Author Topic: Water Land Forest Right In Uttarakhand- उत्तराखण्ड में जल, जंगल, जमीन का आधिकार  (Read 9123 times)

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा

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mahraj ji..

These are our basic issues.. we must continue our fight for the same..

Anil Arya / अनिल आर्य

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अब आपकी जमीन पर घर बनाने के लिए मिलेगी ज्यादा जगह
उत्तराखंड में भवन निर्माण के लिए नया बायलाज जल्द ही
प्रेम प्रताप सिं
देहरादून। आवासीय से लेकर व्यावसायिक भवन निर्माण करने वालों के लिए अच्छी खबर है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग भवन निर्माण एवं विकास के बायलाज में संशोधन कर रहा है। इसके लिए लगभग 100 पेज का ड्राफ्ट तैयार है। एक सप्ताह में संशोधित बायलाज का ड्राफ्ट शासन को भेजा जाएगा, जहां से ग्रीन सिग्नल मिलते ही लागू हो जाएगा।
मौजूदा बायलाज में कई ऐसी खामियां हैं, जिससे आम आदमी परेशान है। इसी के मद्देनजर प्रदेश के प्राधिकरणों के लिए संशोधित बायलाज का ड्राफ्ट तैयार किया गया है, जिसके लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण, नोएडा विकास प्राधिकरण, बंगलूरू विकास प्राधिकरण सहित कई प्राधिकरणों के महत्वपूर्ण बिंदुओं को समाहित किया गया है। अब तक 500 वर्ग मीटर के बाद आवासीय भवनों के सेट बैक के लिए कोई स्लैब नहीं है। 1500 वर्ग मीटर पर वही फार्मूला लागू होता है, जो 500 वर्ग मीटर के लिए। ऐसे में लोगों की काफी जमीन सेट बैक में निकल जाती है। संशोधित बायलाज में 500 से 1500 के बीच में तीन स्लैब बनाए जा रहे हैं। साथ ही आम आदमी अपनी जमीन का अधिक उपयोग कर सके, इसका प्रावधान हो रहा है। व्यावसायिक भवन का मानचित्र पास करने के लिए भूमि की अनिवार्यता 175 वर्ग मीटर से कम करके 120 वर्ग मीटर करने का प्रावधान है। पहली बार भू-उप विभाजन को लेकर कोई बायलाज तैयार किया गया है। इससे अवैध प्लाटिंग पर अंकुश लगेगा। मल्टी फ्लोर व्यवस्था को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, जिसके तहत एक भवन में आठ इकाई तक निर्माण किया जा सकता है।
ग्रुप हाउसिंग में लोअर इनकम ग्रुप के लिए अब 25 वर्ग मीटर तक के फ्लैट बनाए जा सकते हैं। नगर एवं ग्राम नियोजक एसके पंत बताते हैं कि ड्राफ्ट को तैयार करने में एक सप्ताह का समय लगेगा। इस संबंध में प्रदेश के सभी प्राधिकरणों तथा आर्किटेक्टों की राय ली गई है। इसके बाद ही पूरा मसौदा तैयार किया गया है। इसमें ग्रीन बिल्डिंग पर जोर दिया गया है, जिसमें सोलर वाटर हीटर, वेस्ट वाटर रिसाइकिल को अनिवार्य किया गया है।
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हेम पन्त

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पहाड़ से बहने वाली सदा-सलीला पावन गंगा, काली-गोरी, कोसी, रामगंगा आदि नदियों पर बन रहे अन्धाधुन्ध बांधों के कारण पानी पर से भी जनता का पारम्परिक अधिकार छीना जा रहा है.... पानी अब आर्थिक शोषण का एक जरिया बनता जा रहा है... देश का बड़े से बड़ा व्यापारिक घराना उत्तराखण्ड की नदियों को बांधकर बिजली बनाना चाहता है... और सबसे दुखद बात यह है कि "ऊर्जा प्रदेश" के नाम से प्रचारित किये जा रहे उत्तराखण्ड राज्य में बिजली की भारी कमी है.. देवभुमि को नौं बदलि बिजलि भुमि करियालि जी, उत्तराखण्ड की धरती यूंन डामुन डाम्यालि जी.. मनखि गौर प्यासा छा यख अब नदि भि प्यासि जी...

नदियों पर जनता के स्वाभाविक अधिकारों को इतनी बेशर्मी से छीना गया है कि गढवाल के कुछ इलाकों में शव जला कर अस्थियां बहाने के लिये भी बांध से पानी छुड़वाना पड़ता है.. श्रीनगर का धारी देवी मन्दिर बांध बनाने की खातिर मूल स्थान से विस्थापित किया जाना है... प्राकृतिक संसाधनों पर और उनके दोहन से बनने वाले उत्पादों पर स्थानीय जनता का ही हक नहीं रहा इसलिये आम लोगों में भी अपने पारम्परिक वनों और जलश्रोतों को संरक्षित करने की रुचि का अभाव दिखने लगा है..   

Anil Arya / अनिल आर्य

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जयराम रमेश से मिल प्रदेश के चार सांसद
कोसी-दाबका खनन खुलवाने की मांग की
फूलताल से कोसी तक चैनल बनवाने को कहा
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। प्रदेश के चार कांग्रेसी सांसदों ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय वन राज्य मंत्री जयराम रमेश से मिलकर कोसी-दाबका खनन खुलवाने की मांग की। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री हरीश रावत, नैनीताल सांसद केसी बाबा, अल्मोड़ा सांसद प्रदीप टम्टा, गढ़वाल सांसद सतपाल महाराज सहित अन्य कांग्रेसियों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय वन मंत्री के सामने प्रदेश का पक्ष रखा।
प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि खनन पर प्रतिबंध के कारण उत्तराखंड को राजस्व का नुकसान हो रहा है। महाराज के मुताबिक खनन पर प्रतिबंध के कारण अवैध रूप से खनन हो रहा है। लोगों को भी परेशानी हो रही है। शिष्टमंडल की ओर से कोसी-दाबका में खनन खुलवाने की मांग की गई। महाराज ने जिम कार्बेट पार्क के बिजरानी गेट पर स्थित फूलताल से भूमिगत टनल से पानी का प्रवाह कोसी में करने के लिए निर्माण कराने का भी आग्रह किया। महाराज के मुताबिक इससे रामनगर की भरतपुरी और पंपापुरी कालोनी को बचाया जा सकेगा। फूलताल से कोसी तक चैनल के अभाव में इन कालोनियों में हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है।

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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The present scenario is a matter of great concern in UK. Govt does not seem to be very serious on this issue. We need a Govt which full take cares of  interest of pahadi people for which the state was formed.

I feel these 03 were main issues on which a separate state was demanded. Govt must think seriously about these issues.

 

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा

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After formation of Uttarakhand state, now the big fights is for these three things.

Jal, Jameen and Jungle.. (Water, Land & Forest).

I am not sure whom to blame for this?

Apparently... Govt first.


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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चन्द्रशेखर करगेती एक सकारात्मक पहल जो बन सकता है एक आंदोलन......
 
 सत्ता पक्ष और विपक्ष में बैठे राजनेताओं के दैनिक अखबारों में प्रकाशित कोरी लफ्फाजी के बयानों से ज्यादा इस प्रकार की खबरें मानसिक सुकून देती है,इस प्रकार की खबरें विस्वास दिलाती है कि राज्य में अभी भी ऐसे लोग मौजूद हैं, जिन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है कि राज्य की राजनीति के हालात बदले जा सकते,जरुरत है बस ऐसे प्रयास निरंतर और अनवरत किये जाने की  !
 
 लेकिन इस प्रकार के प्रयासों के साथ साथ यह भी जरूरी है कि समान विचारधारा तथा सरकार की जल,जंगल, जमीन उजाडने की नीतियों का विरोध करने वाले राज्य के सभी संगठनो के अगुवा अपने संकीर्ण अहम को त्याग कर एक मंच पर आयें, तो सरकार भी कुछ सोचने को मजबूर हो !
 
 वरना पिछले 12 सालों से अपनी ढपली अपना राग ही सामने आ ही रहा है, हर वर्ष में एक नया राग सुनने-सुनाने और पढ़ने को मिल ही जाता, इस यात्रा के बाद भी फिर पढ़ने को मिलेगा कि लोग समर्थन नहीं देते साहब ! दें भी क्यों, लोग हम सबकी मनस्थिति और अंदर के चोर को बखूबी जानते है  l अब भी समय है एक ईमानदार पहल करने का !
 
 बिष्ट ज्यु, तिवारी ज्यु, मैखुरी ज्यु, शौ ज्यु, बहुगुणा ज्यु, शर्मा ज्यु, रावत ज्यु, भंडारी ज्यु, ध्यानी ज्यु, पन्त ज्यु, पाण्डे ज्यु,सुन्द्रियाल ज्यु,सब एक साथ आओ ! शायद ही मेरी आवाज आपके कानो तक पहुँच भी रही है, आप सुन पढ़ भी रहें पर, पर अभी भी आपका अहम बड़ा और उत्तराखण्ड छोटा ....अपने उत्तराखण्ड को बड़ा करो तो सब मसले हल हो जायेंगे....एक बार दिल के कौने में जमा मेल को बाहर निकालों तो सही....
 
 इन्तजार में हूँ कि पहल कौन करता है....... — with Dhirender Adhikari and 19 others.

 

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