दहशत के साये में जी रहे हैं रीमा के ग्रामीण
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बागेश्वर: रविवार की रात बादल फटने से आयी आपदा के दो दिन बाद भी रीमा के ग्रामीण दहशत के साये में जी रहे हैं। कई परिवारों में अभी भी खतरा मंडरा रहा है। विधायक शेर सिंह गढि़या व आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष हीरा धपोला, प्रमुख राजेंद्र टंगडि़या सहित जनप्रतिनिधियों ने रीमा के प्रभावित गावों में जाकर हालचाल जाना।
रविवार की रात उडियार, जारती, पपोली, दियाली, कुरोली, पचार, बाफिलागांव आदि गांवों में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। इस घटना में एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गयी थी। कई घरों में मलबा घुस गया तथा धान के लहलहाते खेत मलबे में तब्दील हो गये। ग्राम दियाली कुरौली के तोक कसनौला में लगभग 500 मीटर जमीन फट जाने से भारी मलबा नाले में बहकर गांव की तरफ आ गया। गांव की लगभग 300 नाली भूमि मलबे में तब्दील हो गयी है। एक पुलिया व पेयजल योजना ध्वस्त हो गयी है। गांव का धारा व स्नानागार भी मलबे की भेंट चढ़ गया है।
देवी मंदिर के पास 600मीटर लंबी दरार पड़ गयी है। जिस कारण कुरोली के 22 परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है। घटना में जोगा सिंह पुत्र पदम सिंह का मकान ध्वस्त हो गया है। विधायक शेर सिंह गढि़या, आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष हीरा धपोला, प्रमुख राजेंद्र टंगडि़या, कांग्रेस नेता दलीप सिंह खेतवाल, दिनेश गढि़या, सुंदर साह, भगवत चौहान, सुरेंद्र गढि़या, जगदीश पुरी, जीवन कालाकोटी, क्षेपंस दिनेश राम आदि ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया।
कांग्रेस ने प्रभावित परिवारों को 5-5 लाख मुआवजा देने की मांग की है। इधर घटना में मृत महिला का गमगीन माहौल में अंत्येष्टि कर दी गयी है। जारती गांव में केशर सिंह मेहता, गोविंद सिंह व जसौद सिंह सहित कई ग्रामीणों के मकानोंको गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। डीएम के आदेश के बाद भी ग्रामीणों को सहायता मुहैया नहीं करायी जा रही है।
इन परिवारों को निर्माणाधीन सड़क से खतरा हो गया है। कमेड़ी देवी- स्यांकोट मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। पूर्व क्षेपंस टीएस रावत ने बताया कि मजगांव में नरसिंह के मकान के पास मलबा आने से मकान को खतरा उत्पन्न हो गया है।
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