बारिश के लिए पहुंचे भगवान की शरण में
गोपेश्वर। गरमी की तपिश से राहत पाने के लिए अब गोपेश्वरवासी भगवान की शरण में चले गए हैं। शनिवार को लोगों ने पवन देव मंदिर में पूजा-अर्चना करते हुए पवन देव का आह्वान कर बारिश की मनौैती मांगी। इस दौरान पुरोहित ने मंत्रों के साथ हवन में आहुति देकर पूजा संपन्न कराई।
जंगलों में पिछले एक माह से भड़की आग को गर्मी का मुख्य कारण माना जा रहा है। इस मौके पर कुंती चौहान, आशा कोटवाल, पुष्पा नेगी, विमला तिवारी, मंजू पंवार, विनोद रावत आदि मौजूद थे। लगातार जल रहे जंगलों से क्षेत्र में धुंध कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब लोगों की आस इंद्र देव पर टिकी है। शनिवार को भी कर्णप्रयाग और आसपास काफी नीचे तक धुंध बनी रही। उत्तरकाशी। भागीरथी घाटी के जंगलों में लगी आग बेकाबू होती जा रही है। देवदार, बांज, बुरांश, दुर्लभ भोजपत्र वृक्ष और बुग्याल भी खाक होने लगे हैं। शनिवार दोपहर उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र में वरुणावत पहाड़ी पर लगी आग पर वन कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से काबू पा लिया। इस समय उत्तरकाशी वन प्रभाग के 25 जंगलों में आग भड़की हुई है। हर्षिल क्षेत्र में लगी आग के बारे में तो विभाग को जानकारी ही नहीं है।
अपर भागीरथी घाटी में नौ से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पुड़गा, बल्दोरी, सियांगाड और हर्षिल कंपार्टमेंट नंबर चार में शनिवार को भड़की आग की चपेट में देवदार और भोजपत्र के जंगल भी आ गए हैं। पुड़गा में लगी आग तेजी से लमखागा पास से हिमाचल प्रदेश की सीमा की ओर बढ़ रही है।
उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र में गोफियारा और भटवाड़ी रोड पर कई घर अब भी जंगल की आग से घिरे हुए हैं। उपप्रभागीय वनाधिकारी नंदावल्लभ शर्मा का कहना है कि धरासू में तापमान 42 और उत्तरकाशी में 40 डिग्री सेल्सियस होने से स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।
पहाड़ों में प्रलयंकारी दावानल 10 हजार फीट ऊंचाई तक चढ़ गई है। लपलपाती लपटें सब-कुछ लील रही हैं। अब इसकी चपेट में बहुमूल्य देवदार, पवित्र भोजपत्र, उपयोगी बुरांश और हरियाले बुग्याल भी आते जा रहे हैं। जंगल धधकने की वजह से जहां देखो धुएं और धुंध के गुबार नजर आ रहे हैं। कई स्थानों पर तो इसने सूरज को ढक लिया है। बेकाबू आग को बेबस निगाहों से निहारना लोगों की नियति बन गई है।
चढ़े पारे ने कोढ़ में खाज जैसी हालत कर दी है। कुछ स्थानों पर वन विभाग के अधिकारियों ने हालात को देखते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं। वन विभाग से खफा लोग आग बुझाने के लिए सेना की मदद मांगने लगे हैं। बारिश के लिए पूजा-पाठ और दुआओं का दौर भी शुरू हो गया है
Amarujala