्वस्त हो गए। गरुड़ में हरबगड़ को जोड़ने वाली पुलिया और संपर्क मार्ग के ध्वस्त हो जाने से देवनाई क्षेत्र के पांच गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं। मुनस्यारी और धारचूला की ऊंची चोटियों पर हिमपात जारी है।

पिछले दिनों हुई बारिश और अंधड़ के कारण बिजली लाइनों के टूट जाने से मुनस्यारी तहसील के आठ गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि टूटी लाइनों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है। एक दो दिन के भीतर सभी गांवों में बिजली सप्लाई बहाल हो जाएगी। पूर्णागिरि मार्ग पर बाटनागाड़ के समीप करीब दो बजे साल का पेड़ मार्ग पर आ गिरा। इससे चार घंटे यातायात बाधित रहा। मलबा आने से पठल्ती-भनार और बाराकोट-सिमलखेत मार्ग रैघाड़ी से आगे बंद है। गुमदेश क्षेत्र के करीब बारह गांवों में आंधी एवं ओलावृष्टि से सब्जियों एवं बागवानी को नुकसान पहुंचा है। इधर, बृहस्पतिवार की दोपहर नैनीताल और हल्द्वानी में झमाझम बारिश हुई। जगह-जगह जलभराव से लोगों को फजीहत उठानी पड़ी।

तीखडौला गांव में बादल फटा

दो मंजिला मकान जमींदोज कई मकानों को खतरा
कपकोट। तहसील मुख्यालय से 28 किमी दूर उच्च हिमालयी क्षेत्र से जुड़े तीखडौला गांव के लूमी          तोक में तेज गरज के साथ बादल फटने से एक व्यक्ति का दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया है। तीन तोले सोने के गहने, 25 हजार की नकदी और घर का सारा सामान पानी में बह गया। मूललाधार बारिश से गांव में तीन अन्य लोगों के मकानों को भी खतरा पैदा हो         गया है। उफनाएं नाले में चार मवेशी बह गए। पेयजल योजना ओर पैदल रास्ते भी ध्वस्त हो गया। सूचना मिलने पर एसडीएम के निर्देश पर स्थानीय पटवारी और पशुपालन के अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए हैं।बुधवार को तीखडौला गांव में बादल फटने से लूमी तोक निवासी तारा सिंह पुत्र अजब सिंह का तीन कमरों का दो मंजिला मकान जमींदोज हो गया। घटना में तीन तोले सोने के गहने, 25 हजार की नकदी और घर का सारा सामान पानी में बह गया। घटना के वक्त घर के सदस्य पड़ोसी के घर पर गए थे। प्रभावित परिवार के पास सिर छिपाने के लिए कुछ नहीं बचा। इसी गांव के देव सिंह, स्वरूप सिंह तथा गोपाल सिंह के मकानों को भी गंभीर खतरा हो गया है। पेयजल योजना और गांव के पैदल रास्ते भी ध्वस्त हो गए है। भारी बारिश से सुंधारी नाला उफन गया। जंगल से घर लौट रही आनंदी देवी पत्नी त्रिलोक सिंह की तीन दुधारू गाय तथा आनंदी देवी पत्नी किशन राम की एक दुधारू गाय गधेरे की तेज धार में बह गए। जिला पंचायत सदस्य गोविंद दानू, ग्राम प्रधान हंशा दानू तथा उनके पति नैन सिंह दानू ने प्रशासन से प्रभावितों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की है। एसडीएम तीर्थपाल सिंह ने बताया कि नुकसान की क्षति का आकलन करने के लिए बृहस्पतिवार की सुबह क्षेत्रीय पटवारी को रवाना कर दिया है।

पांच गांवों का टूटा संपर्क



गरुड़। बारिश से हरबगड़ को जोड़ने वाली पुलिया और संपर्क मार्ग ध्वस्त हो गया है। संपर्क मार्ग ध्वस्त होने से देवनाई क्षेत्र के पांच गांव के पांच हजार की आबादी अलग-थलग पड़ी है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।जिला पंचायत बागेश्वर ने दो साल पूर्व हरबगड़ गोलू मंदिर के पास गरुड़ गंगा में दो लाख रुपये की लागत से एक पैदल पुलिया का निर्माण कराया था। पिछले साल सितंबर में आयी आपदा के दौरान पुलिया को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग और पुलिया का एक हिस्सा बारिश से टूट गया। पुलिया कुछ पत्थरों पर टिकी है। संपर्क मार्ग ध्वस्त होने से पांच गांव के लोग पंद्रह से बीस किमी की दूरी पैदल तय कर रहे हैं।

http://epaper.amarujala.com/svww_index.php

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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  बिजली गिरने से 800 भेड़ों की मौत
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बिजली गिरी (फाइल फोटो)[/t][/t]
उत्तराखंड के उत्तरकाशी इलाके में मंगलवार को बिजली गिरने से 800 से अधिक भेड़ों की मौत हो गई हैं.
यह घटना उस समय हुई जब ग्रामीण अपनी भेड़ों को घास चराने जा रहे थे. अचानक मौसम ख़राब होने से बिजली गिरी और सैकड़ों भेड़ों की मौत हो गई.

घटना के बाद मौक़े पर हालात का जायज़ा लेने प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे. उत्तराखंड में बिजली गिरने से इतनी बड़ी तादाद में भेड़ों की मौत का पहला मामला है. घटना की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र में बचाव और राहत दल भेजा गया.

गौरतलब है कि इससे दो दिन पूर्व उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील के हडवाडी गांव के पास बादल फटने से साढ़े तीन सौ बकरियां मर गर्इं थीं.

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील के हडवाडी गांव के पास बादल फटने से साढ़े तीन सौ बकरियां मर गर्इं.
 
http://www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/uttarakhand-news-in-hindi/121825/uttarkashi-uttarakhand-lighting-falling-800-sheep-killed-.html
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Several roads blocked due to landslides in Uttarakhand
PTI | 08:06 PM,Jun 29,2011
Dehra Dun, Jun 29 (PTI) Several roads in Uttarakhand, including national highways leading to the shrines of Badrinath, Kedarnath and Gangotri, were blocked by landslides triggered by heavy rains stranding hundreds of pilgrims, official sources today said. Rishikesh-Badrinath national highway was blocked just two km away from Badrinath shrine following landslides caused by heavy rains, they said, adding hundreds of pilgrims were stranded in the area. Efforts are on to remove the debris from the road and personnel of Border Road Organisation (BRO) have been deployed to clear it and open the road for vehicular traffic. Rishikesh-Kedarnath national highway has also been blocked at Sirobagad due to landslides triggered by heavy rains. Meanwhile, traffic on Rishikesh-Gangotri national highway between Dharasu and Nalupani could not be resumed on the third consecutive day today as landslides continued to hit the area. Long queues of vehicles were seen on both sides of the road due to the landslides that hit the area on Monday. The Almora-Pithoragarh road was also blocked due to landslides between Makrau and Thiari. PWD personnel have been deployed to restore traffic.

http://ibnlive.in.com/generalnewsfeed/news/several-roads-blocked-due-to-landslides-in-uttarakhand/742517.html

सुधीर चतुर्वेदी

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Mehta ji pahlay din aaj tak pay news thi uttarakhand aur himachal may darktay pahad , lagatar bhuskhalan hota ja raha hai mai bachpan say dekhta aa raha hu Tanakpur
hu tanakpur - tawaghat  marg ko har sal  sukhidang , shayamlatal , chalthi kay pas bhuskhalan hota hai par abhi tak nahi sudhra na janay kitni sarkaray aayi aur c
aur chali gayi par koi bhi us ko nahi dekhta  .  champawat aur pithoragarh jilo ki life line kahi jati hai aam janta majboor hai .

सुधीर चतुर्वेदी

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पहाड़ों पर जोरदार बारिश (Jun 29/11 News from Dainik Jagran)
सड़कें ताल-तलैया, नदी नाले उफनाए

जागरण कार्यालय,चम्पावत:

मानसून ने दस्तक दे डाली है। झमाझम वर्षा से पहाड़ तरबतर हो उठा है। बुधवार को रुक-रुक कर हुई बरसात के चलते सड़कें लबालब भर गईं और नदी नाले उफान पर आ गए हैं। पिछले दो रोज से मौसम ने जमकर पानी बरसाया। सुबह और दोपहर में हुई जोरदार वर्षा के कारण जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, वहीं सड़कों ने भी नालों का रूप ले लिया। नलों में आ रहे मटमैले पानी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। चम्पावत में फिल्टर तंत्र खराब होते ही लोगों को गंदे पानी से जूझना नियत सी बन गई है। पेयजल मंत्री के निर्देशों के बाद भी इसे नहीं सुधारा जा सका है। आसमान के बादलों के ढके होने के कारण लगातार वर्षा की संभावना व्यक्त की जा रही है। रुक रुक कर हो रही इस बरसात को लोग मानसून की दस्तक बता रहे हैं। अधिकांश स्थानों पर आलू खुदाई के कार्य पर भी ब्रेक लग गया है। जिससे काश्तकारों को आलू के सड़ने की फिक्र सताने लगी है।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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 सड़कों पर टूटा बारिश का कहर     Jun 30, 11:15 pm   बताएं            भवाली/ गरमपानी/ भीमताल (नैनीताल): जिले में बुधवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश सड़कों पर कहर बनकर टूटी है। सड़कें बंद होने से बेतालघाट ब्लॉक का जिले से संपर्क भंग हो गया है। नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग भी घटों बंद रहा। इधर भवाली मार्ग पर भूस्खलन के साथ ही पत्थर गिरने से नई मुसीबत खड़ी हो रही है।
गुरुवार को वर्षा ने सड़कों पर आवाजाही पर ही रोड़ा डाल दिया। मूसलाधार वर्षा के बीच भूस्खलन व मलबा आने से अमृतपुर-बानना-बबियाड़ व कालाढूंगी-नैनीताल मार्ग बंद हो गए।
ईई लोनिवि जितेंद्र त्रिपाठी के अनुसार इन मार्गो को शाम तक यातायात के लिए सुचारु बना दिया गया। मगर पदमपुरी-हैड़ाखान रोड बंद पड़ी है। नैनीताल-भवाली मार्ग पर पाइंस के समीप पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे है।
उधर कोश्यां-कुटौली के तहसीलदार एबी वाजपेई के अनुसार जगह-जगह मलबा आने से बेतालघाट-डोलकोट, भुजान-बेतालघाट मार्ग पूरी तरह बंद है।
उधर अल्मोड़ा हाई-वे में छड़ा के पास भारी भूस्खलन से यातायात बाधित है। जबकि घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद मौना-क्वारब मार्ग खोल दिया गया है। इधर भवाली प्रतिनिधि के अनुसार अल्मोड़ा हाईवे को खोलने के लिए दो जेसीबी भी लगाई गई मगर तेज वर्षा व भूस्खलन से काम रोक दिया गया।
 
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7946061.html

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 मूसलाधार बरसात से कई मोटर मार्ग बंद     Jun 30, 09:37 pm   बताएं            जागरण कार्यालय, बागेश्वर: लगातार हो रही मूसलाधार बरसात के कारण जनपद के आधा दर्जन मोटर मार्ग मलबा आने के कारण बंद हो गये हैं। गरुड़ में चार गांवों में हो रहे भूस्खलन से कई परिवारों को खतरा उत्पन्न हो गया है। सरयू गोमती नदियों सहित बरसाती नाले उफान पर हैं।
कपकोट मोटर मार्ग में गुरुवार की सुबह पेड़ गिर जाने से कुछ देर तक मार्ग बाधित रहा। जबकि कपकोट- शामा, कर्मी, सौंग व फरसाली मोटर मार्ग मलबा आने के कारण बाधित हो गये हैं। यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कांडा- रावतसेरा मोटर मार्ग भी मलबा आने के कारण बंद है। बालीघाट मोटर मार्ग मलबा आने के कारण चार घंटे तक बंद रहा। मूसलाधार बरसात के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गरुड़ में जिनखोला, ताकलीधार, पाटली, रीठागांव में भू-स्खलन से कई परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गये हैं। जिपं सदस्य ललित फस्र्वाण ने कहा है कि उक्त गांवों में गत वर्ष भी आपदा आयी थी जिस पर प्रदेश सरकार ने प्रभावितों को विस्थापित करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक न तो मुआवजा ही दिया गया है और नहीं विस्थापन की कार्रवाई की जा रही है। रौल्याना-कंधार मोटर मार्ग में कई स्थानों पर मलबा आने से कई गांवों का संपर्क बंद हो गया है। तिलसारी मोटर मार्ग भी बंद होने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गरुड़ में डोबा- नौघर मार्ग निर्माण से सड़क का मलबा पेयजल योजना में गिर जाने से लाइन ध्वस्त हो गयी है। जिस कारण बज्वाड़ गांव में पानी की आपूर्ति ठप हो गयी है।
 
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7945041.html

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Ten killed in rain-related incidents in Uttarakhand


Hundreds of pilgrims to three Himalayan shrines of Kedarnath, Gangotri and Yamunotri have been stranded following closure of roads due to landslides even as ten persons died in several rain-related incidents across Uttarakhand in the last fortnight.

Ten persons have so far died in various rain-related incidents like flashfloods, landslides and boulders during the past fortnight, officials today said.

Landslides triggered by heavy rains continued to hit several places, blocking vehicular traffic on various roads including national highways leading to the three shrines.

However, Rishikesh-Badrinath national highway, which was blocked after a glacier hit the road just two kms away from Badrinath shrine, has been reopened for vehicular traffic.

Rishikesh-Kedarnath national highway has also been blocked at Sirobagad due to intermittent landslides. Long queues of vehicles are seen on both sides of the road and efforts are on to clear the debris to reopen it for traffic.

The vehicular traffic on Rishikesh-Gangotri national highway between Dharasu and Nalupani could not be resumed on the fourth consecutive day today as landslides continued to hit the area.

Rishikesh-Yamunotri national highway was also closed at Feri in Uttarkashi district due to landslides. BRO personnel along with police personnel are trying to clear the debris and reopen the road for vehicular traffic.

Meanwhile, several areas of the hill state received moderate to heavy rains during the past 24 hours. Chamoli experienced 84.0 mm of rainfall followed by Nainital 64.6 mm, Rudraprayag 59.0 mm, Uttarkashi 55.0 mm, Lansedowne 54 mm, Rishikesh 50.0 mm and Dehra Dun 38.8 mm.

The Met office has predicted that several areas of the hill state will continue to receive rains for another day and some areas like Nainital, Almora and Champawat might receive rather heavy to heavy rains.

http://www.thehindu.com/news/states/other-states/article2147200.ece

Devbhoomi,Uttarakhand

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नई टिहरी के जौनपुर प्रखंड के अगलाड़ नदी पर बना पुल बह जाने के कारण लकड़ी व बांस के सहारे नदी पार करता ग्रामीण।

Anil Arya / अनिल आर्य

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ऊखीमठ और चमोली में भूकंप के हल्के झटके
गोपेश्वर/रुद्रप्रयाग। चमोली जिले और ऊखीमठ क्षेत्र में सोमवार अपराह्न करीब 3.14 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 आंकी गई। भूकंप से किसी प्रकार के जन-धन की हानि नहीं हुई है। भूकंप का केंद्र चमोली-अल्मोड़ा बार्डर था। जिला आपदा अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि भूकंप करीब तीन सेकेंड तक रहा।
प्रभारी जिलाधिकारी वी.षणमुगम ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। बीती 20 जून को भी भूकंप का झटके महसूस किए गए थे। तब यह 18 सेकेंड तक रहा था और इसकी तीव्रता 4.6 थी। उधर, ऊखीमठ में भूपेंद्र सिंह राणा और शिव सिंह पंवार सहित अन्य लोगों ने बताया कि उन्होंने जमीन में कंपन महसूस किया। जिला आपदा प्रबंधक अधिकारी मीरा कैंतुरा ने भी इसकी पुष्टि की।
http://epaper.amarujala.com/svww_index.php

 

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