एक और दुःखद समाचार
धारचूला में भूस्खलन से बालिका समेत दो मरेजागरण कार्यालय, धारचूला: तहसील मुख्यालय से पैंतीस किमी दूर सोबला क्षेत्र में न्यू मेलाधुरा चट्टान टूटकर गिरने से न्यू मेला में पांच मकान ध्वस्त हो गये। पहाड़ का मलबा तीन किमी नीचे स्थित कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृह पर भी गिरा, जिससे वहां रहने वाली आपदा प्रभावित झिम्मर गांव की एक बालिका सहित दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि छह लोग घायल हो गये। दो दर्जन मवेशी मलबे में जिंदा दफन हो गये। 33 केवी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। सेना का एक रसोईघर भी टूट गया है। ग्रामीणों ने किसी तरह भागकर जान बचायी। सूचना मिलते ही सेना, एसएसबी और आईटीबीपी के जवान राहत कार्य में जुट गए। सोमवार की रात्रि करीब सवा बजे तहसील के न्यू सोबला और न्यू मेला में प्रकृति ने अपना तांडव दिखाया। यूं तो शनिवार की सायं साढ़े छह बजे से ही न्यू मेलाधुरा में भूस्खलन शुरू हो गया था।की तरफ से विशाल पत्थरों के लुढ़कने के कारण न्यू मेलाधुरा के बौनाल खेड़ा बस्ती में अफरा-तफरी मच गयी। आठ परिवारों ने जान बचाने के लिए तत्काल मकान छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण ले ली। साथ ही इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दे दी गई। सायं से ही इस क्षेत्र में भारी वर्षा शुरू हो गयी। रातभर मूसलधार वर्षा होती रही। ठीक एक बजकर पन्द्रह मिनट पर भारी गर्जना के साथ न्यू मेलाधुरा पहाड़ी पर जोरदार भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में आकर न्यू मेला में शोभाराम पुत्र रामीराम, कृष्ण राम पुत्र शोभाराम, रामीराम पुत्र शोभाराम, रामीराम पुत्र जगत राम और राजू राम पुत्र लालू राम के मकान ध्वस्त हो गए। इसके बाद मलबा तीन किमी नीचे न्यू सोबला स्थित कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृह पर गिरा। आवास गृह की ऊपरी मंजिल पर रहने वाले झिम्मर गांव निवासी रुकुम सिंह (55) पुत्र नर सिंह उर्फ जलेबी लाला और पूजा बिष्ट (6) पुत्री देवेन्द्र सिंह की पत्थरों से दब कर मौत हो गयी, जबकि पूजा की नानी बसंती देवी घायल हो गयी। पूजा अपनी नानी के साथ रहती थी। वहीं न्यू मेला में ध्वस्त मकानों में रहने वाले परिवारों ने शाम को भूस्खलन शुरू होते ही मकान छोड़ दिये थे, जिससे उनकी जान बच गयी और बड़ा हादसा टल गया। हालांकि गौशालाओं में बंधे दो दर्जन मवेशी मलबे में दफन हो गए। इनमें रामी राम पुत्र जगत राम के 13 जानवर और राजू राम के चार जानवर शामिल हैं। भूस्खलन की चपेट में आने से टूटू तिब्बती फौज आर्चर का एक रसोईघर भी ध्वस्त हो गया। विशाल पत्थरों के गिरने से न्यू मेला और न्यू सोबला में मलबे का ढेर लग गया। सूचना मिलते ही ग्रामीणों सहित जीआर प्रथम आर्चर के सूबेदार हरिश्रेष्ठ के नेतृत्व में चालीस जवान, कुमाऊं स्काउट के सूबेदार चामू सिंह के नेतृत्व में 6 जवान, एसएसबी तवाघाट चौकी के हवलदार जिमी डोक्पा के नेतृत्व में आठ जवान और आईटीबीपी के कई जवान राहत कार्य में जुट गये। दोनों शवों को मलबे से निकाला गया। इस हादसे में बसंती देवी, गोविन्दी देवी, उमा देवी, सुरेन्द्र सिंह और गंगोत्री घायल हो गयी। इधर सूचना मिलते ही तहसील मुख्यालय से उपजिलाधिकारी नवनीत पांडेय, तहसीलदार भवान सिंह गुंज्याल, खंड विकास अधिकारी एलएस बोरा, पट्टी पटवारी, थाना प्रभारी आरपी पैंतोला पुलिस जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों में केशर सिंह धामी, देवकृष्ण फकलियाल, नेत्र सिंह चलाल, आन सिंह रोकाया, राम सिंह जेठा सहित कई लोग घटनास्थल पर पहुंचे। पहाड़ की तरफ से अभी भी पत्थरों के लुढ़कने की आशंका को देखते हुए गांव में दहशत का माहौल है।