बारिश का कहर 31 लोगों की मौत
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छत्ताीस घंटे से अनवरत चल रही बारिश ने उत्ताराखंड में जमकर कहर बरपाया। बारिश के कहर से राज्यभर में अलग-अलग हादसों में 31 लोग हताहत हो गए, जबकि स्कूली बच्चों समेत 50 को बचा लिया गया। कुमाऊं मंडल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कुमाऊं के नैनीताल जनपद में आठ और अल्मोड़ा में 18 लोगों की मरने की सूचना है। आपदा प्रबंधन मंत्री खजानदास ने इन मौतों की पुष्टि की है, जबकि पुलिस मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष में रात बारह बजे तक इस तरह की किसी भी घटना की जानकारी नहीं थी। राज्य आपदा न्यूनीकरण केंद्र ने रात बारह बजे तक राज्यभर में 19 लोगों की मौत और दो के बहने की पुष्टि की है। गढ़वाल मंडल में कुल मिलाकर पांच लोगों तथा कुमाऊं मंडल में 26 लोगों के मरने की खबर है। कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले के बाल्टा तोक में बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। यहां तीन लोगों को मलबे से जिंदा निकाला लिया गया और 30 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। देर रात को राहत व बचाव कार्य जारी था। समूचे प्रदेश में राजमार्ग और संपर्क मार्ग भू-धंसाव के कारण अवरुद्ध हो गए हैं। रात को अचानक गंगा समेत तमाम नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया, इससे आसपास की बस्तियों को खतरा मंडराने लगा है। श्रीनगर गढ़वाल में गंगा का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन ने निचले वाले इलाकों को खाली करने की निर्देश दिए। यहां देर रात को मुनादी लगाई जा रही थी। हरिद्वार में भी गंगा का पानी बढ़ने से भीमगोडा बैराज का एक गेट टूट गया। इधर, मौसम के तेवर को देखते हुए प्रदेशभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सरकार ने सभी सरकारी कर्मियों व अफसरों की छुंिट्टयां अगले आदेशों तक निरस्त कर दी है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक इस सीजन में 2848 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी बारिश का कहर जारी रहेगा।
अल्मोड़ा के बल्टा गांव में बादल फटने से तबाही, 7 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका
- सेना के जवानों ने देर रात पांच लोगों को जीवित निकाला
जागरण कार्यालय, अल्मोड़ा/नैनीताल : अतिवृष्टि ने कुमाऊं में कहर बरपा दिया है। अल्मोड़ा जिले में प्रलयकारी स्थिति हो गई है। पिल्खा क्षेत्र में अतिवृष्टि से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि जिला प्रशासन ने लोधिया के पास देवली में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। नैनीताल जनपद के पर्वतीय अंचल के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में मकान ढहने व नालों में बहने से करीब चार लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन बालिकाओं समेत नौ लोग लापता हैं। ऊधमसिंह नगर में बारिश ने 40 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है।
अल्मोड़ा जिले के बल्टा के बाड़ी तोक में शनिवार को बादल फटने से 6 मकान बह गए। लगभग 7 लोगों के दबे होने आशंका है। बचाव कार्य के लिए आईटीबीपी, पुलिस व सेना के जवानों को बल्टा, देवली, पिल्खा में लगा दिया गया है। जवानों ने देवली में मलबे में दबी दो महिलाओं को जिंदा निकाल लिया है। देर रात बल्टा गांव से भी तीन लोगों को जीवित निकाल लिया गया है। पूरे जिले में लगातार हो रही वर्षा से सैकड़ों मकान जमींदोज हो गए हैं, हजारों मकान खतरे की जद में हैं। लोगों ने गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। कोसी व सुवाल नदी भयंकर उफान पर हैं। दोनों किनारों में रहने वाले लोगों ने गांव खाली कर दिए हैं।
भूस्खलन के खतरे को देखते हुए लोधिया के लगभग 25 परिवार पास के पंचायत घर में शरण लिए हुए हैं। जैंती क्षेत्र में 15 मकान ध्वस्त हो गए हैं। ल्वाली व बिशौदकोट के 5 पैदल पुल बह गए हैं। जैंती के देवली गांव के 34 परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया गया है। जिलाधिकारी सुवर्द्धन ने खत्याड़ी, दुगालखोला, फलसीमा में रह रहे लोगों को घर खाली करने के निर्देश दे दिए हैं।
शनिवार को ओखलकांडा विकास क्षेत्र के रमोला गांव में बादल फटने से लाल सिंह रमोला का मकान तहस-नहस हो गया। इसमें लाल सिंह की तीन बालिकाएं पूनम , बबिता और दो वर्षीय दीपा लापता हैं। इसके अलावा गांव के पूर्व प्रधान देव सिंह का भी पता नहीं चल पा रहा है। भवाली प्रतिनिधि के अनुसार रामगढ़ रोड पर ओमप्रकाश चौधरी शिप्रा नदी के किनारे टिनशेड डालकर रह रहा था। सुबह नदी के तेज बहाव में ओमप्रकाश चौधरी और उसका 18 वर्षीय पुत्र तीरथ चौधरी टिनशेड बह गए। इसमें मौके पर मौजूद कुछ ग्रामीणों ने जैसे-तैसे ओमप्रकाश को तो बचा लिया, तीरथ का कैंची के पास शव बरामद हुआ है। रामगढ़ ब्लाक के छयोड़ी धुरा गांव में तो बारिश तबाही बनकर आई। यहां चंदनराम के मकान पर मलबा गिरा। घटना के दौरान मकान में 11 लोग मौजूद थे। इनमें चंदनराम (62), मीना (28) पत्नी महेश, काजल (5), रक्षित (डेढ़ वर्ष) व श्वेता (5) पुत्री भूपाल लापता है। मलबे में इनकी तलाश की जा रही है। जबकि शाम को महेश (33) की मौत हो गई। भीमताल प्रतिनिधि के अनुसार पद्मपुरी गांव में भारी बारिश के चलते निर्माणाधीन पद्मपुरी-अकस्यूड़ा मोटर मार्ग की दीवार हरीश सिंह के मकान पर गिर गई। जिससे मकान भरभराकर धराशायी हो गया। मकान में मौजूद गीता देवी (34) पत्नी हरीश सिंह और सास बचुली देवी (70) की मलबे में दबकर मौके पर ही मौत हो गई। जबकि गीता देवी का पुत्र देवेंद्र सिंह (17) और देवरानी जानकी देवी (40) पत्नी चंदन सिंह गंभीर रूप से घायल हो गई।
दीवार गिरने से पांच की मौत
हरिद्वार/रुड़की, जागरण संवाददाता: हरिद्वार जनपद में बारिश कहर बनकर टूटी। रुड़की क्षेत्र के इब्राहीमपुर देह गांव में दीवार गिरने से छप्पर के नीचे सो रहे एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई, दो अन्य लोग घायल हो गये। हरिद्वार के कनखल स्थित रजवाहे के तेज बहाव में केन्द्रीय विद्यालय भेल की कक्षा 11 की एक छात्रा बह गई। मंशा देवी की पहाड़ी से रेलवे सुरंग के पास ट्रैक पर मलबा आने से कुछ देर के लिए हरिद्वार-देहरादून रेल मार्ग बंद करना पड़ा। इससे मसूरी और जनता एक्सप्रेस प्रभावित हुईं। जनशताब्दी और श्री गंगानगर एक्सप्रेस दो दिन के लिए रद्द कर दी गयी हैं, जबकि देहरादून गोरखपुर एक्सप्रेस छह घंटे विलंब से चल रही है। चंडीदेवी मंदिर की पहाड़ी गिरने से हरिद्वार-बिजनौर मार्ग अवरुद्ध हो गया। हरिद्वार-रुड़की हाईवे पर शांतरशाह के पास करीब आठ मीटर सड़क बह गई। शांतरशाह से पथरी रौ का पानी आने से दो बच्चों सहित आठ लोग बह गये, लेकिन इन्हें बचा लिया गया। बारिश में कई कच्चे-पक्के मकान भी गिरे हैं। उधर पहाड़ों में हुई बारिश के चलते गंगा भी खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। फिलहाल वह निशान से आधा मीटर नीचे है।
रुड़की के इब्राहीमपुर देह गांव में कलीराम का परिवार मकान में पानी टपकने के कारण पास में एक छप्पर के नीचे सो गया था। रात में पड़ोसी की दीवार छप्पर पर जा गिरी, जिससे सभी लोग दब गये। सुबह गांव वालों की नजर इस तरफ गई। उन्होंने दीवार का मलबा हटाया तो सात लोग दबे मिले। सभी को सिविल हॉस्पिटल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने पांच को मृत घोषित कर दिया और दो गंभीर घायलों को हायर सेंटर के लिए रैफर कर दिया। मृतकों में कलीराम की पत्नी संजोगिता (37), बेटा आशीष (12), कमल (2) व बेटी शशी (9) तथा साले का बेटा शुभम (
पुत्र सिताब सिंह निवासी तलहेडी (देवबंद) शामिल हैं। कलीराम और उसकी चार वर्षीय बेटी अंजली को हायर सेंटर के लिए रैफर किया गया है।
चार धाम यात्रा मार्ग बंद
गढ़वाल, जागरण टीम: भारी बारिश के चलते पहाड़ में चारों राजमार्ग अवरुद्ध हो गए। लिंक मार्गो पर भी आवाजाही ठप है। चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और टिहरी जिलों में बड़ी संख्या में मकान बारिश क्षतिग्रस्त हो गए। मलबा आने से कई नाली कृषि भूमि तबाह हो गई है। लैंसडौन में रिखणीखाल प्रखंड स्थित बनगड़ प्राथमिक विद्यालय के चौबीस बच्चों समेत दो शिक्षक विद्यालय के दोनों ओर गदेरों में पानी आ जाने से विद्यालय में ही फंस गए। देर शाम उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। सिरोगाड़ प्रावि में भी सत्रह बच्चों समेत एक शिक्षिका व शिक्षक विद्यालय में फंस गए।
टिहरी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। वहीं, ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग पर शिवपुर व कीर्तिनगर-देवप्रयाग के मध्य कई स्थानों पर मलबा आने से मार्ग बंद हैं। गंगोत्री राजमार्ग पर उत्तारकाशी के थेरांग, गंगनाणी, नालूपाणी के बीच भारी मलबा आने से यातायात ठप है। यमुनोत्री राजमार्ग पर डामटा व सारीगाड़ में यातायात ठप है। बदरीनाथ राजमार्ग पर गोपेश्वर से आगे टय्या पुल, लामबगड़ व हनुमानचट्टी में लगातार पहाड़ी से मलबा गिर रहा है। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ राजमार्ग पर मुनकटिया, भटवाड़ीसैण व सौड़ी के नजदीक मलबा आने से आवाजाही ठप है।
पौड़ी जनपद में पिछले तीन दिन में 12 भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। श्रीनगर में डेढ़ दर्जन मकानों पर खतरा बना हुआ है। गढ़वाल विवि का उपाधि अनुभाग का भवन भी धंस गया है। कर्णप्रयाग में तीन मकान, नारायणबगड़ में तीन दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। थराली में दो दुकानें पिण्डर नदी में बह गई।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6735140.html