Author Topic: Uttarakhand Suffering From Disaster - दैवीय आपदाओं से जूझता उत्तराखण्ड  (Read 103018 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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तबाही लेकर आई बारिश
Story Update : Tuesday, August 02, 2011    12:01 AM
[/t][/t] बागेश्वर। कपकोट के इडियार नाकुरी इलाके में रविवार रात की बारिश से दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए। पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गईं और कई पैदल पुलों को नुकसान पहुंचा।
 भारी बारिश से कुरौली गांव के जोगा सिंह पुत्र पद्म सिंह का दो मंजिला मकान, शंकर लाल पुत्र जीवन साह, बैकोड़ी ग्राम पंचायत के बारूड़ी तोक निवासी किशन राम पुत्र लछम राम, पूरन राम पुत्र प्रताप राम तथा जारती के भूपाल सिंह के कमरे का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि बाफिलागांव में ठाकुर सिंह, भागीरथी देवी का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। पपोली गांव में नारायण सिंह की विधवा की दो बकरियां मलबे में दब गई हैं, जबकि कई घायल हो गई। कुरौली गांव में खोल्टा गधेरे के उफनाने से पैदल पुलिया, सार्वजनिक शौचालय तथा तीन पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं। उधर, पचार गांव में हुई भारी बारिश से एजेंटीधार से आया मलबा नवीन पांडे, कैलाश पांडे, गोविंद पांडे, ललित लोहनी, बलपा देवी एवं जीवंती देवी के घरों, आंगन तथा खेतों में घुस गया। धौलदेव गधेरे के उफनाने से देवीथान धारे पर बने पुल का अपरमेंट ध्वस्त हो गया है। इसी गधेरे में छह महीने पहले बनी सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो गई है। अनुसूचित जाति बस्ती को जोड़ने वाली पैदल पुलिया तथा पानी का धारा ध्वस्त हो गया है। गोहताड़ी तोक के हरीश राम के मकान में दरारें आ गई हैं। स्यांकोट गांव में भारी बारिश से दीवान राम का आंगन ध्वस्त हो गया है। शेर राम, बची राम तथा नंद राम के मकान के पीछे भारी मात्रा में मलबा भर गया है। ग्राम पंचायत चौनाला लछम सिंह के मकान को खतरा हो गया है। लछेटी की पेयजल योजना ध्वस्त हो गई है। गोलूना गांव में उमेद सिंह, गोविंद सिंह, भूपेंद्र सिंह तथा महेश सिंह के मकानों के आंगन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। देव सिंह के मकान के पीछे की दीवार तथा शौचालय ध्वस्त हो गया है। प्रताप सिंह के आंगन, शौचालय तथा सीढ़ी ध्वस्त हो गई है। राम सिंह,  चंद्र सिंह, आनंद सिंह, तथा हरीश सिंह के मकान के आसपास मलबा भर गया है। कपकोट के कफौली गांव के घनानंद पांडे के पीछे भूस्खलन होने से खतरा हो गया है। गुलेर के बंजानी तोक के अनेक लोगों के घरों में मलबा घुस गया है।
लाटू गधेरे में आई बाढ़ से बघर गांव में बनी पैदल पुलिया बह गई है। पूर्व प्रधान नरेंद्र बघरी ने प्रशासन से पुल का पुनर्निर्माण करने की मांग की है। भारी बारिश से भैसोड़ी गांव के खीम राम, नंद राम, खुशहाल राम, लछम राम, किशन राम के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भेसोड़ी तथा खर्कू गांव के पैदल रास्ते ध्वस्त हो गए हैं, खेतों में भारी मात्रा में मलबा घुस गया है। कपकोट के तहसीलदार अनिल चिन्याल ने क्षति का जायजा लिया। बागेश्वर के एसडीएम एसएस राणा घटनास्थल पर पूरी टीम के साथ राहत कार्य में जुट गए हैं।



(Ama

विनोद सिंह गढ़िया

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बागेश्वर: रीमा क्षेत्र में रविवार की रात बादल फटने से भारी तबाही मची है। मकान ध्वस्त होने से एक महिला की मौत हो गयी। क्षेत्र के आधा दर्जन मकान ध्वस्त हो गये हैं। कई मवेशी भी जिंदा दफन हो गये हैं। सैकड़ों हेक्टेयर भूमि मलबे में तब्दील हो गयी है। पैदल रास्ते व पुलिया बाढ़ की भेंट चढ़ गयी हैं। जिला प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिये हैं।

 रीमा क्षेत्र के ग्राम उडियार, जारती, पपोली, रंगदेव, पचार, दियाली आदि गांवों में रविवार की रात करीब 11 बजे बादल फटने से भारी तबाही मच गयी। उडियार गांव में मकान के पीछे से पहाड़ी दरक गई। जिससे मकान ध्वस्त हो गया। मलबे में दबने से प्रेम सिंह की पत्‍‌नी देवकी देवी (22) की मौत हो गयी। घर के अन्य सदस्यों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। आसपास के लोगों ने सोमवार की सुबह मलबे से बमुश्किल देवकी का शव निकाला। इसके अलावा पपोली गांव में प्रवीण सिंह का मकान, दियाली में शंकर लाल साह व गोपाल लाल साह के मकान, रंगदेव में भूपाल सिंह व शेर सिंह के मकान भी जमींदोज हो गए। इससे दर्जन भर मवेशी भी मर गए हैं। जारती में खतरे की जद में आये 4 परिवारों को प्रशासन अन्यत्र भेज दिया है। रैखोला गांव में धन सिंह बाफिला के मकान व दुकान में मलबा घुस जाने से लगभग 50 हजार का सामान दब गया है। वडयूड़ा गांव में कई मकानों में दरारें आ गयी हैं। जारती गांव में केशर सिंह मेहता सहित चार अन्य परिवारों के मकानों में भी दरारें आ गयी हैं। सभी परिवारों को प्रशासन ने अन्यत्र शिफ्ट कर दिया है। पचार गांव में भी कई घरों में मलबा घुस गया है। ललित लोहनी के घर में मलबा घुस जाने से घरेलू सामान बर्बाद हो गया है। पचार बाजार भी मलबे से पट गयी है, यहां एक पुलिया भी बह गयी है। मलबे के कारण बालीघाट-रीमा-धरमघर मोटर मार्ग बंद हो गया है। लोनिवि ने मार्ग खोलने के लिए जेसीबी लगायी है। विधायक शेर सिंह गढि़या ने प्रभावित गांवों का भ्रमण कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से वार्ता कर नुकसान की जानकारी देते हुए प्रभावितों को मदद देने की मांग की है। एसडीएम श्याम सिंह राणा के नेतृत्व में पटवारी व अन्य राजस्व कर्मचारी भी क्षेत्र में डटे हुए हैं। इधर कपकोट के नरगड़ा, गोलना, सीमा, बघर, भैसुड़ी कुटीर आदि गांवों में भी अतिवृष्टि से नुकसान हुआ है।


-आधा दर्जन मकान ध्वस्त, कई घरों में घुसा मलबा, मकानों में दरारें


-सैकड़ों हेक्टेयर भूमि मलबे में तब्दील

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8104063.html

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा

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Cloud bursting cases have increased in hill areas for the last couple of years.

Nobody can challenge the nature but we must prepared such kind of unforseen incidents.

People must be educated that houses are built in safer place so that in case of such kinds of natural calamity the loss can be minimised.


मनोज भौर्याल

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तबाही लेकर आई बारिश
Story Update : Tuesday, August 02, 2011    12:01 AM
[/t][/t] बागेश्वर। कपकोट के इडियार नाकुरी इलाके में रविवार रात की बारिश से दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए। पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गईं और कई पैदल पुलों को नुकसान पहुंचा।
 भारी बारिश से कुरौली गांव के जोगा सिंह पुत्र पद्म सिंह का दो मंजिला मकान, शंकर लाल पुत्र जीवन साह, बैकोड़ी ग्राम पंचायत के बारूड़ी तोक निवासी किशन राम पुत्र लछम राम, पूरन राम पुत्र प्रताप राम तथा जारती के भूपाल सिंह के कमरे का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि बाफिलागांव में ठाकुर सिंह, भागीरथी देवी का मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। पपोली गांव में नारायण सिंह की विधवा की दो बकरियां मलबे में दब गई हैं, जबकि कई घायल हो गई। कुरौली गांव में खोल्टा गधेरे के उफनाने से पैदल पुलिया, सार्वजनिक शौचालय तथा तीन पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं। उधर, पचार गांव में हुई भारी बारिश से एजेंटीधार से आया मलबा नवीन पांडे, कैलाश पांडे, गोविंद पांडे, ललित लोहनी, बलपा देवी एवं जीवंती देवी के घरों, आंगन तथा खेतों में घुस गया। धौलदेव गधेरे के उफनाने से देवीथान धारे पर बने पुल का अपरमेंट ध्वस्त हो गया है। इसी गधेरे में छह महीने पहले बनी सुरक्षा दीवार ध्वस्त हो गई है। अनुसूचित जाति बस्ती को जोड़ने वाली पैदल पुलिया तथा पानी का धारा ध्वस्त हो गया है। गोहताड़ी तोक के हरीश राम के मकान में दरारें आ गई हैं। स्यांकोट गांव में भारी बारिश से दीवान राम का आंगन ध्वस्त हो गया है। शेर राम, बची राम तथा नंद राम के मकान के पीछे भारी मात्रा में मलबा भर गया है। ग्राम पंचायत चौनाला लछम सिंह के मकान को खतरा हो गया है। लछेटी की पेयजल योजना ध्वस्त हो गई है। गोलूना गांव में उमेद सिंह, गोविंद सिंह, भूपेंद्र सिंह तथा महेश सिंह के मकानों के आंगन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। देव सिंह के मकान के पीछे की दीवार तथा शौचालय ध्वस्त हो गया है। प्रताप सिंह के आंगन, शौचालय तथा सीढ़ी ध्वस्त हो गई है। राम सिंह,  चंद्र सिंह, आनंद सिंह, तथा हरीश सिंह के मकान के आसपास मलबा भर गया है। कपकोट के कफौली गांव के घनानंद पांडे के पीछे भूस्खलन होने से खतरा हो गया है। गुलेर के बंजानी तोक के अनेक लोगों के घरों में मलबा घुस गया है।
लाटू गधेरे में आई बाढ़ से बघर गांव में बनी पैदल पुलिया बह गई है। पूर्व प्रधान नरेंद्र बघरी ने प्रशासन से पुल का पुनर्निर्माण करने की मांग की है। भारी बारिश से भैसोड़ी गांव के खीम राम, नंद राम, खुशहाल राम, लछम राम, किशन राम के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भेसोड़ी तथा खर्कू गांव के पैदल रास्ते ध्वस्त हो गए हैं, खेतों में भारी मात्रा में मलबा घुस गया है। कपकोट के तहसीलदार अनिल चिन्याल ने क्षति का जायजा लिया। बागेश्वर के एसडीएम एसएस राणा घटनास्थल पर पूरी टीम के साथ राहत कार्य में जुट गए हैं।



(Ama
कुरोली और दियाली मैं ७५% मकानों मैं दरारों आ गयी है.. जिससे लोगों सुरसित जगह पर जाने मैं मजबूर हो गए है.. और पुराने  मकान तो पूरी तरह से टूट चुके है.

मनोज भौर्याल

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कुरोली मैं एक पुराना मकान

सौजन्य  से खुशाल भौर्याल

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दहशत के साये में जी रहे हैं रीमा के ग्रामीण
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बागेश्वर: रविवार की रात बादल फटने से आयी आपदा के दो दिन बाद भी रीमा के ग्रामीण दहशत के साये में जी रहे हैं। कई परिवारों में अभी भी खतरा मंडरा रहा है। विधायक शेर सिंह गढि़या व आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष हीरा धपोला, प्रमुख राजेंद्र टंगडि़या सहित जनप्रतिनिधियों ने रीमा के प्रभावित गावों में जाकर हालचाल जाना।

रविवार की रात उडियार, जारती, पपोली, दियाली, कुरोली, पचार, बाफिलागांव आदि गांवों में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। इस घटना में एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गयी थी। कई घरों में मलबा घुस गया तथा धान के लहलहाते खेत मलबे में तब्दील हो गये। ग्राम दियाली कुरौली के तोक कसनौला में लगभग 500 मीटर जमीन फट जाने से भारी मलबा नाले में बहकर गांव की तरफ आ गया। गांव की लगभग 300 नाली भूमि मलबे में तब्दील हो गयी है। एक पुलिया व पेयजल योजना ध्वस्त हो गयी है। गांव का धारा व स्नानागार भी मलबे की भेंट चढ़ गया है।


 देवी मंदिर के पास 600मीटर लंबी दरार पड़ गयी है। जिस कारण कुरोली के 22 परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है। घटना में जोगा सिंह पुत्र पदम सिंह का मकान ध्वस्त हो गया है। विधायक शेर सिंह गढि़या, आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष हीरा धपोला, प्रमुख राजेंद्र टंगडि़या, कांग्रेस नेता दलीप सिंह खेतवाल, दिनेश गढि़या, सुंदर साह, भगवत चौहान, सुरेंद्र गढि़या, जगदीश पुरी, जीवन कालाकोटी, क्षेपंस दिनेश राम आदि ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया।

 कांग्रेस ने प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख मुआवजा देने की मांग की है। इधर घटना में मृत महिला का गमगीन माहौल में अंत्येष्टि कर दी गयी है। जारती गांव में केशर सिंह मेहता, गोविंद सिंह व जसौद सिंह सहित कई ग्रामीणों के मकानोंको गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। डीएम के आदेश के बाद भी ग्रामीणों को सहायता मुहैया नहीं करायी जा रही है।

 इन परिवारों को निर्माणाधीन सड़क से खतरा हो गया है। कमेड़ी देवी- स्यांकोट मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। पूर्व क्षेपंस टीएस रावत ने बताया कि मजगांव में नरसिंह के मकान के पास मलबा आने से मकान को खतरा उत्पन्न हो गया है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8111882.html

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पूर्णागिरि मार्ग की हालत बेहाल
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टनकपुर: पहाड़ों पर लगातार हो रही वर्षा से शारदा नदी का जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं पूर्णागिरि मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे आवाजाही भी प्रभावित हो रही है।

पिछले कुछ दिनों से पहाड़ पर हो रही वर्षा से शारदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ रहा है। इससे कई क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है। शारदा नदी से उचौलीगोठ गांव क्षेत्र में भू कटाव काफी हो रहा है। वहीं किरोड़ा नाले व भू-स्खलन से पूर्णागिरि मार्ग भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। भैरव मंदिर से कालिका मंदिर तक व ठूलीगाड़ क्षेत्र में कई स्थानों पर मार्ग बुरी तरह धंस गया है। जबकि बाड़नागाड़ के पास लगातार आ रहे मलबे से तीर्थ यात्री व स्थानीय लोगों को कई दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। पूर्णागिरि मार्ग की बिजली व्यवस्था भी लचर हो गई है। कई स्थानों पर बिजली के झूलते तार मौत को दावत दे रहे हैं। विद्युत विभाग इस ओर आंखें मूंदे हुए है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8110204.html

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पानी को तरसे ग्रामीण
 मुख्यालय से लगे नघान क्षेत्र के लोगों को बरसात में भी पेयजल के लाले पड़ रहे हैं। यहां के लोगों को प्यास बुझाने के लिए नौले एवं धारों की शरण जाने को विवश होना पड़ रहा है। ये नौबत यहां की पेयजल योजना के क्षतिग्रस्त होने से हो रही है।जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर नघान, ललुवापानी, अजमार्ग, दुबगड़ी आदि इलाके के लोगों के लिए पानी का संकट गहरा गया है। ग्राम प्रधान हेमा जोशी, सरपंच पवन जोशी का कहना है कि पेयजल की आपूर्ति बाधित होने से इन क्षेत्रों की 1200 से अधिक आबादी प्रभावित है।

ग्रामीणों का कहना है कि चौड़ादूयल-ललुवापानी एवं कलगोड़ा-नघान पेयजल योजना बीते कई महीनों से क्षतिग्रस्त है। यह योजना वर्ष 2000 में स्वजल द्वारा बनाई गई थी। जिसे बाद में ग्राम पंचायत को हस्तांतरित कर दिया गया। नलों से पानी नहीं आने से अब ग्रामीण 500 मीटर से दो किमी दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं।

प्रधान एवं गांव के अन्य लोगों ने योजना को दुरुस्त करने के लिए कई बार पेयजल विभाग से गुजारिश की। लेकिन नतीजा नहीं निकलने पर जिलाधिकारी के दरबार में दस्तक दी। डीएम डा.पंकज कुमार पांडेय ने संबंधित महकमे को व्यवस्था को अविलंब दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। गिरीश चंद्र, कृष्णानंद, कृपाल दत्त, रेवाधर, नारायणदत्त समेत तमाम ग्रामीणोें ने पेयजल व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।




http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20110803a_003115008&ileft=342&itop=706&zoomRatio=229&AN=20110803a_003115008

 

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मोहनखाल-पोखरी के बीच हो रहा भूस्खलन, मार्ग ठप
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पोखरी: बारिश से पोखरी-मोहनखाल बीच थली में हो रहे भू-स्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो गया है। इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि कनिष्ट प्रमुख कैलास नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता ललिता प्रसाद थपलियाल, थाला की प्रधान विशेश्वरी देवी, खन्नी की प्रधान शांतीदेवी ,वल्ली की प्रधान गीता देवी, ब्रामण थाला के प्रधान दीप प्रकाश व सटियाना के प्रधान भवानीदत्त ने कहा कि मार्ग अवरुद्ध होने से आवागमन में परेशानी हो रही है। उन्होंने प्रशासन से मार्ग खोलने की मांग की है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6240953.html

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रीमा क्षेत्र में आपदा प्रभावितों को दी सहायता
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बागेश्वर: गत दिनों रीमा क्षेत्र में आई आपदा से प्रभावित परिवारों को कटियार माइंस ने दस-दस हजार की तात्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान की है। कम्पनी की ओर से प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल ने यह राशि प्रभावित परिवार को प्रदान की। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त प्रभावित परिवारों को कम्पनी द्वारा 5-5 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे।

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान आपदा से मकान के क्षतिग्रस्त हुए परिवार के मुखिया जोगा सिंह भौर्याल को कटियार माइंस द्वार प्रदत्त 10 हजार की राशि प्रदान की। उन्होंने कहा कि कम्पनी द्वारा क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। कम्पनी के जनसंपर्क अधिकारी एडवोकेट इंद्र सिंह धामी ने कहा कि वाफिलागांव, दियाली कुरौली, सियोनी, रैखोलागांव में आपदा से जिन मकानों को पूर्ण क्षति पहुंची है उन्हें कम्पनी द्वारा दस-दस हजार व आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त परिवारों को पांच-पांच हजार की सहायता राशि देगी इसके लिए कम्पनी कर्मचारी निरीक्षण कर रहे हैं वादा किया कि कम्पनी क्षेत्र के दुख दर्द में ग्रामीणों के साथ है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6248517.html

 

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