मीलों दूर से ढो रहे लोग पानी
Rudraprayag | अंतिम अपडेट 26 मई 2013 5:30 AM IST पर
तिलवाड़ा। शीशौं गांव में दो माह से पेयजल आपूर्ति नहीं होने से लोगों को मीलों दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। वहीं रोड कटिंग के कारण तीन साल से सिंचाई गूल पर भी पानी नहीं चला है, जिससे लोगों की सिंचित भूमि बंजर होने की कगार पर पहुंच गई है।
शीशौं गांव के काश्तकार लस्तर-बंदरतोली-शीशौं गूल की बदौलत अच्छी फसल उगा लेते थे, लेकिन तीन वर्ष से नहर सड़क के मलबे से टूट गई है, जिससे सिंचित भूमि बंजर होने की कगार पर पहुंच गई है। सिलगढ़ विकास समिति महासचिव ओपी बहुगुणा, प्रधान हर्षपति भट्ट का कहना है कि छह जून 2012 को तहसीलदार की मौजूदगी में लोनिवि ने दो फसलों का मुआवजा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह आजतक नहीं मिल पाया है।
दो माह से योजना पर नहीं चला पानी
विगत दो माह से ग्रामीण कई किमी पैदल चलकर मंदाकिनी नदी से पानी ढो रहे हैं। जल संस्थान द्वारा निर्मित पेयजल योजना के पाइप हेड पर चोरी होने से पानी नहीं चल रहा है। अनुसूचित बस्ती में लगाया गया हैंडपंप भी खराब पड़ा है।
तीन साल से सूखी पड़ी है गूल
तीन साल पूर्व सिंचाई नहर सूर्यप्रयाग-बंदरतोली-मवाणगांव मोटर मार्ग के मलबे से टूट गई थी। इस संबंध में सिंचाई विभाग का कहना है कि उन्होंने नहर के पुनर्निर्माण का आगणन लोनिवि को भेज दिया है। फसल के नुकसान का भी ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिल पाया।
शीघ्र पाइप लाइन जोड़ दी जाएगी। एक-दो दिन में हैंडपंप ठीक करने टीम पहुंच जाएगी।
-आरसी खंडूरी, ईई जल संस्थान
लोनिवि को आगणन भेजा जा चुका है। धन उपलब्ध होते ही नहर की मरम्मत कर दी जाएगी।
-सुधाकर पुरोहित, एई, राजकीय सिंचाई विभाग
जखन्याल में गहराया पेयजल संकट
रुद्रप्रयाग। जखन्याल गांव में आपूर्ति करने वाली दो पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त पड़ी हैं, जिससे गांव में आपूर्ति ठप पड़ी है। उपभोक्ता पेयजल एवं स्वच्छता उप समिति जखन्यालगांव रघुवीर सिंह, प्रकाश सिंह बुटोला, सत्ये सिंह, मान सिंह बुटोला और रूप चंद्र बुटोला ने बताया कि गांव को पेयजल आपूर्ति के लिए दो पेयजल लाइन निर्मित हैं, लेकिन दोनाें क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे हैं। उन्हाेंने बताया कि निर्माणाधीन तिमली-बष्टा-किरोड़ा मोटर मार्ग के कार्य से एक पेयजल योजन एक माह पूर्व क्षतिग्रस्त हो गई थी, जबकि दूसरी योजना गत वर्ष बरसात के दौरान क्षतिग्रस्त हो गई थी। ग्रामीणाें ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत कर आपूर्ति सुचारु नहीं किए जाने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
पीने के पानी को तरस रहे हैं लोग
गोपेश्वर। चढ़ते पारे के साथ ही नगर के लोग पीने के पानी के लिए तरसने लगे हैं। मुख्यालय के मुर्गी फार्म, मंदिर मार्ग, टेलीफोन कॉलोनी, सुभाषनगर, नैग्वाड़ और हल्दापानी मोहल्ले में भारी पेयजल किल्लत है। नवल भट्ट, अंकोला पुरोहित, संजय नेगी आदि का कहना है कि जलसंस्थान द्वारा पेयजल लाइनों का सही रखरखाव नहीं किए जाने से दिक्कत हो रही है। पीपलकोटी अगथला, गढ़ी, मायापुर आदि क्षेत्रोें में भी पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी है। होटल व्यवासीय अशोक हटवाल ने बताया कि उन्हें 15 सौ रुपये में टैंकर से पानी खरीदना पड़ रहा है।