पैदल चलने लायक तक नहीं बन पाया गंगोत्री मार्ग • अमर उजाला ब्यूरो उत्तरकाशी। सैंज भटवाड़ी के पास पांच दिनों से अवरुद्ध गंगोत्री राजमार्ग खोलने में बीआरओ को पांचवें दिन भी सफलता नहीं मिल पायी है। यहां अभी तक पैदल आवाजाही भी बहाल न होने के कारण यात्रियों को गंगोरी में वन विभाग के बैरियर से ही वापस लौटाया जा रहा है। दूसरी ओर यमुनोत्री राजमार्ग गत दिवस देर रात छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया था, जिससेे यात्रियों ने राहत की सांस ली। रविवार की रात अतिवृष्टि के चलते छटांगा और कुथनौर में भारी मलबा आने तथा पुल की एप्रोच रोड ध्वस्त होने से अवरुद्ध यमुनोत्री राजमार्ग पर बुधवार देर शाम से हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई थी। राजमार्ग खंड के अधिकारी यहां भारी वाहनों की आवाजाही सुचारु करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। यमुनोत्री की ओर फंसे तीर्थयात्रियों ने यहां से सुरक्षित निकलने पर राहत की सांस ली। इधर, शनिवार की रात सैंज भटवाड़ी के निकट सड़क का करीब 80 मीटर हिस्सा ध्वस्त होकर भागीरथी में समाने के बाद से अवरुद्ध गंगोत्री राजमार्ग पर अभी तक यातायात बहाल नहीं हो पाया है। यहां खड़ी कठोर चट्टान को काटकर नए सिरे से सड़क तैयार करने में बीआरओ को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस हिस्से में पैदल आवाजाही लायक स्थिति भी न बन पाने से स्थानीय लोग तो सैंज गांव होते हुए पैदल आवाजाही कर रहे हैं, लेकिन तीर्थयात्रियों को गंगोरी वन विभाग के बैरियर से ही वापस लौटाया जा रहा है। सैंज के दूसरी ओर फंसे करीब 400 तीर्थयात्री भारी मुसीबत में हैं। बारिश से कई मार्ग बंद यात्रियों को लौटाने पर रोष कठोर चट्टानों को काटने में बीआरओ के छूट रहे पसीने कंडीसौड़(टिहरी)/गोपेश्वर। थौलधार प्रखंड में लगातार बारिश से नगुण-भवान, उनियालगांव-भवान, मैड़खाल, लवाणी, कमांद, तिखोन मोटर मार्ग पर आवाजाही ठप हो गई। ग्रामीण जयवीर नेगी, जयप्रकाश कुकरेती, कुशलानंद नौटियाल और जीवन चंद ने बताया कि बारिश से लगभग आधा दर्जन मार्ग पूरी तरह ठप हैं। इससे क्षेत्र में खाद्यान्न संकट गहराने लगा है। उन्होंने लोनिवि से मार्ग खुलवाने की मांग की है। उधर चमोली जिले में उर्गम घाटी को जोड़ने वाला पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे ग्रामीणों को मीलों अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ रही है। उत्तरकाशी। पांच दिनों से अवरुद्ध गंगोत्री राजमार्ग को अभी तक न खोलने तथा गंगा के प्रति आस्था के चलते अवरुद्ध हिस्से को पैदल पार कर गंगोत्री यात्रा करने के इच्छुक तीर्थयात्रियों को गंगोरी से वापस लौटाने पर मंदिर समिति ने रोष जताया है। समिति के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, सचिव दीपक सेमवाल ने प्रशासन से सैंज में वैकल्पिक व्यवस्था तथा अलग-थलग पड़े गंगोत्री क्षेत्र में जरूरत के सामान की आपूर्ति कराने की मांग की है। भारी बारिश से आफत में निजमुला घाटी के ग्रामीण गोपेश्वर। पिछले डेढ़ माह से रुक-रुककर हो रही बारिश से निजमुला घाटी के ग्रामीण आफत में हैं। घाटी के लिए जाने वाला एकमात्र संपर्क मार्ग पिछले दस दिनों से अवरुद्ध पड़ा हुआ है, जिससे रसोई गैस, खाद्यान्न और मिट्टी तेल की आपूर्ति बाधित हो गई है। मार्ग अवरुद्ध होने से ग्रामीणों को करीब 18 किमी की दूरी पैदल नापनी पड़ रही है। स्यूंरपानी नामक स्थान पर मार्ग अवरुद्ध हुआ है। इससे ग्राम पंचायत गाड़ी, सैंजी, निजमुला, मोली, मानुरा, गौंणा, दुर्मी, पगना, पाणा, ईराणी सहित दर्जनों गांवों का अन्य जगहों से संपर्क कट गया है। मार्ग पर वाहन भी फंस गए हैं। प्रधान गाड़ी जसवंती देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुरेशी देवी, गजेंद्र सिंह रावत, गौरव फरस्वाण और रघुवीर बिष्ट का कहना है कि मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर, लोनिवि के ईई रमेशचंद्र पाल का कहना कि मार्ग पर अभी भी कई जगहों पर मलबा और पत्थर आ रहे हैं, जिससे मार्ग खोलने में दिक्कत आ रही है। मार्ग पर डोजर कार्य कर रहा है। •घाटी का एक मात्र संपर्क मार्ग दस दिनों से पड़ा है अवरुद्ध epaper.amarujala
